इजरायल-ईरान तनाव: तेहरान पर हवाई हमला, ट्रंप ने परमाणु समझौते की चेतावनी दी
ईरान की राजधानी तेहरान पर हवाई हमले के बाद मध्यपूर्व में तनाव चरम पर। इस्राइल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' की जिम्मेदारी ली, जबकि डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु समझौते पर फिर से बातचीत की मांग की

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: नीरज कुमार Date: | जून 19, 2025
मध्यपूर्व में बढ़ते तनाव का ताज़ा अपडेट: युद्ध के कगार पर ईरान-इजरायल संघर्ष
मध्यपूर्व का आसमान एक बार फिर युद्ध की आग से दहक उठा है, जब मंगलवार रात तेहरान के ऊपर आग के गोले दिखे और धमाकों की आवाज़ ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी के पश्चिमी इलाकों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' को अंजाम दिया, जिसके बाद पूरे मध्यपूर्व में तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया है। इस अप्रत्याशित हवाई हमले ने ईरान के अल-ग़ादिर मिसाइल कमांड सेंटर को गंभीर नुकसान पहुँचाया है, और ईरानी विदेश मंत्रालय ने इसे "अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन" करार देते हुए कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह पहली बार है जब इजरायल ने सीधे तेहरान में हवाई हमला किया है, और 2021 में नतनजाहू सरकार द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं पर साइबर अटैक के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर है।
पिछले 48 घंटों में स्थिति और भी विकट हो गई है, जब ईरान समर्थित गुटों द्वारा तेल अवीव पर 12 रॉकेट दागे गए। हालाँकि, इजरायल की अत्याधुनिक आयरन डोम प्रणाली ने इनमें से 90% मिसाइलों को सफलतापूर्वक मार गिराया है, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच सीधी सैन्य टकराव की आशंका को बढ़ा दिया है। दोनों ही देशों ने अपनी सीमाओं पर सेना को अलर्ट पर रखा है, जिससे किसी भी समय बड़े पैमाने पर संघर्ष छिड़ने का डर गहरा गया है। इस बढ़ती अशांति के बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया है, लेकिन अब तक दोनों पक्ष सीधी बातचीत से इनकार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब अगले 72 घंटों पर टिकी हैं, जो इस संकट के भविष्य की दिशा तय करने वाले साबित हो सकते हैं।
इजरायल का 'ऑपरेशन राइजिंग लायन': तेहरान पर सीधा हमला
इजरायली वायुसेना ने मंगलवार रात 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान की राजधानी तेहरान के पश्चिमी इलाकों में स्थित सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में ईरान के महत्वपूर्ण अल-ग़ादिर मिसाइल कमांड सेंटर को निशाना बनाया गया और उसे नुकसान पहुँचाने की खबर है। यह कार्रवाई दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव में एक बड़ा मोड़ है, क्योंकि इजरायल ने पहली बार सीधे तेहरान में हवाई हमला किया है। इस हमले के बाद, ईरानी विदेश मंत्रालय ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन बताया है और इजरायल को कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस्राइली कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र को युद्ध के कगार पर धकेल दिया है, जिससे वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
ईरान की जवाबी धमकी और तेल अवीव पर रॉकेट वर्षा
तेहरान पर इजरायली हमले के बाद ईरान ने तत्काल जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। इस धमकी के साथ ही, पिछले 48 घंटों में ईरान समर्थित गुटों द्वारा इजरायल के तेल अवीव शहर पर 12 रॉकेट दागे गए हैं। हालाँकि, इजरायल की शक्तिशाली आयरन डोम रक्षा प्रणाली ने इन मिसाइलों में से 90% को हवा में ही मार गिराया, जिससे बड़े पैमाने पर क्षति होने से बच गई। इन घटनाओं ने दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव को चरम पर पहुँचा दिया है और दोनों ही देशों ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। यह घटनाक्रम 2021 में ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हुए साइबर हमले के बाद से दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को और गहरा करता है, जिससे क्षेत्र में स्थिरता खतरे में पड़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और ट्रंप का परमाणु समझौता बयान
मध्यपूर्व में बढ़ते इस संकट पर वैश्विक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है। मिस्र और कतर ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है, जबकि यूरोपीय संघ ने संयम बरतने की अपील की है। रूस ने इस गंभीर स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है। इसी बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा में एक जनसभा के दौरान इस संकट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो ईरान के साथ परमाणु समझौते को पूरी तरह से बदल देंगे, जिसे उन्होंने "अमेरिका के लिए अपमानजनक" बताया। उन्होंने इजरायल को "आत्मरक्षा का अधिकार" देने का भी समर्थन किया।
बिगड़ते हालात का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का सीधा और गंभीर असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इस संकट के कारण ब्रेंट क्रूड के दाम 24 घंटों के भीतर 8% बढ़कर प्रति बैरल 127 डॉलर तक पहुँच गए हैं। तेल आयात पर अत्यधिक निर्भर देशों, जैसे भारत, में महँगाई बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है, जो पहले से ही वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह तनाव जारी रहा, तो यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करने की संभावना है, जो वैश्विक तेल आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक गंभीर संकट पैदा कर सकता है और तेल की कीमतों को और अधिक बढ़ा सकता है।
होर्मुज जलडमरूमध्य का खतरा और भारतीय नागरिकों के लिए सलाह
इस बढ़ती क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच, होर्मुज जलडमरूमध्य, जो वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है, के अवरुद्ध होने का खतरा बढ़ गया है। यदि यमन के हूती विद्रोही इस जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करते हैं, तो वैश्विक तेल आपूर्ति में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक संकट गहरा सकता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। मंत्रालय ने नागरिकों से सतर्कता बरतने, स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने और आवश्यकता पड़ने पर दूतावासों द्वारा जारी आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करने का निर्देश दिया है।
FAQs
Q1: ईरान-इजरायल संघर्ष की शुरुआत कैसे हुई? A1: ईरान-इजरायल संघर्ष हाल ही में इजरायली वायुसेना द्वारा तेहरान में सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले, जिसे 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया गया, से तेज हो गया है। यह 2021 में ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हुए साइबर हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव का उच्चतम स्तर है।
Q2: इजरायली हमलों में ईरान के किस ठिकाने को निशाना बनाया गया? A2: इजरायली वायुसेना ने ईरान की राजधानी तेहरान के पश्चिमी इलाकों में स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में ईरान के महत्वपूर्ण अल-ग़ादिर मिसाइल कमांड सेंटर को नुकसान पहुँचा है, जिससे ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
Q3: ईरान-इजरायल संघर्ष का वैश्विक तेल बाजारों पर क्या असर पड़ा है? A3: ईरान-इजरायल संघर्ष के बढ़ने से वैश्विक तेल बाजारों में अस्थिरता आ गई है। ब्रेंट क्रूड के दाम 24 घंटों में 8% बढ़कर प्रति बैरल 127 डॉलर हो गए हैं, जिससे भारत सहित आयात पर निर्भर देशों में महँगाई बढ़ने की आशंका है।
Q4: इस ईरान-इजरायल संघर्ष में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की क्या भूमिका है? A4: अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम का आह्वान कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तुरंत युद्धविराम का अनुरोध किया है, जबकि मिस्र और कतर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। यूरोपीय संघ ने संयम बरतने की अपील की है, और रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है।
Q5: ईरान-इजरायल संघर्ष से भारतीय नागरिकों के लिए क्या सलाह है? A5: भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। दूतावासों ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है।