इरफान पठान को कमेंट्री से क्यों निकाला गया? रोहित-विराट पर टिप्पणियों का सच!
इरफान पठान ने बताया कि रोहित शर्मा और विराट कोहली पर की गई कमेंट्री का आईपीएल से बाहर होने से क्या संबंध था। जानें एक कमेंटेटर की असली जिम्मेदारी और टीम-फर्स्ट की अहमियत।

क्रिकेट पंडित इरफान पठान का आईपीएल कमेंट्री पैनल से हाल ही में बाहर होना व्यापक चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें कई लोग यह कयास लगा रहे हैं कि क्रिकेट के दिग्गजों विराट कोहली और रोहित शर्मा पर की गई उनकी बेबाक टिप्पणियां इसकी वजह थीं। हालांकि, पठान एक कमेंटेटर की भूमिका पर एक सूक्ष्म दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, जो माइक्रोफोन के पीछे वालों की वास्तविक जिम्मेदारियों पर प्रकाश डालते हैं। यह लेख पठान की अंतर्दृष्टि की पड़ताल करता है, प्रशंसकों के प्रति कमेंटेटर के कर्तव्य और 'टीम पहले' के अटूट सिद्धांत पर जोर देता है, जिससे क्रिकेट प्रेमियों को स्थिति की व्यापक समझ मिलती है।
इरफान पठान का कमेंट्री स्टैंड: खिलाड़ी नहीं, प्रशंसक पहले
इरफान पठान स्पष्ट रूप से कहते हैं कि एक कमेंटेटर की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रशंसकों के प्रति है, न कि खिलाड़ियों के प्रति। उनका मानना है कि उनका काम केवल दृश्यों से आगे बढ़कर जो कुछ हो रहा है, वह क्यों हो रहा है, और मैच के दौरान क्या हो सकता है, उसकी पूरी कहानी बयां करना है। पठान के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी असाधारण प्रदर्शन करता है, तो वह प्रशंसा का हकदार है, लेकिन यदि उसका प्रदर्शन कमजोर है, तो आलोचना भी एक कमेंटेटर का कर्तव्य है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि कमेंटेटर प्रशंसकों को जानकारी देते हैं, और उनकी जिम्मेदारी है कि वे खेल की चल रही कहानी को उन तक पहुंचाएं। पठान इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि हर कमेंटेटर की अपनी एक अनूठी शैली होती है, लेकिन मूल सिद्धांत खेल की unfolding story को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करना ही है।
कमेंट्री से बाहर होने के पीछे की सच्चाई: अटकलें बनाम वास्तविकता
जबकि अटकलें विराट कोहली और रोहित शर्मा पर उनकी टिप्पणियों को आईपीएल कमेंट्री से उनके बाहर होने का कारण बताती हैं, इरफान पठान ने सीधे तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। उन्होंने संकेत दिया कि हालांकि लोग व्यापक रूप से इसे ही कारण मानते हैं, लेकिन "आपको पता है कि यह सच नहीं है"। पठान ने सूक्ष्म रूप से सुझाव दिया कि उन्हें सार्वजनिक रूप से जितना माना जाता है उससे कहीं अधिक पता हो सकता है, लेकिन उन्होंने इस मामले पर अधिक विवरण का खुलासा न करने का विकल्प चुना। शीर्ष खिलाड़ियों पर उनकी कमेंट्री और उनके पेशेवर प्रसारण असाइनमेंट को जोड़ने वाला व्यापक सार्वजनिक विमर्श चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि पठान अपने बाहर होने की विशिष्टताओं के संबंध में कुछ हद तक गोपनीयता बनाए हुए हैं।
विराट कोहली का फॉर्म: जब समर्थन खत्म होता है और आलोचना शुरू होती है
इरफान पठान ने विराट कोहली के फॉर्म में गिरावट पर अपने विचार साझा किए, विशेष रूप से 2019-2020 के आसपास, यह कहते हुए कि उन्होंने शुरुआती मुश्किल दौर में कोहली का भरपूर समर्थन किया। पठान का तर्क था कि जब किसी महान खिलाड़ी को पहली बार slump (खराब फॉर्म) आता है, तो उसे समर्थन मिलना चाहिए, खासकर यह देखते हुए कि कोहली ने टीम के लिए कितने मैच जीते थे। हालांकि, पठान ने जोर दिया कि लंबे समय तक खराब प्रदर्शन, जैसे कि पांच साल तक खराब फॉर्म, अस्वीकार्य है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक विशिष्ट मुद्दे पर प्रकाश डाला जहां कोहली लगातार एक ही तरीके से आउट हो रहे थे, जिससे विपक्षी टीमों को उन्हें आउट करने के लिए केवल अपनी "प्लान ए" पर निर्भर रहना पड़ रहा था। पठान ने स्पष्ट किया कि यह अवलोकन कोहली के "चैंपियन खिलाड़ी" के दर्जे को कम नहीं करता, बल्कि केवल वही बताता है जो मैदान पर स्पष्ट था।
रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट संघर्ष और कप्तानी पर बहस
इरफान पठान ने रोहित शर्मा पर अपनी पिछली टिप्पणियों को भी संबोधित किया, विशेष रूप से एक निश्चित अवधि के दौरान उनके टेस्ट क्रिकेट प्रदर्शन के संबंध में। पठान ने कहा था कि अगर रोहित शर्मा कप्तान नहीं होते, तो उनकी टीम में जगह नहीं होती, उस साल टेस्ट क्रिकेट में उनके औसत छह के कारण। पठान ने पुष्टि की कि यह एक "सच" था जिसे उन्होंने प्रस्तुत किया था। उन्होंने इसकी तुलना इस सार्वजनिक धारणा से की कि उन्होंने रोहित शर्मा का "बहुत अधिक" समर्थन किया था, जिसका श्रेय उन्होंने साक्षात्कारों के दौरान विनम्र बातचीत को दिया जहां मेहमानों के साथ स्वाभाविक रूप से शिष्टाचार बनाए रखा जाता है। पठान ने स्पष्ट किया कि हालांकि उन्होंने साक्षात्कारों के दौरान शालीनता दिखाई, लेकिन रोहित के प्लेइंग इलेवन में स्थान पर उनकी पेशेवर कमेंट्री, कप्तानी की भूमिका के बिना, एक अलग और सच्ची अवलोकन थी, जिसे दुर्भाग्य से साक्षात्कार वाली धारणा जितनी लोकप्रियता नहीं मिली।
सर्वोपरि टीम: क्रिकेट कमेंट्री का मूल दर्शन
इरफान पठान के कमेंट्री दर्शन का एक केंद्रीय सिद्धांत यह अटूट विश्वास है कि टीम हमेशा पहले आती है। वह पूरी लगन से कहते हैं कि जब कोई टीम के लिए खेलता है, खासकर भारतीय टीम के लिए, तो टीम के लिए जीतना सर्वोपरि है, और इस लक्ष्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है। पठान ने जोर दिया कि क्रिकेट मौलिक रूप से एक टीम गेम है, न कि एक व्यक्तिगत खेल। उन्होंने समझाया कि व्यक्तिगत खेलों में, सफलता या विफलता केवल एक व्यक्ति पर निर्भर करती है, लेकिन एक टीम गेम में, प्राथमिक जिम्मेदारी सामूहिक इकाई के लिए होती है। इसके अलावा, जब देश का नाम शामिल होता है, तो देश का हित सबसे ऊपर होता है। यह दर्शन पठान के कमेंट्री दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जहां आलोचनात्मक विश्लेषण टीम के प्रदर्शन और सफलता के बड़े हित की सेवा करता है।
FAQs
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Q1: इरफान पठान को आईपीएल कमेंट्री से कथित तौर पर क्यों हटाया गया? A1: जबकि अटकलें उनके विराट कोहली और रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणियों को उनके निष्कासन से जोड़ती हैं, इरफान पठान ने इस कारण की स्पष्ट पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि आम धारणा पूरी तरह से सही नहीं है, अन्य संभावित कारकों का संकेत देते हुए, लेकिन उन्होंने उनका खुलासा नहीं किया।
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Q2: इरफान पठान का कमेंटेटर की प्राथमिक जिम्मेदारी पर क्या विचार है? A2: इरफान पठान का मानना है कि एक कमेंटेटर की मुख्य जिम्मेदारी प्रशंसकों के प्रति है, न कि खिलाड़ियों के प्रति। उनकी भूमिका खेल की कहानी बयां करना है, यह समझाना कि क्या हो रहा है और क्यों, और अच्छे प्रदर्शन की प्रशंसा करना जबकि खराब प्रदर्शन की आलोचना भी करना।
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Q3: इरफान पठान ने विराट कोहली के फॉर्म पर कैसी टिप्पणी की? A3: पठान ने विराट कोहली को उनके शुरुआती खराब फॉर्म के दौरान समर्थन दिया, लेकिन यह भी कहा कि लंबे समय तक संघर्ष, जैसे टेस्ट क्रिकेट में बार-बार एक ही तरीके से आउट होना, चिंताजनक है। उन्होंने जोर दिया कि यह अवलोकन तथ्यात्मक था और इसका मतलब यह नहीं था कि कोहली "चैंपियन खिलाड़ी" नहीं थे।
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Q4: रोहित शर्मा के बारे में इरफान पठान की विवादास्पद टिप्पणी क्या थी? A4: पठान ने कहा था कि रोहित शर्मा के कम टेस्ट औसत (उस साल छह) को देखते हुए, अगर वह कप्तान नहीं होते तो टीम में उनकी जगह नहीं होती। उन्होंने पुष्टि की कि यह एक "सच" था जिसे उन्होंने व्यक्त किया, उनके "बहुत अधिक" समर्थन की धारणाओं के बावजूद।
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Q5: इरफान पठान के अनुसार "टीम फर्स्ट" दर्शन क्या है? A5: इरफान पठान दृढ़ता से इस बात का समर्थन करते हैं कि टीम हमेशा पहले आती है, किसी भी व्यक्तिगत खिलाड़ी से ऊपर। उनका मानना है कि एक टीम गेम में, विशेष रूप से राष्ट्रीय टीम के लिए, प्राथमिक जिम्मेदारी टीम और देश के लिए जीतना है।