ग्रेटर नोएडा: निक्की को जलाया, बहन की जुबानी रोंगटे खड़े करने वाला सच!
ग्रेटर नोएडा में निक्की की मौत से सनसनी, बहन ने खोला ससुरालवालों के दहेज प्रताड़ना और अत्याचार का भयावह राज। जानिए कैसे हुई निक्की की मौत और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल।

ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ दहेज के दानवों ने एक और बेटी की बलि ले ली। निक्की (Nikki) नाम की एक महिला को कथित तौर पर ससुराल वालों ने जिंदा जला दिया। इस मामले में निक्की की बहन कंचन (Kanchan) ने अपनी जुबानी जो दर्दनाक दास्ताँ सुनाई है, वह रोंगटे खड़े कर देती है और समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है। इस खबर से जुड़ी हर जानकारी यहाँ प्राप्त करें और जानें कि कैसे निक्की के साथ हुआ यह क्रूर कृत्य समाज की सोई हुई चेतना को झकझोर रहा है।
2016 में हुई थी शादी, 6 महीने बाद ही शुरू हुआ अत्याचार निक्की और उसकी बहन कंचन की शादी 10 दिसंबर 2016 को ग्रेटर नोएडा के सिरसा गाँव में एक ही परिवार में हुई थी। उनके पिता ने अपनी क्षमतानुसार दहेज दिया था, जिसमें 2016 की नोटबंदी के दौरान एक स्कॉर्पियो टॉप मॉडल, नकद, सोना और चाँदी शामिल थे। कंचन के अनुसार, शादी के महज छह महीने बाद ही उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। ससुराल वाले उनसे पैसों की मांग करते थे और छोटी-छोटी बातों पर मारपीट व गाली-गलौज करते थे। कंचन ने बताया कि उनकी बहन की उस घर में कोई इज्जत नहीं थी, सिर्फ काम कराओ और मतलब रखो। पतियों का बाहर लड़कियों के साथ अफेयर चलता था और वे घर आकर मारपीट करते थे।
11 फरवरी के बाद बढ़ीं मुश्किलें कंचन ने बताया कि 11 फरवरी 2025 (संभवतः 2024 या 2023 का जिक्र) को उनके साथ एक बड़ी घटना हुई थी, जिसमें निक्की को सास और छोटे वाले (पति का छोटा भाई) ने मिलकर मारा था और गंभीर चोटें आई थीं। बहनों का सैलून का काम भी बंद करवा दिया गया और उनके क्लाइंट्स के साथ भी बदतमीजी की गई। कंचन के अनुसार, ये लोग उन्हें झूठा साबित करने की कोशिश करते थे, और इस घटना के बाद भी उन्होंने इसे मामूली थप्पड़ की घटना बताया था।
मौत से पहले का भयावह मंजर: बहन कंचन की आपबीती घटना वाले दिन, कंचन की तबीयत ठीक नहीं थी; उनका बीपी काफी कम था और वे बेहोशी की हालत में थीं। रात को 1 बजे से 4 बजे तक उनके साथ कुछ ऐसा हुआ था, जिसके बाद उन्हें पूरे दिन कुछ याद नहीं था। निक्की ने घर का सारा काम किया और बच्चों को संभाला। शाम 4 बजे के करीब, निक्की प्रेस के कपड़े लेकर तीसरी मंजिल पर अपने कमरे में गई, जहाँ उसका बेटा और पति का छोटा भाई भी मौजूद थे। दो मिनट बाद ही कंचन को "बचाओ! बचाओ!" की आवाजें सुनाई दीं। कंचन अपनी हाथ में लगी ड्रिप हटाकर भागी और सीढ़ियों पर निक्की को निवस्त्र, पूरे जले हुए शरीर के साथ पाया। कंचन ने पानी डालकर तौलिये से उसे ढकने की कोशिश की, लेकिन फिर बेहोश हो गईं।
निक्की को बीच रास्ते में छोड़ा, बच्चे भी गायब कंचन को नहीं पता कि निक्की को अस्पताल कौन ले गया। सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि सास और छोटे वाले ने तड़पती हुई निक्की को बीच रास्ते में ही छोड़कर भाग गए। उन्होंने निक्की का अंतिम संस्कार भी नहीं किया। निक्की के दोनों बच्चे भी गायब कर दिए गए, जिन्हें सास ने "फरार" कर दिया। कंचन ने बताया कि निक्की का 7 साल का बेटा अपनी आँखों के सामने यह सब होते हुए देखा था और अब वह बात करने की हालत में भी नहीं है।
पंचायत और पुलिस की बेबसी: न्याय की गुहार दहेज प्रताड़ना के खिलाफ बहनों ने पहले पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की? इस सवाल के जवाब में कंचन ने बताया कि वे गुर्जर समाज से हैं, जहाँ बड़े-बुजुर्ग फैसला लेते हैं और समझाते थे कि आगे से ऐसा नहीं होगा। कई बार पंचायतें भी बैठीं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला। निक्की ने तो बुजुर्गों से हाथ जोड़कर सिर्फ एक कमरा और अपने बच्चे को दिलवाने की गुहार लगाई थी, क्योंकि वह और मारपीट बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। पुलिस में शिकायत तब की गई जब "सब कुछ खो गया"।
पति गिरफ्तार, कंचन असंतुष्ट: सख्त कार्रवाई की मांग पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए फोर्टिस अस्पताल से मृतका के परिजनों से संपर्क किया। मृतका की बहन की तहरीर पर थाना कासना में पति और उसके परिजनों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पति विपिन को हिरासत में ले लिया गया है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं। हालांकि, कंचन पुलिस की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि केवल गिरफ्तारी काफी नहीं है, क्योंकि आए दिन ऐसी घटनाओं में अपराधी जेल से छूट जाते हैं। उन्होंने अपनी गलती भी स्वीकार की कि पहले न बोलने की वजह से आज यह दिन देखना पड़ा। कंचन अब निक्की के लिए न्याय चाहती हैं और कहती हैं कि वह अब किसी को नहीं छोड़ेंगी।
परिवार का खुला समर्थन: ससुर भी शामिल कंचन ने बताया कि निक्की के पति और उनके पति दोनों दारू पीते हैं और लड़कियों के पास घूमते हैं; उनका कोई रोजगार नहीं है, केवल एक परचून की दुकान है जिस पर ससुर बैठते हैं। कंचन ने स्पष्ट किया कि ससुराल में जो भी मारपीट और दहेज प्रताड़ना होती थी, उसमें ससुर और सास की भी पूरी सहमति और भागीदारी थी। घर के मुखिया होने के नाते ससुर भी इन गलत हरकतों को रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कंचन के पास इस बात के सबूत भी मौजूद हैं कि उनके साथ क्या हुआ था।
FAQs:
-
-
निक्की और कंचन की शादी कब और कहाँ हुई थी? निक्की और कंचन की शादी 10 दिसंबर 2016 को ग्रेटर नोएडा के सिरसा गाँव में एक ही परिवार में हुई थी। उनके पिता ने अपनी क्षमतानुसार दहेज दिया था, जिसमें स्कॉर्पियो, नकद, सोना और चाँदी शामिल थे।
-
निक्की के साथ मारपीट की घटनाएँ कब शुरू हुईं? शादी के महज छह महीने बाद ही निक्की और कंचन को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज और पैसों की मांग आम बात हो गई थी।
-
निक्की के साथ आखिरी घटना वाले दिन कंचन कहाँ थी? घटना वाले दिन कंचन की तबीयत खराब थी और वह बेहोशी की हालत में थीं। उन्हें रात 1 बजे से 4 बजे तक की घटनाओं के बाद दिन भर कुछ याद नहीं था और वे अपने कमरे में थीं।
-
पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है? पुलिस ने निक्की की बहन की तहरीर पर पति और उसके परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पति विपिन को गिरफ्तार कर लिया गया है, और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं।
-
निक्की के बच्चे इस समय कहाँ हैं? निक्की का 7 साल का बेटा इस समय कंचन के साथ है, लेकिन उसकी मानसिक हालत बहुत खराब है और वह बात करने की स्थिति में नहीं है। घटना के बाद सास ने दोनों बच्चों को "फरार" कर दिया था।
-