सुजलॉन एनर्जी: ₹80 तक जाएगा शेयर? जानें निवेश सलाह

सुजलॉन एनर्जी का शेयर ऊपरी स्तरों से गिरा। जानें कंपनी के पहली तिमाही के दमदार नतीजे, CFO के इस्तीफे का असर और ब्रोकरेज की ₹80 तक की लेटेस्ट राय।

Aug 14, 2025 - 12:51
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सुजलॉन एनर्जी: ₹80 तक जाएगा शेयर? जानें निवेश सलाह
सुजलॉन एनर्जी शेयर प्राइस और निवेश सलाह

सुजलॉन एनर्जी: शेयर में उतार-चढ़ाव, क्या अब भी है कमाई का मौका? जानें एक्सपर्ट राय

हाल के दिनों में सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के निवेशकों को शेयर में लगातार गिरावट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। बीते सितंबर में अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से इस शेयर में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, और यह संभल नहीं पा रहा है। हालांकि, कंपनी ने अपनी पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, जो मजबूत प्रदर्शन दिखाते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि निवेशकों को सुजलॉन एनर्जी में क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं कंपनी के प्रदर्शन, हालिया गिरावट के कारणों और ब्रोकरेज हाउसेज की राय के बारे में विस्तार से।

सुजलॉन के शेयर का प्रदर्शन: उतार-चढ़ाव भरी कहानी

सुजलॉन एनर्जी ने बेशक अतीत में अपने निवेशकों को मोटी कमाई कराई है, लेकिन हालिया प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। बुधवार को यह शेयर करीब 4.5% गिरकर ₹60 पर बंद हुआ। अगर पिछले प्रदर्शन पर नजर डालें तो, 6 महीने में इसने 13% का रिटर्न दिया है, जबकि एक साल में यह 25% टूटा है। हालांकि, तीन साल में सुजलॉन ने 700% का बंपर रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल किया था। इन आंकड़ों से साफ है कि बीते एक साल से कंपनी के शेयर का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।

गिरावट के दो प्रमुख कारण: CFO का इस्तीफा और EPC मिक्स

सुजलॉन के शेयर में हालिया गिरावट के पीछे दो बड़े कारण बताए जा रहे हैं। पहला और सबसे अहम कारण है सीएफओ (चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर) हिमांशु मोदी का इस्तीफा। वह सिर्फ एक सीएफओ ही नहीं थे, बल्कि सुजलॉन को कर्ज से निकालकर मुनाफे में लाने वाले टर्न अराउंड के सबसे अहम किरदारों में से एक थे। उनके इस्तीफे को शॉर्ट टर्म के लिए नकारात्मक माना जा रहा है। दूसरा कारण है कुछ ब्रोकरेज हाउसेज की चिंता, जो कंपनी के ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) सेगमेंट में गिरावट को लेकर चिंतित हैं। नोवा के मुताबिक, ईपीसी मिक्स कम होने से रियलाइजेशन घटा है।

पहली तिमाही के शानदार नतीजे: कंपनी का मजबूत प्रदर्शन

इन चिंताओं के बावजूद, सुजलॉन एनर्जी ने पहली तिमाही (जून तिमाही) में दमदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 7% बढ़कर 324 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, आय सालाना आधार पर 54.6% बढ़कर 3117 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। कामकाजी आय (ऑपरेटिंग इनकम) भी 64.1% बढ़कर ₹63 करोड़ रही, जबकि मार्जिन 18.2% से बढ़कर 19.3% हो गए हैं। कंपनी के पास 5.7 गीगावाट के ऑर्डर हैं, जो उसकी भविष्य की ग्रोथ के लिए एक मजबूत संकेत है। पहली तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा ही रहा है और हर मोर्चे पर ग्रोथ पॉजिटिव रही है

घरेलू सोर्सिंग का फायदा: सुजलॉन को 'होम एडवांटेज'

सुजलॉन को घरेलू बाजार में 'होम एडवांटेज' मिल रहा है। हाल ही में, सरकार ने घरेलू सोर्सिंग को बढ़ावा देने के लिए एक नई पॉलिसी बनाई थी। इस पॉलिसी के अनुसार, विंड एनर्जी में उपयोग होने वाले ज्यादातर कंपोनेंट्स देश के अंदर से ही लेने होंगे। सुजलॉन का इस सेगमेंट में करीब 40% मार्केट शेयर मौजूद है, और इस पॉलिसी का सीधा फायदा कंपनी को मिल रहा है। ICICI सिक्योरिटीज का भी मानना है कि कंपनी को घरेलू सोर्सिंग मैंडेट से फायदा हो रहा है।

ब्रोकरेज हाउसेज की क्या है राय? खरीदारी या होल्ड?

ब्रोकरेज हाउसेज सुजलॉन को लेकर मिली-जुली राय रखते हैं, लेकिन अधिकांश ने खरीदारी की सलाह दी है।

  • मोतीलाल ओसवाल ने ₹80 के लक्ष्य के लिए खरीदारी की राय दी है। उनका मानना है कि कंपनी ने 444 मेगावॉट की रिकॉर्ड डिलीवरी की है, उसके पास 5.7 गीगावाट की ऑर्डर बुक है, और टाटा पावर से 700 मेगावॉट की डील की संभावना भी है।
  • ICICI सिक्योरिटीज ने ₹70 के करीब के लक्ष्य के साथ खरीदारी की राय दी है, जिसका मुख्य कारण घरेलू सोर्सिंग मैंडेट से मिलने वाला फायदा है।
  • JM फाइनेंस ने ₹78 के लक्ष्य के लिए खरीदारी की राय दी है। उनका तर्क है कि ऑपरेटिंग लेवरेज से मार्जिन 10% से बढ़कर 15% होने की उम्मीद है, और कंपनी विंड टरबाइन जनरेटर सेगमेंट में मजबूत है।
  • नोवा (Nuvama) ने ₹67 के लक्ष्य के लिए 'होल्ड' रेटिंग दी है। उनके मुताबिक, ईपीसी मिक्स कम होने से रियलाइजेशन घटा है और सीएफओ का इस्तीफा शॉर्ट टर्म के लिए नकारात्मक है।

निवेशक क्या करें? शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म?

ब्रोकरेज रिपोर्ट की मानें तो, छोटी अवधि में सीएफओ के इस्तीफे और ईपीसी मिक्स पर बाजार की प्रतिक्रिया से शेयर में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। हालांकि, लॉन्ग टर्म के निवेशक शेयर में बने रह सकते हैं। कंपनी की ऑर्डर बुक मजबूत है और पहली तिमाही में उसका प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। हालांकि, किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्य लें।

  • 6. FAQs
  • प्रश्न: सुजलॉन एनर्जी के शेयर में हालिया गिरावट के क्या कारण हैं?

    • उत्तर: हालिया गिरावट के दो मुख्य कारण हैं: सीएफओ हिमांशु मोदी का इस्तीफा, जो कंपनी के टर्न अराउंड में अहम थे, और कुछ ब्रोकरेज की ईपीसी मिक्स में गिरावट पर चिंता।
  • प्रश्न: सुजलॉन एनर्जी के पहली तिमाही के नतीजे कैसे रहे?

    • उत्तर: पहली तिमाही में सुजलॉन का मुनाफा 7% बढ़कर 324 करोड़ रुपये और आय 54.6% बढ़कर 3117 करोड़ रुपये रही। मार्जिन में भी सुधार दिखा और कंपनी का प्रदर्शन हर मोर्चे पर अच्छा रहा है।
  • प्रश्न: ब्रोकरेज हाउसेज सुजलॉन एनर्जी के लिए क्या लक्ष्य दे रहे हैं?

    • उत्तर: मोतीलाल ओसवाल ने ₹80, ICICI सिक्योरिटीज ने ₹70 और JM फाइनेंस ने ₹78 का लक्ष्य दिया है, जबकि नोवा ने ₹67 के लिए 'होल्ड' रेटिंग दी है।
  • प्रश्न: क्या घरेलू सोर्सिंग पॉलिसी से सुजलॉन को फायदा हो रहा है?

    • उत्तर: हां, सरकार की घरेलू सोर्सिंग पॉलिसी से सुजलॉन को फायदा मिल रहा है क्योंकि विंड एनर्जी के ज्यादातर कंपोनेंट्स देश के अंदर से ही लेने होंगे, और सुजलॉन का इस सेगमेंट में 40% मार्केट शेयर है।
  • प्रश्न: निवेशकों को सुजलॉन एनर्जी में क्या करना चाहिए?

    • उत्तर: छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव रह सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशक शेयर में बने रह सकते हैं क्योंकि कंपनी की ऑर्डर बुक मजबूत है और प्रदर्शन अच्छा है। निवेश सलाहकार से सलाह लेना उचित रहेगा।

Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.