धर्मेंद्र की बीमारी में अकेलापन, हेमा दूर, फिर पास आई प्रकाश कौर
90 साल के धर्मेंद्र जब बीमार पड़े, तो हेमा मालिनी क्यों नहीं थीं साथ? जानिए कैसे पहली पत्नी प्रकाश कौर ने निभाया सच्चा साथी का फर्ज, जिसने दुनिया को दिखाया असली प्यार क्या है।

धर्मेंद्र की बीमारी में अकेलापन, हेमा दूर, फिर पास आई प्रकाश कौर: एक अनोखी प्रेम कहानी का अप्रत्याशित मोड़
बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र, जिन्होंने अपनी जिंदगी में प्यार और शोहरत की ऊंचाइयों को छुआ, आज 90 साल की उम्र में जीवन के सबसे नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। जब उन्हें सबसे ज्यादा सहारे की जरूरत है, तब वो चेहरा उनके पास नहीं है जिसके लिए उन्होंने समाज और परंपराओं से बगावत की थी। लेकिन वक्त का खेल देखिए, उसी दौर में एक ऐसा चेहरा उनके पास लौटा है जिसे कभी उन्होंने अतीत मानकर पीछे छोड़ दिया था – उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर। यह किसी फिल्मी कहानी का दृश्य नहीं, बल्कि धर्मेंद्र की सच्ची दास्तान है, जो दिखाती है कि जिंदगी बुढ़ापे में असली साथी की पहचान कैसे कराती है। आज हम आपको बताएंगे धर्मेंद्र की जिंदगी के उस पड़ाव के बारे में, जब उन्होंने बीमारी और तकलीफों के दौरान अपने सच्चे प्यार को फिर से पहचाना।
एक साधारण लड़का, एक असाधारण सफर: धर्मेंद्र का उदय
8 दिसंबर 1935 को पंजाब के फगवाड़ा जिले के नसराली गांव में जन्मे धर्म सिंह देओल एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर के बेटे थे। उनके पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई में नाम कमाएं, लेकिन धर्मेंद्र के दिल में किताबों से ज्यादा सिनेमा ने जगह बना ली थी। 1954 में, मात्र 19 साल की उम्र में, उनका अरेंज मैरिज प्रकाश कौर से हुआ, जो फिल्मी दुनिया से दूर एक पारंपरिक पंजाबी महिला थीं। प्रकाश ने हमेशा धर्मेंद्र की इच्छाओं का सम्मान किया और बिना किसी शिकायत के उनका समर्थन किया। 1958 में, धर्मेंद्र ने फिल्मफेयर टैलेंट हंट में हिस्सा लिया और अपने मासूम चेहरे व शानदार बॉडी लैंग्वेज के कारण चुने गए। मुंबई में उन्होंने अकेले संघर्ष किया, अपना विवाहित जीवन छुपाया और कई भूखे दिन भी देखे। 1960 में उन्हें अपनी पहली लीड रोल फिल्म "दिल भी तेरा हम भी तेरे" मिली। उनकी सादगी और स्क्रीन प्रेजेंस ने जल्द ही उन्हें पहचान दिलाई और 1966 में "फूल और पत्थर" की ब्लॉकबस्टर सफलता ने उन्हें स्टारडम के शिखर पर पहुंचा दिया। इसी दौरान, प्रकाश कौर से उनके दो बेटे अजय सिंह देओल (सनी देओल) और विजय सिंह देओल (बॉबी देओल) हुए।
ड्रीम गर्ल से मुलाकात और दो जिंदगियों का सफर
साल 1970 में, जब धर्मेंद्र का करियर अपने सुनहरे दौर में था, उनकी मुलाकात नई अभिनेत्री हेमा मालिनी से हुई, जिन्हें मीडिया ने 'ड्रीम गर्ल' का ताज दिया था। फिल्म "शराफत" के सेट पर शुरू हुआ यह रिश्ता, "तुम हसीन मैं जवान" और "सीता और गीता" जैसी फिल्मों की शूटिंग के दौरान प्यार में बदल गया। धर्मेंद्र, जो पहले से शादीशुदा और दो बच्चों के पिता थे, हेमा के आकर्षण से बच नहीं पाए। वे घंटों तक सीन रिहर्स करने या रीटेक मांगने का बहाना बनाते ताकि हेमा के साथ और वक्त बिता सकें। हेमा की मां जया चक्रवर्ती को यह रिश्ता मंजूर नहीं था, लेकिन धर्मेंद्र ने हार नहीं मानी। आखिरकार, पूरे देश को चौंकाते हुए, धर्मेंद्र और हेमा ने 1979 में इस्लाम धर्म कबूल कर लिया ताकि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी कर सकें – धर्मेंद्र 'दिलावर खान' और हेमा 'आयशा बी' बनीं। हेमा ने बाद में बताया कि यह सिर्फ एक कानूनी औपचारिकता थी और उनके लिए प्यार ही सबसे बड़ा धर्म था। इस दूसरी शादी के बाद, धर्मेंद्र की जिंदगी दो हिस्सों में बंट गई – एक तरफ मुंबई में हेमा और बेटियां ईशा-अहाना, और दूसरी तरफ पंजाब से जुड़े घर में प्रकाश कौर और बेटे सनी-बॉबी। उन्होंने दोनों परिवारों के बीच संतुलन बनाए रखने की पूरी कोशिश की और अपने बेटों के करियर में भी पूरा साथ दिया।
जब किस्मत ने मोड़ा रुख: बुढ़ापा और बीमारी का वार
करियर के उच्चतम शिखर पर रहते हुए भी, उम्र ने धीरे-धीरे रिश्तों की चमक पर असर डालना शुरू कर दिया। कभी घोड़ों पर सवार होकर खलनायकों को धूल चटाने वाले धर्मेंद्र, अब 90 की उम्र के करीब अपने शरीर की नाजुकियत से जूझ रहे हैं। 2025 की शुरुआत में, उन्हें आंख से जुड़ी एक गंभीर समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी आंख का ग्राफ्ट कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ। यह एक नाजुक सर्जरी थी, खासकर इस उम्र में, लेकिन धर्मेंद्र ने अपनी दृढ़ता नहीं छोड़ी। हालांकि, इस सर्जरी की तस्वीरों ने एक और कहानी बयां की – उनके पास कौन था और कौन नहीं।
सच्चे साथी की पहचान: प्रकाश कौर की वापसी
जब-जब धर्मेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया या इलाज के लिए अमेरिका ले जाया गया, मीडिया ने देखा कि उनके साथ उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और बेटे सनी-बॉबी मौजूद थे। वहीं, हेमा मालिनी सिर्फ औपचारिक तौर पर मिलने आईं और तुरंत लौट गईं। सनी देओल ने एक इंटरव्यू में साफ कहा, "मां प्रकाश कौर हमेशा पापा के लिए रही हैं, फिर चाहे हालात कैसे भी हों"। यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि उस रिश्ते का प्रमाण था जो बिना प्रचार और बिना तमाशे के हमेशा खड़ा रहा। प्रकाश कौर, जिन्होंने कभी मीडिया में अपने दर्द का इजहार नहीं किया, अब दिन-रात धर्मेंद्र के पास थीं। दवाइयां देना, आंख में ड्रॉप डालना, उनके हाथ पकड़कर पुराने दिनों की कहानियां सुनाना – यह सिर्फ देखभाल नहीं, बल्कि एक पुराने, अधूरे रिश्ते में फिर से जान डालना था।
प्यार, शोहरत और जिंदगी का कड़वा सच
धर्मेंद्र की आंख की सर्जरी सिर्फ एक मेडिकल घटना नहीं थी, यह उनकी जिंदगी का आईना थी। उन्होंने अपनी मोहब्बत (हेमा) के लिए दुनिया से बगावत की थी, अपना धर्म बदला था। लेकिन बुढ़ापे में साथ वही था जिसे कभी अतीत मानकर पीछे छोड़ दिया था – प्रकाश कौर। शायद उम्र यही सिखाती है कि असली घर वो है जहां आपको बिना शर्त अपनाया जाए। शोहरत और रिश्तों की चमक फीकी पड़ जाती है, लेकिन वह हाथ जो मुश्किल वक्त में आपके माथे पर ठंडा स्पर्श रखे, वही आपकी आखिरी पनाह बन जाता है। और आज धर्मेंद्र के लिए वह हाथ प्रकाश कौर का है। यह सिर्फ एक पति-पत्नी की कहानी नहीं, बल्कि उस सच्चाई का आईना है जिससे हम सब एक दिन रूबरू होते हैं कि वक्त मोहब्बत और शोहरत से भी ताकतवर है; यह तय करता है कि अंत में आपके पास कौन खड़ा रहेगा, और अक्सर वो कोई ऐसा होता है जिसे आपने कभी हल्के में लिया था।
. FAQs
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धर्मेंद्र की बीमारी क्या है और उन्हें क्या हुआ? धर्मेंद्र, जिनकी उम्र 90 साल के करीब है, हाल ही में आंख से जुड़ी एक गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। 2025 की शुरुआत में उनकी बाईं आंख का ग्राफ्ट कॉर्निया ट्रांसप्लांट हुआ, जिसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।
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बीमारी के दौरान धर्मेंद्र के साथ कौन था? धर्मेंद्र की बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और बेटे सनी देओल व बॉबी देओल लगातार उनके साथ थे। वे इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे।
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हेमा मालिनी धर्मेंद्र की बीमारी में क्यों नहीं थीं साथ? सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र के अस्पताल में भर्ती होने पर हेमा मालिनी सिर्फ औपचारिक तौर पर उनसे मिलने आईं और तुरंत लौट गईं। बेटे सनी देओल ने बयान दिया कि उनकी मां प्रकाश कौर हमेशा उनके पिता के साथ रही हैं।
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धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने शादी के लिए धर्म क्यों बदला था? धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने 1979 में इस्लाम धर्म अपनाया था ताकि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी कर सकें। धर्मेंद्र दिलावर खान और हेमा आयशा बी बनीं। हेमा ने इसे कानूनी औपचारिकता बताया था।
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प्रकाश कौर ने धर्मेंद्र का समर्थन कैसे किया? प्रकाश कौर ने धर्मेंद्र की बीमारी के दौरान उनकी दिन-रात देखभाल की। उन्होंने दवाइयां दीं, आंखों में ड्रॉप डाले, और उनका हाथ पकड़कर पुराने दिनों की कहानियां सुनाईं, जिससे उनके रिश्ते में फिर से जान आ गई।