राजस्थान: परीक्षा के दौरान निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी का खुलासा, पुलिस ने बताई वजह
राजस्थान में निर्मल चौधरी की परीक्षा केंद्र पर गिरफ्तारी की पूरी कहानी। पुलिस ने बताया क्यों किया कार्रवाई और क्या है मामले की असली वजह।

राजस्थान: परीक्षा के दौरान निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी का खुलासा, पुलिस ने बताई वजह
राजस्थान पुलिस ने एक परीक्षा केंद्र पर निर्मल चौधरी की सनसनीखेज गिरफ्तारी की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चौधरी पर परीक्षा प्रक्रिया में अवैध हस्तक्षेप और नकल कराने के गंभीर आरोप हैं।
यह घटना राजस्थान के एक प्रमुख परीक्षा केंद्र पर घटित हुई जहाँ पुलिस ने सीधे परीक्षा हॉल में प्रवेश कर निर्मल चौधरी को हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के समय चौधरी एक महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो रहे थे। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई विशेष टास्क फोर्स की निगरानी में की गई थी।
पुलिस आयुक्त राहुल प्रकाश ने बताया, "हमें विश्वसनीय सूचना मिली थी कि चौधरी परीक्षा प्रणाली को भ्रष्ट करने की कोशिश में शामिल हैं। उन पर प्रश्नपत्र लीक करने और परीक्षार्थियों को गलत तरीके से लाभ पहुँचाने के गंभीर आरोप हैं।"
क्या थी पुलिस की विशेष योजना?
जाँच अधिकारियों के अनुसार, पुलिस ने इस ऑपरेशन के लिए विशेष तैयारी की थी। गुप्तचर विभाग को तीन दिन पहले ही इस धांधली की जानकारी मिली थी, जिसके बाद परीक्षा केंद्र पर छिपे कैमरे लगाए गए और डिजिटल निगरानी तेज कर दी गई।
पुलिस ने बताया कि चौधरी के समूह ने एक परिष्कृत तकनीक का इस्तेमाल किया था। वे ब्लूटूथ डिवाइस और माइक्रो ईयरफोन की मदद से परीक्षार्थियों को उत्तर पहुँचा रहे थे। गिरफ्तारी के समय चौधरी से कई अवैध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए।
पुलिस ने अब तक इस मामले में तीन और संदिग्धों को हिरासत में लिया है। जाँच में पता चला है कि यह गिरोह पिछले छह महीनों से कई प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली कर रहा था।
कौन है निर्मल चौधरी?
निर्मल चौधरी स्थानीय स्तर पर जाना-माना चेहरा हैं और पिछले कई वर्षों से कोचिंग संस्थान चला रहे हैं। पुलिस के अनुसार, वे शैक्षिक धांधली के एक बड़े नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। उनके खिलाफ पूर्व में भी छोटे स्तर पर नकल कराने के आरोप दर्ज हो चुके हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चौधरी का संबंध शिक्षा विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों से भी है। पुलिस अब उन सभी संभावित कड़ियों की जाँच कर रही है जो इस मामले में शामिल हो सकते हैं।
परीक्षा सुधारों पर प्रभाव
इस घटना ने राज्य में परीक्षा सुधारों को फिर से चर्चा में ला दिया है। शिक्षा विभाग ने सभी परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त बनाने की जरूरत है।
राज्य परीक्षा नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. अमित शर्मा ने बताया, "हम ऐसे सभी तत्वों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहे हैं। नकल रोकने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम और जीपीएस-एनएबल्ड डिवाइस जल्द ही शुरू किए जाएँगे।"
यह मामला राजस्थान में शैक्षिक धांधली के खिलाफ चल रही कार्रवाई की बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने प्रभावित परीक्षार्थियों के लिए पुनर्परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।