शेयर बाजार में हाहाकार: ट्रंप के बयान से टूटा निवेशकों का भरोसा, निफ्टी 232 अंक लुढ़का
अमेरिकी ट्रेड डील पर ट्रंप के बयान से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज। जानें निफ्टी, सेंसेक्स की मौजूदा स्थिति और आगे के लिए क्या है संकेत? अपनी निवेश रणनीति समझें।

बाजार में ‘वही हुआ जिसका डर था’: निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगाया
हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार में भयंकर बिकवाली देखने को मिली। जिस बात का डर था, वही हुआ और बाजार में चौतरफा गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को निवेशकों का आत्मविश्वास बुरी तरह टूटा। निफ्टी 232 अंक और सेंसेक्स 765 अंक गंवाकर बंद हुआ। निफ्टी बैंक में 516 अंकों की बड़ी गिरावट आई। यह लगातार छठा हफ्ता है जब बाजार में गिरावट देखने को मिली है।
ट्रंप का बयान बना गिरावट की मुख्य वजह, ट्रेड डील पर सवाल
बाजार में इस बड़ी गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान रहा। ट्रंप ने साफ कह दिया है कि जब तक भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा, तब तक भारत और अमेरिका के बीच कोई ट्रेड डील नहीं होगी। इस बयान के बाद ट्रेड डील फंस गई है, जिसका सीधा और बड़ा असर आज शेयर बाजार पर पड़ा। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने भारत पर कुल 50% के टैरिफ लगा रखे हैं, जिसमें 25% अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल हैं। इस हफ्ते की यह सबसे बड़ी खबर थी। सरकार अपना काम कर रही है, जैसे हाल ही में कैबिनेट ने 52,000 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है, लेकिन मौजूदा गिरावट ट्रंप की कूटनीति के कारण है और इससे बाजार के आत्मविश्वास पर खास असर नहीं दिख रहा है।
बाजार का मूड और सेक्टरों पर असर
आज बाजार में बिकवाली का माहौल इतना जबरदस्त था कि पहले ही टिक से गिरावट शुरू हो गई थी। पहले एक घंटे में निफ्टी 24,500 के स्तर से नीचे चला गया था। दिन के अंत में निफ्टी 24363 के स्तर पर बंद हुआ, जो दिन के सबसे निचले स्तर 24337 के करीब था। बाजार की स्थिति यह है कि निफ्टी में जहां केवल 8 शेयरों में बढ़त थी, वहीं 41 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। ब्रॉडर मार्केट में भी 10,966 शेयरों में गिरावट के मुकाबले केवल 983 शेयरों में ही बढ़त देखने को मिली। मेटल, फार्मा, प्राइवेट बैंक, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे प्रमुख सेक्टरों में भारी बिकवाली हुई। इंडस बैंक सवा पांच प्रतिशत, बायोकॉन 6 प्रतिशत और जेएसएल 6 प्रतिशत नीचे आ गए। एफएनओ लूज़र्स में पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट 20% क्रैश कर गया, जबकि कल्याण ज्वेलर्स भी 10.5% नीचे रहा। हालांकि, कुछ तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) जैसे बीपीसीएल (BPCL) और एचपीसीएल (HPCL) 2 से 3 प्रतिशत ऊपर रहे, संभवतः कैबिनेट के सब्सिडी पैकेज की उम्मीद में।
तकनीकी स्तर और आगे की राह
तकनीकी रूप से, निफ्टी 24,480 के स्तर से नीचे जाने के बाद कमजोर हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी के लिए 24,164 से 24,200 का ज़ोन एक बहुत मजबूत सपोर्ट है। इस ज़ोन में 200 दिनों का एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) और हालिया रैली का एक अच्छा रिट्रेसमेंट लेवल भी आता है। बाजार वर्तमान में ओवरसोल्ड स्थिति में है, लेकिन फिर भी निवेशकों का आत्मविश्वास बेहद कमजोर बना हुआ है। संस्थागत निवेशक खरीदारी को तैयार नहीं दिख रहे हैं। बाजार को एक ताजा सकारात्मक ट्रिगर की तलाश है। अगले हफ्ते कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े जारी होंगे, जिनमें भारत और अमेरिका के जुलाई महीने के सीपीआई (महंगाई) आंकड़े और यूके, यूरोप, जापान के दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े शामिल हैं।
निवेशकों के लिए सलाह: नियमित निवेश और धैर्य कुंजी
वर्तमान बाजार के माहौल में निवेशक असमंजस में हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि "डिप में खरीदें" (Buy on Dips) की रणनीति इस समय सही हो सकती है। बाजार का सेंटिमेंट बहुत ज्यादा निराशावादी है, लेकिन जब यहां से उछाल आएगा तो तगड़ा उछाल भी आ सकता है। इस समय बाजार में नियमित निवेश ही एकमात्र कुंजी है। एकमुश्त बड़ी राशि लगाने से बचने की सलाह दी जाती है। निवेशकों को धैर्य रखने, निवेशित रहने और अपनी स्थिति (position size) को नियंत्रण में रखने की आवश्यकता है। अगले हफ्ते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार बंद रहेंगे, जिससे कारोबारी सत्र छोटा रहेगा।