बारिश का अलर्ट: अगले कुछ दिनों तक देश के कई राज्यों में जोरदार बारिश, गुजरात-राजस्थान में रेड अलर्ट जारी

बारिश का अलर्ट: आगामी 10-15 दिनों के मॉनसून अपडेट, जानें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के किन इलाकों में होगी भारी बारिश। सुरक्षित रहने के लिए देखें पूरा पूर्वानुमान।

Sep 5, 2025 - 16:51
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बारिश का अलर्ट: अगले कुछ दिनों तक देश के कई राज्यों में जोरदार बारिश, गुजरात-राजस्थान में रेड अलर्ट जारी
मौसम का हाल: भारत में भारी बारिश का अलर्ट

 By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: 05 Sep 2025

किसान साथियों और देश के नागरिकों के लिए बड़ी खबर! मॉनसून सीजन के आखिरी चरण में एक नया कम दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) मध्य प्रदेश के ऊपर सक्रिय हो गया है। यह सिस्टम अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से ऊर्जा आकर्षित कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अगले कुछ दिनों तक देश के कई राज्यों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। गुजरात और दक्षिणी राजस्थान जैसे पश्चिमी भारत के बड़े हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी जोरदार बारिश का अनुमान है। पूरे भारत में, मॉनसून की बारिश अब सामान्य से 9% अधिक हो गई है, लेकिन इसके बावजूद कई राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और फसलों के नुकसान ने तबाही मचाई है। इस विस्तृत मौसम पूर्वानुमान से आप अपने क्षेत्र की स्थिति जान सकते हैं और किसी भी संभावित खतरे से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं। यह जानकारी विशेष रूप से किसानों और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे बदलते मौसम के अनुसार अपनी योजनाएं बना सकें और सुरक्षित रह सकें।


बारिश का अलर्ट: पश्चिमी भारत में रेड अलर्ट, मध्य भारत में भी जोरदार वर्षा

मध्य प्रदेश के ऊपर सक्रिय हुआ यह निम्न दबाव का क्षेत्र वर्तमान में सेंट्रल इंडिया पर केंद्रित है और अगले कुछ दिनों तक व्यापक रूप से प्रभावित करेगा। आज, 5 सितंबर को, गुजरात के पूर्वी हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मेहसाणा, पाटन, साबरकांठा, बनासकांठा, पालनपुर से लेकर अहमदाबाद, गांधीनगर, अरवली, महीसागर, मडासा, सूरत, वलसाड, नवसारी, डांग, तापी, भरूच समेत पूरे पूर्वी गुजरात क्षेत्र में कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। घने बादलों के साथ फ्लडिंग रेन की प्रबल संभावना है, और यदि एक घंटे में 100 मिमी बारिश होती है तो बादल फटने जैसी घटनाएँ भी देखी जा सकती हैं। सौराष्ट्र और कच्छ के क्षेत्रों में भी बारिश बढ़ेगी, हालांकि बहुत भारी बारिश 24 घंटे के बाद होने की उम्मीद है। पूर्वी राजस्थान के दक्षिणी भागों में, विशेष रूप से चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, माउंट आबू, कोटा, सवाई माधोपुर, जालौर, सिरोही, पाली, नागौर और बाड़मेर के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश का दौर अब शुरू हो रहा है। जैसलमेर की तरफ भी बारिश बढ़ रही है और पश्चिमी राजस्थान में भी बारिश देखने को मिलेगी। पश्चिमी मध्य प्रदेश में बारिश तेज होगी, और मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी रीजन, तथा मुंबई के ऊपर कोंकण और गोवा के हिस्सों में भी भारी बारिश की आशंका है। अगले 24 घंटों में मुंबई से नासिक, जलगाँव, बेतुल, खंडवा, भोपाल के दक्षिण में, और चित्तौड़गढ़ तथा बाड़मेर के बीच के क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश देखने को मिल सकती है। देश के कई अन्य राज्यों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।


उत्तर और दक्षिण भारत में मॉनसून की बदलती चाल: आगामी दिनों और क्षेत्रीय विसंगतियाँ

पश्चिमी और मध्य भारत के साथ-साथ देश के उत्तरी भागों में भी मॉनसून का प्रभाव दिखाई देगा। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में 5 से 8 या 9 सितंबर के बीच बारिश की संभावना रहेगी। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुज़फ़्फ़राबाद में भी इसी अवधि में बारिश के आसार हैं। हालांकि, 9 सितंबर से 13 सितंबर तक पश्चिमी भारत, जिसमें मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश के मध्य भाग, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और पंजाब जैसे क्षेत्र शामिल हैं, में मौसम साफ होने की उम्मीद है। लेकिन यह अल्पकालिक विराम होगा, क्योंकि 9 और 10 सितंबर से बंगाल की खाड़ी से एक नया सिस्टम फिर से हवाओं को सक्रिय करेगा। इससे ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, गंगा के पश्चिम बंगाल और बिहार में एक नया बारिश का दौर शुरू होगा। यह प्रणाली बाद में उत्तर प्रदेश और पंजाब, जम्मू-कश्मीर तक भी पहुँचेगी, जिससे 12-13 सितंबर के बाद और 20 सितंबर तक इन क्षेत्रों में फिर से बरसात देखने को मिलेगी। दक्षिणी भारत में, तमिलनाडु एक रेन शैडो एरिया होने के कारण दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से कम वर्षा प्राप्त करता है। हालाँकि, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, रायलसीमा, पुदुचेरी, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में उत्तर-पूर्वी मॉनसून से अच्छी बारिश की उम्मीद है। तेलंगाना में इस बीच तेज बारिश की संभावना है, जबकि महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बारिश कम होने के बाद जल्द ही फिर से शुरू होगी।


मॉनसून का असमान वितरण: पूर्वी UP, बिहार और पहाड़ी राज्यों में विरोधाभास

इस साल मॉनसून का वितरण काफी असमान रहा है, जिसने कई क्षेत्रों में गंभीर चुनौतियाँ खड़ी की हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां बारिश 24% ऊपर दर्ज की गई है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी भी 11% की कमी है। देवरिया में 89% और कुशीनगर में 63% की कमी के साथ इन जिलों को सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। बिहार में भी पूरे राज्य में 25-30% की कमी है, और उत्तरी बिहार के कई जिले, जैसे सीतामढ़ी (62% कमी), लंबे समय से सूखे का अनुभव कर रहे हैं। उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों, जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में, कुल बारिश का आंकड़ा सामान्य के आसपास होने के बावजूद, लगातार फ्लैश फ्लड और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इसका मुख्य कारण बारिश की आवृत्ति का खराब होना है, जहां लंबे शुष्क अंतराल के बाद अचानक बहुत भारी वर्षा होती है।


क्लाइमेट चेंज: मॉनसून पैटर्न में बदलाव के कारण

मॉनसून के इस बदलते पैटर्न, जहां पश्चिमी भारत में बारिश बढ़ रही है और पूर्वी राज्यों में कमी आ रही है, पर विशेषज्ञ गंभीरता से विचार कर रहे हैं। यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या यह जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है या मौसम चक्र का प्राकृतिक बदलाव। ग्लोबल वार्मिंग, बढ़ते तापमान और ग्लेशियरों के पिघलने जैसे कारक स्पष्ट रूप से जलवायु में बड़े बदलाव ला रहे हैं। अध्ययन जारी हैं ताकि यह स्थापित किया जा सके कि मॉनसून के इस असंतुलित व्यवहार के पीछे मुख्य रूप से कौन सा कारण जिम्मेदार है।


निष्कर्ष और सुरक्षा के उपाय:

मॉनसून सीजन अपने आखिरी पड़ाव पर है और ऐसे में मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट और पूर्वानुमानों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षित रहने के लिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे स्थानीय मौसम अपडेट्स को गंभीरता से लें। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में हैं जहां भारी बारिश की आशंका है, तो अनावश्यक यात्रा से बचें, निचले इलाकों से दूर रहें और अपने पशुधन व संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं। किसान साथी अपनी फसलों को लेकर विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें। मौसम की सही जानकारी बचाव का पहला कदम है और सतर्कता ही सुरक्षा है


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