Rapid Rail: दिल्ली-करनाल नमो भारत कॉरिडोर को ₹33 हजार करोड़ की मंजूरी जल्द, 103 से 136 KM विस्तार

Rapid Rail दिल्ली-करनाल कॉरिडोर की संशोधित DPR मंत्रालय पहुंची। अब 17 की जगह 21 स्टेशन बनेंगे, 70 मिनट में सफर पूरा होगा। जानिए हरियाणा के किन जिलों को मिलेगा लाभ।

Sep 22, 2025 - 13:49
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Rapid Rail: दिल्ली-करनाल नमो भारत कॉरिडोर को ₹33 हजार करोड़ की मंजूरी जल्द, 103 से 136 KM विस्तार
दिल्ली-करनाल नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर का विस्तार

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 22 Sep 2025

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को एक नई रफ्तार देने वाली ब्रेकिंग न्यूज़ सामने आई है, जहां दिल्ली-पानीपत-करनाल नमो भारत कॉरिडोर की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के पास पहुंच गई है, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जल्द ही कैबिनेट मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। यह परियोजना, जो अब तक 103.02 किलोमीटर लंबी और 17 स्टेशनों वाली थी, उसे अब ₹33,051.15 करोड़ की अनुमानित लागत के साथ 136.30 किलोमीटर तक विस्तार दिया गया है और इसमें कुल 21 स्टेशन शामिल होंगे। इस बड़े विस्तार का सबसे सीधा और महत्वपूर्ण लाभ उन लाखों यात्रियों को मिलेगा, जिनका समय दिल्ली के सराय काले खां से करनाल स्टैंड तक की यात्रा में लगभग दो घंटे तक कम हो जाएगा, क्योंकि यह दूरी नमो भारत रैपिड ट्रेन के जरिए केवल 70 मिनट में पूरी हो सकेगी। वर्तमान में, इसी दूरी को तय करने में सुपरफास्ट ट्रेन से भी डेढ़ से दो घंटे और बस से ढाई से तीन घंटे लग जाते हैं, जिससे यह कॉरिडोर न केवल यात्रा को तेज करेगा, बल्कि हरियाणा के सोनीपत, पानीपत और करनाल जिलों में विकास और आवागमन को भी अभूतपूर्व गति प्रदान करेगा। इस परियोजना में हरियाणा का हिस्सा करीब ₹7,472.11 करोड़ रुपए होगा, जो क्षेत्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश को दर्शाता है।

Rapid Rail कॉरिडोर का बड़ा विस्तार: 17 से बढ़कर 21 हुए स्टेशन, लागत ₹33 हजार करोड़

नमो भारत कॉरिडोर के इस संशोधित खाके ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) अंतर-राज्यीय कनेक्टिविटी को कितनी गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि दिसंबर 2020 की पिछली DPR की तुलना में परियोजना के दायरे में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, जो इसे और अधिक व्यापक बनाती है। अब 103.02 किलोमीटर की लंबाई 136.30 किलोमीटर हो गई है, जिससे चार नए स्टेशन जुड़ गए हैं और स्टेशनों की कुल संख्या 21 तक पहुँच गई है। इन 21 स्टेशनों में से 6 स्टेशन दिल्ली में स्थित होंगे, जबकि 15 स्टेशन हरियाणा राज्य के भीतर बनाए जाएंगे, जिससे राज्य के बड़े हिस्से को Rapid Rail नेटवर्क का सीधा लाभ मिलेगा। हरियाणा के अंदर, स्टेशनों का वितरण भी सुनियोजित ढंग से किया गया है; सोनीपत जिले में 6 स्टेशन, पानीपत जिले में 5 स्टेशन और करनाल जिले में 4 स्टेशन स्थापित करने की योजना है। यह विस्तार केवल स्टेशनों की संख्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह परियोजना की अनुमानित लागत को भी ₹33,051.15 करोड़ रुपए तक ले जाता है। इस भारी-भरकम बजट के बावजूद, इस कॉरिडोर को जल्द मंजूरी मिलने के प्रबल संकेत इसलिए भी माने जा रहे हैं क्योंकि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, जिसके पास केंद्रीय कैबिनेट बट की जिम्मेदारी है, वर्तमान में मनोहर लाल के पास है, और मनोहर लाल स्वयं करना-पानीपत क्षेत्र से सांसद हैं, जिससे माना जा रहा है कि इस कॉरिडोर का कार्य जल्द ही शुरू हो सकता है। नमो भारत कॉरिडोर का यह व्यापक नेटवर्क राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के यातायात दबाव को कम करने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा।

हरियाणा के तीन जिलों को मिलेगा सीधा लाभ, 15 स्टेशन राज्य सीमा में

इस Rapid Rail परियोजना का मुख्य फोकस हरियाणा के प्रमुख शहरों को दिल्ली के साथ निर्बाध गति से जोड़ना है। हरियाणा में बनने वाले कुल 15 स्टेशनों में से, सोनीपत, पानीपत और करनाल जिले सीधे इस उच्च-गति नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। संशोधित डीपीआर के अनुसार, कई महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ते हुए नए स्टेशन शामिल किए गए हैं, जिनमें केएमपी (KMP), बड़ी (Barhi), पानीपत सेक्टर-18 (Panipat Sector-18) और गांजबड़ (Ganjbar) शामिल हैं। करनाल जिले के अंदर भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जहां पहले मधुवन में स्टेशन प्रस्तावित था, उसे बदलकर अब करनाल बाइपास पर स्टेशन बनाने का निर्णय लिया गया है। यह बदलाव संभवतः क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस कॉरिडोर के शुरू होने से न केवल व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दैनिक यात्रियों के लिए भी जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा, क्योंकि वे दिल्ली के सराय काले खां से हरियाणा के प्रमुख शहरों तक अत्यंत कम समय में पहुंच सकेंगे। यह परियोजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा और दिल्ली (मुनीरका) रोहतक जैसे अन्य कॉरिडोर की डीपीआर पर भी कार्य शुरू हो चुका है।

दिल्ली से करनाल तक 70 मिनट का सफर, जानिए रूट और भूमिगत हिस्से

परियोजना की सबसे आकर्षक विशेषता समय की बचत है, जो इसे वास्तव में ‘रैपिड’ (तेज) बनाती है। जब यह कॉरिडोर पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तब यात्री दिल्ली के सराय काले खां से करनाल स्टैंड तक की दूरी को मात्र 70 मिनट में तय कर पाएंगे, जो वर्तमान समय (बस से 2.5-3 घंटे) को देखते हुए एक क्रांतिकारी सुधार है। तकनीकी दृष्टिकोण से भी, यह कॉरिडोर अत्याधुनिक है; परियोजना का अधिकांश हिस्सा यानी 129 किलोमीटर एलिवेटेड (ऊपरी) होगा। हालाँकि, शहरी घने क्षेत्रों में, यात्रियों की सुविधा और भूमि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, कुछ हिस्से अंडरग्राउंड (भूमिगत) भी बनाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, कश्मीरी गेट (दिल्ली) और पानीपत शहर में पानीपत साउथ के नाम से पहचाने जाने वाला एक स्टेशन भूमिगत होगा। इन अंडरग्राउंड स्टेशनों का निर्माण शहर के बीचों-बीच कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ भूमि अधिग्रहण और सतह पर निर्माण कठिन होता है।

अन्य नमो भारत कॉरिडोर परियोजनाओं की प्रगति

दिल्ली-करनाल परियोजना की समीक्षा के अलावा, बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा संचालित अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। एनसीआर में एक अन्य महत्वपूर्ण गलियारा दिल्ली (मुनीरका)-रोहतक नमो भारत कॉरिडोर है, जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पर कार्य शुरू हो चुका है। यह कॉरिडोर दिल्ली आईजीआई टर्मिनल 1, 2 और 3, शोभूमि (द्वारका सेक्टर-25), नजफगढ़, बहादुरगढ़ और रोहतक को जोड़ेगा, जिससे हवाई अड्डों तक भी सहज क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इसके अलावा, गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा/ग्रेटर नोएडा नमो भारत कॉरिडोर के डीपीआर पर भी तेजी से काम चल रहा है। इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पूरे एनसीआर में एक मजबूत और एकीकृत Rapid Rail नेटवर्क स्थापित हो।

गुरुग्राम रैपिड मेट्रो में यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि

जहां नए कॉरिडोर की योजना बन रही है, वहीं मौजूदा Rapid Rail सेवाओं का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा है। हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएमआरटीसी) की 62वीं बोर्ड बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम रैपिड मेट्रो ने अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच असाधारण प्रदर्शन किया है। इस अवधि में कुल 62.49 लाख यात्रियों ने मेट्रो सेवा का उपयोग किया। यह आंकड़ा साल 2024 की समान अवधि की तुलना में 13.59% की वृद्धि दर्शाता है, जो स्पष्ट संकेत है कि लोग क्षेत्रीय Rapid Rail सेवाओं पर तेजी से भरोसा कर रहे हैं। किराया राजस्व में भी 11.87% की अग्रलेखनीय वृद्धि हुई है। इसी बीच, गुरुग्राम रैपिड मेट्रो प्रणाली को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) से गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिसका संचालन और रखरखाव अस्थायी रूप से डीएमआरसी व जीएमआरएल द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

Conclusion

दिल्ली-करनाल नमो भारत कॉरिडोर का यह संशोधित और विस्तारित खाका NCR में कनेक्टिविटी के भविष्य को दर्शाता है। ₹33 हजार करोड़ से अधिक की लागत वाला यह Rapid Rail प्रोजेक्ट 17 से 21 स्टेशनों तक बढ़ने के साथ, हरियाणा के तीन प्रमुख जिलों को सीधे दिल्ली से केवल 70 मिनट में जोड़ देगा, जिससे आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिलेगा। केंद्रीय मंत्रालय को डीपीआर पहुंचने के बाद, जल्द ही कैबिनेट से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, यह कॉरिडोर न केवल दिल्ली और हरियाणा के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक मजबूत, कुशल और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की नींव रखेगा, जिससे भविष्य में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।


FAQs (5 Q&A)

1. दिल्ली-करनाल नमो भारत कॉरिडोर की नई अनुमानित लागत कितनी है? Rapid Rail दिल्ली-करनाल नमो भारत कॉरिडोर की संशोधित डीपीआर के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹33,051.15 करोड़ रुपए है। इसमें हरियाणा राज्य का हिस्सा लगभग ₹7,472.11 करोड़ रुपए होगा।

2. Rapid Rail शुरू होने के बाद दिल्ली से करनाल तक यात्रा में कितना समय लगेगा? यह Rapid Rail कॉरिडोर पूरा होने के बाद, दिल्ली के सराय काले खां से करनाल स्टैंड तक की दूरी सिर्फ 70 मिनट में तय की जा सकेगी। यह वर्तमान बस या सुपरफास्ट ट्रेन यात्रा समय से लगभग डेढ़ से दो घंटे कम है।

3. दिल्ली-करनाल कॉरिडोर में अब कुल कितने स्टेशन बनेंगे? संशोधित डीपीआर के तहत, दिल्ली-करनाल Rapid Rail कॉरिडोर में अब 17 की जगह कुल 21 स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें से 6 स्टेशन दिल्ली में और 15 स्टेशन हरियाणा राज्य में स्थित होंगे, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

4. दिल्ली-करनाल नमो भारत कॉरिडोर का कितना हिस्सा एलिवेटेड (ऊपरी) होगा? दिल्ली-करनाल Rapid Rail कॉरिडोर का 129 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा। केवल कश्मीरी गेट (दिल्ली) और पानीपत शहर में (पानीपत साउथ के नाम से) एक स्टेशन भूमिगत होगा।

5. संशोधित DPR में कौन से नए स्टेशन जोड़े गए हैं? संशोधित डीपीआर के अनुसार, इस Rapid Rail कॉरिडोर में केएमपी, बड़ी, पानीपत सेक्टर-18, और गांजबड़ नए स्टेशन जोड़े गए हैं। साथ ही, करनाल में मधुवन की जगह करनाल बाइपास पर स्टेशन बनेगा।

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