ITR फाइलिंग: अब मोबाइल से घर बैठे फाइल करें अपना इनकम टैक्स रिटर्न, बस 15 सितंबर है अंतिम तारीख

ITR फाइलिंग अब हुई आसान! 15 सितंबर से पहले मोबाइल से ही भरें अपना इनकम टैक्स रिटर्न और बचें भारी जुर्माने से।

Sep 6, 2025 - 19:22
Sep 14, 2025 - 06:03
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ITR फाइलिंग: अब मोबाइल से घर बैठे फाइल करें अपना इनकम टैक्स रिटर्न, बस 15 सितंबर है अंतिम तारीख

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 06 Sep 2025

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि अब नजदीक आ गई है। यदि आपने अभी तक अपना ITR फाइल नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार ने इंडिविजुअल्स के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है कि आप बिना किसी देरी या जुर्माने के अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर दें। आज की डिजिटल दुनिया में, अब आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप घर बैठे ही अपने मोबाइल फोन से ITR-1 फॉर्म भरकर अपनी टैक्स लायबिलिटी पूरी कर सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद सरल और सुविधाजनक है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आय का मुख्य स्रोत वेतन, बैंक ब्याज, एक घर से प्राप्त किराया या ₹1,25,000 तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है। इस लेख में, हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कैसे आप अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके अपना इनकम टैक्स रिटर्न आसानी से फाइल कर सकते हैं, जिससे आप संभावित जुर्माने से बच सकें और समय पर अपने दायित्व को पूरा कर सकें।

ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि और देरी का जुर्माना

जैसा कि बताया गया है, इंडिविजुअल्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर निर्धारित की गई है। यह तिथि मूलतः 31 जुलाई थी जिसे सरकार द्वारा आगे बढ़ाया गया था। यदि आप 15 सितंबर तक अपना ITR फाइल नहीं कर पाते हैं, तो आपको जुर्माना (पेनल्टी) भरना पड़ सकता है। जुर्माने की राशि आपकी टैक्सेबल इनकम पर निर्भर करती है: यदि आपकी टैक्सेबल इनकम ₹5 लाख से कम है, तो आपको ₹1,000 का जुर्माना देना पड़ सकता है, और यदि आपकी टैक्सेबल इनकम ₹5 लाख से अधिक है, तो यह जुर्माना ₹5,000 तक हो सकता है। इसलिए, सलाह दी जाती है कि आप बिना किसी देरी के अपनी ITR फाइलिंग पूरी कर लें और इस प्रकार के वित्तीय बोझ से बचें। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप समय पर अपने कर दायित्वों को पूरा करें, खासकर जब पूरी प्रक्रिया अब मोबाइल पर इतनी सुलभ हो गई है।

कौन भर सकता है ITR-1 फॉर्म?

ITR-1 फॉर्म, जिसे सहज के नाम से भी जाना जाता है, उन व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जिनकी आय के स्रोत सीमित और सरल होते हैं। यदि आपकी आय का स्रोत वेतन (सैलरी), छोटा-मोटा बैंक ब्याज (जैसे बचत खाते या FD पर ब्याज), एक घर से प्राप्त किराया (वन हाउस प्रॉपर्टी), और/या ₹1,25,000 तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है, तो आप ITR-1 फॉर्म का उपयोग करके अपनी ITR फाइलिंग कर सकते हैं। यह फॉर्म उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है जिनकी आय के स्रोत व्यवसाय या पेशे से हैं, या जिनके पास एक से अधिक घर की संपत्ति से आय है, या जिनकी आय कृषि से एक निश्चित सीमा से अधिक है। यदि आप ITR-1 भरने के लिए पात्र हैं, तो यह प्रक्रिया आपके लिए काफी सीधी और समय बचाने वाली हो सकती है, खासकर जब इसे मोबाइल से ऑनलाइन करने का विकल्प उपलब्ध है। इस साल ITR-1 में ₹1,25,000 तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को भी रिपोर्ट करने का नया विकल्प जोड़ा गया है, जो म्यूचुअल फंड, शेयर या प्रॉपर्टी से हो सकता है।

मोबाइल से ITR फाइल करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया

अपने मोबाइल से ITR फाइल करना एक सीधी प्रक्रिया है जिसके लिए कुछ आसान चरणों का पालन करना होता है:

  1. पोर्टल एक्सेस और लॉगिन: सबसे पहले, आपको अपने मोबाइल में इनकम टैक्स के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करना होगा। पोर्टल खोलने के बाद, आपको प्रोफाइल आइकन पर क्लिक करके रजिस्टर या लॉगिन का विकल्प चुनना होगा। यदि आप पहली बार ITR फाइल कर रहे हैं, तो आपको अपने पैन नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन पूरा करना होगा। यदि आप पहले से पंजीकृत हैं, तो लॉग इन पर क्लिक करें, अपनी यूजर आईडी (जो कि आपका पैन नंबर है) और पासवर्ड दर्ज करें, डिस्क्लेमर स्वीकार करें और कंटिन्यू पर क्लिक करें।
  2. असेसमेंट ईयर और फाइलिंग मोड का चयन: अगले पेज पर, आपको असेसमेंट ईयर 2025-26 को चुनना होगा। फाइलिंग के तरीके (मोड ऑफ फाइलिंग) में ऑनलाइन को चुनें और कंटिन्यू पर क्लिक करें।
  3. नया फाइलिंग शुरू करें: उसके बाद, स्टार्ट न्यू फाइलिंग पर क्लिक करें और स्टेटस में इंडिविजुअल को चुनें, फिर कंटिन्यू पर क्लिक करें।
  4. ITR फॉर्म का चयन: अगले चरण में, आपको ITR फॉर्म 1 को चुनना होगा। फॉर्म चुनने के बाद, आपको एक संक्षिप्त विवरण फिर से दिखाई देगा कि ITR-1 फॉर्म कौन भर सकता है। प्रोसीड विद ITR-1 पर क्लिक करें, एक अलर्ट मैसेज को ओके करें और फिर लेट्स गेट स्टार्टेड पर क्लिक करें।
  5. फाइलिंग का कारण: अगले पेज पर, आपको पहला विकल्प चुनना होगा कि "आपकी टैक्सेबल इनकम बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट से अधिक है" और फिर कंटिन्यू पर क्लिक करें। अलर्ट मैसेज को ओके करें।

ITR फाइलिंग में महत्वपूर्ण सेक्शन्स और जानकारी

ITR फाइल करने के लिए आपको पांच मुख्य सेक्शन पूरे करने होते हैं:

  1. पर्सनल इंफॉर्मेशन: इस सेक्शन में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी देनी होती है। इसमें आपको नेचर ऑफ एम्प्लॉयमेंट चुनना होगा, जैसे यदि आप प्राइवेट जॉब करते हैं तो अदर्स का चुनाव करें। इसके बाद, आपको ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम में से एक विकल्प चुनना होगा। यदि आपने अच्छी खासी इन्वेस्टमेंट की हुई है और उन पर डिडक्शंस पाना चाहते हैं, तो आप ओल्ड टैक्स रिजीम के साथ जा सकते हैं। अन्यथा, न्यू टैक्स रिजीम में आपको डिडक्शंस तो नहीं मिलती हैं, पर टैक्स स्लैब रेट अच्छा मिल जाता है। डेमो के अनुसार, न्यू टैक्स रिजीम के लिए "नो" को चुना गया है। अंत में, आपको वह बैंक अकाउंट नंबर चुनना होगा जिसमें आप अपना कोई रिफंड पाना चाहते हैं।

  2. ग्रॉस टोटल इनकम: यह सेक्शन आपकी आय का विवरण प्रदान करता है।

    • इनकम फ्रॉम सैलरी: आपकी सैलरी की डिटेल्स यहां ऑटोमेटिकली फॉर्म 16 से भर जाती हैं। यदि फॉर्म 16 उपलब्ध नहीं है, तो आप पेंसिल आइकन पर क्लिक करके पिछले वित्तीय वर्ष की कुल सैलरी को मैन्युअल रूप से भी भर सकते हैं। सैलरीड पर्सन को ₹75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलती है।
    • इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी: यदि आपकी कोई रेंटल इनकम है, तो उसे यहां ऐड करें।
    • इंटरेस्ट ऑन बोरोड कैपिटल: यदि आपने होम लोन लिया है, तो उसके ब्याज को यहां रिपोर्ट कर सकते हैं।
    • इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस: बैंक इंटरेस्ट या एफडी पर मिले इंटरेस्ट की कुल राशि को यहां जोड़ें। यह राशि भी अक्सर ऑटोफिल हो जाती है या आप इसे मैन्युअल रूप से जोड़ सकते हैं।
    • एक्सेम्पटेड इनकम: यदि आपकी कोई कर-मुक्त आय है, तो उसे रिपोर्ट करें।
    • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन: इस साल ITR-1 में ₹1,25,000 तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को भी रिपोर्ट करने का नया विकल्प जोड़ा गया है, जो म्यूचुअल फंड, शेयर या प्रॉपर्टी से हो सकता है। सभी विवरण भरने के बाद, कन्फर्म पर क्लिक करें।
  3. टोटल डिडक्शंस: न्यू टैक्स रिजीम में आमतौर पर ज्यादा डिडक्शंस नहीं मिलती हैं। डेमो में, डिडक्शंस शून्य दिखाई गई हैं। विवरण की पुष्टि करके कन्फर्म पर क्लिक करें।

  4. टैक्स पेड: यदि पिछले वित्तीय वर्ष में आपका टीडीएस (TDS) कटा है, तो उसकी डिटेल्स यहां ऑटो पॉपुलेट हो जाती हैं। आप इसे फॉर्म 26AS से भी चेक कर सकते हैं। पुष्टि करके कन्फर्म करें।

  5. वेरिफाई योर टैक्स लायबिलिटी डिटेल्स: इस आखिरी सेक्शन में, आपकी टैक्सेबल इनकम, उस पर बनने वाला टैक्स पेएबल और यदि कोई रिबेट मिली है, तो उसकी पूरी गणना (कम्प्यूटेशन) आपके सामने आ जाती है। न्यू टैक्स रिजीम में, यदि आपकी टैक्सेबल इनकम ₹7 लाख से कम है, तो पूरे टैक्स पर रिबेट मिल जाती है और टैक्स पेएबल निल हो जाता है। सभी सेक्शन की पुष्टि करने के बाद, प्रोसीड टू वेरिफिकेशन पर क्लिक करें।

ITR का ई-सत्यापन: सबसे आसान तरीका

सभी सेक्शन पूरे करने और अपनी ITR फाइलिंग की पुष्टि करने के बाद, आपको अपनी रिटर्न को ई-सत्यापित करना होगा। यह एक अनिवार्य चरण है जिसके बिना आपकी रिटर्न को मान्य नहीं माना जाएगा। ई-सत्यापन के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन सबसे आसान और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला विकल्प आधार ओटीपी (OTP) के माध्यम से ई-सत्यापन है। इस विकल्प को चुनने के लिए, आपको पहले विकल्प (ई-वेरीफाई नाउ) को चुनना होगा। इसके बाद, आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज करके आप अपनी ITR को सफलतापूर्वक सत्यापित कर सकते हैं। एक बार सफलतापूर्वक सत्यापित होने के बाद, आपकी ITR सबमिट हो जाएगी। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि आपकी टैक्स रिटर्न सुरक्षित और आधिकारिक रूप से दर्ज हो गई है।

इस प्रकार, आप बड़ी आसानी से और बिना किसी जटिलता के अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके अपनी ITR फाइलिंग पूरी कर सकते हैं। यह न केवल आपका समय बचाता है, बल्कि आपको अंतिम तिथि की चिंता से भी मुक्त करता है। याद रखें, 15 सितंबर की अंतिम तारीख नजदीक है, इसलिए बिना देर किए आज ही अपनी ITR फाइल करें और जुर्माने से बचें।

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