Nifty 25,400 तक जाएगा? FII बिकवाली, Q2 नतीजे और 28,500 करोड़ के IPOs के बीच क्या करें निवेशक?

Nifty में इस हफ्ते भी तेजी की उम्मीद है, लेकिन 25,400 पर मजबूत रेजिस्टेंस है. मेटल और PSU बैंकों की रैली के बाद, Q2 नतीजे, बड़े IPOs और ग्लोबल इवेंट्स बाजार की दिशा तय करेंगे. जानें निवेश की सही रणनीति।

Oct 5, 2025 - 20:13
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Nifty 25,400 तक जाएगा? FII बिकवाली, Q2 नतीजे और 28,500 करोड़ के IPOs के बीच क्या करें निवेशक?
शेयर बाजार की खबर: निफ्टी का साप्ताहिक विश्लेषण, Q2 रिजल्ट्स और IPO ट्रिगर्स

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 05 Oct 2025

Nifty 25,400 तक जाएगा? FII बिकवाली, Q2 नतीजे और 28,500 करोड़ के IPOs के बीच क्या करें निवेशक?

भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर तेजी का माहौल देखने को मिल रहा है, जो निवेशकों के लिए उत्साहवर्धक खबर है. बीते हफ्ते Nifty और सेंसेक्स दोनों ने मजबूती दिखाई, और इस सप्ताह भी बाजार से ऐसी ही सकारात्मक उम्मीदें बनी हुई हैं. पिछले प्रदर्शन को देखें तो मेटल और पीएसयू बैंक जैसे प्रमुख सेक्टर्स ने शानदार रैली दिखाकर बाजार को ऊपर धकेला है. हालांकि, अब सबकी नजरें दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों, आने वाले बड़े आईपीओ (IPOs) और कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर टिकी हैं, जो बाजार की अगली दिशा तय करेंगी. यह समय निवेशकों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक तरफ तेजी के संकेत हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली और रुपये की कमजोरी जैसी चुनौतियां भी खड़ी हैं. इस रिपोर्ट में हम इन ट्रिगर्स को आसान भाषा में समझते हुए निवेश की रणनीति पर गहनता से विचार करेंगे। बीते हफ्ते Nifty ने 0.97% और सेंसेक्स ने 0.28% की बढ़त दर्ज की.

Nifty का तकनीकी विश्लेषण: कहां है सपोर्ट और रेजिस्टेंस?

तकनीकी चार्ट (Technical Charts) की बात की जाए, तो Nifty में अभी भी तेजी का माहौल बना हुआ है. डेली चार्ट पर 'बुलिश कैंडल' (Bullish Candle) और 'हाई हायर लो पैटर्न' (High Higher Low Pattern) दिखाई दे रहा है, जो यह दर्शाता है कि बाजार में खरीदारी अभी भी जारी है. यह एक महत्वपूर्ण संकेत है, लेकिन निवेशकों को अहम स्तरों पर नजर बनाए रखनी होगी. यदि Nifty 24,747 अंक के ऊपर मजबूती से बना रहता है, तो यह इंडेक्स 25,100 से 25,400 तक के उच्च स्तरों को छू सकता है. हालांकि, 25,400 के आसपास एक बेहद मजबूत रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) मौजूद है. यह रेजिस्टेंस जून और सितंबर 2025 के उच्च स्तरों से जुड़ा हुआ है, जिसे पार करना बाजार के लिए आसान नहीं होगा. वहीं, अगर बाजार में गिरावट आती है, तो नीचे की ओर 24,400 से 24,600 का स्तर एक महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन (समर्थन क्षेत्र) के रूप में काम करेगा. यह सपोर्ट 200 दिन के ईएमए (200-day EMA) और पिछले निचले स्तरों से मेल खाता है. इस बीच, बैंक निफ्टी में भी 2.21% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह 55,589 अंकों पर पहुंचा, जो समग्र बाजार की मजबूती का संकेत है.

बीते हफ्ते बाजार का प्रदर्शन और सेक्टरों की शानदार रैली

पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन शानदार रहा और लगभग सभी सेक्टर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन, दो सेक्टर्स ने बाजार को मजबूती देने में मुख्य भूमिका निभाई:

  • मेटल सेक्टर: इस सेक्टर में सबसे ज्यादा 3.93% की बढ़त दर्ज की गई. इस शानदार प्रदर्शन के पीछे तीन प्रमुख कारण थे—अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, यूरोपियन यूनियन द्वारा स्टील इंपोर्ट पर 50% का टैरिफ लगाना, और चीन में स्टील उत्पादन में कटौती करना.
  • पीएसयू बैंक: पीएसयू बैंकों ने लगभग 4.5% की बढ़त के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया, जबकि प्राइवेट बैंकों में भी लगभग 3% की ग्रोथ दिखी.
  • अन्य सेक्टर्स: ऑयल एंड गैस सेक्टर ने भी 2.5% से अधिक की तेजी दिखाई, और डिफेंस सेक्टर ने भी 2.5% से ज्यादा की बढ़त दर्ज की. आईटी और एफएमसीजी सेक्टर्स में मामूली बढ़त रही, लेकिन बाजार में सकारात्मक माहौल बना रहा.

दूसरी तिमाही के नतीजे और 28,500 करोड़ के IPOs का असर

आने वाले हफ्ते में बाजार की दिशा तय करने में घरेलू ट्रिगर्स की बड़ी भूमिका होगी, जिसमें Q2 रिजल्ट्स सबसे आगे हैं.

  • Q2 नतीजों का दौर: 9 अक्टूबर को टीसीएस (TCS), टाटा एलेक्सी (Tata Alexi) और जीएम ब्रेवरीज (GM Breweries) जैसी बड़ी कंपनियां अपने तिमाही नतीजे जारी करेंगी. निवेशकों की नजर खास तौर पर आईटी सेक्टर पर रहेगी, क्योंकि इस पर टैरिफ से जुड़ी चिंताओं का असर है, इसलिए टीसीएस के नतीजे विशेष रूप से महत्वपूर्ण होंगे.
  • आईपीओ की लहर: इस हफ्ते बाजार में आईपीओ की एक बड़ी लहर आने वाली है. टाटा कैपिटल (Tata Capital) और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स (LG Electronics) जैसे बड़े आईपीओ खुलेंगे.
  • लिक्विडिटी पर दबाव: कुल पांच आईपीओ (चार मेन बोर्ड और एक एसएमई) के माध्यम से बाजार में लगभग 28,500 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है. इतनी बड़ी पूंजी बाजार से बाहर निकलने से नकदी की कमी, यानी लिक्विडिटी (Liquidity) पर दबाव पड़ सकता है, जो बाजार के लिए एक नकारात्मक कारक साबित हो सकता है.

एफआईआई की बिकवाली और रुपये की कमजोरी: प्रमुख चुनौतियां

बाजार के सामने इस समय कई बड़ी चुनौतियां भी खड़ी हैं, जिन पर निवेशकों को ध्यान देना अनिवार्य है:

  • एफआईआई की बिकवाली: अक्टूबर के शुरुआती दो ट्रेडिंग सेशंस में, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 3,188 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं. एफआईआई की यह बिकवाली बाजार के लिए एक प्रमुख नकारात्मक ट्रिगर की तरह काम कर रही है.
  • रुपये की कमजोरी: रुपये की कमजोरी भी एक ऐसा ट्रिगर है जो बाजार को पीछे खींच रहा है. पिछले हफ्ते भारतीय रुपया 36 पैसे गिरकर 88.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह कमजोरी निर्यातकों के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन बाजार की अस्थिरता बढ़ाती है.

वैश्विक डेटा और सरकारी शटडाउन का खतरा

घरेलू ट्रिगर्स के अलावा, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं भी बाजार की दिशा तय करेंगी:

  • अमेरिकी डेटा: 8 अक्टूबर को अमेरिका के एफओएमसी मिनट्स आएंगे, जिनसे ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व के रुख का संकेत मिलेगा. 9 अक्टूबर को यूएस जॉबलेस क्लेम्स और 7 अक्टूबर को एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का डेटा जारी होना है.
  • सरकारी शटडाउन: अमेरिकी सरकार के शटडाउन का खतरा भी बाजार में बड़ी हलचल बढ़ा सकता है.
  • भारतीय पीएमआई और रिजर्व डेटा: भारत के लिहाज से 6 अक्टूबर काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई (PMI) जारी होगा. 10 अक्टूबर को भारत का फॉरेक्स रिजर्व डेटा भी जारी होगा. ये दोनों ही डेटा निवेशकों के लिए बेहद अहम माने जाते हैं.

निष्कर्ष: निवेश की रणनीति और भविष्य की संभावना

कुल मिलाकर, इस हफ्ते बाजार में तेजी की संभावनाएं हैं, बशर्ते Nifty 24,747 के महत्वपूर्ण स्तर के ऊपर मजबूती बनाए रखे. मेटल और पीएसयू बैंक जैसे सेक्टर्स ने बाजार को मजबूत किया है. हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, रुपये की कमजोरी, और बड़े आईपीओ के कारण नकदी पर दबाव जैसी चुनौतियां सतर्क रहने का संकेत देती हैं. भविष्य की संभावना यह है कि यदि Nifty 25,400 के रेजिस्टेंस को पार कर लेता है, तो आगे और बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है, अन्यथा Q2 नतीजों और वैश्विक तनाव के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे मेटल और पीएसयू बैंक सेक्टर्स पर ध्यान दें, जबकि आईटी नतीजों और ग्लोबल टेंशनंस पर पैनी नजर बनाए रखें. सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को ध्यान में रखते हुए ही निवेश की रणनीति बनाएं, और किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.


FAQs (5 Q&A)

Q1. Nifty में इस हफ्ते तेजी के लिए क्या शर्तें हैं? A: Nifty में तेजी की संभावना तब बनी रहेगी जब यह 24,747 अंक के ऊपर बना रहता है. इस स्तर के ऊपर बने रहने पर Nifty 25,100 से 25,400 तक जा सकता है. बीते हफ्ते मेटल और पीएसयू बैंक सेक्टर्स की शानदार रैली से बाजार को मजबूती मिली है.

Q2. Nifty के लिए प्रमुख रेजिस्टेंस स्तर क्या है? A: Nifty के लिए 25,400 के आसपास एक मजबूत रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) स्तर है. यह स्तर जून और सितंबर 2025 के उच्च स्तरों से जुड़ा हुआ है. नीचे की ओर, 24,400 से 24,600 का जोन एक अहम सपोर्ट जोन के रूप में काम करेगा.

Q3. बाजार में FII बिकवाली कितनी हुई है? A: अक्टूबर के पहले दो ट्रेडिंग सेशंस में, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से कुल ₹3,188 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. FIIs की यह बिकवाली बाजार के लिए एक प्रमुख नकारात्मक ट्रिगर के रूप में सामने आई है.

Q4. इस हफ्ते कौन से बड़े Q2 रिजल्ट्स आने वाले हैं? A: इस हफ्ते 9 अक्टूबर को कई बड़ी कंपनियों के Q2 नतीजे आएंगे, जिनमें टीसीएस (TCS), टाटा एलेक्सी और जीएम ब्रेवरीज प्रमुख हैं. आईटी सेक्टर पर टैरिफ की चिंताओं के चलते टीसीएस के नतीजों पर निवेशकों की खास नजर रहेगी.

Q5. बाजार में लिक्विडिटी पर दबाव क्यों पड़ सकता है? A: बाजार में लिक्विडिटी (नकदी की उपलब्धता) पर दबाव बड़े आईपीओ की लहर के कारण पड़ सकता है. इस हफ्ते टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कुल पांच आईपीओ खुलने वाले हैं, जिनके माध्यम से करीब 28,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है.

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