Gold Price: अभी खरीद लो सोना, वरना 2025 तक 1.20 लाख के पार पहुंचेगा भाव!
Gold Price में बंपर उछाल, 2025 तक ₹1.20 लाख संभव! जानें फेड के फैसले, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की खरीद कैसे बढ़ा रही है सोने का भाव। निवेश से पहले एक्सपर्ट सलाह।

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: 16 Sep 2025
Gold Price: 2025 तक 1.20 लाख के पार पहुंचेगा सोना, चांदी भी मचाएगी धमाल!
एक बड़ी खबर है, जिस पर हर निवेशक की निगाहें टिकी हैं: सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिल रही है। आम आदमी के लिए सोना अब पहुंच से बाहर होता दिख रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी अभी थमने वाली नहीं है। 2025 के अंत तक सोने का भाव ₹1,20,000 प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर सकता है, जबकि चांदी भी नए रिकॉर्ड बनाएगी। यह वो वक्त है जब आपको निवेश के हर पहलू को समझना बेहद ज़रूरी है। आज हम आपको उन सभी अहम कारणों से रूबरू कराएंगे जो सोने-चांदी की कीमतों को आसमान पर पहुंचा रहे हैं और आपके लिए इसमें क्या मौका छिपा है, इसकी पूरी जानकारी देंगे। यह खबर सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि आपके भविष्य के निवेश से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी है, जिसे पढ़कर आप सही फैसला ले पाएंगे।
रिकॉर्ड स्तर पर सोना-चांदी, जानें मौजूदा भाव
सोना इस समय बिना किसी ब्रेक के हर रोज़ नया रिकॉर्ड बना रहा है, जिससे इसकी कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड का भाव ₹1,10,500 प्रति 10 ग्राम के पार पहुँच चुका है, जो MCX पर अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। वर्ष 2025 में ही Gold Price में 40% की बढ़ोतरी देखी गई है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार कॉमिक्स (COMEX) पर भी सोने का भाव $3,700 प्रति औंस से ऊपर है, और यह बुलिश ट्रेंड ही दिखा रहा है।
- मौजूदा Gold Price:
- MCX पर सोना: ₹1,10,500 प्रति 10 ग्राम से ऊपर
- भौतिक बाज़ार में सोना: लगभग ₹1,15,000 प्रति 10 ग्राम
- कॉमिक्स (COMEX) पर सोना: $3,700 प्रति औंस के पार
सोने के साथ-साथ चांदी की चमक भी तेज़ी से बढ़ी है। MCX पर 1 किलो चांदी का भाव ₹1,300 के करीब ट्रेड कर रहा है, जो चांदी का भी ऑल टाइम हाई है। 2025 में चांदी ने भी नई ऊँचाइयों को छुआ है, और जानकार आगे भी इसमें तेज़ी बरकरार रहने की बात कह रहे हैं।
फेडरल रिजर्व का फैसला, Gold Price की चाल का मुख्य निर्धारक
सोने की कीमतों की चाल सबसे ज़्यादा अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Fed) की बैठक पर निर्भर करती है। फेड की अगली बैठक का फैसला 17 सितंबर की रात को सामने आने वाला है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, 96% विशेषज्ञों का अनुमान है कि फेड ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है। वहीं, 3.6% विशेषज्ञों का मानना है कि फेड ब्याज दरों में आधा फीसदी तक की कटौती कर सकता है।
अगर फेड ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेता है, तो Gold Price में और उछाल आ सकता है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है, जिसका सकारात्मक असर सीधे तौर पर सोने पर देखा जा रहा है। कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता का भी मानना है कि अगर फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने के भाव में तेज़ी देखने को मिलेगी। हालांकि, अगर फेड किसी वजह से रेट कट का फैसला टाल देता है, तो ऊपरी स्तरों से सोने में मुनाफा वसूली भी आ सकती है, लेकिन इसकी संभावना अभी कम ही मानी जा रही है।
भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग
आजकल वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, जो Gold Price को समर्थन दे रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व में इज़राइल-हमास-गाजा में चल रहे संघर्ष ने सोने को एक सुरक्षित निवेश का दर्जा दिया है। जब भी वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक सुरक्षित संपत्ति के तौर पर सोने का रुख करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमतें बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा, सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी भी है। भारत, चीन और दूसरे उभरते देशों के केंद्रीय बैंक अपने गोल्ड रिजर्व को लगातार बढ़ा रहे हैं। केंद्रीय बैंकों की यह बढ़ती मांग सोने की कीमतों में उछाल को जारी रखने में मददगार साबित हो रही है। इस मांग ने भारत और चीन जैसे देशों में कम गहनों की बिक्री को भी संतुलित किया है।
डॉलर की कमजोरी और महंगाई का बढ़ता असर
अमेरिकी डॉलर की कमजोरी का भी Gold Price को प्रभावित करने में बड़ा रोल है। जब डॉलर कमज़ोर होता है, तो अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोना खरीदना सस्ता हो जाता है, जिससे सोने की मांग बढ़ती है और कीमतें ऊपर जाती हैं। हालांकि, अगर डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। वर्तमान में, डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखी जा रही है, जो सोने के लिए सकारात्मक संकेत है।
इसके साथ ही, अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन जैसे देशों में बढ़ती महंगाई भी सोने की कीमतों को चमका रही है। सोना पारंपरिक रूप से महंगाई के खिलाफ एक बचाव के तौर पर देखा जाता है। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं, जिससे इसकी मांग में और इज़ाफा होता है। यह रुझान भी सोने का भाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
चांदी भी Gold Price को देगी मात? एक्सपर्ट्स का अनुमान
सोने के साथ-साथ चांदी की चमक भी तेज़ी से बढ़ी है और विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह इस बार सोने को भी मात दे सकती है। करीब 14 साल के कंसोलिडेशन के बाद, चांदी फाइनली अब $42,000 प्रति किलोग्राम के ऊपर सस्टेन कर रही है और घरेलू बाज़ार में भी ₹1,13,000 के ऊपर बनी हुई है। अनुज गुप्ता जैसे कमोडिटी एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले दिनों में चांदी के भावों में और तेज़ी देखी जा सकती है।
- चांदी में तेज़ी के कारण:
- दोहरी प्रकृति: चांदी एक कीमती धातु होने के साथ-साथ एक औद्योगिक धातु भी है। औद्योगिक धातुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे चांदी को भी समर्थन मिल रहा है।
- औद्योगिक मांग: भारत, चीन और रूस के बीच सकारात्मक बातचीत के चलते औद्योगिक धातुओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिसका सीधा फायदा चांदी को मिलेगा।
- गोल्ड-सिल्वर रेश्यो: मौजूदा गोल्ड-सिल्वर रेश्यो 85 के करीब है, जो यह संकेत दे रहा है कि चांदी के भाव सोने की तुलना में तेज़ी से बढ़ सकते हैं।
जानकारों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में चांदी $45 से $50 तक के स्तर छू सकती है, और घरेलू बाज़ार में ₹1,35,000 से लेकर ₹1,40,000 तक के स्तर देखे जा सकते हैं। कुल मिलाकर, बुलियन सेगमेंट में सोने और चांदी दोनों का ट्रेंड पॉज़िटिव दिख रहा है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह? सतर्कता और अवसर
जिस तरह से सोने और चांदी की कीमतें बढ़ रही हैं, यह निवेशकों के लिए अवसर और चुनौती दोनों पैदा कर रहा है। कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता का मानना है कि 2025 के अंत तक सोने का भाव ₹1,20,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भी सोना $3,800 से $4,000 तक और भौतिक बाज़ार में ₹1,20,000 तक के स्तर छू सकता है।
हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहने की भी सलाह दी जा रही है। बीते चार हफ्तों में Gold Price में 10% की बढ़ोतरी के बाद कई निवेशक थोड़े सतर्क हो गए हैं। निकट भविष्य में कीमतें स्थिर भी हो सकती हैं, क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में, विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशकों को बाज़ार की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए। यह समय भावनाओं में बहकर नहीं, बल्कि सोच-समझकर निवेश का फैसला लेने का है। दीर्घकालिक निवेश के लिए सोने में निवेश अभी भी एक सुरक्षित विकल्प बना हुआ है, लेकिन छोटी अवधि के लिए बाज़ार की हर गतिविधि पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष:
सोने और चांदी दोनों का ट्रेंड मजबूत बुलिश दिख रहा है, और आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और तेज़ी की गुंजाइश बनी हुई है। फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दर में कटौती, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीद, कमज़ोर अमेरिकी डॉलर और बढ़ती महंगाई जैसे कई कारक Gold Price को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। चांदी भी अपने औद्योगिक और कीमती धातु के गुणों के कारण सोने को टक्कर देती दिख रही है और 2025 में बड़े लक्ष्य हासिल कर सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों ने निवेशकों को मौजूदा अस्थिरता के बीच सतर्क रहने और बाज़ार पर गहरी नज़र रखने की सलाह दी है। आने वाले समय में ये कीमती धातुएं आपकी निवेश रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
FAQs:
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सोने का भाव 2025 के अंत तक कहां तक जा सकता है? सोने का भाव 2025 के अंत तक ₹1,20,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। यह अनुमान कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता द्वारा व्यक्त किया गया है, जो फेडरल रिजर्व की नीतियों और वैश्विक आर्थिक कारकों पर आधारित है।
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फेडरल रिजर्व के फैसले का Gold Price पर क्या असर होगा? अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो Gold Price में और तेज़ी आएगी। हालांकि, यदि फेड फैसला टालता है, तो सोने की कीमतों में ऊपरी स्तरों से मुनाफा वसूली भी आ सकती है, लेकिन इसकी उम्मीद कम है।
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Gold Price में तेजी के प्रमुख कारण क्या हैं? Gold Price में तेजी के मुख्य कारणों में फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती की उम्मीद, बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और बढ़ती महंगाई शामिल हैं।
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क्या चांदी भी सोने की तरह महंगा होगा? हाँ, विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी में भी तेज़ी बरकरार रहेगी और यह इस साल Gold Price को भी मात दे सकती है। औद्योगिक धातुओं की बढ़ती मांग और गोल्ड-सिल्वर रेश्यो चांदी को मजबूत समर्थन दे रहे हैं।
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निवेशकों को Gold Price में इस समय क्या करना चाहिए? निवेशकों को इस समय सतर्क रहने और बाज़ार की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखने की सलाह दी जा रही है। निकट भविष्य में कीमतें स्थिर हो सकती हैं क्योंकि फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतज़ार है। दीर्घकालिक निवेशक सोच-समझकर निवेश करें।