GST on Car: 56वीं काउंसिल मीटिंग के बाद फोर व्हीलर पर कितना GST? 22 सितंबर से लागू नई दरें, गणना और बचत का पूरा गणित

कार पर जीएसटी (GST) दरें, गणना, और 2025 में हुए नवीनतम परिवर्तनों (22 सितंबर से प्रभावी) का पूरा विश्लेषण जानें। four wheeler par kitna gst lagta hai? छोटी, लग्जरी और हाइब्रिड कारों पर नई दरें यहाँ देखें।

Sep 30, 2025 - 12:17
Sep 30, 2025 - 12:18
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GST on Car: 56वीं काउंसिल मीटिंग के बाद फोर व्हीलर पर कितना GST? 22 सितंबर से लागू नई दरें, गणना और बचत का पूरा गणित
कार पर जीएसटी दर सूची 2025: छोटी और लग्जरी गाड़ियों पर नई GST दर

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 30 Sep 2025

भारत में car par gst kitna hai और इन दरों का ग्राहकों पर क्या असर पड़ रहा है, यह जानना आज के समय में हर उपभोक्ता के लिए बेहद जरूरी है। विशेषकर 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग (3 सितंबर 2025) में लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों के बाद, जिन्होंने भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में टैक्स संरचना को पूरी तरह से बदल दिया है। ये महत्वपूर्ण परिवर्तन अधिसूचना 09/2025-CTR दिनांक 17 सितंबर 2025 द्वारा अधिसूचित किए गए हैं, और 22 सितंबर 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। जीएसटी (माल और सेवा कर) प्रणाली ने 1 जुलाई 2017 को लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी, वैट और सड़क कर जैसे पूर्व के जटिल करों के मिश्रण को प्रतिस्थापित कर दिया, जिससे पूरी कर प्रक्रिया सुव्यवस्थित और अधिक पारदर्शी हो गई है। car per gst kitna lagta hai यह केवल एक प्रश्न नहीं है, बल्कि यह वह कारक है जो सीधे कार की एक्स-शोरूम कीमत को प्रभावित करता है। नई कर व्यवस्था, जिसने केंद्र सरकार के दूसरी पीढ़ी के आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाते हुए जीएसटी को चार स्लैब के बजाय अब दो स्लैब—5% और 18%—में कर दिया है, इससे आम लोगों को महंगाई से राहत मिलने और बाजार में मांग में तेजी आने की उम्मीद है। इस व्यापक विश्लेषण का उद्देश्य four wheeler par kitna gst lagta hai के प्रश्न का सटीक उत्तर देना है, साथ ही यह समझाना है कि लग्जरी और छोटी दोनों तरह की गाड़ियां इन सुधारों के कारण कैसे सस्ती हो जाएंगी।

 जीएसटी की मूल अवधारणा और 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग के ऐतिहासिक निर्णय

कारों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) वास्तव में भारत में वाहनों के विनिर्माण, बिक्री और खपत पर लगाया जाने वाला एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है। जीएसटी का प्राथमिक उद्देश्य पिछली बहु-परत कर प्रणाली को बदलना था, जिसमें उत्पादन और बिक्री के विभिन्न चरणों में कई शुल्क शामिल थे, जिससे करों के व्यापक प्रभाव (cascading effect) को समाप्त किया जा सके। जीएसटी (GST) का उद्देश्य टैक्स प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, टैक्स बोझ को कम करना और ऑटोमोबाइल सेक्टर में पारदर्शिता को बढ़ावा देना रहा है। car par gst kitna hai यह जानने के लिए हमें नवीनतम बदलावों को समझना होगा। 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जो नवीनतम बदलाव लाए गए हैं, वे ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर सीधा प्रभाव डालते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ हुआ है। मुख्य परिवर्तनों में छोटी पेट्रोल और डीजल कारों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करना शामिल है। विशेष रूप से, पेट्रोल और पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी, सीएनजी कारों (जो 1200cc या उससे कम इंजन क्षमता और 4000mm या उससे कम लंबाई की हैं) पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है। इसी प्रकार, डीजल और डीजल हाइब्रिड कारों (जो 1500cc या उससे कम इंजन क्षमता और 4000mm या उससे कम लंबाई की हैं) पर भी जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है। इसके विपरीत, लग्जरी कारों और बड़े हाइब्रिड वाहनों पर (जो छोटी कार की सीमाओं से परे हैं), जीएसटी दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी गई है, लेकिन इस श्रेणी में सेस (उपकर) को हटा दिया गया है। इन ऐतिहासिक सुधारों से लग्जरी और छोटी दोनों तरह की कारें सस्‍ती हो जाएंगी, जिससे बाजार में मांग में तेजी आने की उम्मीद है।

 नई और पुरानी GST दर सूची (2025): छोटी, लग्जरी, हाइब्रिड और एसयूवी का विस्तृत तुलनात्मक विश्लेषण

car per gst kitna lagta hai, यह तय करने के लिए वाहन का प्रकार, इंजन की क्षमता (cc), और लंबाई (mm) जैसे मापदंड निर्णायक होते हैं। आमतौर पर, कारों पर 5%, 12%, 18% और 28% की कर दरें लागू होती हैं। अधिकांश व्यक्तिगत और वाणिज्यिक वाहन 28% के जीएसटी ब्रैकेट में आते थे, जिस पर अतिरिक्त उपकर (cess) भी लगता था, जिससे कुल कर की दर लग्जरी और हाई-एंड मॉडल के लिए 50% तक बढ़ जाती थी।

56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग के बाद की विस्तृत दर सूची (22 सितंबर 2025 से प्रभावी):

वाहन का प्रकार GST दर (पुरानी) अतिरिक्त सेस (पुरानी) कुल टैक्स दर (पुरानी) नई दर (22 सितंबर 2025 से)
छोटी कार (पेट्रोल/CNG/LPG) (≤1200cc, ≤4000mm) 28% 1% 29% 18%
छोटी कार (डीजल) (≤1500cc, ≤4000mm) 28% 3% 31% 18%
हाइब्रिड कार (छोटी कार सीमा तक) 28% 1% या 3% 29% या 31% 18%
मिड-साइज़ कार (पेट्रोल/डीजल, > 4m) 28% 15% 43% 40%
लग्ज़री कार (> 4m, > 1500cc) 28% 20% 48% 40%
एसयूवी (> 4m, > 170mm ग्राउंड क्लीयरेंस) 28% 22% 50% 40%
इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) 5% 0% 5% 5%
एम्बुलेंस 12% 0% 12% 12%

यह तालिका स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि four wheeler par kitna gst lagta hai यह वाहन के वर्गीकरण द्वारा तय होता है। लग्जरी/बड़ी कारों पर पुरानी दर 28% जीएसटी और 22% सेस के साथ कुल 50% टैक्स लगता था, लेकिन नई व्यवस्था में 40% जीएसटी लागू किया गया है। वहीं, छोटी डीजल कारों पर जो पहले 31% टैक्स लगता था, वह अब घटकर 18% हो गया है, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।

 GST गणना का सटीक गणित: एक्स-शोरूम कीमत, सेस, और नई दरों से उपभोक्ता बचत

कार पर जीएसटी की दर कितनी है यह जानने के बाद, अगला कदम यह समझना है कि कुल कीमत की गणना कैसे की जाती है। कारों पर जीएसटी की गणना करने का फॉर्मूला सरल है:

$$\text{कुल टैक्स} = \text{एक्स-शोरूम कीमत} \times (\text{GST दर} + \text{सेस दर}) \text{}$$

यह गणना दर्शाती है कि जीएसटी और सेस दरें किस प्रकार अंतिम कीमत को सीधे प्रभावित करती हैं।

उदाहरण 1: छोटी पेट्रोल कार पर बचत का गणित मान लीजिए एक छोटी पेट्रोल कार (1200cc से कम, 4000mm से कम) की एक्स-शोरूम कीमत ₹5,00,000 है।

  • पुरानी दर (29%): GST (28%) ₹1,40,000 + Cess (1%) ₹5,000 = कुल टैक्स ₹1,45,000। अंतिम कीमत ₹6,45,000 होगी।
  • नई दर (18%): GST (18%) ₹90,000। Cess समाप्त। कुल टैक्स ₹90,000। अंतिम कीमत ₹5,90,000 होगी।
  • सीधी बचत: इस उदाहरण में उपभोक्ता को ₹55,000 की सीधी बचत हो रही है।

उदाहरण 2: डीजल छोटी कार पर टैक्स (पुरानी दर) यदि एक डीजल स्मॉल कार (1500cc से कम) की एक्स-शोरूम कीमत ₹6,00,000 है, तो GST दर 28% और अतिरिक्त सेस 3% (कुल टैक्स दर 31%) है।

  • कुल टैक्स = ₹6,00,000 x 31% = ₹1,86,000।
  • अंतिम कीमत = ₹7,86,000।

उदाहरण 3: लग्जरी कारों पर बचत (10% की कमी मानकर) लग्जरी/बड़ी कारों (1500cc से ज्‍यादा इंजन वाली या 4 मीटर से अधिक लंबी) पर पुरानी दर (50% तक टैक्स) की तुलना में नई 40% जीएसटी दर लागू होने पर 8% से 10% तक की बचत होगी।

  • BMW X1 जिसकी एक्स-शोरूम कीमत अभी 51.5 लाख रुपये है, वह नई व्यवस्था में 5.15 लाख रुपये तक सस्ती मिलेगी।
  • BMW XM जिसकी कीमत 2.60 करोड़ रुपये थी, वह 10% की कमी मानकर 2.34 करोड़ रुपये तक हो सकती है।

इन GST सुधारों के बाद कई लोकप्रिय मॉडलों पर बड़ा लाभ हुआ है, जैसे टाटा नेक्सन पर 1,55,000 रुपये तक और मारुति वैगन-आर पर 79,600 रुपये तक का लाभ।

 इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर GST के सख्त नियम और अपवाद: डीलर, ट्रांसपोर्ट और कर्मचारियों के लिए दिशानिर्देश

car par gst kitna hai यह जानने के अलावा, व्यवसायों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नियमों को समझना भी महत्वपूर्ण है। ITC जीएसटी प्रणाली के तहत एक प्रमुख लाभ है, लेकिन मोटर वाहनों पर यह प्रतिबंधित है। सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (सीजीएसटी) एक्ट के सेक्शन 17(5) के अनुसार 'ब्लॉक्ड क्रेडिट' का प्रावधान है, जिसका अर्थ है कि ड्राइवर सहित 13 व्यक्तियों या उससे कम सीटिंग क्षमता वाले मोटर वाहनों के परिवहन के लिए आईटीसी उपलब्ध नहीं है। चार पहिया वाहन पर कितना जीएसटी लगता है और इसका क्रेडिट कब नहीं लिया जा सकता, यह जानना व्यवसायों के लिए नकदी प्रवाह प्रबंधन (cash flow management) के लिए महत्वपूर्ण है।

ITC के अपवाद (जहां क्लेम किया जा सकता है): ITC केवल तभी उपलब्ध है जब वाहन निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं:

  1. आगे की आपूर्ति (For Forward Supply): यदि वाहन को आगे बेचने के इरादे से खरीदा जाता है, जैसे कार डीलरों द्वारा।
  2. यात्री परिवहन सेवा (Passenger Transport Service): यदि व्यक्ति यात्रियों के परिवहन के व्यवसाय में है (जैसे कैब सेवा)।
  3. डेमो कार (Demo Cars): कार डीलरों द्वारा शोरूम में प्रदर्शित की जाने वाली डेमो कार को पूंजीगत संपत्ति माना जा सकता है क्योंकि वे खुदरा बिक्री के उद्देश्य से नहीं खरीदी जाती हैं, और इन पर पूर्ण ITC का क्लेम किया जा सकता है।
  4. किराये पर देना (Renting/Leasing): 13 व्यक्तियों से अधिक सीटिंग क्षमता वाले मोटर वाहनों को पट्टे पर देने या किराये पर लेने पर आईटीसी उपलब्ध है।
  5. व्यावसायिक उपयोग के लिए कर्मचारी को कार देना: सेक्शन 17(5) के खंड (a) और (aa) के अनुसार, यदि नियोक्ता कर्मचारी को कार व्यावसायिक उपयोग के लिए देता है, तो ITC क्लेम किया जा सकता है। यदि यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए है, तो ITC क्लेम नहीं किया जा सकता।

व्यवसायों के लिए आईटीसी (ITC) को अनुकूलित (Optimize) करने और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए, MaxITC जैसे विशिष्ट उत्पाद समाधान उपलब्ध हैं।

 आयातित कारें (IGST), सेकेंड-हैंड वाहन और विशेष छूट प्राप्त वाहन

जीएसटी (GST) प्रणाली में विशेष प्रावधानों के तहत कुछ वाहन श्रेणियां आती हैं, जिनमें आयातित कारें, यूज़्ड कारें और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं:

आयातित कारों पर जीएसटी (IGST): आयातित कारों पर इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) लागू होता है। आईजीएसटी की गणना के लिए लिया जाने वाला मूल्य, मूल्यांकीय मूल्य (Assessable Value) और बुनियादी सीमा शुल्क (Basic Customs Duty - BCD) का योग होता है।

  • उदाहरण के लिए, यदि मूल्यांकीय मूल्य ₹5,00,000 है और BCD ₹50,000 है, तो IGST लगाने के लिए मूल्य ₹5,50,000 होगा, जिस पर 28% IGST ₹1,54,000 बनता है।
  • 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने आयातित कारों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है: सेमी नॉक्ड डाउन (SKD) किट पर 15% से 30% और कम्प्लीटली नॉक्ड डाउन (CKD) किट पर 10% से 15% तक। सीमा शुल्क में यह वृद्धि IGST चार्ज करने के मूल्य में शामिल होती है, जिससे आयातित उत्पाद की समग्र कीमत बढ़ जाती है।

यूज़्ड और सेकेंड-हैंड कारों पर जीएसटी (GST): सेकेंड-हैंड वाहनों के लिए, जीएसटी (GST) की गणना केवल डीलर के क्रय मूल्य और विक्रय मूल्य के अंतर (लाभ मार्जिन) पर की जाती है।

  • छोटी यूज़्ड कारें (पेट्रोल $\le 1200\text{cc}$, डीजल $\le 1500\text{cc}$) पर 12% जीएसटी लगता है।
  • बड़ी यूज़्ड कारों पर 18% जीएसटी लागू होता है।
  • यदि लेन-देन मार्जिन ऋणात्मक है (यानी घाटा हुआ), तो डीलरों को जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी जाती है।
  • अनलिस्टेड या अनरजिस्टर्ड विक्रेताओं से यूज़्ड कार खरीदने वाले व्यक्तियों को लेन-देन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी जाती है।

जीएसटी (GST) दर में विशेष छूट (Exemptions): भारत सरकार वहनीयता, पहुंच और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए चार प्रकार के वाहनों पर विशेष जीएसटी रियायतें प्रदान करती है:

  1. इलेक्ट्रिक वाहन (EVs): इन पर केवल 5% जीएसटी लागू है। यह रियायती दर पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए है।
  2. एम्बुलेंस: इन पर 12% जीएसटी लागू है, जिससे अस्पतालों के लिए लागत कम होती है।
  3. विकलांग व्यक्तियों के लिए वाहन: विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए और संशोधित वाहनों पर जीएसटी छूट दी जाती है।
  4. व्हीलचेयर एक्सेस योग्य वाहन: इन पर जीएसटी दर कम से कम 5% हो जाती है।

ऑटोमोबाइल उद्योग पर GST का व्यापक प्रभाव: उपभोक्ता लाभ, लॉजिस्टिक्स दक्षता और मुकदमेबाजी की चिंताएं

जीएसटी की शुरुआत ने ऑटोमोबाइल उद्योग को कई तरह से प्रभावित किया है, जिससे विभिन्न हितधारकों को लाभ हुआ है।

लाभ (Benefits):

  • उपभोक्ता (Consumer): पिछली वैट (VAT) प्रणाली की तुलना में मोटर वाहनों पर कर दरों में कमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए कुल लागत कम हुई है और कारें सस्ती हो गई हैं।
  • डीलर/आयातक (Dealers/Importers): जीएसटी लागू होने से पहले, डीलर वैट और उत्पाद शुल्क का क्रेडिट दावा नहीं कर सकते थे। नए जीएसटी ढांचे के तहत, कार डीलर अब कार खरीद के दौरान भुगतान किए गए कर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं। कर प्रक्रिया के इस सरलीकरण से डीलरों के लिए अपने संचालन को प्रबंधित करना, नकद प्रवाह और लाभप्रदता में सुधार करना आसान हो गया है।
  • निर्माता (Manufacturers): जीएसटी (GST) ने उत्पाद शुल्क (Excise Duty) को subsume कर दिया है, जिससे विनिर्माण की कुल लागत कम हो गई है। निर्माता कच्चे माल और घटकों पर कर क्रेडिट का लाभ उठा सकते हैं, उत्पादन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर सकते हैं और लागत कम कर सकते हैं।
  • सप्लाई चेन दक्षता (Supply Chain Efficiency): जीएसटी ने राज्य-स्तरीय करों और चेकपॉइंट को समाप्त कर दिया है, जिससे अंतर-राज्य के परिवहन को आसान बनाया गया है, ट्रांजिट का समय कम होता है और लॉजिस्टिक्स की लागत कम हो जाती है।

तकनीकी समाधानों का समर्थन: जीएसटी अनुपालन की जटिलताओं को कम करने के लिए कई तकनीकी समाधान उपलब्ध हैं। जैसे:

  • Clear Finance Cloud: प्रक्रिया ऑटोमेशन, बेहतर नियंत्रण और उच्च उत्पादकता के लिए एक जुड़ा हुआ वित्त पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है।
  • Clear Compliance Cloud: जीएसटी और डायरेक्ट टैक्स अनुपालन समाधान प्रदान करता है।
  • MaxITC: लाभप्रदता के लिए आईटीसी को अनुकूलित करने में सहायता करता है।
  • CimplyFive: स्वचालित सचिवीय अनुपालन प्रदान करता है।

अनसुलझे मुद्दे और मुकदमेबाजी की संभावना: कार डीलर वाहन की बिक्री के साथ-साथ बीमा, विस्तारित वारंटी और एक्सेसरीज़ जैसी सहायक सेवाओं के लिए भी शुल्क लेते हैं। यहां मुख्य मुद्दा वर्गीकरण का है: क्या इन शुल्कों को अलग से चार्ज किया जाना चाहिए, या इसे 'कम्पोजिट सप्लाई' (Composite Supply) माना जाना चाहिए? सामान्य व्याख्या यह है कि इसे एक कम्पोजिट सप्लाई माना जाना चाहिए, क्योंकि वाहन ही प्रमुख आपूर्ति (Principal Supply) रहता है, और अन्य शुल्क आनुषंगिक होते हैं। उदाहरण के लिए, एएमसी (AMC) अनुबंधों में, मुख्य उद्देश्य वाहन को चालू स्थिति में रखना होता है, न कि सामान की आपूर्ति। यदि लेनदेन या समझौते में वर्गीकरण स्पष्ट रूप से नहीं दिया गया है, तो मूल्यांकन के मुद्दों के कारण जीएसटी व्यवस्था में बड़े पैमाने पर मुकदमेबाजी हो सकती है।

Conclusion

four wheeler par kitna gst lagta hai इस सवाल का उत्तर अब 56वीं जीएसटी काउंसिल मीटिंग के बाद काफी सरल हो गया है, क्योंकि छोटी कारों और लग्जरी कारों दोनों पर टैक्स दरों को तर्कसंगत बनाया गया है। एकीकृत जीएसटी प्रणाली ने न केवल कर संरचना को सरल बनाया है, बल्कि यह सुनिश्चित किया है कि कर गणना अधिक पारदर्शी हो। जीएसटी परिषद बाजार की जरूरतों और आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर दरों और नीतियों की लगातार समीक्षा और समायोजन करती रहती है। चूंकि सरकार का ध्यान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, इसलिए भविष्य में कार पर जीएसटी दर सूची को प्रभावित करने के लिए और रियायतों की घोषणा की जा सकती है, ताकि स्थायी परिवहन को प्रोत्साहित किया जा सके। उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों के लिए, इन नवीनतम कार जीएसटी दरों, आईटीसी नियमों, और गणना विधियों को समझना एक सूचित खरीद निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है।


FAQs (5 Q&A):

1. भारत में सबसे कम GST on Car दर क्या है? भारत में कारों पर लागू सबसे कम जीएसटी दर 5% है, जो विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर लगाया जाता है। यह निम्न दर स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के लिए एक सरकारी प्रोत्साहन है।

2. 22 सितंबर 2025 से लागू नई दरों के तहत चार पहिया वाहन पर कितना जीएसटी लगता है? 22 सितंबर 2025 से, छोटी पेट्रोल/डीजल कारों (4000mm से कम लंबाई) पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है। वहीं, लग्जरी और बड़े एसयूवी (जो छोटी कार सीमा से बाहर हैं) पर जीएसटी दर बढ़ाकर 40% कर दी गई है।

3. क्या कार की खरीद पर भुगतान किया गया GST on Car रिफंड किया जा सकता है? नहीं, कार की खरीद पर भुगतान किया गया जीएसटी (GST) सामान्यतः वापस नहीं किया जाता है। सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (सीजीएसटी) एक्ट के सेक्शन 17-5 के अनुसार, कार पर लगे जीएसटी रिफंड का पात्र नहीं होता है, चाहे वह पर्सनल उपयोग के लिए खरीदा गया हो या बिजनेस के उद्देश्य से।

4. लग्जरी कारों पर पहले और अब car per gst kitna lagta hai? पहले लग्जरी कारों पर 28% जीएसटी और 22% सेस के साथ कुल 50% तक टैक्स लगता था। नई कर व्यवस्था में, लग्जरी/बड़ी कारों पर सेस हटाकर जीएसटी 40% कर दिया गया है, जिससे इन कारों पर 8% से 10% तक की बचत होगी।

5. सेकेंड-हैंड कारों पर GST on Car कितना है और इसकी गणना कैसे होती है? सेकेंड-हैंड कारों पर जीएसटी की गणना केवल डीलर के लाभ मार्जिन पर की जाती है। छोटी यूज़्ड कारों (पेट्रोल ,डीजल  पर 12% जीएसटी और बड़ी यूज़्ड कारों पर 18% जीएसटी लगता है।

Dainik Realty News Desk Neeraj Ahlawat & Dainik Realty News के संस्थापक और मुख्य लेखक (Founder & Lead Author) हैं। वह एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं। राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति जैसे विविध विषयों पर उनकी गहरी समझ और निष्पक्ष रिपोर्टिंग ने उन्हें पाठकों के बीच एक भरोसेमंद नाम बना दिया है। पत्रकारिता के साथ-साथ Neeraj एक डिजिटल मार्केटिंग कंसल्टेंट भी हैं। उन्हें SEO, Google Ads और Analytics में विशेषज्ञता हासिल है। वह व्यवसायों, सामाजिक संगठनों और चैरिटी संस्थाओं को डिजिटल माध्यम से बढ़ने में मदद करते हैं। उनका मिशन है – सस्टेनेबल बिज़नेस, गैर-लाभकारी संस्थाओं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले संगठनों को सशक्त बनाना, ताकि वे सही दिशा में अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकें। Neeraj Ahlawat का मानना है कि पारदर्शिता, विश्वसनीयता और निष्पक्ष पत्रकारिता ही किसी भी मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की सबसे बड़ी ताकत है। इसी सोच के साथ उन्होंने Dainik Realty News की शुरुआत की, जो आज पाठकों को सटीक, भरोसेमंद और प्रभावशाली समाचार उपलब्ध कराता है।