Diabetes Milk: क्या डायबिटीज में दूध पीना सुरक्षित है? एक्सपर्ट से जानें सही मात्रा और तरीका
Diabetes Milk: डायबिटीज के मरीज बेझिझक पी सकते हैं दूध, बशर्ते मात्रा सीमित हो। जानें फुल क्रीम या टोंड, कौन सा दूध है बेहतर और शुगर कंट्रोल करने के लिए विशेषज्ञ की महत्वपूर्ण सलाह।

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 22 Sep 2025
Diabetes Milk: क्या डायबिटीज में दूध पीना सुरक्षित है? जानें शुगर कंट्रोल के लिए कितनी मात्रा में लें फुल क्रीम दूध
ब्रेकिंग अपडेट: अगर आप डायबिटिक हैं और दूध पीने को लेकर भ्रम में हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है। विशेषज्ञों द्वारा किए गए विश्लेषण और साइंस के आधार पर यह पता चला है कि डायबिटीज के मरीज निश्चित रूप से दूध का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसकी मात्रा को नियंत्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई बार सोशल मीडिया या कुछ तथाकथित विशेषज्ञों द्वारा यह सलाह दी जाती है कि डायबिटीज में दूध बिलकुल नहीं पीना चाहिए, लेकिन वैज्ञानिक तथ्य इस दावे को पूरी तरह गलत साबित करते हैं। यह समझना जरूरी है कि दूध आपकी रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को बहुत अधिक नहीं बढ़ाता है, क्योंकि दूध में मौजूद कुछ तत्व शर्करा के अवशोषण (absorption) को धीमा कर देते हैं। इस विस्तृत रिपोर्ट में, हम अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की सिफारिशों से लेकर यह तक जानेंगे कि आपको कौन सा दूध (फुल क्रीम या टोंड) पीना चाहिए और क्यों।
दूध के पीछे की साइंस: लैक्टोज और ब्लड शुगर का रिश्ता
दूध को लेकर डायबिटीज के मरीजों के मन में सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि इसमें प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली चीनी लैक्टोज (Lactose) मौजूद होती है। जब कोई व्यक्ति दूध पीता है, तो यह लैक्टोज शरीर में जाकर दो तरह की शर्करा—ग्लूकोस (Glucose) और गैलेक्टोस (Galactose)—पैदा करता है। ये दोनों ही शर्कराएँ शरीर के लिए ईंधन (Fuel) का काम करती हैं और हमें ऊर्जा प्रदान करती हैं। ऊर्जा मिलना तो अच्छी बात है, लेकिन एक डायबिटिक मरीज के लिए यदि ग्लूकोस और गैलेक्टोस की मात्रा खून में बहुत अधिक बढ़ जाती है, तो इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है, जिससे समस्या उत्पन्न हो सकती है। यही कारण है कि अक्सर यह अफवाह फैलाई जाती है कि दूध में लैक्टोज होने के कारण इसे पीने से रक्त शर्करा बढ़ जाएगी, इसलिए इससे दूर रहना चाहिए। हालांकि, यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। दूध में शर्करा (लैक्टोज) के साथ-साथ प्रोटीन और हेल्दी फैट भी होते हैं। यह प्रोटीन और फैट मिलकर एक अवरोधक की तरह काम करते हैं, जो आपके रक्त में शर्करा को आसानी से और तेजी से अवशोषित होने से रोकते हैं, जिससे ब्लड शुगर स्पाइक होने का खतरा कम हो जाता है। इस वैज्ञानिक तथ्य को समझना डायबिटीज में Diabetes Milk के उपयोग की कुंजी है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स और लोड: क्या दूध तेजी से शुगर बढ़ाता है?
किसी भी खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index - GI) और ग्लाइसेमिक लोड (Glycemic Load - GL) यह निर्धारित करता है कि वह चीज आपकी रक्त शर्करा पर कितना और कितनी तेजी से प्रभाव डालती है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स वे संख्याएँ हैं जो बताती हैं कि कोई चीज शरीर में जाकर कितनी तेजी के साथ शुगर को बढ़ाती है (रैंकिंग 0 से 100 तक होती है)। वहीं, ग्लाइसेमिक लोड यह दर्शाता है कि कोई चीज शरीर में जाकर कितनी ज्यादा मात्रा में शुगर को बढ़ाने का काम करती है (रैंकिंग 0 से 10 तक होती है)। अगर हम फुल क्रीम मिल्क की बात करें, तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) सिर्फ 31 होता है और इसका ग्लाइसेमिक लोड (GL) केवल 4 होता है। 31 का GI निम्न श्रेणी (Lower Category) में आता है, जिसका अर्थ है कि दूध न तो बहुत तेजी से आपकी रक्त शर्करा को बढ़ाता है, और न ही यह बहुत अधिक मात्रा में बढ़ाता है। इसका मतलब यह है कि दूध पीना पूरी तरह से वर्जित नहीं है। हालांकि, इसका यह मतलब भी नहीं है कि आप Diabetes Milk को जितनी चाहें उतनी मात्रा में पी सकते हैं। यदि आप डायबिटिक रोगी हैं, तो दूध पीना सुरक्षित है, लेकिन आपको इसकी मात्रा को सीमित (मॉडरेट) रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
कितनी मात्रा में पीना सुरक्षित? अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की सलाह
यदि आप बहुत अधिक मात्रा में दूध पीना शुरू कर देते हैं, तो भले ही यह सामान्य रूप से रक्त शर्करा को ज्यादा न बढ़ा रहा हो, लेकिन अत्यधिक मात्रा में सेवन से यह आपकी ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इसलिए, संयम और सीमा में रहना अति आवश्यक है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (American Diabetes Association - ADA) डायबिटिक मरीजों को यह सलाह देता है कि उन्हें एक दिन में दो कप से ज्यादा दूध का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह मात्रा लगभग 200 मिलीलीटर (200 ml) के बराबर होती है। 200 मिलीलीटर दूध की यह सीमित मात्रा न केवल आपकी शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करती है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि आप दूध से मिलने वाले आवश्यक पोषक तत्व भी प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, मात्रा को सीमित रखने का एक और बड़ा कारण है, जो फैट से जुड़ा है। चूंकि विशेषज्ञों द्वारा फुल क्रीम मिल्क पीने की सलाह दी जाती है (जिसमें फैट होता है), इसलिए इस फैट का अत्यधिक सेवन आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा सकता है। डायबिटीज के मरीजों में अक्सर कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने की आशंका अधिक होती है। हालांकि, यदि आप दिन भर में केवल 200 मिलीलीटर दूध लेते हैं, तो यह आपके कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स पर बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा।
Full Cream Milk या Toned Milk: डायबिटीज में कौन सा दूध बेहतर है?
बाजार में फुल क्रीम मिल्क (संपूर्ण दूध), टोंड मिल्क और डबल टोंड मिल्क उपलब्ध होते हैं, और अक्सर डायबिटिक मरीज यह सवाल पूछते हैं कि उन्हें कौन सा दूध पीना चाहिए। कई विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि डायबिटीज में टोंड मिल्क लेना चाहिए, लेकिन यह सलाह गलत है। यदि आपको डायबिटीज है, तो आपको हमेशा फुल क्रीम वाला दूध ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसका कारण सीधे तौर पर रक्त शर्करा के अवशोषण से जुड़ा है। जैसा कि पहले बताया गया है, दूध में मौजूद प्रोटीन और हेल्दी फैट रक्त में शर्करा के अवशोषित होने की गति को धीमा कर देते हैं। जब आप टोंड मिल्क लेते हैं, तो उसमें से फैट को हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में, फैट के साथ-साथ दूध में मौजूद बहुत सारा प्रोटीन भी हट जाता है। ऐसे में टोंड मिल्क में मुख्य रूप से केवल लैक्टोज (चीनी) और पानी ही बचता है। इसी वजह से, जब आप टोंड मिल्क पीते हैं, तो आपकी ब्लड शुगर बहुत तेजी के साथ बढ़ सकती है। इसलिए, Diabetes Milk के मामले में, प्रोटीन और फैट से भरपूर फुल क्रीम मिल्क ही शुगर को नियंत्रण में रखने में अधिक सहायक होता है, बशर्ते मात्रा 200 मिलीलीटर तक सीमित रखी जाए।
गाय का दूध या भैंस का दूध? कोलेस्ट्रॉल का जोखिम भी समझें
Diabetic Milk के प्रकार के बाद, अगला सवाल आता है कि गाय का दूध लें या भैंस का। डायबिटिक मरीज दोनों तरह के दूध का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन गाय का दूध ज्यादा अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गाय के दूध के अंदर प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और फैट कम होता है। इसके विपरीत, भैंस के दूध में प्रोटीन थोड़ा कम होता है और फैट ज्यादा होता है। चूंकि प्रोटीन शर्करा के धीमे अवशोषण में सहायक होता है, इसलिए गाय का दूध अधिक लाभप्रद है। अगर गाय का दूध उपलब्ध न हो पाए, तो आप भैंस का दूध भी इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, मरीजों को यह याद रखना चाहिए कि दूध की क्वांटिटी को सीमित (200 ml) रखना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि फुल क्रीम मिल्क पीने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने के चांसेस होते हैं, और ये दोनों चीजें अक्सर डायबिटिक मरीजों में बढ़ी हुई पाई जाती हैं। हालांकि, सीमित मात्रा में पीने पर शुगर और कोलेस्ट्रॉल दोनों ही नियंत्रण में रहेंगे।
दूध पीने का सही तरीका: हाई प्रोटीन टिप से शुगर रखें कंट्रोल
अगर आप डायबिटिक मरीज हैं और दूध पीना पसंद करते हैं, तो एक सरल टिप है जिसका उपयोग करके आप दूध पीने से शुगर बढ़ने के खतरे को और भी ज्यादा कम कर सकते हैं। यह टिप यह है कि यदि आप दूध के साथ कोई भी हाई प्रोटीन वाली चीज इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपकी बॉडी के अंदर ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा और भी ज्यादा कम हो जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप दूध पी रहे हैं, तो कोशिश करें कि इसके साथ थोड़े से बादाम (Almonds) खा लें, या थोड़े से चने का सेवन कर लें, या कोई भी ऐसी चीज लें जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो। यह अतिरिक्त प्रोटीन शुगर को आपके रक्त में प्रवेश करने की गति को और धीमा कर देता है। इस तरह, Diabetes Milk का सेवन न केवल सुरक्षित हो जाता है, बल्कि यह आपके आहार का एक पौष्टिक हिस्सा भी बन जाता है।
निष्कर्ष:
साइंस के आधार पर यह सिद्ध होता है कि डायबिटीज के मरीज दूध पी सकते हैं, लेकिन उन्हें मात्रा का ध्यान रखना (200 मिलीलीटर प्रतिदिन) और हमेशा फुल क्रीम मिल्क का चयन करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद प्रोटीन और फैट शुगर के अवशोषण को धीमा कर देते हैं। टोंड मिल्क लेने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकती है, इसलिए इससे बचना चाहिए। भविष्य में, डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार को लेकर भयभीत होने की बजाय, वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित, संतुलित और सीमित मात्रा में सेवन की आदत डालनी चाहिए ताकि वे दूध जैसे पौष्टिक तत्वों का लाभ उठाते हुए भी अपनी रक्त शर्करा को सफलतापूर्वक नियंत्रित रख सकें।
FAQs (5 Q&A)
Q1. Diabetes Milk: क्या डायबिटीज के मरीजों को दूध बिलकुल नहीं पीना चाहिए? A. कई विशेषज्ञ या वीडियो यह दावा करते हैं कि डायबिटीज में दूध बिलकुल नहीं पीना चाहिए, लेकिन यह गलत है। दूध में प्रोटीन और फैट होते हैं जो लैक्टोज (शुगर) को रक्त में तेजी से अवशोषित होने से रोकते हैं, इसलिए दूध पीने से आपकी ब्लड शुगर बहुत ज्यादा नहीं बढ़ती है।
Q2. Diabetes Milk: डायबिटीज में एक दिन में दूध की कितनी मात्रा सुरक्षित है? A. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) की सिफारिशों के अनुसार, डायबिटिक मरीजों को एक दिन में दो कप यानी लगभग 200 मिलीलीटर से अधिक दूध का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सीमित मात्रा में पीने से शुगर नियंत्रण में रहती है।
Q3. Diabetes Milk: टोंड मिल्क की जगह फुल क्रीम मिल्क क्यों बेहतर है? A. फुल क्रीम मिल्क में हेल्दी फैट और प्रोटीन दोनों होते हैं, जो शुगर के अवशोषण को धीमा करते हैं। टोंड मिल्क में फैट और प्रोटीन हटा दिए जाते हैं, जिससे केवल लैक्टोज और पानी बचता है और इसे पीने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकती है।
Q4. Diabetes Milk: क्या दूध पीने से पहले कोलेस्ट्रॉल का ध्यान रखना जरूरी है? A. हां, क्योंकि डायबिटीज के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने की संभावना अधिक होती है। सीमित मात्रा (200 मिलीलीटर) में फुल क्रीम मिल्क लेने से कोलेस्ट्रॉल पर खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अत्यधिक मात्रा में पीने से यह बढ़ सकता है।
Q5. Diabetes Milk: दूध पीते समय शुगर कंट्रोल करने के लिए क्या विशेष उपाय करना चाहिए? A. यदि आप दूध के साथ बादाम या चने जैसी कोई हाई प्रोटीन वाली चीज़ खाते हैं, तो इससे आपकी बॉडी के अंदर ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा और भी ज्यादा कम हो जाता है। प्रोटीन शुगर के अवशोषण को धीमा करने में मदद करता है।