लखनऊ सेंसेशन: उज्बेक महिला 'लोला' का सेक्स रैकेट, सर्जरी से बदलती थीं पहचान
लखनऊ पुलिस ने उज्बेकिस्तान की महिला समेत 3 गिरफ्तार किए। आरोप: विदेशी महिलाओं की सर्जरी कर नकली पहचान बनाना और सेक्स रैकेट चलाना।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक चौंकाने वाले अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट और पहचान धोखाधड़ी के मामले का खुलासा किया है। इस मामले में उज्बेकिस्तान की एक महिला 'लोला' समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह विदेशी महिलाओं की प्लास्टिक सर्जरी करवाकर उनकी पहचान बदलता था और फिर उन्हें उच्च-वर्गीय ग्राहकों से मिलवाकर भारी रकम वसूलता था।
गिरोह की कार्यप्रणाली
पुलिस जांच के अनुसार, मुख्य आरोपी लोला (35) पिछले दो वर्षों से लखनऊ में सक्रिय थी। यह गिरोह मध्य एशियाई देशों से युवा महिलाओं को भारत आने के लिए प्रलोभन देता था। उन्हें मॉडलिंग और अच्छी नौकरी के झांसे में भारत लाया जाता था। भारत पहुंचने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे और उन्हें सेक्स रैकेट में धकेल दिया जाता था।
रैकेट की मुख्य विशेषताएं
- पहचान परिवर्तन के लिए प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग
- नकली दस्तावेज तैयार करने की व्यवस्था
- उच्च-स्तरीय होटलों और रेजिडेंसी में संचालन
- राजनेताओं और व्यापारियों को लक्षित ग्राहक बनाना
- एक ग्राहक से 50,000 से 2 लाख रुपये तक की वसूली
सर्जरी से पहचान बदलने की साजिश
इस मामले का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि गिरोह अपने शिकार महिलाओं की प्लास्टिक सर्जरी करवाता था ताकि उनकी पहचान बदली जा सके। जांच अधिकारियों के अनुसार, गिरोह छोटे क्लीनिकों के सहयोग से नाक, होंठ और गालों की सर्जरी करवाता था। सर्जरी के बाद उन्हें नकली पहचान पत्र दिए जाते थे ताकि वे पुलिस और होटल प्रबंधन को चकमा दे सकें।
पुलिस जांच के प्रमुख बिंदु
लखनऊ पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को एक गुमशुदा मामले की जांच के दौरान इस रैकेट का पता चला। मुख्य आरोपी लोला पर पुलिस की नजर पिछले छह महीने से थी। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में निम्न तथ्य सामने आए:
- गिरोह के पास 4 देशों की 12 महिलाएं मिलीं
- 3 डॉक्टरों और 2 दस्तावेज विशेषज्ञों पर संदेह
- 5 होटलों में संचालन के सबूत मिले
- क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के प्रमाण
मुख्य आरोपी 'लोला' का प्रोफाइल
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मुख्य आरोपी लोला का वास्तविक नाम ओल्गा इवानोवा है। वह उज्बेकिस्तान के ताशकंद की रहने वाली है और 2018 में भारत आई थी। शुरुआत में वह दिल्ली में डांसर के रूप में काम करती थी। 2023 में वह लखनऊ आ गई जहाँ उसने इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट की शुरुआत की। पुलिस के अनुसार वह 5 भाषाएँ बोल सकती है और कई फर्जी पहचानों का उपयोग करती थी।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
पुलिस को जांच में पता चला है कि यह रैकेट भारत के अलावा नेपाल, यूएई और थाईलैंड में सक्रिय था। विदेशी महिलाओं को मुख्य रूप से उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान से लाया जाता था। गिरोह इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए युवतियों को फँसाता था। महिलाओं को टूरिस्ट वीजा पर भारत लाया जाता था और फिर उनके वीजा एक्सपायर होने के बाद उन्हें अवैध रूप से रखा जाता था।
पुलिस द्वारा बरामद सामान
- 8 पासपोर्ट (विभिन्न देशों के)
- नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड
- सर्जिकल उपकरणों का जखीरा
- ₹24 लाख नकद और विदेशी मुद्रा
- लक्जरी आइटम्स और गहने
- डिजिटल डिवाइस और पेन ड्राइव
समाज पर प्रभाव और चेतावनी
यह मामला उत्तर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क की बढ़ती सक्रियता की ओर इशारा करता है। पुलिस ने होटल प्रबंधकों और स्थानीय निवासियों से सतर्क रहने की अपील की है। महिला सुरक्षा संगठनों ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है और सरकार से ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।