नींद न आने की समस्या से हैं परेशान? रोज करें ये 5 योगासन, मिलेगी मीठी नींद
जानें नींद में सुधार के लिए 5 प्रभावी योगासन: बालासन से शवासन तक। तनाव कम करने और गहरी नींद लाने में कारगर। विधि और सावधानियां भी।

रातों की नींद हराम होने से जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। अनिद्रा के शिकार लोगों के लिए योगासन प्राकृतिक समाधान साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित योग अभ्यास से तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर 30% तक कम होता है, जो सीधे नींद की गुणवत्ता से जुड़ा है। आइए जानते हैं उन पाँच योग मुद्राओं के बारे में जो आपकी नींद को गहरा और शरीर को तरोताजा कर सकती हैं।
1. बालासन (बाल मुद्रा): तनाव-विधायक
घुटनों के बल बैठकर आगे की ओर झुकने वाली यह मुद्रा तंत्रिका तंत्र को शांत करती है। रीढ़ की हल्की खिंचाव रक्त प्रवाह बढ़ाती है, जिससे मस्तिष्क को विश्राम का संकेत मिलता है। शोध बताते हैं कि रोजाना 5 मिनट बालासन करने से अनिद्रा के लक्षणों में 40% तक कमी आ सकती है। गर्भवती महिलाएं और घुटने में चोट वाले इससे बचें।
2. उत्तानासन (आगे की ओर झुकना): मांसपेशियों का विश्राम
खड़े होकर कमर से आगे झुकने की इस स्थिति में पैरों की मांसपेशियों को गहरा आराम मिलता है। यह पाचन तंत्र को उत्तेजित कर शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जो रात्रि विश्राम के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली के योग विशेषज्ञ डॉ. राजीव मेहरा के अनुसार, "उत्तानासन का नियमित अभ्यास नींद के चक्र को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करता है।" कमर दर्द वाले सीमित अवधि ही करें।
3. विपरीत करणी (पैरों को दीवार पर टिकाना): रक्तसंचार सुधार
इस आसन में पीठ के बल लेटकर पैरों को दीवार पर सीधा रखा जाता है। यह स्थिति हृदय की ओर रक्त प्रवाह बढ़ाती है और थकान दूर करती है। चंडीगढ़ की एक रिसर्च के अनुसार, सोने से पहले 10 मिनट तक इसका अभ्यान नींद आने में लगने वाले समय को 50% तक कम कर सकता है। उच्च रक्तचाप के रोगी चिकित्सकीय सलाह के बाद ही करें।
4. शवासन (शव मुद्रा): गहन विश्राम
पीठ के बल पूरी तरह शिथिल होकर लेटना शवासन कहलाता है। यह मस्तिष्क की बीटा वेव्स को कम कर अल्फा वेव्स बढ़ाता है, जो गहरी नींद के लिए जरूरी है। योग गुरुओं का मानना है कि 15 मिनट का शवासन 2 घंटे की नींद के बराबर ऊर्जा दे सकता है। अभ्यास के दौरान शरीर के हर अंग पर ध्यान केंद्रित करना सफलता की कुंजी है।
5. सुखासन (आरामदायक बैठने की मुद्रा): प्राणायाम का आधार
पद्मासन का सरल रूप सुखासन ध्यान और श्वास क्रियाओं के लिए आदर्श है। इस मुद्रा में नाड़ी शोधन प्राणायाम करने से मन की उत्तेजना कम होती है। राष्ट्रीय योग स्वास्थ्य संस्थान के डेटा के अनुसार, सुखासन में 10 मिनट का ध्यान नींद की गुणवत्ता में 65% सुधार ला सकता है। घुटनों में दर्द होने पर कुशन का सहारा लें।
विशेषज्ञ सुझाव
• अभ्यास का सही समय: सोने से 2 घंटे पहले
• वातावरण: शांत कमरा और हल्की रोशनी
• अवधि: प्रतिदिन 20-25 मिनट पर्याप्त
• पूरक: योग के बाद गर्म दूध का सेवन फायदेमंद
निष्कर्ष
योग चिकित्सक डॉ. प्रिया शर्मा के अनुसार, "इन आसनों का संयुक्त प्रभाव तंत्रिका तंत्र को रीसेट करता है।" हाल के आंकड़े दिखाते हैं कि 8 सप्ताह तक नियमित अभ्यास करने वाले 78% लोगों ने नींद की अवधि में स्पष्ट सुधार दर्ज किया। हालांकि, गंभीर अनिद्रा के मामल में योग के साथ चिकित्सकीय परामर्श अनिवार्य है। रात भर सोने की क्षमता कोई जादू नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसे योग प्राकृतिक रूप से सक्रिय करता है।