सोना ₹1 लाख के पार: अमेरिका के चौंकाने वाले फैसले से भारत में भी बढ़ेगी कीमत, जानें नया 'गोल्ड आउटलुक'!
सोने की कीमतों ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, भारत में ₹1 लाख के पार पहुंचा भाव! जानें अमेरिका के नए टैरिफ ने कैसे बदला सोने का खेल और त्योहारों से पहले निवेश पर क्या होगा असर। पूरी खबर पढ़ें!

ब्रेकिंग न्यूज़: सोने की कीमतों ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, भारत में ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंचा भाव! यह सिर्फ एक आर्थिक खबर नहीं, बल्कि हर उस भारतीय परिवार के लिए बेहद महत्वपूर्ण जानकारी है जहाँ सोना सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि परंपरा, निवेश और भरोसे की निशानी है। यदि आप निवेशक हैं, ज्वेलर हैं या त्योहारों के लिए खरीदारी की सोच रहे हैं, तो यह 'गोल्ड आउटलुक' आपके लिए जानना बेहद ज़रूरी है क्योंकि अमेरिका का एक चौंकाने वाला फैसला वैश्विक सोने के बाजार को पूरी तरह बदल रहा है और इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ रहा है।
सोने ने बनाया इतिहास: कॉमिक्स और एमसीएक्स पर रिकॉर्ड तोड़ कीमतें हाल ही में सोने ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया है। 7 अगस्त 2025 को कॉमिक्स (COMEX) पर गोल्ड फ्यूचर ने $3534.10 प्रति औंस का ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज किया। वहीं, भारत में एमसीएक्स (MCX) पर अक्टूबर गोल्ड फ्यूचर ₹1,02,250 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह इस साल की शुरुआत से अब तक 38% की भारी बढ़त को दर्शाता है, जो निवेशकों के लिए उत्साहजनक तो है, लेकिन साथ ही नए सवाल भी खड़े करता है।
अमेरिका का चौंकाने वाला फैसला: सोने की कीमतों में उछाल की असली वजह सोने की इस अप्रत्याशित उछाल के पीछे सबसे बड़ी और तत्काल वजह अमेरिका का एक महत्वपूर्ण फैसला है। 31 जुलाई 2025 को अमेरिका ने 1 किलो और 100 औंस की गोल्ड बार्स पर 39% का भारी टैरिफ (शुल्क) लगा दिया है। ये वही गोल्ड बार्स हैं जिनका कॉमिक्स मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेड होता है। इस भारी टैक्स के कारण अब अमेरिका को सोने की सप्लाई करना बेहद महंगा और मुश्किल हो गया है।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर गहरा असर: स्विट्जरलैंड से भारत तक प्रभाव इस अमेरिकी टैरिफ का असर वैश्विक सोने की आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) पर गहरा पड़ रहा है। स्विट्जरलैंड, जो दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड रिफाइनिंग हब है, उसने पिछले एक साल में अमेरिका को $61.5 बिलियन का सोना एक्सपोर्ट किया था। अब इन गोल्ड बार्स पर $24 बिलियन तक की ड्यूटी लग सकती है। नतीजतन, कई रिफाइनरियों ने स्विट्जरलैंड से अमेरिका को होने वाली शिपमेंट को धीमा कर दिया है या पूरी तरह रोक दिया है। भारत भी स्विट्जरलैंड से सोने की गोल्ड बार्स खरीदता है। जब दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग हब से आपूर्ति कम होगी, तो भारत में भी सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
त्योहारी सीजन में और बढ़ेगी मांग, कीमतें छू सकती हैं नई ऊंचाई भारत में आने वाले त्योहारों का सीजन सोने की कीमतों पर और दबाव डालेगा। इस दौरान सोने की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है। ऐसे में, कीमतों में और उछाल आने की संभावना है और एमसीएक्स पर प्रीमियम भी बढ़ सकता है। यह निवेशकों और आम खरीदारों दोनों के लिए बाजार को समझना और भी महत्वपूर्ण बना देता है।
सोने की चमक के अन्य कारण: केंद्रीय बैंक, फेड रेट और भू-राजनीतिक तनाव अमेरिकी टैरिफ के अलावा भी कई अन्य कारक सोने की कीमतों को बढ़ावा दे रहे हैं। केंद्रीय बैंक इस साल भी 900 से 1000 टन तक सोना खरीद सकते हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर मांग बनी रहेगी। साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है, जिससे सोना निवेशकों के लिए और भी आकर्षक हो जाएगा। भू-राजनीतिक तनाव, जैसे कि ट्रेड वॉर, चीन-अमेरिका तनाव, और मिडिल ईस्ट में बढ़ती अस्थिरता, सोने को एक 'सेव हेवन' निवेश के रूप में और मजबूत कर रहे हैं।
आने वाले दिनों का हाल: क्या कहते हैं आंकड़े? आने वाले हफ़्ते, यानी 11 से 17 अगस्त 2025 के बीच, कॉमिक्स पर गोल्ड $3400 से लेकर $3500 के दायरे में रह सकता है। वहीं, एमसीएक्स पर सोना ₹1 लाख के निशान के पार टिका रह सकता है। निवेशकों को अमेरिका के सीपीआई डेटा (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक), जॉब रिपोर्ट और फेडरल रिजर्व के बयानों पर कड़ी नज़र रखनी होगी, क्योंकि सोने के दाम बहुत हद तक इन पर निर्भर करेंगे।
सोने की ट्रेडिंग में एक नया युग: हर निवेशक के लिए महत्वपूर्ण जानकारी अगस्त 2025 सिर्फ एक गोल्ड रिकॉर्ड का महीना नहीं है, बल्कि यह एक संकेत है कि सोने की ट्रेडिंग अब पूरी तरह से बदल रही है। अमेरिका की नई टैरिफ नीति ने पूरे गोल्ड सप्लाई चेन को हिला दिया है और इसका असर भारत तक महसूस हो रहा है। यह जानकारी उन सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो सोने के इस बदलते खेल को समझना चाहते हैं और समझदारी से निवेश या खरीदारी करना चाहते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
Q1: सोने की कीमत ₹1 लाख के पार क्यों पहुंची है? A1: सोने की कीमतों में इस जबरदस्त उछाल की मुख्य वजह अमेरिका द्वारा 31 जुलाई 2025 को 1 किलो और 100 औंस की गोल्ड बार्स पर 39% का भारी टैरिफ लगाना है। इसके अलावा, सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दरें घटने की उम्मीद और भू-राजनीतिक तनाव भी सोने को 'सेव हेवन' बना रहे हैं।
Q2: अमेरिका के नए टैरिफ का सोने की वैश्विक आपूर्ति पर क्या असर पड़ रहा है? A2: अमेरिका के 39% के नए टैरिफ ने गोल्ड बार्स की सप्लाई को महंगा और मुश्किल बना दिया है। स्विट्जरलैंड, जो सोने का सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब है, वहां से अमेरिका को होने वाली शिपमेंट धीमी हो गई हैं या रोक दी गई हैं, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है।
Q3: भारत में सोने की कीमतें और क्यों बढ़ सकती हैं? A3: भारत में सोने की कीमतें और बढ़ने की संभावना है क्योंकि भारत भी स्विट्जरलैंड से गोल्ड बार्स खरीदता है और वहां से आपूर्ति कम होने का सीधा असर पड़ेगा। साथ ही, आने वाले त्योहारों के मौसम में सोने की मांग में भारी वृद्धि होती है, जिससे कीमतें और उछल सकती हैं। एमसीएक्स पर प्रीमियम बढ़ने की भी संभावना है।
Q4: आने वाले दिनों में सोने की चाल कैसी रह सकती है? A4: 11 से 17 अगस्त 2025 के बीच, कॉमिक्स पर गोल्ड $3400 से $3500 के दायरे में रह सकता है, जबकि एमसीएक्स पर सोना ₹1 लाख के निशान के पार टिका रह सकता है। निवेशकों को अमेरिका के सीपीआई डेटा, जॉब रिपोर्ट और फेडरल रिजर्व के बयानों पर नज़र रखनी चाहिए।
Q5: गोल्ड को 'सेव हेवन' निवेश क्यों माना जाता है? A5: गोल्ड को 'सेव हेवन' निवेश इसलिए माना जाता है क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव, जैसे कि ट्रेड वॉर, चीन-अमेरिका तनाव, और मिडिल ईस्ट में अस्थिरता के समय यह निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करता है। आर्थिक अनिश्चितता के दौर में लोग सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने का रुख करते हैं।