Karun Nair Test Comeback: 8 साल बाद भारतीय टीम में वापसी को तैयार, जानें क्यों हो रही है चर्चा तेज

Karun Nair Test Comeback: 8 साल बाद भारतीय टीम में वापसी को तैयार, इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में मिल सकता है मौका। जानें क्यों चयनकर्ता उन पर विचार कर रहे हैं।

Jun 20, 2025 - 15:55
Sep 9, 2025 - 10:52
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Karun Nair Test Comeback: 8 साल बाद भारतीय टीम में वापसी को तैयार, जानें क्यों हो रही है चर्चा तेज
Karun Nair Test Comeback की खबर पर भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं की बैठक

Karun Nair Test Comeback: 8 साल बाद भारतीय टीम में वापसी को तैयार, जानें क्यों हो रही है चर्चा तेज

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 09 Sep 2025

भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम में एक बड़ा और संभावित रूप से सुर्खियों वाला बदलाव देखने को मिल सकता है। लगभग आठ साल के लंबे अंतराल के बाद, अनुभवी दाएं हाथ के बल्लेबाज करुण नायर टेस्ट कमबैक के लिए तैयार दिख रहे हैं और उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले लीड्स टेस्ट के लिए टीम में शामिल किए जाने की प्रबल संभावना है। भारतीय क्रिकेट जगत में इस समय यह चर्चा जोरों पर है कि चयनकर्ता इस 33 वर्षीय खिलाड़ी पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं, जिनकी आखिरी टेस्ट उपस्थिति मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में थी। उनकी संभावित वापसी न केवल टीम के मध्यक्रम को मजबूती प्रदान कर सकती है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरक संदेश भी हो सकती है कि घरेलू और काउंटी क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन आखिरकार बड़े मंच पर अवसर दिला सकता है। कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज टीम में संतुलन और अनुभव बनाए रखने के लिए एक अनुभवी बल्लेबाज को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, जिससे करुण नायर का नाम सबसे आगे आ गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय क्रिकेट का यह महत्वपूर्ण फैसला क्या मोड़ लेता है, लेकिन इतना तय है कि करुण नायर की संभावित वापसी से भारतीय क्रिकेट टीम में नई ऊर्जा का संचार होगा और टीम में प्रतिस्पर्धा का स्तर भी बढ़ेगा।

करुण नायर की टेस्ट टीम में वापसी: 8 साल का लंबा इंतजार

भारतीय टेस्ट टीम में करुण नायर की वापसी की चर्चाएँ इस समय क्रिकेट गलियारों में सबसे गर्म विषयों में से एक हैं। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए एक असाधारण इंतजार है, लगभग आठ साल का लंबा अंतराल जब उन्हें भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने आखिरी बार मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था, जिसके बाद से उन्हें टीम से बाहर रखा गया था। हालाँकि, इस दौरान नायर ने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट तथा हाल ही में काउंटी चैम्पियनशिप में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है, जिसने अब चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उनकी निरंतरता और बड़े स्कोर बनाने की क्षमता को देखते हुए, चयनकर्ताओं की बैठक में उनके नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यह एक ऐसा क्षण है जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहाँ अनुभव और हालिया फॉर्म को प्राथमिकता दी जा रही है। 2017 के बाद पहली बार उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना कौशल दिखाने का मौका मिल सकता है, जो उनके करियर के लिए एक नया अध्याय होगा।

ऐतिहासिक तिहरा शतक और हालिया काउंटी फॉर्म करुण नायर के पक्ष में

करुण नायर टेस्ट कमबैक की चर्चाओं के पीछे उनके प्रभावशाली रिकॉर्ड और हालिया फॉर्म का बड़ा हाथ है। नायर ने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में नाबाद 303 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी। इस पारी के साथ वह वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों के बाद भारत के तीसरे ट्रिपल सेंचुरियन बल्लेबाज बने थे, जो उनकी बल्लेबाजी क्षमता का एक स्पष्ट प्रमाण है। यह तिहरा शतक न केवल उनके करियर का शिखर था, बल्कि यह दिखाता है कि वह बड़े मंच पर दबाव में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा, इंग्लैंड की परिस्थितियों में खेलने का उनका ताजा अनुभव उनके चयन के पक्ष में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हो रहा है। इस सीजन में काउंटी चैम्पियनशिप में नॉटिंघमशायर के लिए खेलते हुए, उन्होंने 500 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह दमदार फॉर्म चयनकर्ताओं को निश्चित रूप से प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि नायर अभी भी उच्च स्तर पर रन बनाने की क्षमता रखते हैं और वह भी उन परिस्थितियों में जहां भारत को खेलना है।

टीम की जरूरत और नायर का अनुभव: क्यों चयनकर्ता विचार कर रहे हैं?

भारतीय टेस्ट टीम के मध्यक्रम में कुछ खिलाड़ियों की चोटों और फॉर्म को देखते हुए, करुण नायर टेस्ट कमबैक की जरूरत महसूस की जा रही है। टीम प्रबंधन को इस समय एक ऐसे अनुभवी बल्लेबाज की तलाश है जो मध्यक्रम को स्थिरता और मजबूती प्रदान कर सके। कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ टीम में संतुलन बनाए रखने के लिए किसी अनुभवी बल्लेबाज को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, और नायर का छह टेस्ट मैचों का अनुभव और तिहरा शतक जड़ने की क्षमता उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है। इंग्लैंड की पिचों पर हाल ही में खेलने का उनका अनुभव भी उनके पक्ष में काम कर रहा है, क्योंकि यह उन्हें इंग्लैंड के गेंदबाजों और परिस्थितियों से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त, नायर टीम में एक बैकअप विकेटकीपर के रूप में भी उपयोगी हो सकते हैं, जिससे टीम को अतिरिक्त लचीलापन मिलेगा। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर अकाश चोपड़ा का भी मानना है कि "करुण नायर के पास अभी भी बहुत कुछ देने की क्षमता है। उनका इंग्लैंड में ताजा अनुभव और पिछला रिकॉर्ड उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। टीम को मिडिल ऑर्डर में स्थिरता की जरूरत है और नायर वह सुरक्षा दे सकते हैं"।

चयन समिति के सामने चुनौतियाँ और विश्लेषकों की राय

हालांकि, करुण नायर टेस्ट कमबैक का रास्ता इतना आसान नहीं होगा, और चयन समिति के सामने कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी हैं। टीम प्रबंधन को सरफराज खान और रजत पाटीदार जैसे युवा और उभरते खिलाड़ियों के साथ संतुलन बनाना होगा, जो घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे हैं और भविष्य के लिए टीम की योजना का हिस्सा हो सकते हैं। साथ ही, यह भी देखना होगा कि क्या 33 वर्षीय नायर लंबे समय तक टीम का हिस्सा बन सकते हैं या उनकी वापसी केवल एक अल्पकालिक समाधान होगी, खासकर जब टीम भविष्य पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इस बहस के बीच, विश्लेषकों की राय भी बंटी हुई है। जहाँ एक ओर अकाश चोपड़ा जैसे विशेषज्ञ नायर के अनुभव और वर्तमान फॉर्म का समर्थन करते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि टीम को भविष्य पर ध्यान देना चाहिए और युवा प्रतिभाओं को मौका देना चाहिए। चयन समिति का यह फैसला भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि यह तय करेगा कि टीम अनुभव और वर्तमान फॉर्म को प्राथमिकता देती है या भविष्य की पीढ़ी के विकास पर अधिक जोर देती है।

करुण नायर की वापसी का भारतीय क्रिकेट पर क्या होगा प्रभाव?

अगर करुण नायर को टीम में वापसी मिलती है, तो इसका भारतीय क्रिकेट पर बहुआयामी प्रभाव पड़ सकता है। सबसे पहले, यह भारतीय बल्लेबाजी क्रम को मजबूत करेगा, खासकर मध्यक्रम में जहाँ अनुभव की कमी महसूस की जा रही है। एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में, वह युवा बल्लेबाजों को दबाव की स्थिति से निपटने और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बारीकियों को समझने में मार्गदर्शन भी कर सकते हैं। उनकी वापसी से टीम में प्रतिस्पर्धा की भावना भी बढ़ेगी, क्योंकि हर खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होगा। यह फैसला इस बात का भी एक स्पष्ट संकेत होगा कि घरेलू क्रिकेट और काउंटी चैंपियनशिप जैसे मंचों पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उनके प्रयासों का उचित प्रतिफल मिलेगा, चाहे उनके करियर में कितना भी लंबा इंतजार क्यों न रहा हो। यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक आशा की किरण होगी कि कड़ी मेहनत और धैर्य का फल हमेशा मिलता है। करुण नायर टेस्ट कमबैक भारतीय क्रिकेट के लिए न केवल एक रणनीतिक कदम हो सकता है, बल्कि यह एक संदेश भी होगा कि प्रतिभा और अनुभव को कभी भी पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नायर अपनी वापसी के साथ टीम की उम्मीदों पर खरे उतर पाते हैं और अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं के फैसले को सही साबित करते हैं।

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