सीबीआई मनीषा केस: भिवानी में सीबीआई को मिले 'सबूत', क्या सुलझेगी मौत की गुत्थी? चौंकाने वाले खुलासे
सीबीआई मनीषा केस में भिवानी पहुंचते ही जांच एजेंसी को मिले अहम सुराग, क्या यह आत्महत्या है या हत्या? जानें पूरी कहानी और ताजा अपडेट।

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 06 Sep 2025
सीबीआई मनीषा केस में भिवानी पहुंचते ही जांच एजेंसी को मिले 'सबूत' मिलने से इस बहुचर्चित मामले में नया मोड़ आ गया है। मनीषा मौत के मामले में सीबीआई की टीम ने अपनी जांच का पहला चरण शुरू कर दिया है, और पहले ही दिन उन्हें कुछ ऐसे अहम सुराग हाथ लगे हैं, जो इस केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। यह मामला, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी, अब सीबीआई मनीषा केस की गहन जांच के दायरे में है, जिससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। मनीषा की मौत आत्महत्या है या हत्या, यह सवाल अभी भी अनसुलझा है, लेकिन सीबीआई की एंट्री से न्याय की उम्मीद जगी है।
घटनास्थल से मिले अहम सुराग और अनसुलझे सवाल
मनीषा की लाश जिस जगह मिली थी, उस स्थान पर सीबीआई को कई अहम चीजें मिली हैं, जिसने जांच की दिशा को एक नया आयाम दिया है। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं (हालांकि हमारा चैनल इन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है) जिनमें घटना स्थल पर कई शराब की बोतलें, डिस्पोजेबल ग्लास और स्नैक्स के पैकेट बिखरे हुए दिख रहे हैं। इन चीजों के मिलने से कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। क्या मनीषा के अलावा कोई और भी उस घटना स्थल पर मौजूद था? क्या उसकी हत्या से पहले वहां कोई पार्टी की गई थी? क्या ये वही हत्यारे थे, जिन्होंने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया? ऐसे तमाम सवाल इस समय सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं और आम जनता के मन में भी कौतूहल पैदा कर रहे हैं। इन सुरागों के मिलने के बाद सीबीआई की जांच अब और तेज हो गई है, और उम्मीद है कि ये सबूत मनीषा की मौत के पीछे छिपे राज को उजागर करने में मदद करेंगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के चौंकाने वाले खुलासे और परिजनों के आरोप
इस मामले में सबसे अहम बयान उन लोगों के रहने वाले हैं, जिन्होंने सबसे पहले मनीषा की लाश को देखा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि जब उन्होंने गांव में कुत्तों का झुंड बैठा हुआ देखा, तो उन्हें लगा कि शायद वहां किसी बकरी का बच्चा या कोई अन्य पशु है। लेकिन जब वे नजदीक गए और सरपंच को सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे, तो वहां का नजारा देखकर वे हक्के-बक्के रह गए। वहां एक युवती की लाश थी, और उसकी हालत इतनी खराब थी कि उसे शब्दों में बयां करना भी मुश्किल था। लोगों ने बताया कि मनीषा का गला पूरी तरह से कटा हुआ था, रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 5 सेमी गला ही बचा था। इतना ही नहीं, मनीषा की आंखें भी नोंच ली गई थीं और उसके चेहरे को भी बुरी तरह से कुचल दिया गया था। पुलिस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जंगली जानवरों ने मनीषा के चेहरे को नोचा था, लेकिन परिवारजनों का कहना है कि यह हत्या की कोशिश या पहचान छिपाने के लिए चेहरे को कुचलने का प्रयास हो सकता है। ये चौंकाने वाले खुलासे सीबीआई मनीषा केस में संदेह को और गहरा करते हैं। सीबीआई अब इन प्रत्यक्षदर्शियों से गहन पूछताछ करेगी ताकि सच्चाई सामने आ सके।
सीबीआई की जांच का दायरा: कौन-कौन रडार पर?
सीबीआई मनीषा केस में अपनी जांच के तहत कई महत्वपूर्ण लोगों से पूछताछ करने वाली है। सबसे पहले मनीषा के माता-पिता का बयान दर्ज किया जाएगा, हालांकि मनीषा के पिता ने अभी पूरी जानकारी सामने आने तक कोई बयान देने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा, मनीषा के प्ले स्कूल में काम करने वाली अध्यापिकाओं (कलीग्स) से भी पूछताछ की जाएगी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, मनीषा ने जिस दुकान से कीटनाशक या जहर खरीदा था, उस दुकान के मालिक से भी सीबीआई पूछताछ करेगी और उसे बुलाया जा सकता है। मनीषा जिस नर्सिंग कॉलेज की बस से अपने गांव जाती थी, उस बस के ड्राइवर से भी पूछताछ की जाएगी, क्योंकि मनीषा के गांव से सीधी बस नहीं आती थी, और उसे प्ले स्कूल पहुंचने में अक्सर देर हो जाती थी। प्ले स्कूल के संचालक से भी मनीषा के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए पूछताछ की जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण पहलू मनीषा की कॉल डिटेल्स का विश्लेषण होगा, जिससे यह पता चलेगा कि वह आखिरी समय में किससे बात कर रही थी और किसके संपर्क में थी। मनीषा ने अपनी मौत के दिन अपने पिता को दो बार कॉल भी किया था, जिसमें से एक रात का कॉल था जिसे उसके पिता उठा नहीं पाए थे, इन पहलुओं पर भी सीबीआई गहनता से जांच कर रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सुसाइड नोट की गुत्थी
मनीषा मौत के मामले में अब तक तीन बार पोस्टमार्टम हो चुका है, और तीनों बार अलग-अलग बातें सामने आई हैं। पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ और तथ्य थे, लेकिन दूसरी रिपोर्ट में जहर की पुष्टि की गई। तीसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट दूसरी रिपोर्ट से मिलती-जुलती थी। इस बीच, पुलिस द्वारा मनीषा के हाथों लिखा एक सुसाइड नोट भी मिलने का दावा किया गया है। हालांकि, यह एक बड़ा सवाल है कि क्या वाकई वह सुसाइड नोट मनीषा ने ही लिखा था, या इसके पीछे कोई साजिश या चाल है। सीबीआई मनीषा केस के इन सभी जटिल पहलुओं पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है और सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रही है। यह सुसाइड नोट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स की विसंगतियां इस मामले को और भी रहस्यमयी बनाती हैं।
सबूत मिटाने वाली बारिश और सीबीआई की चुनौतियां
सीबीआई मनीषा केस की जांच में एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही है, और इसकी सबसे बड़ी वजह कोई व्यक्ति नहीं बल्कि मौसम है। मानसून अभी भी प्रभावी है, और झमाझम बारिश का दौर जारी है। ऐसे में, जहां मनीषा की लाश मिली थी, वहां पानी भर गया है। पानी भरने की वजह से घटना स्थल पर मौजूद कई अहम सबूत मिट गए हो सकते हैं, जिससे सीबीआई को जरूरी सुराग मिलने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि सीबीआई की टीम वहां पहुंच चुकी है और सभी पहलुओं पर जांच कर रही है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण सबूतों का नष्ट होना जांच को और मुश्किल बना रहा है। सीबीआई को अब इन चुनौतियों के बीच ही अपनी जांच को आगे बढ़ाना होगा।
आत्महत्या या हत्या: सच्चाई का इंतजार
फिलहाल, सीबीआई मनीषा केस में सबसे बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या मनीषा ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है, जबकि परिवारजनों का साफ कहना है कि मनीषा ऐसी लड़की नहीं थी और यह आत्महत्या नहीं हो सकती। सीबीआई की टीम अपनी रिपोर्ट कब तक पेश करती है और उस रिपोर्ट में क्या खुलासा होता है, यह देखने वाली बात होगी। सीबीआई की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, न ही मनीषा के पिता या जानने वालों ने कोई बयान दिया है, क्योंकि जांच एजेंसियां शुरुआत में जानकारी को गोपनीय रखती हैं। पूरे देश की निगाहें अब सीबीआई की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस हत्या और आत्महत्या की गुत्थी को सुलझा सकती है और मनीषा को न्याय दिला सकती है।