दिलीप ट्रॉफी: 5 युवा भारतीय तेज गेंदबाज जो उड़ाएंगे गर्दा!
दिलीप ट्रॉफी 2025 में इन 5 युवा भारतीय तेज गेंदबाजों पर रहेगी खास नजर! जानें अंशुल कंबोज, गुरनूर ब्रार, युद्धवीर सिंह समेत कौन बनेगा टीम इंडिया का अगला स्पीड स्टार, उनकी पेस, स्विंग और स्किल के साथ।

दिलीप ट्रॉफी: 5 युवा भारतीय तेज गेंदबाज जो उड़ाएंगे गर्दा!
भारतीय क्रिकेट के घरेलू सीजन का आगाज 28 अगस्त से दिलीप ट्रॉफी के साथ होने जा रहा है। इस बार सबसे ज़्यादा नज़र तेज़ गेंदबाजों पर टिकी है क्योंकि इंग्लैंड दौरे पर भारतीय तेज़ गेंदबाजी कमज़ोर दिखी और कुछ मुख्य तेज़ गेंदबाजों के चोटिल होने के बाद विकल्पों की कमी महसूस हुई। ऐसे में, घरेलू क्रिकेट का यह मंच कुछ नए चेहरों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देगा, जो भविष्य में भारतीय टीम की पेस बैटरी को मजबूत कर सकते हैं। हमने ऐसे पांच खिलाड़ियों को चुना है जिनकी गेंदबाजी, कौशल और प्रदर्शन ने सबका ध्यान खींचा है। ये गेंदबाज न सिर्फ अपनी गति बल्कि स्विंग, बाउंस और मानसिक दृढ़ता से भी बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश करते हैं। दिलीप ट्रॉफी में इनका प्रदर्शन यह तय करेगा कि इनमें से कौन भारतीय क्रिकेट के अगले स्पीड स्टार बन सकते हैं।
1. अंशुल कंबोज: पेस और स्किल का धांसू संगम
हरियाणा के 24 वर्षीय तेज़ गेंदबाज अंशुल कंबोज इस सूची में एक प्रमुख नाम हैं। भले ही इंग्लैंड में उनका डेब्यू खराब रहा हो और उनकी पेस पर सवाल उठे हों (120-125 किमी/घंटा), लेकिन सच्चाई यह है कि वह उस दौरान चोट से उबर रहे थे। पूरी तरह फिट होने पर वह 135 किमी/घंटा के आसपास की गति से गेंदबाजी करते हैं, और दो साल पहले विजय हजारे ट्रॉफी में तो उन्होंने 140 किमी/घंटा तक की रफ्तार से गेंदबाज़ी की थी। अंशुल का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचना कोई तुक्का नहीं है; उन्होंने हरियाणा को विजय हजारे ट्रॉफी जिताई, जहां 17 विकेट लिए और अपनी स्किल व पेस से सबको प्रभावित किया। इसके बाद पिछले साल दिलीप ट्रॉफी में 16 विकेट झटके, जहां उन्होंने रोहित शर्मा और विराट कोहली को छोड़कर भारत के लगभग सभी बड़े बल्लेबाजों को आउट किया था। रणजी ट्रॉफी में भी उन्होंने 34 विकेट लिए, जिसमें केरला के खिलाफ एक पारी में 10 और दिलीप ट्रॉफी में एक पारी में 8 विकेट शामिल हैं। मुंबई इंडियंस के स्काउट्स ने 2 साल पहले ही उन्हें पहचान लिया था, और बाद में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन पर 3.5 करोड़ का दांव लगाया।
कंबोज की बॉलिंग के खास पहलू
अंशुल कंबोज की गेंदबाजी में कई खास बातें हैं। उनकी 6 फीट 2 इंच की अच्छी हाइट और हाई आर्म एक्शन हमेशा उन्हें बाउंस का फायदा दिलाता है। सबसे महत्वपूर्ण उनकी गेंदबाजी में बैकस्पिन है, जिसका फायदा उन्हें बाउंस में मिलता है। उनका सीम प्रेजेंटेशन बहुत अच्छा है और रिस्ट पोजीशन भी कमाल की है। ये बायोमैकेनिक्स उन्हें अतिरिक्त बाउंस और ऑफ द विकेट या हवा में मूवमेंट प्रदान करते हैं। बल्लेबाजों का कहना है कि उनकी गेंद बल्ले पर ऊपर लगती है और जितनी तेज दिखती है, उससे ज़्यादा तेज आती है, जो बल्लेबाजों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। अगर वह इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और पूरी फिटनेस के साथ आते हैं, तो निश्चित रूप से वह फिर से मुख्य खिलाड़ियों की दौड़ में शामिल होंगे।
2. आकिब नबी: स्विंग और रणनीति के मास्टर
दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर के 28 वर्षीय तेज़ गेंदबाज आकिब नबी हैं। 2018 में डेब्यू करने वाले आकिब ने पिछले सीजन में 44 विकेट लिए थे। वह एक प्योर स्किल-बेस्ड बॉलर हैं, जिनकी आउटस्विंगर बहुत कमाल की है। वह क्रीज से वाइड जाकर एंगल का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए बल्लेबाजों को खेलने पर मजबूर करते हैं, जो कुछ-कुछ वर्नोन फिलेंडर की याद दिलाता है। हालांकि उनकी पेस फिलेंडर जितनी नहीं है, लेकिन 130-132 किमी/घंटा की गति से गेंदबाजी करते हैं। उनका एक्शन बहुत अच्छा है और वेरिएशंस भी देखने को मिलते हैं। डेल स्टेन को अपना आदर्श मानने वाले आकिब ने इरफान पठान से भी बहुत कुछ सीखा है। उनकी टैक्टिकल अवेयरनेस और मानसिक दृढ़ता कमाल की है, जिससे वह लंबे स्पेल में एक ही चैनल में गेंदबाजी कर पाते हैं और योजना बनाकर बल्लेबाजों को आउट करते हैं। उनकी एक और खासियत है कि स्पीडोमीटर पर उनकी गेंद की गति भले ही कम दिखे, लेकिन ऑफ द विकेट वह काफी तेज निकलती है।
3. गुरनूर ब्रार: ऊंचाई और बाउंस का जबरदस्त पैकेज
इस सूची में तीसरे नंबर पर पंजाब के 25 वर्षीय गुरनूर ब्रार हैं। उनकी सबसे बड़ी खासियत उनकी 6 फीट 5 इंच की हाइट है, जो सामान्य 6 फीट के गेंदबाजों से 2-3 इंच ज़्यादा है। इस हाइट के साथ उनका हाई आर्म एक्शन उन्हें हमेशा अतिरिक्त बाउंस जनरेट करने में मदद करता है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में दिखाया कि वह फ्लैट डेक पर भी अतिरिक्त बाउंस प्राप्त कर सकते हैं। यह अतिरिक्त बाउंस अक्सर बल्लेबाजों के बाहरी किनारों को एक्सपोज करता है और अलग-अलग एंगल बनाता है, जिससे बल्लेबाजों के लिए शॉट खेलना मुश्किल हो जाता है। उनकी गेंदें अक्सर ऊपर खड़ी हो जाती हैं या कॉट बिहाइंड के मौके बनते हैं। मुंबई इंडियंस ने 2019 में उन्हें नेट बॉलर के रूप में चुना था। 2022 में उन्होंने डोमेस्टिक डेब्यू किया और पिछले साल पंजाब टी20 लीग में 22 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, जिसके बाद उन्हें गुजरात टाइटंस ने भी चुना।
ब्रार की पेस पर काम करने की जरूरत
गुरनूर ब्रार की गेंदबाजी में एक कमजोरी उनके रन-अप और फॉलो-थ्रू में सुधार की गुंजाइश है। अगर वह इन पहलुओं पर काम करते हैं, तो उनकी वर्तमान 138 किमी/घंटा की पेस आसानी से 145 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है। एक गेंदबाज जो 145 किमी/घंटा की रफ्तार से इतनी हाइट और बाउंस के साथ गेंदबाजी करता है, वह बल्लेबाजों के लिए कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं है।
4. सूरज संधू जायसवाल: बंगाल का ऑलराउंडर फास्ट बॉलर
चौथे नंबर पर बंगाल के सूरज संधू जायसवाल हैं, जिन्होंने सिर्फ 12 फर्स्ट क्लास मैचों में 60 विकेट लेकर औसत 5 विकेट प्रति मैच का शानदार रिकॉर्ड बनाया है। बंगाल से आए कई तेज़ गेंदबाजों के बीच अपनी जगह बनाना एक बड़ी बात है। उनके पास एक्सप्रेस पेस नहीं है, लेकिन उनकी ताकत नियंत्रण और अच्छा मूवमेंट है। वह प्योर स्किल-बेस्ड बॉलर हैं और अगर उन्हें पिच से थोड़ा सा भी असिस्टेंट मिल जाए, तो उसे अच्छी तरह से भुनाते हैं, ठीक वैसे ही जैसे जेम्स एंडरसन इंग्लैंड में करते हैं। टेस्ट क्रिकेट के टेंपरामेंट वाली क्वालिटी, यानी लगातार एक चैनल में गेंदबाजी करते रहना, योजना बनाकर बल्लेबाजों को सेट-अप करके आउट करना, ये सब उनकी गेंदबाजी में है। सबसे खास बात यह है कि वह अच्छी बल्लेबाजी भी करते हैं, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम एक शतक और एक अर्धशतक भी है। एक स्किलफुल बॉलर जो 135 किमी/घंटा के आसपास ऑपरेट करता हो और बल्लेबाजी में भी योगदान देता हो, वह भारतीय टीम के लिए एक मूल्यवान संपत्ति हो सकता है।
5. युद्धवीर सिंह: रफ्तार का सौदागर और बड़े शिकार
इस सूची में पहले नंबर पर जम्मू-कश्मीर के 27 वर्षीय युद्धवीर सिंह हैं। उन्होंने 2019-20 में हैदराबाद के लिए शुरुआत की, फिर 2021 में जम्मू-कश्मीर लौटे और पिछले 2-3 सालों से कमाल की क्रिकेट खेली है। आईपीएल में वह मुंबई इंडियंस के नेट बॉलर रहे, फिर एलएसजी और इस सीजन आरआर के लिए खेले। रणजी ट्रॉफी का पिछला सीजन उनके लिए बेहद खास रहा। युद्धवीर के पास गति (140 किमी/घंटा से ज़्यादा), कौशल, और 6 फीट 1 इंच की अच्छी हाइट है जिससे वह बाउंस भी निकालते हैं। उनका हाई आर्म एक्शन उन्हें 'हिट द डेक' गेंदबाजी करने में मदद करता है। वह एक एथलेटिक बॉडी, शानदार रिदम और रिपीटेबल एक्शन के साथ गेंदबाजी करते हैं, जो उन्हें एक विशेष गेंदबाज बनाता है। मुंबई, जो 42 बार की रणजी चैंपियन थी, के खिलाफ वह मैन ऑफ द मैच बने और रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, श्रेयस अय्यर जैसे बड़े बल्लेबाजों को आउट किया था। अगर इस दिलीप ट्रॉफी में भी वह अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो जल्द ही उन्हें भारतीय टीम के लिए खेलते हुए देखा जा सकता है।
FAQs
Q1: दिलीप ट्रॉफी 2023 में किन युवा तेज गेंदबाजों पर नजर रहेगी? A1: दिलीप ट्रॉफी 2023 में अंशुल कंबोज, आकिब नबी, गुरनूर ब्रार, सूरज संधू जायसवाल और युद्धवीर सिंह जैसे युवा तेज गेंदबाजों पर खास नजर रहेगी। ये सभी अपनी खासियतों और पिछले प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में जगह बनाने का दम रखते हैं।
Q2: अंशुल कंबोज की गेंदबाजी में क्या खास है? A2: अंशुल कंबोज अपनी 6 फीट 2 इंच की हाइट, हाई आर्म एक्शन और अच्छी बैकस्पिन के लिए जाने जाते हैं, जो उन्हें अतिरिक्त बाउंस और मूवमेंट दिलाती है। चोट से उबरने के बाद उनकी गति 135 किमी/घंटा तक रहती है और वह बल्लेबाजों को ऊपर लगने वाली गेंदों से परेशान करते हैं।
Q3: गुरनूर ब्रार किस खासियत के लिए जाने जाते हैं? A3: गुरनूर ब्रार अपनी 6 फीट 5 इंच की असाधारण हाइट और हाई आर्म एक्शन के कारण अतिरिक्त बाउंस जनरेट करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी गेंदें फ्लैट डेक पर भी उठती हैं, जिससे बल्लेबाजों को लेंथ पिक करने में दिक्कत होती है और बाहरी किनारों के लगने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
Q4: युद्धवीर सिंह की मुख्य शक्ति क्या है? A4: युद्धवीर सिंह की मुख्य शक्ति उनकी रफ्तार है; वह 140 किमी/घंटा से अधिक की गति से गेंदबाजी कर सकते हैं। इसके साथ ही, उनकी 6 फीट 1 इंच की हाइट, हाई आर्म एक्शन और ‘हिट द डेक’ क्षमता उन्हें बाउंस निकालने और बड़े बल्लेबाजों को आउट करने में मदद करती है, जैसा उन्होंने रणजी ट्रॉफी में दिखाया।
Q5: क्या सूरज संधू जायसवाल बल्लेबाजी भी करते हैं? A5: हां, सूरज संधू जायसवाल गेंदबाजी के साथ-साथ अच्छी बल्लेबाजी भी करते हैं। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक शतक और एक अर्धशतक बनाया है। उनकी यह ऑलराउंड क्षमता, सटीक नियंत्रण और विकेट से सहायता का फायदा उठाने की काबिलियत उन्हें भारतीय टीम के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बनाती है।