कुत्ते के चाटने से रेबीज! 2 साल के बच्चे की मौत का खौफनाक सच
कुत्ते के चाटने से रेबीज का जानलेवा खतरा सामने आया। यूपी में 2 साल के बच्चे की मौत ने सबको हिलाया। जानें क्यों खतरनाक है कुत्ते का चाटना और कैसे बचें रेबीज से।

देशभर में आवारा कुत्तों को लेकर छिड़ी बहस के बीच, उत्तर प्रदेश से एक ऐसी चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसने सबको हिलाकर रख दिया है। बदायूं में सिर्फ 2 साल के मासूम बच्चे की जान कुत्ते के 'चाटने' से चली गई। जी हां, सिर्फ चाटने से! यह घटना बताती है कि कुत्ते का काटना ही नहीं, बल्कि चाटना भी कितना जानलेवा साबित हो सकता है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जो इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा देता है।
"कुत्ते के चाटने से रेबीज": बदायूं की दिल दहला देने वाली घटना
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के सुजातगंज बेला गांव का रहने वाला अदनान नाम का दो साल का बच्चा कुछ हफ्ते पहले खेलते समय चोटिल हो गया था। इसी चोट लगे घाव को एक आवारा कुत्ते ने चाट लिया था। परिवार ने पहले इसे मामूली घटना समझा और नजरअंदाज कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर परिवार उसे अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़फूंक करवाता रहा। 16 अगस्त को जब बच्चे की तबीयत अचानक बहुत बिगड़ गई और परिवार उसे अस्पताल लेकर भागा, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रास्ते में ही मासूम अदनान ने दम तोड़ दिया।
रेबीज के खौफनाक लक्षण: हाइड्रोफोबिया बना मौत की वजह
बदायूं के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर प्रशांत त्यागी ने बताया कि 18 अगस्त को जब गांव से 12 से 15 लोग रेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचे, तब यह मामला सामने आया। जांच में पता चला कि बच्चे की मौत रेबीज से हुई थी। डॉक्टर के मुताबिक, अदनान पानी से डरने लगा था और उसने पानी पीना भी छोड़ दिया था। ये रेबीज के मरीजों में पाए जाने वाले हाइड्रोफोबिया के लक्षण हैं, जो इस बीमारी का एक प्रमुख संकेत है। डॉक्टर त्यागी ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव में लगाई गई है, जो लोगों को पोस्ट एक्सपोजर प्रोफाइल के तहत टीके लगा रही है और रेबीज को लेकर जागरूक कर रही है।
कर्नाटक में भी आवारा कुत्ते के काटने से बच्ची की मौत
यह अकेला मामला नहीं है। कुछ ऐसी ही दिल दहला देने वाली खबर कर्नाटक से भी आई है। दावणगेरे जिले में एक 4 साल की बच्ची की कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के चलते मौत हो गई है। बच्ची को 4 महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा था और तब से बेंगलुरु के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया और 17 अगस्त को अस्पताल में ही उसने दम तोड़ दिया।
आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला और गरमाती बहस
ये दोनों घटनाएं ऐसे वक्त पर सामने आई हैं जब देशभर में आवारा कुत्तों का मुद्दा गरमाया हुआ है। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर शेल्टर होम्स में डालने का निर्देश दिया है। अनुमान है कि ऐसे कुत्तों की संख्या करीब 8 लाख के आसपास है। सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा दिल्ली-एनसीआर में कुत्ते के काटने के बाद हुई एक बच्ची की मौत के बाद ही पहुंचा था। इन ताजा मौतों ने आवारा कुत्तों से जुड़े इस गंभीर मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
क्यों खतरनाक है कुत्ते का चाटना? रहीम दास के दोहे का अर्थ
यह समझना महत्वपूर्ण है कि कुत्ते का चाटना भी उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना काटना। रहीम दास जी के एक दोहे में इस बात का जिक्र है: 'कुत्ते के काटने और चाटने दोनों का परिणाम अच्छा नहीं होता है।' दोहे का अर्थ है कि यदि कुत्ता काट ले तो घाव हो जाता है, और यदि वह चाट ले तो अपने शरीर की गंदगी हमारे शरीर पर लगा देता है। अगर वह किसी खुले जख्म पर चाट ले तो यह और भी खतरनाक हो सकता है, जैसा कि बदायूं के मामले में देखा गया, जहां घाव को चाटने से बच्चे को रेबीज हो गया।
रेबीज से बचाव: क्या करें और क्या न करें?
रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन इसका इलाज संभव है अगर सही समय पर चिकित्सा सहायता ली जाए। बदायूं के मामले में बच्चे को सही समय पर इलाज न मिलना भी मौत की एक वजह रहा। किसी भी कुत्ते के काटने या चाटने पर, खासकर अगर कोई घाव हो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। झाड़फूंक जैसे अंधविश्वासों पर भरोसा न करें, क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और टीकाकरण कार्यक्रमों का लाभ उठाएं, ताकि ऐसी अनमोल जानें बचाई जा सकें।
FAQs
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क्या कुत्ते के चाटने से रेबीज हो सकता है? हाँ, अगर कुत्ता रेबीज से संक्रमित हो और किसी खुले घाव या कटे हुए हिस्से पर चाट ले, तो रेबीज होने का खतरा होता है। बदायूं की घटना इसका प्रमाण है।
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रेबीज के मुख्य लक्षण क्या होते हैं? रेबीज के लक्षणों में पानी से डरना (हाइड्रोफोबिया), पानी पीना छोड़ देना, बेचैनी, बुखार और असामान्य व्यवहार शामिल हैं। ये लक्षण बीमारी के अंतिम चरण में दिखते हैं।
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कुत्ते के काटने या चाटने पर तुरंत क्या करना चाहिए? तुरंत घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। इसके बाद बिना देर किए किसी डॉक्टर से संपर्क करें और रेबीज के टीके लगवाना शुरू करें।
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क्या झाड़फूंक से रेबीज का इलाज संभव है? नहीं, झाड़फूंक या किसी भी तरह के अंधविश्वास से रेबीज का इलाज संभव नहीं है। यह एक जानलेवा वायरल बीमारी है जिसका एकमात्र बचाव समय पर चिकित्सा उपचार और टीकाकरण है।
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भारत में आवारा कुत्तों को लेकर क्या नए नियम हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर शेल्टर होम्स में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। यह फैसला आवारा कुत्तों से संबंधित बढ़ते खतरों के मद्देनजर लिया गया है।