Scorpio N 52000 Km रिव्यू: ओनर को लगा बड़ा झटका या पैसा वसूल?
Scorpio N 52000 Km रिव्यू में जानें मालिक का पूरा अनुभव। DPF, माइलेज, सर्विस और शुरूआती समस्याओं पर सटीक जानकारी, क्या यह SUV आज भी बेस्ट है?

Scorpio N 52000 Km रिव्यू: ओनर को लगा बड़ा झटका या पैसा वसूल? जानिए पूरा सच!
महिंद्रा स्कॉर्पियो एन, जो लॉन्च के बाद से ही भारतीय बाजार में धमाल मचा रही है, लाखों लोगों की पसंद बन चुकी है। लेकिन, क्या यह SUV वाकई अपनी कीमत वसूल कर पाती है? एक Scorpio N मालिक ने अपनी गाड़ी को 52,000 किलोमीटर से अधिक चलाया है और अब उन्होंने अपने विस्तृत अनुभव को साझा किया है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि लंबी अवधि के बाद DPF, माइलेज, सर्विस कॉस्ट और शुरूआती समस्याओं को लेकर उनका अनुभव कैसा रहा। यह खबर उन सभी लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो Scorpio N खरीदने का विचार कर रहे हैं या जो पहले से ही इसके मालिक हैं।
Scorpio N: 52000 Km का सफर और DPF का सच
डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर (DPF) BS6 डीजल कारों के मालिकों के लिए एक चिंता का विषय रहा है। Scorpio N के मालिक ने बताया कि उनकी गाड़ी ने कुल 231 बार रीजनरेशन की डिमांड की, जिसमें से 125 बार यह सफलतापूर्वक पूरा हुआ। मालिक को केवल दो बार 'पार्क रीजनरेशन' करना पड़ा, जब गाड़ी शहर में छोटे ट्रिप पर चल रही थी। तकनीशियनों के अनुसार, गाड़ी में सूट मास 20 ग्राम पहुंचने पर पैसिव रीजनरेशन अपने आप शुरू हो जाता है, जिसमें ड्राइवर को पता भी नहीं चलता। वहीं, यदि सूट मास 37 ग्राम से ऊपर चला जाए, तो गंभीर समस्याएं आ सकती हैं और गाड़ी 'लिंप मोड' में जा सकती है, जहाँ गति 40-50 किमी/घंटा तक सीमित हो जाती है।
डीपीएफ समस्याओं से बचने के लिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि गाड़ी को नियमित रूप से 60 किमी/घंटा से अधिक की गति पर हाईवे पर चलाया जाए। शहर में कम दूरी की यात्राओं के लिए डीजल इंजन की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि ऐसे में डीपीएफ को सूट जलाने के लिए उचित तापमान नहीं मिल पाता। पहले BS6 डीजल इंजन में इंजन ऑयल के साथ डीजल मिक्स होने की समस्या थी, लेकिन अब टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट और ECU अपडेट के कारण यह काफी हद तक नियंत्रित हो गई है। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में लगातार चलने वाली गाड़ियों के लिए महिंद्रा ने 5000 किलोमीटर पर इंजन ऑयल बदलने का सर्कुलर जारी किया था।
स्टीयरिंग रैक और टायर की चुनौती: एक बड़ा बदलाव
Scorpio N के मालिक को शुरूआती दौर में स्टीयरिंग से 'कट-कट' की आवाज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। स्टीयरिंग रैक को दो बार बदलने के बावजूद समस्या बनी रही, लेकिन तीसरी बार बदलने पर यह पूरी तरह ठीक हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार, महिंद्रा ने पहली बार इतनी भारी लेडर फ्रेम गाड़ी में इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग (EPS) दिया है, जिससे शुरुआती दिक्कतें आना स्वाभाविक था।
स्टॉक टायरों से मालिक का विश्वास टूट गया था क्योंकि वे गीले इलाकों में अच्छी ग्रिप नहीं देते थे और उनमें असमान वियर की समस्या थी। महिंद्रा ने सद्भावना के तौर पर दो नए टायर भी दिए, लेकिन मालिक ने अंततः मिशेलिन के LTX ट्रेल टायर लगवाए। इन टायरों ने स्मूथनेस, बेहतर ग्रिप और ऑफ-रोड प्रदर्शन में शानदार सुधार दिया है।
माइलेज और सर्विस खर्च: कितना पैसा वसूल?
52,000 किलोमीटर के सफर के बाद Scorpio N का माइलेज भी मापा गया। सिटी और हाईवे मिलाकर 140 किलोमीटर की यात्रा में 10 लीटर डीजल खर्च हुआ, जिससे औसत 14 किमी/लीटर रहा। हाईवे पर, गाड़ी 90-100 किमी/घंटा की गति पर 14.7 से 15.4 किमी/लीटर का माइलेज दे रही थी। सिटी में यह आमतौर पर 11-12 किमी/लीटर का माइलेज देती है। डीएफ की खपत लगभग 12-14 लीटर प्रति 10,000 किमी (हर सर्विस पर) होती है।
गाड़ी की सर्विस कॉस्ट की बात करें तो, ऑयल चेंज वाली सर्विस आमतौर पर ₹10,000 से ₹15,000 के बीच आती है। हालांकि, एक बार ₹25,000 का बिल भी आया था, जिसमें एक टायर की खरीद शामिल थी, और एक बार ₹16,000 का बिल रियर ब्रेक पैड बदलने के कारण आया। सर्विस सेंटर का अनुभव स्थान के अनुसार भिन्न रहा; नोएडा में असंतोषजनक रहा, जबकि रुद्रपुर में मालिक को काफी अच्छा सहयोग मिला।
Scorpio N: क्यों बनी पहली पसंद और भविष्य की उम्मीदें?
मालिक को लेडर फ्रेम गाड़ियां हमेशा से पसंद थीं और लद्दाख ट्रिप के दौरान Scorpio N की लंबी टेस्ट ड्राइव ने उनके खरीदने के फैसले पर मुहर लगा दी थी। एडवेंचर और लंबी ड्राइव के शौक के लिए यह गाड़ी एक परफेक्ट मैच थी। इस प्राइस ब्रैकेट में Scorpio N का कोई सीधा कॉम्पिटिटर नहीं है। इसकी रीसेल वैल्यू भी शानदार है। मालिक का मानना है कि यदि यह गाड़ी बिना बड़ी समस्याओं के 10 साल तक चलती है और 2.5-3 लाख किलोमीटर का सफर तय करती है, तो उनका पैसा वसूल हो जाएगा।
कुछ सुधारों की भी आवश्यकता महसूस की गई है। बाद में वेंटिलेटेड सीट्स, ऑटो-डिमिंग IRVM और ADAS जैसे फीचर्स जोड़े गए। लेकिन, अभी भी बेहतर अप्रोच और डिपार्चर एंगल, आगे 12V सॉकेट, थर्ड रो में AC और पैडल शिफ्टर्स जैसे फीचर्स की कमी है। डीएफ टैंक की लोकेशन भी ऑफ-रोडिंग के लिए बेहतर होनी चाहिए। महिंद्रा को अपनी कस्टमर सर्विस और शुरूआती समस्याओं को नियंत्रित करने पर और ध्यान देने की जरूरत है।
6. FAQs:
1. Scorpio N में DPF रीजनरेशन कितनी बार होता है? मालिक की Scorpio N में ECU ने 231 बार रीजनरेशन की डिमांड की, जिसमें से 125 बार सफल रहे। सूट मास 20 ग्राम होने पर पैसिव रीजनरेशन अपने आप शुरू हो जाता है।
2. Scorpio N के स्टीयरिंग रैक में क्या समस्या थी? शुरूआत में स्टीयरिंग से 'कट-कट' की आवाज आती थी। तीन बार स्टीयरिंग रैक बदलने के बाद यह समस्या पूरी तरह ठीक हुई, जो लेडर फ्रेम गाड़ी में पहली बार EPS के उपयोग के कारण थी।
3. Scorpio N 52,000 किमी के बाद कितना माइलेज देती है? मालिक के टैंक-टू-टैंक टेस्ट के अनुसार, सिटी और हाईवे मिलाकर 14 किमी/लीटर का औसत माइलेज मिला। हाईवे पर यह 14.7-15.4 किमी/लीटर और सिटी में 11-12 किमी/लीटर तक देती है।
4. क्या Scorpio N में डीजल इंजन शहर में चलाने के लिए सही है? विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आपकी नियमित हाईवे ड्राइव नहीं है, तो शहर में चलाने के लिए डीजल इंजन पर विचार न करें। शहर में सूट इकट्ठा होने से DPF में समस्या आ सकती है।
5. Scorpio N की सर्विस का खर्च कितना आता है? सामान्य ऑयल चेंज वाली सर्विस का खर्च आमतौर पर ₹10,000 से ₹15,000 के बीच आता है। बड़े कॉम्पोनेंट्स के बदलने पर यह खर्च बढ़ सकता है, जैसे टायर या ब्रेक पैड।