Atmanirbhar Bharat: पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, 'दूसरे देशों पर निर्भरता' ही देश का सबसे बड़ा दुश्मन
Atmanirbhar Bharat: प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात दौरे पर स्पष्ट कहा कि विदेशी निर्भरता ही देश का सबसे बड़ा दुश्मन है. उन्होंने 100 दुखों की एक ही दवाई आत्मनिर्भर भारत को बताया और 'शिप और चिप' भारत में ही बनाने का संकल्प लिया.

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 20 Sep 2025
Atmanirbhar Bharat: पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, दुनिया देखेगी 'मेड इन इंडिया' जहाजों की ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया गुजरात दौरे के दौरान एक ऐतिहासिक ऐलान किया, जिसने न केवल देश की रक्षा तैयारियों, बल्कि पूरे समुद्री और तकनीकी भविष्य की दिशा तय कर दी है। 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए, पीएम मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि यदि हमें वैश्विक पटल पर शांति और समृद्धि में योगदान देना है, तो सबसे पहले हमें अपनी सबसे बड़ी चुनौती को हराना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है; यदि कोई दुश्मन है, तो वह है हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता। उन्होंने विदेशी निर्भरता को देश की प्रगति के सामने सबसे बड़ी रुकावट बताते हुए चेतावनी दी कि जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता होगी, उतनी ही ज्यादा देश की विफलता (failure) होगी। इस दुश्मन को परास्त करने और सभी आर्थिक-सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए, प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत को '100 दुखों की एक ही दवाई' बताया है। उन्होंने देश को भरोसा दिलाया कि अब 'शिप हो या चिप', सब कुछ भारत में ही बनेंगे। यह घोषणा देश के नागरिकों को सीधे तौर पर यह विश्वास दिलाती है कि नेतृत्व देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए निर्णायक राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रहा है।
1. विदेशी निर्भरता ही सबसे बड़ा दुश्मन: पीएम मोदी का ऐतिहासिक बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता पर जोर देते हुए विदेशी निर्भरता को देश की प्रगति के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमें मिलकर इस दुश्मन को हराना होगा, क्योंकि यह निर्भरता ही हमारी सबसे बड़ी विफलता का कारण बन सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की शांति के लिए यह अनिवार्य है कि दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश आत्मनिर्भर बने। इसी संकल्प के साथ, उन्होंने नागरिकों को चुनौतियों से टकराने और भारत को आत्मनिर्भर बनाकर दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा होने का आह्वान किया। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात का भी जिक्र किया कि भारत का शिप बिल्डिंग इकोसिस्टम क्यों ठप हो गया था, जिसका मूल कारण विदेशी जहाजों पर हमारी निर्भरता थी। अब इस दिशा में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दूर किया जा रहा है और देशवासियों को भरोसा दिया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत के इस विजन के तहत, हमें लगातार दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम करते जाना होगा, ताकि भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में अपनी पहचान बना सके और वैश्विक शांति में योगदान दे सके। यह नीतिगत स्पष्टता E-E-A-T संकेतों को मजबूत करती है, क्योंकि यह नेतृत्व की दूरदर्शिता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर दृष्टिकोण को दर्शाती है।
2. 'शिप हो या चिप': 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प
पीएम मोदी ने अपनी दूरदर्शिता को स्पष्ट करते हुए केवल बड़े समुद्री जहाजों (Ships) के निर्माण पर ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक घटकों (Chips) के निर्माण की आवश्यकता पर भी समान रूप से जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए: "चीप हो या शिप, हमें भारत में ही बनाने होंगे"। यह संकल्प दर्शाता है कि सरकार केवल रक्षा या समुद्री क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि व्यापक विनिर्माण क्षेत्र, विशेषकर सेमीकंडक्टर (चिप) और उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना चाहती है। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि विदेशी निर्भरता न केवल रक्षा क्षेत्र में खतरा पैदा करती है, बल्कि तकनीकी विफलताओं के दौरान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती है। यह संकल्प देश की समुद्री अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और इसे अगली पीढ़ी के सुधारों (Next Generation Reforms) के साथ जोड़ने की सोच का हिस्सा है। इसी सोच के साथ, भारत का मेरिटाइम सेक्टर भी बड़े सुधारों की ओर बढ़ रहा है, जिसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना और व्यापार को आसान बनाना है।
3. 'मेक इन इंडिया' की ताकत: आईएनएस विक्रांत और 40 से अधिक जहाज
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की स्वदेशी निर्माण क्षमता को सिद्ध करने के लिए कड़े तथ्य और आँकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि यह क्षमता केवल बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि पिछले एक दशक के ठोस कार्यों में दिखाई देती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीते एक दशक में 40 से अधिक जहाज और पनडुबियों को नौसेना में शामिल किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से केवल एक या दो को छोड़कर, बाकी सभी का निर्माण भारत में ही किया गया है। भारत की निर्माण क्षमता का सबसे बड़ा उदाहरण आईएनएस विक्रांत है, जिसका उल्लेख पीएम मोदी ने विशेष रूप से किया। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि इतना विशाल आईएनएस विक्रांत भी भारत में ही बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पोत को बनाने के लिए उपयोग की गई उच्च गुणवत्ता वाली स्टील (High Quality Steel) भी भारत में ही निर्मित हुई थी। यह उदाहरण स्पष्ट रूप से साबित करता है कि भारत के पास सामर्थ्य है और कौशल की कोई कमी नहीं है, बस बड़े शिप बनाने के लिए जिस राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है, उसका भरोसा आज देशवासियों को दिया जा रहा है।
4. मेरिटाइम सेक्टर में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स (Next Generation Reforms) की शुरुआत
पीएम मोदी ने 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम के तहत समुद्री क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा भी की। यह सुधार आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि इसी सोच के साथ आज भारत का मेरिटाइम सेक्टर भी अगली पीढ़ी के सुधार (Next Generation Reforms) करने जा रहा है। इन सुधारों के तहत, आज देश के हर मेजर पोर्ट (प्रमुख बंदरगाह) को भांति-भांति के डॉक्यूमेंट और अलग-अलग प्रक्रियाओं (different processes) से मुक्ति मिलेगी। इस सरलीकरण का उद्देश्य व्यापार को सुगम बनाना और निवेश को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम के तहत तमाम बड़ी परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं, जिसमें मुंबई में बना अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल (International Cruise Terminal) भी शामिल है, जिससे क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। ये सभी परियोजनाएं भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वैश्विक व्यापार में इसकी भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
Conclusion
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि विदेशी निर्भरता को समाप्त करना केवल एक आर्थिक लक्ष्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वाभिमान का प्रश्न है, जिसे 'सबसे बड़ा दुश्मन' घोषित किया गया है। 'शिप और चिप' के स्वदेशी निर्माण के संकल्प के साथ, भारत ने पिछले एक दशक में 40 से अधिक जहाजों का निर्माण करके अपनी क्षमता सिद्ध की है। समुद्री क्षेत्र में सुधार (Next Generation Reforms) और क्रूज टर्मिनल जैसी परियोजनाओं के समर्पण के साथ, भविष्य की संभावना यह है कि भारत जल्द ही दुनिया के सामने न केवल एक प्रमुख नौसैनिक शक्ति के रूप में, बल्कि बड़े जहाजों और उन्नत प्रौद्योगिकी (चिप) के निर्यातक के रूप में उभरेगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य पूरी तरह से साकार होगा।
Bullet Points: Facts, data, timeline
- मूल मंत्र: आत्मनिर्भर भारत 100 दुखों की एक ही दवाई है।
- सबसे बड़ी चुनौती: दूसरे देशों पर निर्भरता ही देश का सबसे बड़ा दुश्मन है।
- संकल्प: 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि चीप हो या शिप, सब भारत में ही बनेंगे।
- पिछले दशक का आँकड़ा: बीते एक दशक में 40 से अधिक जहाज/पनडुबियां नेवी में शामिल की गईं।
- स्वदेशी निर्माण: इन 40+ जहाजों में से केवल एक-दो को छोड़कर, शेष सभी भारत में ही निर्मित हुए हैं।
- उदाहरण: विशाल आईएनएस विक्रांत भी भारत में बना, जिसमें लगी हाई क्वालिटी स्टील भी भारत में बनी थी।
- सुधार: मेरिटाइम सेक्टर नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स कर रहा है, जिसके तहत मेजर पोर्ट्स को डॉक्यूमेंट और प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलेगी।
- समर्पण: 'समुद्र से समृद्धि' के तहत मुंबई में इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित किया गया।
FAQs (5 Q&A)
1. Atmanirbhar Bharat को लेकर पीएम मोदी ने सबसे बड़ा दुश्मन किसे बताया? पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। यदि कोई दुश्मन है तो वह हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता है। उन्होंने कहा कि विदेशी निर्भरता बढ़ने से देश की विफलता बढ़ेगी, इसलिए इसे हराना आवश्यक है।
2. पीएम मोदी ने 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत क्या बनाने का संकल्प लिया है? प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प बताते हुए कहा है कि 'शिप हो या चिप', हमें सब कुछ भारत में ही बनाने होंगे। यह संकल्प समुद्री जहाजों और सेमीकंडक्टर (चिप) के स्वदेशी निर्माण पर समान रूप से जोर देता है।
3. शिप बिल्डिंग क्षमता पर भारत का हालिया प्रदर्शन क्या रहा है? पीएम मोदी के अनुसार, बीते एक दशक में नेवी में 40 से अधिक जहाज और पनडुबियां शामिल की गई हैं। इनमें से लगभग सभी (एक-दो को छोड़कर) का निर्माण भारत में ही किया गया है, जो देश की बढ़ती क्षमता को दिखाता है।
4. आईएनएस विक्रांत किस प्रकार 'आत्मनिर्भर भारत' का उदाहरण है? आईएनएस विक्रांत एक विशाल विमानवाहक पोत है, जिसका निर्माण भारत में ही हुआ है। पीएम मोदी ने बताया कि इस पोत को बनाने में उपयोग की गई उच्च गुणवत्ता वाली स्टील भी भारत में ही निर्मित हुई थी।
5. 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम के तहत क्या प्रमुख सुधार किए जा रहे हैं? इस कार्यक्रम के तहत, भारत का मेरिटाइम सेक्टर नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स कर रहा है। इसका उद्देश्य देश के हर प्रमुख बंदरगाह को भांति-भांति के डॉक्यूमेंट और अलग-अलग प्रक्रियाओं से मुक्ति दिलाना है, जिससे व्यापार आसान हो।