HDFC बैंक के नए नियम: अब ₹25,000 न्यूनतम बैलेंस ज़रूरी, जानें असर

HDFC बैंक ने मेट्रो-शहरी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम बैलेंस ₹25,000 किया। जानें 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाले इन नए नियमों का आप पर क्या होगा असर और क्या हैं आपके पास विकल्प।

Aug 14, 2025 - 12:43
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HDFC बैंक के नए नियम: अब ₹25,000 न्यूनतम बैलेंस ज़रूरी, जानें असर
HDFC बैंक के नए नियम: अब ₹25,000 न्यूनतम बैलेंस ज़रूरी, जानें असर

HDFC बैंक का बड़ा ऐलान: अब नए बचत खातों में ₹25,000 न्यूनतम बैलेंस अनिवार्य, लाखों ग्राहकों पर सीधा असर!

भारत के प्रमुख निजी बैंकों में से एक HDFC बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जिससे लाखों नए खाताधारकों पर सीधा असर पड़ने वाला है। बैंक ने मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में 1 अगस्त 2025 से खोले गए नए बचत खातों के लिए न्यूनतम मासिक औसत बैलेंस (AMB) की सीमा को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया है। इस फैसले ने उन ग्राहकों को झटका दिया है जो नए बचत खाते खोलने की योजना बना रहे थे, खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए जिनके लिए इतना बैलेंस बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

HDFC बैंक के नए नियम: क्या बदला? HDFC बैंक के अनुसार, मेट्रो सिटीज और शहरी क्षेत्रों में 1 अगस्त 2025 से खोले गए नए नियमित बचत खातों में हर महीने औसतन ₹25,000 का बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य हो गया है। यह बदलाव केवल नए खातों पर लागू होगा, जिससे भविष्य में खाता खोलने वाले ग्राहकों को सीधे तौर पर प्रभावित किया जाएगा। यह कदम ग्राहकों के लिए बड़ी वित्तीय चुनौती बन सकता है।

किन खातों पर लागू, किन्हें मिली छूट? यह नया नियम केवल नए नियमित बचत खातों पर लागू होता है, जबकि पुराने ग्राहकों के लिए उनकी वर्तमान न्यूनतम बैलेंस सीमा, जो मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में ₹10,000 है, वही लागू रहेगी। हालांकि, बैंक ने सैलरी अकाउंट्स और बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स (BSBDA) को इन नियमों से छूट दी है। सैलरी अकाउंट में नियमित रूप से वेतन क्रेडिट होने की स्थिति में कोई न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता नहीं होगी। इसी तरह, BSBDA खाते, जो आमतौर पर कम आय वाले ग्राहकों या वित्तीय समावेशन के लिए होते हैं, वे भी जीरो बैलेंस खाते के रूप में काम करते रहेंगे। यह छूट वेतन भोगी ग्राहकों और छोटे खाता धारकों के लिए बड़ी राहत है।

जुर्माने का प्रावधान और पुरानी सीमा यदि खाताधारक नए नियमों के तहत ₹25,000 की न्यूनतम औसत बैलेंस सीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें 6% की दर से जुर्माना देना होगा जो अधिकतम ₹600 तक हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि खाते में औसत बैलेंस ₹15,000 है, तो ₹10,000 की कमी पर जुर्माना लग सकता है। वहीं, सेमी-अर्बन क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस लिमिट ₹5,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹2,500 अपरिवर्तित रहेगी, यानी इन क्षेत्रों के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है।

बैंक ने क्यों लिया यह फैसला? HDFC बैंक ने इस बदलाव के पीछे बढ़ती परिचालन लागत और बेहतर सेवा गुणवत्ता को बनाए रखने की आवश्यकता को कारण बताया है। बैंक का कहना है कि डिजिटल बैंकिंग, ब्रांच का रखरखाव और अन्य सेवाओं की लागत में वृद्धि के कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है। हालांकि, यह निर्णय ग्राहकों के बीच विवाद का विषय बन सकता है, जैसा कि पहले ICICI बैंक के मामले में देखा गया था, जब उन्होंने अपने न्यूनतम बैलेंस को ₹500 करने की घोषणा की थी, जिसके बाद ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर व्यापक विरोध दर्ज किया था। HDFC के इस कदम से भी मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ने की आशंका है.

₹25,000 नहीं रख सकते तो क्या करें? यदि आप ₹25,000 की न्यूनतम बैलेंस लिमिट को बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं, तो आपके पास कुछ विकल्प मौजूद हैं:

  • फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): आप फिक्स्ड डिपॉजिट का रास्ता ले सकते हैं। मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में ₹1 लाख की FD या सेमी-अर्बन क्षेत्रों में ₹50,000 की FD बनाकर न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। इससे बचत खातों में कम बैलेंस होने पर भी जुर्माना नहीं लगेगा और FD पर ब्याज भी मिलेगा।
  • सैलरी अकाउंट या BSBDA में स्विच करें: यदि आपका नियोक्ता HDFC बैंक में सैलरी खाता खोलने की सुविधा देता है, तो आप अपने खाते को सैलरी अकाउंट में बदल सकते हैं, क्योंकि यह जीरो बैलेंस की सुविधा प्रदान करता है। BSBDA खाते भी एक अच्छा विकल्प हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो कम लेनदेन करते हैं, क्योंकि यह बिना किसी न्यूनतम शेष राशि के खोला जा सकता है।

अन्य बैंकों के विकल्प यदि आप HDFC बैंक के इन नए नियमों से बचना चाहते हैं और ऊपर दिए गए विकल्प आपके लिए उपयुक्त नहीं हैं, तो आप अन्य बैंकों पर विचार कर सकते हैं। सरकारी बैंक जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) या पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में न्यूनतम बैलेंस लिमिट की आवश्यकता आमतौर पर कम होती है। उदाहरण के लिए, SBI में मेट्रो क्षेत्रों के लिए ₹3,000 की न्यूनतम बैलेंस लिमिट है। कुछ छोटे प्राइवेट बैंक या डिजिटल-फर्स्ट बैंक जैसे कोटक 811 (Kotak 811) या पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) भी जीरो बैलेंस लिमिट प्रदान करते हैं, जो आपके लिए एक व्यवहार्य विकल्प हो सकते हैं।


  • 6. FAQs
  • Q1: HDFC बैंक में नया न्यूनतम बैलेंस क्या है? A1: HDFC बैंक ने मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में 1 अगस्त 2025 से खोले गए नए बचत खातों के लिए न्यूनतम मासिक औसत बैलेंस (AMB) को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया है।
  • Q2: यह नियम कब से लागू होगा और किन पर असर डालेगा? A2: यह नियम 1 अगस्त 2025 से लागू होगा और केवल उन ग्राहकों को प्रभावित करेगा जो इस तारीख के बाद मेट्रो या शहरी क्षेत्रों में HDFC बैंक में नए नियमित बचत खाते खोलेंगे।
  • Q3: क्या सैलरी अकाउंट पर भी न्यूनतम बैलेंस रखना होगा? A3: नहीं, HDFC बैंक ने स्पष्ट किया है कि सैलरी अकाउंट्स और बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स (BSBDA) इस नए नियम के दायरे से बाहर हैं, और इनमें कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • Q4: अगर न्यूनतम बैलेंस न रखा तो क्या होगा? A4: यदि आप निर्धारित न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में विफल रहते हैं, तो आपको 6% की दर से जुर्माना देना होगा, जो अधिकतम ₹600 तक हो सकता है।
  • Q5: न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने के क्या विकल्प हैं? A5: आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) का विकल्प चुन सकते हैं, अपने खाते को सैलरी अकाउंट या BSBDA में बदल सकते हैं, या कम न्यूनतम बैलेंस वाले अन्य बैंकों (जैसे SBI, PNB) या जीरो बैलेंस वाले डिजिटल बैंकों पर विचार कर सकते हैं।

Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.