बड़ा खुलासा: रोहित शर्मा ने बताया टेस्ट क्रिकेट को 'चुनौतीपूर्ण और थकाने वाला', जानिए कैसे करते हैं तैयारी!
रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट की गहराई और चुनौतियों को उजागर किया है। जानिए कैसे वे लंबी पारियां खेलने और मानसिक रूप से खुद को तैयार रखने के लिए कड़ा अभ्यास और रिकवरी करते हैं। उनके खास टिप्स।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो |
By: Neeraj Ahlawat Publish Date: 25 Aug 2025
मुंबई: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट की गहन प्रकृति और इसमें सफलता के लिए आवश्यक तैयारी पर प्रकाश डाला है। उन्होंने इसे "मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण" और "थकाने वाला" बताया है। रोहित शर्मा ने खुलासा किया है कि किस प्रकार एक खिलाड़ी को इस सबसे लंबे प्रारूप में निरंतर उच्च-स्तरीय प्रदर्शन बनाए रखने के लिए विस्तृत तैयारी, दृढ़ एकाग्रता और उचित रिकवरी की आवश्यकता होती है। यह उन सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा खुलासा है जो मैदान पर खिलाड़ियों के जादुई प्रदर्शन के पीछे के अथक परिश्रम को समझना चाहते हैं।
'तैयारी ही सफलता की कुंजी है': रोहित शर्मा का मंत्र
रोहित शर्मा के अनुसार, जब उन्होंने पहली बार क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब इसका मुख्य उद्देश्य केवल "मज़े करना और आनंद लेना" था। हालांकि, जैसे-जैसे वे आगे बढ़े और आयु वर्ग क्रिकेट के साथ-साथ मुंबई और फिर भारत के लिए खेलना शुरू किया, उन्होंने वरिष्ठ खिलाड़ियों और कोचों से तैयारी के महत्व को समझा। उनके लिए, तैयारी खेल की उस 'अनुशासन' को लाती है जिसकी यह मांग करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तैयारी ही सफलता की कुंजी है, न केवल क्रिकेट में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में।
रोहित ने बताया कि उनकी तैयारी में प्रतिद्वंद्वी टीम को समझना शामिल होता है – वे किस प्रकार के गेंदबाज हैं, वे किस मैदान पर खेल रहे हैं और पिच की स्थिति क्या होगी। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, वे अपनी रणनीति बनाते हैं। एक बार जब मैच शुरू हो जाता है, तो यह केवल "प्रतिक्रिया" करने के बारे में होता है – जो कुछ भी आपके सामने आता है, चाहे वह दबाव की स्थिति हो या मैदान पर सही निर्णय लेना हो। उनके खेल का अधिकांश समय मैच से पहले की तैयारी में समर्पित होता था।
टेस्ट क्रिकेट: मानसिक चुनौती और शारीरिक थकावट
टेस्ट क्रिकेट को "सबसे लंबा प्रारूप" बताते हुए, रोहित शर्मा ने इसकी अद्वितीय मांगों पर बात की। उन्होंने कहा कि टेस्ट मैच पांच दिनों तक चलता है और इसमें "दीर्घायु" की आवश्यकता होती है। उनका कहना है कि यह "मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण" और "थकाने वाला" भी होता है। यह एक ऐसा प्रारूप है जहां खिलाड़ी को केवल कुछ घंटों के लिए नहीं, बल्कि लगातार कई दिनों तक शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करना होता है। यह सिर्फ शारीरिक शक्ति का खेल नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी चरम परीक्षण है।
बचपन से ही हो जाती है 'टेस्ट' की तैयारी
रोहित शर्मा ने यह भी बताया कि भारतीय क्रिकेटरों को इस कठिन प्रारूप के लिए बचपन से ही तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में सभी क्रिकेटर "फर्स्ट क्लास क्रिकेट" खेलकर बड़े होते हैं, और यहां तक कि जब वे मुंबई में "क्लब क्रिकेट" खेलना शुरू करते हैं, तो वे 2-3 दिनों तक चलने वाले मैच खेलते हैं। यह छोटी उम्र से ही खिलाड़ियों को लंबे समय तक मैदान पर रहने, दबाव को झेलने और परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया देने की आदत डाल देता है, जिससे टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियों का सामना करना थोड़ा आसान हो जाता है।
एकाग्रता: लंबी पारियों का आधार
उच्च-स्तरीय प्रदर्शन के लिए, रोहित शर्मा के अनुसार, "एकाग्रता ही कुंजी है"। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी को "मानसिक रूप से हर समय तरोताजा रहना" होता है। टेस्ट क्रिकेट में एक दिन में तीन सत्र होते हैं, और हर घंटे के बाद 'ड्रिंक्स ब्रेक' जैसे छोटे-छोटे ब्रेक होते हैं, जो खिलाड़ियों को अपने ध्यान को खंडों में बांटने में मदद करते हैं। बल्लेबाजी करते समय यह बहुत अधिक एकाग्रता की मांग करता है क्योंकि अलग-अलग प्रकार के गेंदबाज आकर आपको चुनौती देते हैं। रोहित ने बताया कि उन्हें "मानसिक रूप से खुद से बात करते रहना" पड़ता है कि स्पिन गेंदबाज के खिलाफ कैसे खेलना है और तेज गेंदबाज के खिलाफ कैसे खेलना है।
प्रदर्शन में निरंतरता और रिकवरी का महत्व
रोहित शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि यह केवल एक या दो गेम की बात नहीं है, बल्कि "पूरे एक साल तक" बड़े प्रदर्शन देने की बात है। इस स्तर पर निरंतरता बनाए रखने के लिए "बहुत कुछ" लगता है। उन्होंने कहा कि "आपको अपनी रिकवरी और इस तरह की चीजों को भी खेल में लाना होगा"। मैदान पर लंबे समय तक टिके रहने के लिए और शीर्ष प्रदर्शन देने के लिए पर्दे के पीछे बहुत काम करना पड़ता है, और यहीं से तैयारी की भूमिका फिर से महत्वपूर्ण हो जाती है।
निष्कर्षतः, रोहित शर्मा के विचार टेस्ट क्रिकेट की गहराई, इसमें शामिल कठोर तैयारी, मानसिक सहनशीलता और निरंतरता के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। उनका अनुभव यह दर्शाता है कि सफल टेस्ट क्रिकेटर बनने के लिए केवल प्रतिभा ही नहीं, बल्कि अनुशासन, कड़ी मेहनत और स्मार्ट रिकवरी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक मूल्यवान सीख है।
FAQs
Q1: रोहित शर्मा के अनुसार टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? A1: रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को "मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण" और "थकाने वाला" बताया है, क्योंकि इसमें 5 दिनों तक लगातार उच्च स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए दीर्घायु और निरंतर एकाग्रता की आवश्यकता होती है।
Q2: रोहित शर्मा तैयारी को क्यों महत्वपूर्ण मानते हैं? A2: रोहित शर्मा तैयारी को महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि यह खेल में अनुशासन लाती है। उनके अनुसार, तैयारी में प्रतिद्वंद्वी, पिच और मैदान की स्थितियों को समझना शामिल है, जिससे उन्हें मैच में सही प्रतिक्रिया देने में मदद मिलती है।
Q3: भारतीय क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट के लिए कैसे तैयार होते हैं? A3: रोहित शर्मा के अनुसार, भारतीय क्रिकेटर बचपन से ही फर्स्ट क्लास और क्लब क्रिकेट में 2-3 दिनों तक चलने वाले मैच खेलकर टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार होते हैं, जिससे उन्हें लंबे समय तक मैदान पर रहने की आदत पड़ जाती है।
Q4: टेस्ट क्रिकेट में एकाग्रता का क्या महत्व है? A4: टेस्ट क्रिकेट में उच्च-स्तरीय प्रदर्शन के लिए एकाग्रता कुंजी है। बल्लेबाजों को विभिन्न प्रकार के गेंदबाजों का सामना करते समय मानसिक रूप से खुद से बात करते रहना पड़ता है और हर समय तरोताजा रहना पड़ता है।
Q5: रोहित शर्मा ने निरंतर प्रदर्शन के लिए क्या सलाह दी है? A5: निरंतर प्रदर्शन के लिए रोहित शर्मा ने गहन तैयारी और उचित रिकवरी को महत्वपूर्ण बताया है। उनका कहना है कि यह केवल एक या दो मैच नहीं, बल्कि पूरे साल तक बड़े प्रदर्शन देने की बात है, जिसके लिए रिकवरी आवश्यक है।