Heavy Rain Alert: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित राजस्थान-गुजरात में जोरदार बारिश! जानें 3 दिन का मौसम अपडेट

Heavy Rain Alert: स्काईमेट वेदर के अनुसार 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में भारी बारिश की संभावना। अपने शहर का सटीक मौसम पूर्वानुमान जानें और रहें सुरक्षित।

Sep 17, 2025 - 07:51
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Heavy Rain Alert: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित राजस्थान-गुजरात में जोरदार बारिश! जानें 3 दिन का मौसम अपडेट
देशभर में भारी बारिश का अलर्ट

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: 17 Sep 2025

मौसम का मिजाज बदला: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी, क्या है आपके शहर का पूर्वानुमान?

देश के कई हिस्सों में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, और आने वाले कुछ दिनों में कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। स्काईमेट वेदर के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, 17 से 19 सितंबर के बीच उत्तर भारत से लेकर मध्य और पश्चिमी भारत तक, कई स्थानों पर झमाझम बारिश देखने को मिल सकती है, जिससे तापमान में गिरावट और मौसम में नमी आएगी। किसानों के लिए यह बारिश जहाँ राहत की खबर ला सकती है, वहीं कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। यह मॉनसून के विदाई से पहले का "आखिरी एपिसोड" भी साबित हो सकता है, जिससे आगामी कृषि योजनाओं पर सीधा असर पड़ेगा। इस विस्तृत रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि आपके राज्य और शहर में अगले तीन दिनों में मौसम कैसा रहने वाला है, कौन से मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं, और आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

देश में कैसा है मौजूदा मौसम सिस्टम और बारिश की स्थिति?

वर्तमान में देश के मौसम को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण सिस्टम सक्रिय हैं, जिनकी वजह से विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरह की मौसमी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के ऊपर दो मजबूत साइक्लोनिक सर्कुलेशन बने हुए हैं, जिसके कारण इन दोनों राज्यों में अच्छी बारिश दर्ज की जा रही है। वहीं, एक एंटी-साइक्लोन भी साफ-साफ दिखाई दे रहा है, जिसका मतलब है कि इस क्षेत्र में हवाएं नीचे की तरफ आ रही हैं और मौसम साफ रहने वाला है, जैसे कि राजस्थान के कई इलाकों में देखा जा रहा है। उत्तरी गोलार्ध में जब हवा घड़ी की दिशा में घूमती है, तो वह नीचे की ओर आती है, जिससे गर्म होकर नमी संघनित नहीं होती और बादल नहीं बनते। इसके विपरीत, साइक्लोनिक सर्कुलेशन में हवा घड़ी की उल्टी दिशा में घूमती है, जिससे बादल बनते हैं और बारिश होती है। इसके अतिरिक्त, एक हल्का पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में मौजूद है, जिसका असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बारिश के रूप में दिखाई देगा। अरब सागर से आने वाली हवाएं भी कुछ तटीय इलाकों में हल्की बारिश की गतिविधियां पैदा कर रही हैं, जैसे कि सिंध और कराची के आसपास, हालांकि बाकी इलाके शुष्क बने हुए हैं।

17 से 19 सितंबर तक किन राज्यों में होगी जोरदार बारिश?

आगामी 17, 18 और 19 सितंबर को देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश की गतिविधियां तेज होने की संभावना है। 18 सितंबर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अधिक बारिश की उम्मीद है, जबकि गिलगिट, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर में हल्की बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मध्यम बारिश होने की संभावना है, जहाँ बहुत अधिक भारी बारिश में कुछ कमी आ सकती है। इसी दिन, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में भी बारिश दिखाई देगी। 19 सितंबर को भी कई इलाकों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है। पूर्वोत्तर भारत में, सिक्किम में भारी बारिश की संभावना है, वहीं अरुणाचल प्रदेश और असम के कई इलाके, जैसे दोबरी, गोपरा, सोनीतपुर, उत्तरी लखीमपुर, तवांग, भारी बारिश देखेंगे। मेघालय के कई हिस्सों में भी जोरदार बारिश हो सकती है, जबकि नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बांग्लादेश के उत्तरी इलाकों में भी भारी बारिश का अनुमान है।

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मौसम का हाल: मॉनसून की विदाई का संकेत?

उत्तर भारत के महत्वपूर्ण राज्य पंजाब, हरियाणा और राजधानी दिल्ली में अगले दो-तीन दिनों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। पंजाब में, विशेष रूप से पूर्वी हिस्सों जैसे अमृतसर, गुरदासपुर, कपूरथला, होशियारपुर, जालंधर के कुछ इलाके, शहीद भगत सिंह नगर, रूपनगर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, मनसा और पटियाला में बारिश की संभावना है। यह बारिश अगले दो से तीन दिनों तक जारी रह सकती है, जिसके बाद मॉनसून की विदाई का माहौल बनना शुरू हो जाएगा। हरियाणा में, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे इलाकों में हल्की बारिश की उम्मीद है। हालांकि, सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जैसे पश्चिमी हरियाणा के इलाके लगभग सूखे रह सकते हैं, जहाँ कोई विशेष मौसमी गतिविधि दिखाई नहीं देगी। दिल्ली में भी 18 सितंबर को बारिश देखने को मिल सकती है, जिससे राजधानी के निवासियों को कुछ राहत मिलेगी।

राजस्थान और गुजरात में बारिश की संभावना: किसानों के लिए क्या संदेश?

पश्चिमी भारत के राज्य राजस्थान और गुजरात में भी मौसम बदलने वाला है, खासकर मॉनसून के अंतिम चरण में यहाँ बारिश देखने को मिलेगी। राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर और सिरोही पाली जैसे उत्तरी और पश्चिमी जिलों में अभी बारिश की कोई खास संभावना नहीं है। हालांकि, दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर के कुछ इलाके, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और राजसमंद तक बारिश की गतिविधियां दिखाई देंगी। सिरोही, पाली और जालौर के कुछ इलाकों में भी अगले दो दिनों में हल्की फुल्की बौछारें पड़ने की संभावना है, और तेज हवाएं भी चल सकती हैं। गुजरात में आज दक्षिणी इलाकों जैसे वलसाड, नवसारी, डांग, तापी, सूरत, भरूच और नर्मदा तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके बाद, भावनगर, अमरेली, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, पोरबंदर और द्वारका में भी हल्की बारिश की उम्मीद है। 18 और 19 सितंबर को बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन, मेहसाणा, अरवल्ली, गांधीनगर, महीसागर, दाहोद, पंचमहाल, खेड़ा, आनंद, वडोदरा, अहमदाबाद, सुरेंद्रनगर, बोटाद और राजकोट जैसे मध्य और उत्तरी जिलों में भी बारिश हो सकती है। कच्छ के भुज और नलिया में बहुत हल्की बारिश की संभावना है, साथ ही मोरबी, जामनगर और सुरेंद्रनगर में भी बारिश हो सकती है। यह बारिश किसानों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ पानी की व्यवस्था की आवश्यकता है, उन्हें अगले दो-तीन दिनों का इंतजार करने की सलाह दी गई है।

मध्य और पूर्वी भारत में कैसा रहेगा मौसम? कहीं भारी तो कहीं हल्की फुहारें

मध्य और पूर्वी भारत के राज्यों में भी आने वाले दिनों में मौसमी गतिविधियां देखने को मिलेंगी, हालांकि बारिश की तीव्रता हर जगह एक समान नहीं होगी। मध्य प्रदेश में आज टीकमगढ़, अशोकनगर, विदिशा, भोपाल, सीहोर और हरदा तक बारिश दिखाई देगी। 18 और 19 सितंबर को नीमच, उज्जैन, अगर मालवा, राजगढ़, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खंडवा, हरदा और देवास जैसे इलाकों में भी बारिश की संभावना बन रही है, जो काफी दिनों के बाद इन क्षेत्रों में राहत लाएगी। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी, जिसमें कोरिया, सूरजपुर से लेकर कोरबा, मुंगेली, बेमेतरा, बलौदाबाजार, दुर्ग, राजनांदगांव, बलोद, गरियाबंद, महासमुंद, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर और बस्तर तक सभी क्षेत्र शामिल हैं। ओडिशा में सुंदरगढ़, जसदा, संबलपुर, देवगढ़, बालगीर, बौध और अंगुल जैसे इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है, बहुत भारी बारिश नहीं होगी। बिहार में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, बांका और वैशाली जैसे कई इलाकों में अच्छी बारिश हो सकती है, जबकि बक्सर, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, गया और नवादा में हल्की बारिश की संभावना है। झारखंड के भी ज्यादातर इलाकों में बारिश देखने को मिलेगी, हालाँकि बहुत ज्यादा भारी बारिश नहीं होगी।

दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों का पूर्वानुमान: अंडमान-निकोबार में भारी बारिश

दक्षिण भारत के राज्यों में भी अलग-अलग तरह का मौसम देखने को मिलेगा। महाराष्ट्र के लगभग पूरे विदर्भ और मराठवाड़ा सहित सभी इलाकों में अगले दो दिनों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। हालांकि, भारी बारिश की संभावना कम है, लेकिन कुछ इलाकों में 30-40 मिमी तक बारिश हो सकती है। तेलंगाना के कई इलाकों में बारिश होगी, जिसमें उत्तरी जिले जैसे आदिलाबाद, कोमाराम भीम, निर्मल, निजामाबाद, जगत्याल, मंचेरियल और पेद्दापल्ले में तेज बारिश हो सकती है, जबकि बाकी इलाकों में हल्की बारिश रहेगी। तटीय आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, पश्चिम गोदावरी, कृष्णा और गुंटूर में बारिश की संभावना है, लेकिन रायलसीमा में बारिश कम रहेगी। कर्नाटक के उत्तरी इलाकों जैसे बीजापुर, गुलबर्गा, बीदर, यादगीर, रायचूर, बागलकोट, कोप्पल, धारवाड़, गडग, बेल्लारी और हावेरी में बारिश कम हो जाएगी, साथ ही तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी बारिश में कमी आएगी। केरल और तमिलनाडु में भी हल्की बारिश होगी और अब ज्यादा बारिश की संभावना नहीं है। लक्षद्वीप में हल्की बारिश रहेगी, लेकिन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

निष्कर्ष: मॉनसून की विदाई और किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

यह मॉनसून का अंतिम चरण माना जा रहा है, और आगामी दो से तीन दिनों की बारिश के बाद देश के कई हिस्सों से मॉनसून की विदाई सुनिश्चित हो जाएगी। स्काईमेट वेदर लगातार इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और नियमित अपडेट प्रदान करता रहेगा। किसानों के लिए यह समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई इलाकों में पानी लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यदि अगले दो-तीन दिनों में आपके क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है, तो आप खेतों में पानी लगाने से बच सकते हैं। लेकिन जिन क्षेत्रों में बारिश नहीं होती है, वहाँ पानी लगाने की व्यवस्था तुरंत कर लेनी चाहिए। यह मॉनसून के बाद की कृषि गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण होगा। नवीनतम और सटीक मौसम जानकारी के लिए, स्काईमेट मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है ताकि आप अपनी पसंदीदा भाषा में मौसम का हाल जान सकें और हमेशा एक कदम आगे रहें।


FAQs

1. Heavy Rain Alert: दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बारिश कब होगी? स्काईमेट वेदर के अनुसार, 18 सितंबर को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। विशेषकर पूर्वी पंजाब और हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, करनाल जैसे क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके बाद, मॉनसून की विदाई का माहौल बनना शुरू हो जाएगा।

2. Heavy Rain Alert: राजस्थान और गुजरात में किन इलाकों में बारिश होगी? राजस्थान के सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, झालावाड़, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और राजसमंद में बारिश हो सकती है। गुजरात के दक्षिणी इलाके जैसे वलसाड, नवसारी, सूरत और 18-19 सितंबर को बनासकांठा, अहमदाबाद, राजकोट जैसे कई मध्य और उत्तरी जिलों में भी बारिश का पूर्वानुमान है।

3. Heavy Rain Alert: मौजूदा मौसमी सिस्टम क्या हैं? देश में एक एंटी-साइक्लोन और महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश के ऊपर दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन बने हुए हैं। उत्तरी पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर में भी एक हल्का पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। ये सिस्टम विभिन्न राज्यों में बारिश की गतिविधियों को प्रभावित कर रहे हैं, कहीं साफ मौसम तो कहीं बारिश ला रहे हैं।

4. Heavy Rain Alert: मॉनसून की वापसी का माहौल कब बनेगा? पंजाब सहित कई अन्य इलाकों में आगामी 2-3 दिनों की बारिश के बाद मॉनसून की विदाई का माहौल बनना शुरू हो जाएगा। इसके बाद, देश के अधिकांश हिस्सों से मॉनसून की वापसी सुनिश्चित हो जाएगी, जिससे खेतों में पानी लगाने की योजना बनाने की सलाह दी गई है, खासकर जहाँ बारिश नहीं होती है।

5. Heavy Rain Alert: पहाड़ों पर बारिश और भूस्खलन का क्या खतरा है? हिमाचल और उत्तराखंड में मध्यम बारिश की संभावना है। उत्तराखंड के देहरादून जैसे इलाकों में पहले हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, क्योंकि थोड़ी भी बारिश पहाड़ों के कटाव और चट्टान खिसकने के जोखिम को बढ़ा सकती है। निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

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