Haryana Farmers News: हरियाणा सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा: प्रति एकड़ ₹4500 और ₹8000 की आर्थिक सहायता, पटवारी के चक्कर खत्म, खाद की ऑनलाइन बिक्री शुरू!
Haryana Farmers News: हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। धान की सीधी बिजाई पर अब ₹4500 प्रति एकड़ मिलेंगे, वहीं धान छोड़ अन्य फसल पर ₹8000। खाद की ऑनलाइन बिक्री और नक्शे के लिए पटवारी के चक्कर से मुक्ति जैसे कई लाभ जानें।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | 25 अगस्त 2025
Haryana Farmers News: चंडीगढ़: हरियाणा के किसानों और आम नागरिकों के लिए चंडीगढ़ से हरियाणा सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जिनसे प्रदेश की जनता को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सैनी द्वारा किए गए इन ऐलानों में किसानों की आय बढ़ाने, पानी बचाने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। धान की सीधी बिजाई (DSR) पर मिलने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर ₹4500 प्रति एकड़ कर दिया गया है, जबकि धान की जगह अन्य फसलें उगाने पर 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना के तहत अब ₹8000 प्रति एकड़ दिए जाएंगे। इसके साथ ही, खाद की ऑनलाइन बिक्री शुरू करने और नक्शे बनवाने के लिए पटवारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की झंझट से मुक्ति दिलाने का भी बड़ा फैसला लिया गया है। ये घोषणाएं निश्चित रूप से किसानों और आम लोगों के लिए राहत लेकर आएंगी।
धान की सीधी बिजाई (DSR) पर अब ₹4500 प्रति एकड़: आवेदन की तारीख बढ़ी
हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई (DSR) को बढ़ावा देने के लिए किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में बड़ी बढ़ोतरी की है। पहले इस योजना के तहत ₹4000 प्रति एकड़ दिए जाते थे, जिसे अब ₹500 बढ़ाकर ₹4500 प्रति एकड़ कर दिया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पानी की बचत करना है, क्योंकि धान की नर्सरी तैयार करके पौध लगाने की बजाय मशीन के माध्यम से सीधे बिजाई करने से पानी की खपत कम होती है। सरकार ने इस योजना के तहत लगभग 4 लाख एकड़ अप्रदर्शित प्लाट का लक्ष्य रखा है।
किसान 28 अगस्त 2025 तक इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए किसानों को 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर अपनी फसल सिलेक्ट करते समय, धान की सीधी बिजाई की है या नहीं, इस विकल्प में 'हां' चुनना होगा। वेरीफाई होने के बाद ₹4500 सीधे किसानों के बैंक खातों में आ जाएंगे। यह योजना 5 एकड़ तक के लिए लागू है और हरियाणा के 12 जिलों – यमुनानगर, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, सोनीपत, जींद, हिसार, सिरसा, रोहतक और फतेहाबाद के किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
धान की जगह अन्य फसल पर ₹8000 प्रति एकड़: 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना
पानी बचाने और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना के तहत किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी बढ़ोतरी की है। अब यदि किसान धान की बजाय कोई अन्य फसल बोते हैं, तो उन्हें ₹8000 प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि ₹7000 प्रति एकड़ थी, जिसमें अब ₹1000 की वृद्धि की गई है। यह कदम उन किसानों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है, जो पानी की अधिक खपत वाली धान की फसल से हटकर कम पानी वाली फसलों की ओर रुख करना चाहते हैं, जिससे राज्य में भूजल स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी।
खाद की ऑनलाइन बिक्री शुरू: पारदर्शिता का नया युग
किसानों को खाद खरीदने में होने वाली परेशानियों को दूर करने और वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए हरियाणा सरकार ने खाद की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है। पहले इस प्रणाली की शुरुआत 5 अगस्त को प्रस्तावित थी, लेकिन इसे अब लागू कर दिया गया है। अब तक 1.59 लाख टन से ज्यादा डीएपी और यूरिया खाद की खरीद ऑनलाइन हो चुकी है। यह पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत में पंचकूला में लागू किया गया है और यदि यह सफल रहा, तो इसे पूरे हरियाणा के 22 जिलों में लागू कर दिया जाएगा।
खाद खरीदने के लिए किसानों का 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर आवेदन होना अनिवार्य है। आवेदन का प्रिंटआउट दिखाने पर ही किसानों को यूरिया और डीएपी वितरित किया जाएगा। यदि किसी किसान के पास दो एकड़ जमीन है और उसने रजिस्ट्रेशन करवाया है, तो सरकार के सिस्टम के अनुसार उसे डीएपी या यूरिया के कट्टे दिए जाएंगे। यह पहल खाद की कालाबाजारी रोकने और जरूरतमंद किसानों तक सही समय पर खाद पहुंचाने में सहायक होगी।
पटवारी के चक्कर खत्म! अब घर बैठे मिलेगा नक्शा, 'सरल पोर्टल' पर आवेदन
आम नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए हरियाणा सरकार ने नक्शे (जमीन या मकान का नक्शा) बनवाने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। पहले लोगों को नक्शे के लिए पटवारी के चक्कर काटने पड़ते थे, जिसमें कई बार महीने भर का समय लग जाता था, क्योंकि पटवारी या तो मिलते नहीं थे या उनके पास समय नहीं होता था। अब इस समस्या का समाधान करते हुए सरकार ने सरल पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की है।
आवेदन करने के ठीक 24 से 72 घंटे के भीतर आवेदक को अपना नक्शा ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया जाएगा। यह नक्शा ऑटो मोड से पटवारी के हस्ताक्षर के साथ मिलेगा और इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह एक बड़ी राहत की खबर है, जो प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल और तेज बनाएगी, जिससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा।
'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' पर किसानों का घटा रुझान: क्या सरकार लेगी कोई कदम?
हरियाणा सरकार की इन सकारात्मक घोषणाओं के बीच 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' को लेकर किसानों में असंतोष का मुद्दा भी सामने आया है। जानकारी के अनुसार, किसान इस योजना के तहत जबरन बीमा प्रीमियम काटे जाने से परेशान हैं। बैंकों द्वारा जबरदस्ती प्रीमियम काटे जाने के बावजूद, जब बीमा क्लेम वितरण का समय आता है, तो सर्वे के आधार पर नुकसान न होने का हवाला देकर क्लेम देने से मना कर दिया जाता है।
इस प्रकार की जबरदस्ती के कारण किसानों का रुझान इस योजना से घट गया है। उदाहरण के लिए, हरियाणा के नारनौल जिले में ही करीब 60 से 65 हजार किसानों ने अपना बीमा क्लेम नहीं करवाया है। पूरे हरियाणा की बात करें तो हजारों की संख्या में किसान बीमा क्लेम करवाने से मना कर रहे हैं, जिससे यह योजना "थोथला" साबित होने लगी है। सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने और किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
अन्य किसान हितैषी योजनाएं
उपरोक्त प्रमुख घोषणाओं के अतिरिक्त, हरियाणा सरकार कुछ अन्य किसान हितैषी योजनाएं भी चला रही है:
- देसी कपास योजना: इस योजना के तहत किसानों को ₹2000 प्रति एकड़ की सहायता दी जाती है, जो डीएसआर स्कीम योजना के तहत आती है।
- सूक्ष्म देसी कपास योजना: यह एक अन्य योजना है जिसमें किसानों को ₹4000 दिए जाते हैं।
इन सभी घोषणाओं और योजनाओं का उद्देश्य हरियाणा के किसानों को सशक्त बनाना, पानी के संरक्षण को प्रोत्साहित करना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है। हरियाणा सरकार के इन कदमों से निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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धान की सीधी बिजाई (DSR) पर अब किसानों को कितनी सहायता मिलेगी? हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई (DSR) योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता को ₹4000 से बढ़ाकर ₹4500 प्रति एकड़ कर दिया है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में आएगी।
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धान की जगह अन्य फसलें उगाने पर क्या लाभ है? 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना के तहत, यदि किसान धान की बजाय अन्य फसलें उगाते हैं, तो उन्हें अब ₹8000 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। पहले यह राशि ₹7000 थी।
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खाद की ऑनलाइन बिक्री कैसे काम करेगी? खाद की ऑनलाइन बिक्री 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल के माध्यम से होगी। किसानों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा और उसके प्रिंटआउट के आधार पर उन्हें डीएपी या यूरिया खाद वितरित किया जाएगा।
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नक्शे बनवाने के लिए पटवारी के पास जाना होगा? नहीं, अब नक्शे बनवाने के लिए पटवारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं है। हरियाणा सरकार ने 'सरल पोर्टल' पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की है, जहाँ 24 से 72 घंटे में नक्शा उपलब्ध हो जाएगा।
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किसानों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर क्या चिंताएं हैं? किसानों में यह चिंता है कि प्रीमियम तो जबरदस्ती काट लिया जाता है, लेकिन नुकसान होने पर भी सर्वे के आधार पर क्लेम देने से मना कर दिया जाता है, जिससे हजारों किसानों ने योजना से मुंह मोड़ लिया है।