Erectile Dysfunction: डायबिटीज में नपुसंकता और कमजोरी के इलाज के लिए एक्सपर्ट ने सुझाए 5 अचूक उपाय
Erectile Dysfunction की समस्या डायबिटिक मरीजों में बहुत कॉमन है. विशेषज्ञ डॉक्टर इरफान शेख बता रहे हैं कि शुगर कंट्रोल क्यों जरूरी है और लाइफस्टाइल बदलकर इस गंभीर समस्या से कैसे पाएं परमानेंट रिलीफ।

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: 22 Sep 2025
भारत, जहां डायबिटीज एक महामारी की तरह फैल रही है, वहाँ अब इससे जुड़ी एक और गंभीर स्वास्थ्य चुनौती तेजी से बढ़ रही है, और वह है पुरुषों में इरेक्शन की समस्या यानी Erectile Dysfunction। यह खबर उन लाखों पुरुषों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो अपनी खराब होती सेक्सुअल हेल्थ को लेकर चिंतित हैं। यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. इरफान शेख (यूरोलाइफ स्टोन एंड मेंस क्लिनिक, पुणे) जैसे विशेषज्ञ यह स्पष्ट करते हैं कि डायबिटीज सीधे तौर पर मेल इरेक्शन को प्रभावित करता है और अब यह डायबिटिक मरीजों में एक बहुत ही आम समस्या बन चुकी है। अगर आप लंबे समय से डायबिटीज से जूझ रहे हैं और अपनी मर्दाना सेहत में कमी महसूस कर रहे हैं, तो यह विशेषज्ञ जानकारी आपके लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आई है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आखिर डायबिटीज और इरेक्शन के बीच क्या संबंध है, यह समस्या क्यों होती है, और सबसे महत्वपूर्ण—इस समस्या से स्थायी राहत पाने के लिए आपको कौन से वैज्ञानिक और चिकित्सा आधारित उपाय अपनाने चाहिए, जो सीधे विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए हैं।
Erectile Dysfunction: क्यों हो रही है इरेक्शन की समस्या इतनी आम?
भारत में डायबिटीज की बढ़ती दर ने Erectile Dysfunction (ED) को एक बहुत ही कॉमन समस्या बना दिया है, जिसे चिकित्सकीय भाषा में इरेक्शन का प्रॉब्लम या नपुंसकता कहा जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि डायबिटीज और मोटापा (ओबेसिटी) एक-दूसरे के साथ-साथ चलने वाली समस्याएं हैं, क्योंकि डायबिटीज की वजह से अक्सर वेट गेन होता है और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ जाता है। यह समझना आवश्यक है कि मोटापा अपने आप में भी Erectile Dysfunction का एक प्रमुख कारण है, भले ही किसी व्यक्ति को डायबिटीज हो या न हो। हालांकि, जब डायबिटीज और मोटापा साथ मिलते हैं, तो यह इरेक्शन की कमजोरी को कई गुना बढ़ा देते हैं। डॉ. शेख इस बात पर जोर देते हैं कि Erectile Dysfunction की जड़ें शारीरिक प्रक्रियाओं में निहित हैं, और यह कोई मानसिक समस्या नहीं है। डायबिटीज मुख्य रूप से तीन प्रमुख कारणों से इरेक्शन को प्रभावित करता है, जिनके बारे में जानकारी होने पर ही सही इलाज संभव हो पाता है। इन कारणों में शरीर की नसों का प्रभावित होना, रक्त संचार में बाधा आना, और धमनियों में वसा का जमाव शामिल है, जो अनियंत्रित शुगर के कारण लगातार बढ़ते रहते हैं और मरीज को गंभीर स्थिति तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए, अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो यह जान लें कि आप अकेले नहीं हैं, बल्कि यह डायबिटीज की प्रगतिशील बीमारी का एक सामान्य परिणाम है।
डायबिटीज कैसे करता है इरेक्शन को प्रभावित?
डायबिटीज शरीर की आंतरिक कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाकर इरेक्शन की क्षमता को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। विशेषज्ञता के आधार पर, इसके तीन प्राथमिक चिकित्सा कारण बताए गए हैं जो सीधे Erectile Dysfunction को जन्म देते हैं:
- नर्व्स का प्रभावित होना: डायबिटीज सबसे पहले आपकी नसों (Nerves) को प्रभावित कर सकती है, जिसकी वजह से पेनिस और पेल्विक क्षेत्र की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, और इरेक्शन पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- माइक्रो सर्कुलेशन में कमी: दूसरा प्रमुख कारण यह है कि डायबिटीज की वजह से शरीर का माइक्रो सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिसके परिणामस्वरूप पेनिस में ब्लड फ्लो यानी खून का बहाव कम हो जाता है। इरेक्शन के लिए पेनिस में पर्याप्त रक्त का बहाव होना अत्यंत आवश्यक है, और इसकी कमी इरेक्शन को कमजोर बना देती है।
- एथेरोस्क्लेरोसिस: तीसरा और सबसे गंभीर कारण मेजर ब्लड वेसल्स में कैल्शियम का जमाव या एथेरोस्क्लेरोसिस (यानी आर्टरी में फैट डिपॉजिट होना) है। अगर शुगर को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह जमाव लगातार बढ़ता रहता है। यह स्थिति अक्सर मरीजों को उस स्टेज में ले आती है, जहां उन्हें बिल्कुल भी इरेक्शन नहीं होता।
इन सभी कारणों के पीछे एक ही मुख्य वजह है: लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड शुगर। यदि शुगर का स्तर नियंत्रण में नहीं है, तो ये सभी समस्याएं प्रगतिशील रहती हैं, यानी समय के साथ खराब होती जाती हैं। इसलिए, केवल बाहरी इलाज पर निर्भर रहने की बजाय, समस्या की जड़ यानी शुगर कंट्रोल पर ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है।
शुगर कंट्रोल ही है परमानेंट इलाज की पहली शर्त
डॉ. इरफान शेख दृढ़ता से यह सलाह देते हैं कि यदि आप डायबिटीज से प्रभावित हैं और Erectile Dysfunction का कोई भी उपचार ले रहे हैं, तो सबसे पहला और सबसे जरूरी उपाय है अपनी शुगर को नियंत्रित करना। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर आपकी शुगर कंट्रोल में नहीं है, और आप किसी भी तरह का ट्रीटमेंट जैसे मेडिकल मैनेजमेंट या शॉकवेव थेरेपी ले रहे हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म रिलीफ नहीं मिल पाएगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक तरफ आप इलाज करवा रहे होते हैं, लेकिन दूसरी तरफ आपकी बीमारी (डायबिटीज) अंदर-ही-अंदर प्रगति कर रही होती है, जिससे दोनों विपरीत दिशाओं में काम कर रहे होते हैं। कुछ समय बाद मरीज को यह महसूस होने लगता है कि दवा का असर कम हो रहा है, या उन्हें अधिक डोस लेने की जरूरत पड़ रही है, या शॉकवेव थेरेपी का रिस्पांस जो 6 महीने या 1 साल के लिए आया था, वह कम हो गया है। अनियंत्रित ब्लड शुगर ही इन स्थितियों का मूल कारण है, और दुर्भाग्य से, ऐसे मरीजों को अंततः सर्जिकल मैनेजमेंट (जैसे फिनाइल इंप्लांट सर्जरी) की ओर बढ़ना पड़ता है क्योंकि शुरुआती इलाज काम करना बंद कर देते हैं। इसलिए, किसी भी उपचार की सफलता के लिए, चाहे वह प्रारंभिक हो या उन्नत, शुगर पर कड़ी निगरानी रखना और उसे नियंत्रण में रखना ही एकमात्र दीर्घकालिक समाधान है।
लाइफस्टाइल सुधारें और मोटापा करें कम
Erectile Dysfunction और डायबिटीज दोनों के प्रबंधन के लिए जीवनशैली में सुधार लाना अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए दो महत्वपूर्ण लाइफस्टाइल बदलावों पर जोर देते हैं:
- वेट कंट्रोल (वजन नियंत्रण): अपना वजन नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, डायबिटीज अक्सर मोटापे (ओबेसिटी) को जन्म देता है, और मोटापा अपने आप में भी Erectile Dysfunction का एक प्रमुख कारण है।
- नियमित व्यायाम (रेगुलर एक्सरसाइज): नियमित रूप से व्यायाम करना शुगर को नियंत्रित करने और इरेक्शन को बेहतर बनाने—दोनों के काम आता है।
ये लाइफस्टाइल सुधार न केवल आपके इरेक्शन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, बल्कि समग्र डायबिटीज प्रबंधन में भी सहायक होंगे, जिससे आप बीमारी की प्रगति को धीमा कर सकते हैं। विशेषज्ञ स्पष्ट करते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर ही आप अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से परमानेंट रिलीफ पा सकते हैं।
स्टेज के अनुसार होता है Erectile Dysfunction का इलाज
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का उपचार हमेशा उसकी गंभीरता के स्टेज पर निर्भर करता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार, अगर आप प्रारंभिक अवस्था में डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, तो इलाज के बेहतर विकल्प उपलब्ध होते हैं।
- प्रारंभिक अवस्था: इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इनिशियल स्टेज में, इसका इलाज मेडिकल मैनेजमेंट (दवाइयों) या शॉकवेव थेरेपी के माध्यम से किया जा सकता है। ये तरीके ब्लड फ्लो और नसों को सुधारने में मदद करते हैं, लेकिन इनकी सफलता शुगर कंट्रोल पर निर्भर करती है।
- एडवांस स्टेज: कई मरीजों को एडवांस स्टेज Erectile Dysfunction होता है, विशेष रूप से अगर उन्होंने लंबे समय तक अपनी शुगर पर ध्यान नहीं दिया है। ऐसे उन्नत मामलों में, फिनाइल इंप्लांट सर्जरी (Penile Implant Surgery) की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
डॉक्टर इस बात को बार-बार दोहराते हैं कि उपचार का कोई भी रूप, चाहे वह शॉकवेव थेरेपी हो या दवाएं, तभी प्रभावी हो पाएगा जब मरीज अपनी शुगर पर नियंत्रण रखेगा।
Conclusion
संक्षेप में कहें तो, भारत में डायबिटीज की व्यापकता के साथ Erectile Dysfunction का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसका सीधा कारण अनियंत्रित ब्लड शुगर, मोटापा, और धमनियों में वसा का जमाव है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इरेक्शन की समस्या को स्थायी रूप से ठीक करने के लिए सबसे पहला कदम शुगर को नियंत्रित करना है, अन्यथा कोई भी चिकित्सा उपचार लंबे समय तक राहत नहीं दे पाएगा। लाइफस्टाइल में सुधार, वजन नियंत्रण, और नियमित व्यायाम इस समस्या को जड़ से कमजोर करने में सहायक हैं। चिकित्सा क्षेत्र में इस विषय पर जागरूकता बढ़ रही है, और आने वाले समय में पुरुष स्वास्थ्य से संबंधित और अधिक विस्तृत और विशेष जानकारी सामने लाई जाएगी, जिससे डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों को बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी।
FAQs
1. Erectile Dysfunction (ED) क्या है और यह डायबिटीज से कैसे जुड़ा है? Erectile Dysfunction (ED) मेल इरेक्शन की वह समस्या है जो डायबिटिक मरीजों में बहुत कॉमन है। डायबिटीज के कारण नसों को क्षति पहुँचती है और पेनिस में रक्त का बहाव कम हो जाता है। यही कारण है कि अगर आपकी शुगर कंट्रोल नहीं है, तो ED की समस्या बढ़ जाती है।
2. डायबिटीज में इरेक्शन की कमजोरी के मुख्य कारण क्या हैं? डायबिटीज में इरेक्शन की कमजोरी के तीन मुख्य कारण हैं: पेनिस की नसों का प्रभावित होना, माइक्रो सर्कुलेशन (रक्त बहाव) कम होना, और धमनियों में कैल्शियम या फैट का जमाव (एथेरोस्क्लेरोसिस)। मोटापा भी इसका एक प्रमुख कारण है, जो डायबिटीज के साथ अक्सर जुड़ा रहता है।
3. क्या केवल दवाइयों से Erectile Dysfunction का इलाज संभव है? प्रारंभिक अवस्था में मेडिकल मैनेजमेंट या शॉकवेव थेरेपी जैसे इलाज संभव हैं, लेकिन अगर शुगर कंट्रोल नहीं है तो लंबे समय तक दवाइयों का असर नहीं पड़ेगा। Erectile Dysfunction के स्थायी इलाज के लिए शुगर और लाइफस्टाइल कंट्रोल सबसे पहली शर्त है।
4. गंभीर Erectile Dysfunction होने पर कौन सा उपचार विकल्प उपलब्ध है? गंभीर (एडवांस स्टेज) Erectile Dysfunction होने पर, खासकर उन मरीजों में जिनका शुगर कंट्रोल नहीं रहता, उन्हें फिनाइल इंप्लांट सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। यह उपचार की अंतिम पंक्ति है जब अन्य गैर-सर्जिकल तरीके प्रभावी नहीं होते हैं।
5. डायबिटीज के मरीज इरेक्शन को सुधारने के लिए क्या कर सकते हैं? डायबिटीज के मरीज इरेक्शन को सुधारने के लिए सबसे पहले अपनी शुगर को सख्ती से नियंत्रित करें। इसके अलावा, नियमित व्यायाम करना और अपने शरीर का वजन नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह दोनों ही चीजें इरेक्शन और शुगर कंट्रोल में मदद करती हैं।