एनसीआर मौसम: दिल्ली-NCR में बारिश का अलर्ट जारी, यमुना का जलस्तर घटने से मिली बड़ी राहत
एनसीआर मौसम को लेकर ताजा खबर: दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना, लेकिन मूसलाधार बारिश का अलर्ट नहीं। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आने से मिली राहत।

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 08 Sep 2025
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासियों के लिए मौसम विभाग ने एक महत्वपूर्ण अलर्ट जारी किया है, जिसके अनुसार अभी भी इन इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। सुबह के समय भी दिल्ली का मौसम 'बिगड़ा हुआ' बना हुआ है, जिससे आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और एक अजीब सी उमस महसूस की जा रही है जो दिन की शुरुआत को प्रभावित कर रही है। हालांकि, इस बीच दिल्ली और एनसीआर के लिए एक बड़ी राहत की खबर भी सामने आई है, जहां पिछले कई दिनों से चिंता का विषय बनी हुई यमुना नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे नीचे आना शुरू हो गया है, जिससे बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति से कुछ हद तक निजात मिलने की उम्मीद जगी है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में और बारिश होने की संभावना व्यक्त की है, लेकिन एक राहत की बात यह है कि मूसलाधार बारिश को लेकर फिलहाल कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया गया है। इसका अर्थ है कि अत्यधिक भारी बारिश, जो अक्सर शहरी इलाकों में जलभराव और अचानक बाढ़ का कारण बनती है, उसकी आशंका अभी कम है। यह सूचना उन लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो एनसीआर मौसम की पल-पल की जानकारी पर नज़र रख रहे हैं और अपनी दैनिक गतिविधियों की योजना बना रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब नदी का जलस्तर चरम पर पहुंचने के बाद अब धीरे-धीरे कम हो रहा है।
एनसीआर मौसम अपडेट: दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने दिल्ली और एनसीआर के लिए अपने नवीनतम पूर्वानुमान में यह स्पष्ट कर दिया है कि बारिश का दौर अभी थमा नहीं है और आने वाले कुछ दिनों तक यह जारी रह सकता है। वर्तमान में भी सुबह का मौसम 'बिगड़ा हुआ' है, जिसका मतलब है कि आसमान में बादल छाए हुए हैं, सूर्य की किरणें सीधे धरती तक नहीं पहुंच पा रही हैं और हवा में नमी का स्तर बढ़ा हुआ है, जो हल्की फुल्की बूंदाबांदी या मध्यम बारिश की स्थिति को बनाए रख सकता है। यह स्थिति उन लोगों के लिए थोड़ी परेशानी का सबब बन सकती है जिन्हें खुले में काम करना होता है या लंबी दूरी की यात्रा करनी होती है। हालांकि, इस पूरे पूर्वानुमान में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि मौसम विभाग की ओर से मूसलाधार बारिश यानी बहुत भारी बारिश को लेकर कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया गया है। यह संकेत देता है कि दिल्ली-एनसीआर को हाल ही में हुई भयानक बारिश जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिसने कई इलाकों में बड़े पैमाने पर जलभराव और जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। फिर भी, हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना को देखते हुए, प्रशासन और स्थानीय निवासियों दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके। यह एनसीआर मौसम की स्थिति उन किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिनकी फसलें हाल ही में हुए जलभराव से प्रभावित हुई हैं, क्योंकि अतिरिक्त बारिश उनके लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है।
यमुना का जलस्तर घटा, खतरे के निशान से नीचे आने की उम्मीद
दिल्ली और एनसीआर के लिए एक बड़ी राहत की खबर यमुना नदी के जलस्तर को लेकर आई है, जो पिछले पांच दिनों से लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था। यमुना का जलस्तर एक समय 207.55 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर था, और कुछ रिपोर्टों के अनुसार यह 208.19 मीटर तक भी पहुंच गया था। इस अत्यधिक जलस्तर के कारण नदी के किनारे बसे कई निचले इलाकों में पानी घुस गया था, जिससे हजारों लोग विस्थापित हुए और फसलों को भारी नुकसान हुआ। हालांकि, अब यह जानकारी मिली है कि रविवार से ही यमुना का जलस्तर घटना शुरू हो गया है और यह वर्तमान में 205 मीटर तक पहुंच गया है, जिसे दिल्ली में खतरे का निशान माना जाता है। कुछ नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यह जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया है। यह गिरावट उन सभी के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है जो नदी की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे थे, क्योंकि अब यह उम्मीद की जा रही है कि यमुना का जलस्तर जल्द ही खतरे के निशान से भी नीचे चला जाएगा। इस सुधार में ओखला बैराज की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके सभी गेट खोल दिए गए हैं, जिससे नदी का अतिरिक्त पानी आगे निकल रहा है और जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। स्थानीय लोगों और मछुआरों ने भी जलस्तर में कमी की पुष्टि की है, उनका कहना है कि कल से पानी करीब 10 फुट कम हो गया है।
बाढ़ के निशान: कैसे पता चलता है यमुना के उफान का स्तर?
यमुना नदी का जलस्तर जब खतरे के निशान से ऊपर चढ़ता है, तो इसके संकेत कई जगहों पर स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं, जो नदी के उफान के वास्तविक स्तर को दर्शाते हैं। जैसे कि बिजली के खंभों या टावरों के सीमेंटेड पिलर पर बने निशान, जो आमतौर पर नदी के किनारे देखे जाते हैं, बाढ़ के पानी के स्तर को बताने में सहायक होते हैं। इन पिलरों पर पानी के जमाव के कारण अक्सर "काई" या मिट्टी जैसी परत जम जाती है, जो यह दिखाती है कि पानी किस ऊंचाई तक पहुंचा था। वीडियो रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि कैसे बिजली के खंभों पर दो अलग-अलग रंग, जिसमें निचले हिस्से पर जमी काई दिख रही है, वह उस अधिकतम स्तर को दर्शाती है जहां तक यमुना का पानी पहुंचा था जब वह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। छह दिन पहले, जब ग्राउंड रिपोर्टिंग की गई थी, तब यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे था, लेकिन पिछले पांच दिनों के भीतर यह तेजी से बढ़कर 207 से 208 मीटर के स्तर को पार कर गया था। नदी के किनारे का वह मैदान जो आमतौर पर सूखा रहता है, वह भी पिछले छह दिनों से लगातार बढ़े हुए जलस्तर के कारण पूरी तरह से पानी और कीचड़ से ढका हुआ दिख रहा है। यह सभी दृश्य संकेत नदी की भयावह स्थिति को दर्शाते थे जब उसका जलस्तर अपने चरम पर था, और अब ये निशान ही बताते हैं कि पानी कितनी ऊंचाई तक पहुंचा था।
स्थानीय लोगों को मिली राहत, पानी 10 फुट कम हुआ
यमुना नदी के जलस्तर में कमी आने से नदी के किनारे बसे उन स्थानीय निवासियों और मछुआरों को बड़ी राहत मिली है, जो पिछले कई दिनों से बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे थे। ओखला बैराज के पास का वह मंदिर इलाका, जो आमतौर पर निचले हिस्से में रहता है, पूरी तरह से पानी में डूब गया था। मछुआरे, जिनके घर अक्सर नदी के पास होते हैं, उन्हें अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर अस्थायी झोपड़ियां बनाकर रहना पड़ा था। स्थानीय लोगों ने बताया है कि पानी का स्तर कल से लगभग 10 फुट कम हो गया है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत है और उन्हें सामान्य जीवन की ओर लौटने की उम्मीद दे रहा है। जब यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था, तब सरकार और दिल्ली पुलिस लगातार स्थिति की निगरानी कर रही थी। दिल्ली पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए नौकाओं और बचाव दल को तैनात कर रखा था कि यदि कोई व्यक्ति या जानवर पानी में फंसता है, तो उसे तुरंत बचाया जा सके। मछुआरे भी इस दौरान अपने सामान्य कामकाज से दूर थे, और अब जलस्तर कम होने से वे धीरे-धीरे अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। यह पूरी स्थिति दिखाती है कि कैसे नदी का जलस्तर सीधे तौर पर स्थानीय आबादी के जीवन और आजीविका को प्रभावित करता है।
आगे क्या? मौसम विभाग और जलस्तर पर निगरानी जारी
वर्तमान में, दिल्ली और एनसीआर में बारिश जारी रहने का अनुमान है, हालांकि मूसलाधार बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। वहीं, यमुना का जलस्तर अभी भी 205.33 मीटर पर बना हुआ है, जो दिल्ली में खतरे के निशान के बराबर माना जाता है। यह स्थिति दर्शाती है कि खतरा पूरी तरह से टला नहीं है, लेकिन इसमें काफी सुधार हुआ है। ओखला बैराज के 27 गेट अभी भी खुले हुए हैं, जिससे पानी लगातार निकल रहा है और उम्मीद है कि जलस्तर और नीचे जाएगा। सरकारी एजेंसियां और दिल्ली पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी नई चुनौती से तत्काल निपटा जा सके। स्थानीय निवासियों को भी सलाह दी गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। आने वाले दिनों में एनसीआर मौसम और यमुना नदी दोनों की स्थिति पर बारीक नजर रखी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिल्ली और एनसीआर के निवासियों को किसी भी अप्रत्याशित संकट का सामना न करना पड़े। जलस्तर में कमी आना एक सकारात्मक विकास है, लेकिन पूरी तरह से सुरक्षित स्थिति में पहुंचने तक सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।