Haryana news: कॉलेज कांड: बेटी को न्याय दिलाने सड़कों पर पूरा हरियाणा
Haryana news: सोनीपत, रोहतक, घमांडों गांव में आक्रोश! राजगढ़ मोर कॉलेज में बार-बार हो रहे कांडों के खिलाफ जनता एकजुट. बेटी को न्याय मिलने तक नहीं हटेंगे पीछे. जानें पूरा मामला.

कॉलेज कांड: बेटी को न्याय दिलाने सड़कों पर पूरा हरियाणा, देखें ताजा अपडेट
हरियाणा में एक बार फिर इंसाफ की मांग को लेकर जनसैलाब उमड़ पड़ा है। सोनीपत और रोहतक समेत पूरे हरियाणा के लोग एक 'बेटी' को न्याय दिलाने के लिए घमांडों गांव में जमा हो गए हैं, जहाँ पुलिस प्रशासन की भारी मौजूदगी भी देखी जा रही है। यह मामला राजगढ़ मोर स्थित एक कॉलेज से जुड़ा है, जहाँ बार-बार ऐसे 'कांड' होने का आरोप है। ग्रामीणों और आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी 'बेटी' को इंसाफ नहीं मिलता, वे पीछे नहीं हटेंगे।
कॉलेज में बार-बार क्यों होते हैं ऐसे कांड?
यह सवाल बार-बार उठाया जा रहा है कि राजगढ़ मोर के इस कॉलेज में ऐसा क्या है कि बार-बार ऐसे 'कांड' होते हैं। आंदोलनकारी इस बात को उजागर करना चाहते हैं कि आखिर क्यों इस कॉलेज में ऐसी घटनाएं लगातार घटित होती हैं। सुरेश जिया चडनी साहब ने एक पुराने मामले का जिक्र करते हुए बताया कि इसी कॉलेज में पहले भी मनीषा नाम की एक बेटी के साथ ऐसा ही काम हुआ था, और वह केस भी 'ऐसे ही निपटा दिया गया था' और आज तक न्याय नहीं मिला है। इस पृष्ठभूमि में, वर्तमान 'बेटी' के लिए न्याय की मांग और भी मुखर हो गई है।
न्याय के लिए जनसैलाब: शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील
घमांडों गांव में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए हैं, और सोनीपत व रोहतक पुलिस भी वहां पहुंच रही है। आंदोलनकारियों को आगाह किया गया है कि पुलिस प्रशासन की इतनी "खतरनाक तैयारी" यह संकेत देती है कि उनकी ताकत या संख्या कम नहीं होनी चाहिए। हालांकि, बड़े-बुजुर्गों और फैसला लेने वाले नेताओं द्वारा आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर 'फूंक देंगे, आग लगा देंगे, मार देंगे' जैसी उत्तेजित बातें कहने से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे केवल 'फॉलोवर' मिलते हैं, कामयाबी नहीं। आंदोलन 'बड़े बुजुर्गों' के दिशा-निर्देश में चलना चाहिए।
सीबीआई या हरियाणा पुलिस: परिवार की संतुष्टि पहली शर्त
आंदोलन की प्रमुख मांगों में से एक निष्पक्ष जांच है, चाहे वह सीबीआई द्वारा हो या हरियाणा पुलिस द्वारा। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जांच से पहले लड़की के माता-पिता, परिवार और गांव को संतुष्टि मिलनी चाहिए। उनके मुंह से 'हां, इस जांच से हम संतुष्ट हैं' निकलने के बाद ही आंदोलनकारी संतुष्ट होंगे। इसके अलावा, आंदोलनकारी यह भी मांग कर रहे हैं कि 'बंद कमरे में बतलाना' बंद किया जाए। पंचायत का कोई भी व्यक्ति या अधिकारी जो जांच से संबंधित कोई बात करना चाहता है, उसे 'गांव और पंचायत के बीच में बैठकर' संदेश देना चाहिए, ताकि किसी भी तरह के धोखे से बचा जा सके।
दोषियों को तत्काल सजा की मांग
प्रदर्शनकारियों की सबसे प्रबल मांग यह है कि उनकी 'बेटी' की चिता को अग्नि देने से पहले 'जितने भी हत्यारे हैं, उनकी भी चिता को अग्नि दी जाए'। इसका अर्थ है कि वे दोषियों को 'ऑन द सपोर्ट' फांसी या कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं, जेल भेजने जैसे छोटे-मोटे दंड से वे संतुष्ट नहीं हैं। आंदोलनकारियों ने 'न्याय होने के बगैर यहां से उठना नहीं है' की शपथ ली है। उनका मानना है कि हरियाणा में जब 'बंद का ऐलान' होगा, तो 'साइकिल भी नहीं चलनी चाहिए'। यह लड़ाई अगर हार गए और बेटी को न्याय नहीं दिलवा पाए, तो यह सोचना भी नहीं चाहिए कि यह पहला काम है।
युवा साथियों और मीडिया से अपेक्षाएं
आंदोलन के दौरान युवा साथियों से रचनात्मक सुझाव देने और आक्रोश में आकर बड़ी बात न कहने का अनुरोध किया गया है, ताकि बड़े-बुजुर्गों को लगे कि 'बालक पढ़े-लिखे हैं, अच्छी बात बताने लाग रहे हैं'। पत्रकारों और यूट्यूबर साथियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे 'कुएं में जाकर इंटरव्यू लेना' बंद करें और जो बात पंचायत के अंदर होती है, जो 'पंचायती आदमी' हैं, उन्हें दिखाएं। जोश और जुनून में 'बलात्कारियों को मार देंगे' जैसी बातें कहने से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे कहने वाले को खुद 'बलात्कार की सजा' काटनी पड़ सकती है। आंदोलन का नेतृत्व 'पगड़ी वाले' यानी बुजुर्गों के हाथ में रहना चाहिए, जिनकी इज्जत की जानी चाहिए।
FAQs:
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प्रश्न: हरियाणा में वर्तमान आंदोलन किस बात को लेकर हो रहा है? उत्तर: यह आंदोलन एक 'बेटी' को न्याय दिलाने के लिए हो रहा है, जिसकी घटना राजगढ़ मोर के एक कॉलेज से जुड़ी है। यह कॉलेज पहले भी ऐसे 'कांडों' के लिए सुर्खियों में रहा है, जिसमें मनीषा मामला भी शामिल है।
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प्रश्न: आंदोलनकारियों की मुख्य मांगें क्या हैं? उत्तर: आंदोलनकारियों की मुख्य मांग 'बेटी' को तत्काल न्याय दिलाना है। वे दोषियों को फांसी या कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि परिवार की संतुष्टि के बाद ही कोई जांच आगे बढ़े।
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प्रश्न: क्या आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है? उत्तर: हां, बड़े-बुजुर्गों और नेताओं द्वारा आंदोलन को शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से चलाने की अपील की गई है। सोशल मीडिया पर उत्तेजक बयानबाजी से बचने और एकजुट होकर न्याय की मांग करने पर जोर दिया गया है।
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प्रश्न: राजगढ़ मोर कॉलेज का क्या इतिहास है? उत्तर: सूत्रों के अनुसार, राजगढ़ मोर स्थित इसी कॉलेज में पहले भी मनीषा नाम की एक बेटी के साथ ऐसी ही घटना हुई थी, और वह केस कथित तौर पर 'निपटा दिया गया था', जिससे उसे आज तक न्याय नहीं मिला।
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प्रश्न: पुलिस और प्रशासन की क्या भूमिका है? उत्तर: सोनीपत और रोहतक से पुलिस प्रशासन भारी संख्या में घमांडों गांव पहुंच रहा है। आंदोलनकारी चाहते हैं कि कोई भी अधिकारी या जांच एजेंसी (जैसे सीबीआई या हरियाणा पुलिस) 'बंद कमरे' में बात न करे, बल्कि पंचायत के बीच आकर संदेश दे.
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