पाई कॉइन Binance लिस्टिंग: क्या है सच्चाई और क्यों हो रही है देरी?

जानें पाई कॉइन की Binance पर लिस्टिंग में देरी के पीछे के प्रमुख कारण, जैसे पारदर्शिता की कमी, क्लोज्ड मेननेट, लिक्विडिटी का अभाव और नियामक अनिश्चितता। विशेषज्ञ राय के साथ पूरी जानकारी।

Aug 13, 2025 - 17:34
Sep 14, 2025 - 06:07
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पाई कॉइन Binance लिस्टिंग: क्या है सच्चाई और क्यों हो रही है देरी?

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी बाजार में पाई कॉइन (Pi Coin) की चर्चा हमेशा गर्म रहती है, खासकर इसकी दुनिया की सबसे बड़ी एक्सचेंज Binance पर लिस्टिंग को लेकर। हर कोई जानना चाहता है कि Binance पर पाई कॉइन कब सूचीबद्ध होगा। हालांकि, इस सवाल का जवाब अभी तक अनिश्चित है, और कई अफवाहों के बावजूद, वास्तविकता कुछ और ही कहती है।

Binance ने मार्च के महीने में एक पोल कराया था जिसमें 87% से अधिक यूजर्स ने पाई कॉइन की लिस्टिंग की इच्छा जताई थी। इससे अटकलें और बढ़ गईं, लेकिन पाई कोर टीम (Pi Core Team) की ओर से इस मामले पर चुप्पी बनी हुई है, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं। एक विशेषज्ञ की गहरी रिसर्च और विश्लेषण के आधार पर, Binance पर पाई कॉइन की लिस्टिंग में देरी के पीछे कुछ प्रमुख कारक हैं, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है।

Binance लिस्टिंग में देरी के प्रमुख कारण क्या हैं?

  1. पारदर्शिता की कमी और क्लोज्ड मेननेट (Lack of Transparency and Closed Mainnet): पाई नेटवर्क की सबसे बड़ी चुनौती इसकी ब्लॉकचेन का पूरी तरह से खुला न होना है। इसका मेननेट (Mainnet) अभी भी पूरी तरह से ओपन नहीं है, और आधिकारिक वेबसाइट (minepi.com) पर भी फेज़ 3 पर काम चल रहा है। जब तक यह पूरी तरह से खुला और विकेंद्रीकृत (decentralized) नहीं हो जाता, Binance जैसी बड़ी एक्सचेंज पर इसकी लिस्टिंग संभव नहीं है।

  2. थर्ड-पार्टी सिक्योरिटी ऑडिट का अभाव (No Third-Party Security Audit): पाई कॉइन ने अभी तक कोई भी थर्ड-पार्टी सिक्योरिटी ऑडिट नहीं कराया है। किसी भी बड़ी ब्लॉकचेन या टोकन के लिए यह एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसमें टोकेनोमिक्स मॉडल और फंडामेंटल्स की वित्तीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा जांच होती है। पाई नेटवर्क सार्वजनिक रूप से ऑडिट से संबंधित कोई भी सत्यापित सबूत पेश नहीं कर पाया है, जो एक बड़ी चिंता है।

  3. केंद्रीकृत शासन के मुद्दे (Centralization Governance Issue): पाई नेटवर्क का एक बड़ा मुद्दा इसका केंद्रीकृत (centralized) होना है। पाई कोर टीम का इस पर अत्यधिक प्रभाव है, जो जब चाहे कीमत को नियंत्रित कर सकती है। यह विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन के सिद्धांत के विपरीत है। जब तक पाई नेटवर्क पूरी तरह से विकेंद्रीकृत नहीं हो जाता, Binance पर इसकी लिस्टिंग एक चुनौती बनी रहेगी।

  4. तरलता और बाजार तत्परता (Liquidity and Market Readiness): पाई कॉइन अभी तक बाजार में पर्याप्त तरलता (liquidity) प्रदान नहीं कर पाया है। यह स्पष्ट नहीं है कि इतनी बड़ी मात्रा में पैसे का प्रवाह कैसे होगा जो बताई गई कीमतों का समर्थन कर सके। Binance जैसी एक्सचेंज के लिए तरलता एक प्राथमिक आवश्यकता होती है

  5. नियामक अस्पष्टता (Regulatory Ambiguity): पाई कॉइन को लेकर नियामक स्पष्टता का अभाव भी एक बड़ी चिंता का विषय है। Coinbase के सीईओ द्वारा इसे "स्कैम प्रोजेक्ट" कहने के बाद भी पाई कोर टीम ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे।

  6. पाई नेटवर्क द्वारा अस्पष्ट लिस्टिंग प्रयास (Unclear Listing Efforts by Pi Network): पाई कॉइन ने औपचारिक रूप से Binance या किसी अन्य बड़ी एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लिए आवेदन नहीं किया है। बल्कि, पाई कॉइन का अपना मानदंड है कि एक्सचेंज उनके KYB (Know Your Business) सत्यापन प्रक्रिया से गुजरें, जबकि Binance चाहती है कि पाई कोर टीम तरलता, नियामक अधिकारियों और ऑडिट रिपोर्ट के साथ विकेंद्रीकृत मॉडल पेश करे।

क्या Binance लिस्टिंग से पाई कॉइन की कीमत पर फर्क पड़ेगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि Binance पर लिस्टिंग से पाई कॉइन की कीमत पर बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला है। कीमत को मुख्य रूप से इसके टोकेनोमिक्स मॉडल और इकोसिस्टम (ecosystem) से फर्क पड़ेगा। वर्तमान में, पाई कॉइन CoinMarketCap पर लगभग 40वें स्थान पर है और इसकी कीमत $35-37 के आसपास चल रही है, जबकि सर्कुलेशन में 7.8 बिलियन टोकन हैं। यदि सर्कुलेशन में आपूर्ति बढ़ती रहती है, तो $1 से ऊपर की कीमत बनाए रखना मुश्किल होगा।

भविष्य की संभावनाएं और सलाह क्या है?

यदि पाई कोर टीम और Binance किसी "विन-विन" स्थिति पर सहमत हो भी जाते हैं, तो भी लिस्टिंग में कम से कम तीन से चार महीने का समय लगेगा, क्योंकि बैकएंड पर तैयारी में 90 दिन लगते हैं। इसलिए, 2025 के शेष महीनों में Binance पर लिस्टिंग संभव नहीं लगती।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि पाई पायनियर्स को Binance लिस्टिंग की झूठी उम्मीदों से दूर रहना चाहिए और इसके बजाय पाई के इकोसिस्टम, उपयोगिता, केवाईसी (KYC) और माइग्रेशन (Migration) जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे लोगों को हतोत्साहित होने से बचाया जा सकेगा और परियोजना की वास्तविक प्रगति पर ध्यान केंद्रित होगा।


  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
  • Q1: पाई कॉइन के लिए Binance पर लिस्टिंग इतनी महत्वपूर्ण क्यों मानी जाती है? A: Binance को दुनिया की नंबर एक क्रिप्टो एक्सचेंज माना जाता है, जो विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है और इसके लिक्विडेट होने या धोखाधड़ी (rug pull) करने की संभावना बहुत कम होती है। इसलिए, किसी भी क्रिप्टो परियोजना के लिए Binance पर लिस्टिंग से विश्वसनीयता और पहुंच बढ़ती है।
  • Q2: पाई कॉइन की Binance लिस्टिंग में सबसे बड़ी बाधाएं क्या हैं? A: मुख्य बाधाओं में पारदर्शिता की कमी (क्लोज्ड मेननेट), कोई थर्ड-पार्टी सिक्योरिटी ऑडिट न होना, केंद्रीकृत शासन के मुद्दे, पर्याप्त तरलता का अभाव, नियामक अस्पष्टता और पाई नेटवर्क द्वारा औपचारिक लिस्टिंग प्रयासों की कमी शामिल हैं।
  • Q3: क्या पाई नेटवर्क ने Binance पर लिस्टिंग के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया है? A: नहीं, सूत्रों के अनुसार, पाई कॉइन ने अभी तक Binance या किसी अन्य बड़ी एक्सचेंज पर लिस्टिंग के लिए औपचारिक रूप से आवेदन नहीं किया है। बल्कि, पाई कॉइन का अपना एक सत्यापन मानदंड है जिसे एक्सचेंज से पूरा करने की अपेक्षा की जाती है।
  • Q4: अगर पाई कोर टीम और Binance सहमत हो जाते हैं, तो लिस्टिंग में कितना समय लग सकता है? A: यदि दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुँच भी जाते हैं, तो भी लिस्टिंग की तैयारी और इंटीग्रेशन में कम से कम तीन से चार महीने (लगभग 90 दिन) का समय लगेगा।
  • Q5: क्या Binance पर लिस्टिंग से पाई कॉइन की कीमत में बड़ा उछाल आएगा? A: विशेषज्ञों का मानना है कि Binance पर लिस्टिंग से पाई कॉइन की कीमत पर बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला है। कीमत मुख्य रूप से इसके टोकेनोमिक्स मॉडल, सर्कुलेटिंग सप्लाई और इसके इकोसिस्टम की उपयोगिता पर निर्भर करेगी।
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