Bhiwani News: मनीषा अंतिम संस्कार: भिवानी मामले में देर रात बनी सहमति, अब न्याय की उम्मीदें

Bhiwani News:भिवानी की शिक्षिका मनीषा के अंतिम संस्कार पर देर रात बनी सहमति। जानें विसरा रिपोर्ट और परिजनों की क्या मांगें, प्रशासन से निष्पक्ष जांच की उम्मीद।

Aug 19, 2025 - 10:41
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Bhiwani News: मनीषा अंतिम संस्कार: भिवानी मामले में देर रात बनी सहमति, अब न्याय की उम्मीदें
मनीषा लोहारू मौत मामले में अंतिम संस्कार पर बनी सहमति, भिवानी

मनीषा अंतिम संस्कार: भिवानी मामले में देर रात बनी सहमति, अब न्याय की उम्मीदें

Bhiwani News: भिवानी, हरियाणा: भिवानी जिले के ढाणी लक्ष्मण निवासी शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में आखिरकार एक बड़ा मोड़ आया है। कई दिनों से जारी गतिरोध के बाद, देर रात उनके अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बन गई है। यह फैसला एक लंबी बैठक के बाद लिया गया, जिसमें धरना कमेटी, ग्रामीण और पीड़ित परिवार के सदस्य शामिल थे। यह बैठक ढिगावा मंडी रेस्ट हाउस में देर रात 12:30 बजे तक चली। इस सहमति ने न केवल लंबे समय से चले आ रहे आंदोलन को एक पड़ाव दिया है, बल्कि परिवार और समाज के लिए मृतका के सम्मानजनक अंतिम संस्कार का मार्ग भी प्रशस्त किया है।

विसरा और मेडिकल रिपोर्ट्स बनी फैसले का आधार यह महत्वपूर्ण निर्णय विसरा रिपोर्ट सामने आने और शव की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए लिया गया। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि शिक्षिका की मौत को काफी समय हो चुका है और शव की हालत लगातार खराब हो रही थी। ऐसे में, मृतका का सम्मान करते हुए हिंदू रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया गया। सिंघानी के सरपंच संजीत और किसान नेता रवि आजाद ने मीडिया को बताया कि जांच अपनी प्रक्रिया के अनुसार चलती रहेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेडिकल रिपोर्ट और एफएसएल रिपोर्ट पर कमेटी ने पूरी चर्चा करने के बाद ही यह सर्वसम्मत निर्णय लिया है। शुरू में बेटी की निर्मम हत्या की आशंकाएं थीं, जिन्हें दूर करने के लिए छह सदस्यीय टीम और पीड़ित परिवार के कुछ सदस्य पीजीआई तक गए और अलग-अलग शंकाओं को दूर किया गया।

भावुक माहौल और न्याय की उम्मीद बैठक के दौरान बेहद भावुक माहौल देखने को मिला। मनीषा के दादा रोते हुए बाहर निकल आए, जो इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को दर्शाता है। हालांकि, बाहर मौजूद भीड़ के कुछ लोगों का कहना था कि यह फैसला प्रशासन के दबाव में लिया गया है। मनीषा के पिता संजय जी और पूरा पीड़ित परिवार इस बैठक में मौजूद था। कमेटी ने परिवार के प्रति अपनी पूरी एकजुटता दिखाते हुए कहा है कि वे हमेशा उनके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। परिवार की सबसे अहम मांग यह है कि पुलिस सभी सवालों का निष्पक्षता से जवाब दे और जांच सही तरीके से आगे बढ़े। पुलिस प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह परिवार के हर सवाल का जवाब दे और उन्हें संतुष्ट करे।

जनभावना और संस्कृति का सम्मान यह सहमति केवल मेडिकल रिपोर्ट पर आधारित नहीं है, बल्कि इसमें जनभावनाओं और सामाजिक परिस्थितियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लगभग 13 तारीख से शुरू हुआ यह आंदोलन 18 तारीख तक चल रहा था, और शव पिछले पांच-छह दिनों से अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहा था। कमेटी ने सर्वसम्मति से और सभी जन भावनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया है कि बहन मनीषा का सह-सम्मान अंतिम संस्कार हो। इस निर्णय के साथ, एक सामाजिक तौर पर यह भी जरूरी था कि बेटी का दाह संस्कार हो, और न्याय प्रणाली पर विश्वास जताते हुए उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन न्याय देगा। पूरा समाज, 36 बिरादरी, मनीषा के परिवार के साथ है और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग कर रहा है। यह दिखाता है कि समाज और परिवार, दोनों ही, मनीषा को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भले ही अंतिम संस्कार हो गया हो।

FAQs:

    • मनीषा का अंतिम संस्कार कब तय हुआ? मनीषा का अंतिम संस्कार देर रात चली एक लंबी बैठक के बाद तय हुआ, जिसमें धरना कमेटी, ग्रामीण और पीड़ित परिवार शामिल थे। यह फैसला रात 12:30 बजे के बाद लिया गया।

    • अंतिम संस्कार का फैसला क्यों लिया गया? फैसला मुख्य रूप से विसरा रिपोर्ट और शव की लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए लिया गया। मृतका के सम्मान और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दाह संस्कार को प्राथमिकता दी गई।

    • बैठक में कौन-कौन शामिल था? बैठक में धरना कमेटी के सदस्य, ग्रामीण, पीड़ित परिवार के सदस्य (मनीषा के पिता संजय जी सहित), सिंघानी के सरपंच संजीत और किसान नेता रवि आजाद जैसे प्रमुख लोग शामिल थे।

    • परिवार की मुख्य मांगें क्या हैं? परिवार की मुख्य मांग निष्पक्ष जांच है। वे चाहते हैं कि पुलिस सभी सवालों का निष्पक्षता से जवाब दे, जांच सही तरीके से आगे बढ़े, और पुलिस प्रशासन उन्हें संतुष्ट करे।

    • जांच की आगे की प्रक्रिया क्या होगी? जांच अपनी प्रक्रिया के अनुसार चलती रहेगी। किसान नेता रवि आजाद ने स्पष्ट किया है कि विसरा रिपोर्ट और शव की हालत के आधार पर यह फैसला लिया गया है, लेकिन पुलिस को निष्पक्षता से काम करने की जिम्मेदारी दी गई है।


Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.