Agni Prime Missile: भारत ने रेल लांचर से दागकर दुनिया को चौंकाया, अब चीन-US जैसे देशों की कतार में शामिल
Agni Prime Missile का रेल आधारित सफल परीक्षण हुआ है। 2000 KM रेंज की यह उन्नत मिसाइल भारत को सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी देगी, रक्षा आत्मनिर्भरता दर्शाएगी और सुरक्षा रणनीति मजबूत करेगी।

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 25 Sep 2025
Agni Prime Missile: रेल लांचर से सफल परीक्षण, भारत अब वैश्विक महाशक्तियों की कतार में
ब्रेकिंग न्यूज़: भारत ने अपनी रक्षा क्षमता के प्रदर्शन में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। देश की सबसे उन्नत मिसाइलों में से एक Agni Prime Missile का सफल परीक्षण एक खास रेल आधारित मोबाइल लांचर सिस्टम से किया गया है। यह परीक्षण न केवल तकनीकी ताकत दिखाता है, बल्कि भविष्य के खतरों से निपटने के लिए भारत की तत्परता का प्रतीक है। यह प्रणाली भारतीय सैन्य रणनीति में नया आयाम जोड़ेगी और देश को विश्व की चुनिंदा महाशक्तियों की कतार में खड़ा करेगी। यह स्वदेशी तकनीक डीआरडीओ और भारतीय सेनाओं की संयुक्त सफलता है।
2000 KM रेंज वाली Agni Prime Missile की मारक क्षमता
Agni Prime Missile अग्नि मिसाइल श्रृंखला की नई पीढ़ी की इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) है। इसे विशेष रूप से भारत की स्ट्रेटेजिक कमांड के लिए तैयार किया गया है। इसकी मारक क्षमता लगभग 2000 कि.मी तक है और यह दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल में उन्नत नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम लगे हैं, जिससे यह लक्ष्य पर अचूक वार करती है, और यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। अब तक भारत की मिसाइलें ज्यादातर फिक्स्ड लॉन्च साइट्स या रोड बेस्ड व्हीकल से दागी जाती थीं। लेकिन 2025 में हुए इस सफल रेल लॉन्च ने भारत को इस टेक्नोलॉजी में चौथे स्थान पर खड़ा कर दिया है।
रेल बेस्ड मोबाइल लांचर सिस्टम क्यों है गेमचेंजर?
रेल बेस्ड मोबाइल लांचर सिस्टम भारत की सुरक्षा रणनीति में गेमचेंजर माना जाता है क्योंकि यह दुश्मन को चकमा देने की क्षमता रखता है। यह सिस्टम भारत के विशाल रेल नेटवर्क (लगभग 70,000 कि.मी) पर कहीं भी घूम सकता है और जरूरत पड़ने पर तुरंत मिसाइल दाग सकता है। बड़ी बात यह है कि रेलगाड़ी के रूप में चलती मिसाइल को पहचानना और ट्रैक करना दुश्मन के लिए सबसे मुश्किल काम हो सकता है।
- इस मोबाइल सिस्टम को जंगल, पहाड़, मैदान या दूरदराज इलाकों में भी ले जाया जा सकता है।
- धुंध, रात या खराब मौसम में भी यह सिस्टम काम कर सकता है।
- मिसाइल को रेल सुरंगों में छिपाया जा सकता है ताकि दुश्मन की सैटेलाइट निगरानी से इसे बचाया जा सके।
- यह भारत को 'सर्वाइवबल सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी' (Survivable Second Strike Capability) प्रदान करता है।
अगर दुश्मन भारत की पारंपरिक मिसाइल साइट्स को पहले ही निशाना बनाने की कोशिश करे, तो यह मोबाइल सिस्टम उसे चकमा दे सकता है और प्रतिक्रिया समय को कम कर सकता है।
भारत अब अमेरिका, रूस और चीन की कतार में शामिल
रेलवे बेस्ड मोबाइल लांचर सिस्टम आज भी दुनिया के कुछ ही देशों के पास है। रूस ने पूर्व में आरटी-23 मोलोडेट्स नामक आईसीवीएम को 1980 के दशक में रेलगाड़ी से दागने के लिए डिजाइन किया था। अमेरिका ने भी 1980 के दशक में पीसकीपर रेल गैरेसिन नामक प्रणाली पर काम किया था। चीन के पास भी यह तकनीक है, जिसने अपने सबसे एडवांस आईसीबीएम डीएफ-41 का रेल मोबाइल संस्करण तैयार किया। उत्तर कोरिया ने भी 2021 में इस तकनीक का परीक्षण किया। इस परीक्षण के साथ, भारत अब अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियों की कतार में खड़ा हो गया है। यह भारत की सुरक्षा रणनीति में एक क्रांतिकारी बदलाव है।
Conclusion
Agni Prime Missile का रेलगाड़ी से सफल परीक्षण ना केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक सोच और आधुनिक तकनीक के प्रति तत्परता का प्रतीक भी है। यह उपलब्धि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। भारत अब पारंपरिक सीमाओं को पार कर ऐसी रक्षा प्रणाली विकसित कर रहा है जो भविष्य के खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है, और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में एक निर्णायक खिलाड़ी बनने की ओर अग्रसर है।
FAQs (बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न)
सवाल | जवाब (40–50 शब्द) | स्रोत |
---|---|---|
Agni Prime Missile क्या है? | Agni Prime Missile भारत की अग्नि मिसाइल श्रृंखला की नई पीढ़ी की इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) है। इसे विशेष रूप से स्ट्रेटेजिक कमांड के लिए तैयार किया गया है। इसकी रेंज लगभग 2000 किलोमीटर तक है, और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। | |
Agni Prime Missile का हालिया परीक्षण क्यों खास था? | यह परीक्षण इसलिए खास था क्योंकि इसे रेल आधारित मोबाइल लांचर सिस्टम से किया गया। यह क्षमता भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है जिनके पास मिसाइल को रेल नेटवर्क से दागने की तकनीक है। यह भारत की सैन्य रणनीति में नया आयाम जोड़ता है। | |
रेल बेस्ड मोबाइल लांचर सिस्टम का भारत के लिए क्या महत्व है? | रेल बेस्ड मोबाइल लांचर सिस्टम भारत को 'सर्वाइवबल सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी' प्रदान करता है। यह मिसाइल को दुश्मन की निगरानी (जैसे सैटेलाइट) से बचाता है और युद्ध के समय पारंपरिक साइट्स को निशाना बनाए जाने पर भी जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित करता है। | |
भारत के अलावा किन देशों के पास Agni Prime Missile जैसी रेल लांचिंग तकनीक है? | भारत अब इस तकनीक वाले दुनिया के चौथे स्थान पर खड़ा है। रूस (पहले सोवियत संघ), अमेरिका, और चीन के पास भी यह उन्नत तकनीक है। उत्तर कोरिया ने भी 2021 में रेल आधारित शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। | |
Agni Prime Missile रेल लांचर दुश्मन को कैसे चकमा देता है? | रेल लांचर सिस्टम भारत के विशाल रेल नेटवर्क (70,000 कि.मी) पर घूम सकता है। चलती मिसाइल को पहचानना और ट्रैक करना बेहद मुश्किल होता है। इसे रेल सुरंगों में छिपाया जा सकता है, जिससे दुश्मन की सैटेलाइट निगरानी से बचा जा सके। |