नेपाल में सोशल मीडिया बैन: फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 ऐप पर लगा प्रतिबंध, जानें क्या है पूरा मामला?

नेपाल में सोशल मीडिया बैन का बड़ा फैसला, 26 ऐप्स पर प्रतिबंध. जानें क्यों सरकार ने उठाया यह कदम और इसका आम जनता पर क्या असर होगा. पूरी जानकारी यहाँ!

Sep 7, 2025 - 19:43
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नेपाल में सोशल मीडिया बैन: फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 ऐप पर लगा प्रतिबंध, जानें क्या है पूरा मामला?
नेपाल में सोशल मीडिया बैन

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 07 Sep 2025

नेपाल में सोशल मीडिया बैन: रातोंरात 26 ऐप्स पर लगा प्रतिबंध, करोड़ों यूजर्स हुए प्रभावित

नेपाल में सोशल मीडिया बैन का एक बड़ा और अप्रत्याशित फैसला लिया गया है, जिसने देश के करोड़ों नागरिकों को हैरान कर दिया है। बीते देर रात से ही, Facebook, Instagram, X (पहले Twitter), YouTube, WhatsApp जैसे 26 प्रमुख सोशल मीडिया एप्लीकेशंस ने काम करना बंद कर दिया है। नेपाल सरकार ने यह कड़ा कदम इसलिए उठाया है क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स ने देश के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अनिवार्य पंजीकरण नहीं कराया था। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश के लोग अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अत्यधिक निर्भर हैं, और इस प्रतिबंध ने उनके जीवन में एक बड़ी उथल-पुथल मचा दी है। सरकार के इस कदम से न केवल सामान्य नागरिक बल्कि व्यवसायों और विभिन्न संगठनों को भी तत्काल प्रभाव से समायोजन करना पड़ रहा है। कई लोगों के लिए, इन एप्लीकेशनेशंस के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है, और यही स्थिति फिलहाल नेपाल में बन गई है।

आखिर क्यों लिया गया नेपाल सरकार द्वारा यह बड़ा फैसला?

नेपाल सरकार ने इन 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का मुख्य कारण उनके द्वारा अनिवार्य पंजीकरण में विफलता बताया है। दरअसल, नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को विनियमित करने और उनके संचालन को नियंत्रित करने का निर्देश दिया था, जिसके तहत इन कंपनियों को मंत्रालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य था। सरकार ने इन सभी एप्लीकेशनेशंस को पंजीकरण के लिए सात दिन का समय दिया था। इस समय सीमा के भीतर उन्हें आवश्यक दस्तावेज और जानकारी जमा करनी थी। हालांकि, इन कंपनियों ने निर्धारित समय-सीमा का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए इन पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार का कहना है कि पंजीकरण से सोशल मीडिया कंपनियों को स्थानीय कानूनों जैसे सामग्री नियंत्रण, डेटा गोपनीयता और उपयोगकर्ता सुरक्षा का पालन सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भी इस फैसले को लिया गया है, जहां सरकार का मानना है कि कुछ सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से नेपाल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे। 4 सितंबर 2025 की मध्य रात्रि से यह प्रतिबंध लागू कर दिया गया है।

कौन से प्रमुख ऐप्स हुए बैन और कौन से अभी भी चालू हैं?

नेपाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए 26 एप्लीकेशनेशंस में Facebook, WhatsApp, Facebook Messenger, Instagram, YouTube, X (Twitter), LinkedIn, Snapchat, Reddit, Discord, Pinterest, Signal, Threads, WeChat, Quora, Mastodon, Rumble, MIV, VK, Line, IMO, Zalo, Sol, Humro और Yatro जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं। इन सभी ऐप्स का उपयोग अब नेपाल में नहीं किया जा सकता है। हालांकि, सभी सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कुछ प्लेटफॉर्म्स अभी भी नेपाल में काम कर रहे हैं, जिनमें TikTok, Viber, VTOK, Nimbus और PPO Live शामिल हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये बचे हुए प्लेटफॉर्म्स अपनी लोकप्रियता में वृद्धि देखते हैं या नहीं, क्योंकि उपयोगकर्ता अब वैकल्पिक माध्यमों की तलाश में हैं। दूरसंचार नेटवर्क को भी निर्देश दिए गए हैं कि ये प्रतिबंधित एप्लीकेशनेशंस काम न करें।

इस फैसले पर जनता और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की क्या प्रतिक्रिया है?

जैसे ही नेपाल में इन तमाम एप्लीकेशनेशंस को बैन किया गया, वहां के लोगों में भारी हलचल मच गई। लोग यह समझने को तैयार नहीं थे कि आखिर रातोंरात ऐसा क्या हो गया कि उनके पसंदीदा ऐप्स बंद कर दिए गए। कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं, और खासतौर पर लोगों ने इस फैसले का विरोध भी किया है। सरकारी और आधिकारिक तौर पर सरकार इसे सार्वजनिक हित में बता रही है। हालांकि, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। NHRC का कहना है कि यह संवैधानिक स्वतंत्रताओं का उल्लंघन है और सरकार को वैकल्पिक नियम अपनाने चाहिए। वहीं, सिविल सोसाइटी और मीडिया भी इस विरोध में शामिल हो गए हैं। इसे टैक्स वसूली या सेंसरशिप का प्रयास माना जा रहा है। सिविल सोसाइटी ने प्रेस स्वतंत्रता पर चिंता जताई है और कुछ रिपोर्ट्स में इसे असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक भी कहा गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स VPN डाउनलोड करने की बात कर रहे हैं, लेकिन ओवरलोड होने की शिकायतें भी आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे मूर्खतापूर्ण और तानाशाही करार देते हुए सरकार को हटाने तक की मांग की है। भारत से जुड़े पोस्ट में इसे चीन शैली के नियंत्रण से जोड़ा गया और नेपाल-भारत परिवारों पर इसके असर की चिंता जताई गई है। हालांकि, ज्यादातर लोग इस फैसले के विरोध में हैं।

क्या नेपाल ऐसा करने वाला पहला देश है और आगे क्या होगा?

यह बता दें कि इन तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने वाला नेपाल कोई पहला देश नहीं है। इससे पहले चीन, नॉर्थ कोरिया और ईरान जैसे देशों में भी तमाम सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इन देशों में सुरक्षा के लिहाज से या फिर तानाशाही करार देते हुए मीडिया प्लेटफॉर्म्स काम नहीं करते हैं। भारत में भी कुछ समय पहले कुछ सोशल मीडिया साइट्स को सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित किया गया था। नेपाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला स्थायी नहीं है। सरकार का कहना है कि यदि ये एप्लीकेशनेशंस जल्द से जल्द खुद को रजिस्टर करवा लेते हैं, तो इन पर से बैन हटा लिया जाएगा और ये फिर से नेपाल में काम करने लगेंगे। सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि सोशल मीडिया साइट्स के विनियमन (रेगुलेशन) को लेकर कुछ नए नियम बनाए जा रहे हैं और जल्द ही एक मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार कर देश में लागू किया जाएगा। इन नियमों के माध्यम से इन पर नियंत्रण और विनियमन सुनिश्चित किया जाएगा। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या ये एप्लीकेशनेशंस नेपाल में खुद को रजिस्टर कराते हैं या नेपाल के नागरिकों को बिना इन लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स के रहना पड़ेगा।

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