UK Immigration Protests: टॉमी रॉबिन्सन की अगुवाई में लंदन में उमड़ा जनसैलाब, प्रवासियों को लेकर बंटी राय

UK Immigration Protests पर लंदन में विशाल प्रदर्शन। जानें क्यों Tommy Robinson ने उठाई अवैध आव्रजन के खिलाफ आवाज, ब्रिटेन में गहराया आव्रजन संकट और इसका सामाजिक-आर्थिक प्रभाव क्या है।

Sep 17, 2025 - 14:08
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UK Immigration Protests: टॉमी रॉबिन्सन की अगुवाई में लंदन में उमड़ा जनसैलाब, प्रवासियों को लेकर बंटी राय
ब्रिटेन में आप्रवासन विरोधी प्रदर्शन

By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: | 17 Sep 2025

लंदन के हृदय में हाल ही में एक विशाल जनसैलाब उभरा है, जिसने ब्रिटेन में आव्रजन को लेकर चल रही बहस को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया है। 'यूनाइट द किंगडम रैली' के बैनर तले, हजारों प्रदर्शनकारी मध्य लंदन की सड़कों पर उतर आए, जो अवैध आप्रवासन को रोकने, बिना दस्तावेज़ वाले प्रवासियों को निर्वासित करने और नए लोगों की बजाय मूल ब्रिटिश नागरिकों को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे थे। यह आधुनिक ब्रिटेन के सबसे बड़े दक्षिणपंथी प्रदर्शनों में से एक था, जिसकी अगुवाई चर्चित आव्रजन विरोधी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन ने की। यह घटना केवल एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह ब्रिटेन के गहरे सामाजिक विभाजन और राजनीतिक चुनौतियों को उजागर करती है, जो देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखती है। वहीं, कुछ ही दूरी पर 'मार्च अगेंस्ट फासिज्म' के बैनर तले एक छोटा समूह भी इस दक्षिणपंथी प्रदर्शन का विरोध कर रहा था, जिसने "शरणार्थियों का स्वागत है" जैसे संदेशों के साथ एकजुटता का आह्वान किया। इस लेख के माध्यम से, हम ब्रिटेन में बढ़ते आव्रजन संकट के विभिन्न पहलुओं, विरोध प्रदर्शनों के पीछे के कारणों और इसके दूरगामी प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आप इस जटिल मुद्दे को गहराई से समझ सकें।

UK Immigration Protests: लंदन की सड़कों पर गुस्सा और मांगें 

'यूनाइट द किंगडम रैली' में हजारों प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा ब्रिटेन में अवैध आव्रजन के खिलाफ बढ़ती नाराजगी का स्पष्ट संकेत था। इंग्लैंड और ब्रिटेन के झंडे लहराते हुए, उन्होंने कई प्रमुख मांगें उठाईं:

  • अवैध आप्रवासियों को देश से बाहर निकाला जाए।
  • आव्रजन प्रवाह को तुरंत रोका जाए।
  • मूल ब्रिटिश नागरिकों को नए लोगों पर प्राथमिकता दी जाए। टॉमी रॉबिन्सन ने इसे "ग्रेट ब्रिटेन में एक सांस्कृतिक क्रांति की चिंगारी" बताया। प्रदर्शनकारियों के प्लेकार्ड्स पर "गेट देम आउट" और "सेव अवर किड्स" जैसे नारे थे, जो जमीन पर मौजूद आक्रोश को दर्शाते थे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि अवैध आव्रजन देश को "अलग कर रहा है," क्योंकि "हमारे दिग्गज सड़कों पर पड़े हैं, जबकि आप्रवासियों को चार सितारा होटल मिल रहे हैं"।

कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन? आव्रजन विरोधी आंदोलन का चेहरा Alt Text: "टॉमी रॉबिन्सन का आव्रजन विरोधी अभियान"

टॉमी रॉबिन्सन, जिनका असली नाम स्टीफन यैक्सले लेनॉन है, 42 वर्षीय एक विवादास्पद आव्रजन विरोधी कार्यकर्ता हैं। 2009 में, उन्होंने इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) की स्थापना की, जो कट्टरपंथी इस्लाम का विरोध करने वाला एक राष्ट्रवादी समूह था। रॉबिन्सन ने ब्रिटिश शहरों की संस्कृति को बदलने वाले कट्टरपंथी इस्लामवादियों का विरोध किया है। उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा है, लेकिन एलन मस्क और स्टीव बैनन जैसे प्रभावशाली हस्तियों के समर्थन के बाद उनकी लोकप्रियता ऑनलाइन काफी बढ़ी है। 2018 में ट्विटर से प्रतिबंधित होने के बाद, उन्हें एलन मस्क के नेतृत्व में बहाल किया गया और अब X पर उनके 1.6 मिलियन से अधिक अनुयायी हैं। आलोचक उन्हें "विभाजन भड़काने वाला" मानते हैं, जबकि समर्थक उन्हें "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और देशभक्ति का चैंपियन" बताते हैं। रॉबिन्सन यूके में सबसे लोकप्रिय दूर-दराज के दक्षिणपंथी चेहरों में से एक हैं।

आप्रवासन और अपराध दर: आंकड़ों की जुबानी सच Alt Text: "ब्रिटेन में आव्रजन और अपराध के आंकड़े"

ब्रिटेन में UK Immigration Protests के पीछे एक प्रमुख चिंता आप्रवासियों द्वारा कथित रूप से अपराध दर में वृद्धि है। इस मुद्दे पर डेटा मिश्रित तस्वीर प्रस्तुत करता है। इंग्लैंड और वेल्स में मार्च 2023 तक के गिरफ्तारी आंकड़ों के अनुसार, जातीयता के आधार पर कुछ अलग पैटर्न देखे गए। अश्वेत लोगों के लिए गिरफ्तारी दर 20.4 प्रति 10,000 थी, जबकि श्वेत लोगों (जिनमें अधिकांश मूल निवासी शामिल हैं) के लिए यह 9.4 प्रति 1,000 थी। हालांकि, एशियाई लोगों की गिरफ्तारी दर 8.4 प्रति 1,000 के साथ श्वेत लोगों की तुलना में कम थी। यह भी देखा गया है कि विदेशी नागरिक कुछ प्रकार के अपराधों में अपनी जनसंख्या हिस्सेदारी (12.8%) से अधिक अनुपात (34.7%) में शामिल होते हैं। इसलिए, आव्रजन से अपराध दर बढ़ने की चिंताएं "पूरी तरह से निराधार नहीं" कही जा सकती हैं। रॉबिन्सन ने विशेष रूप से "पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग्स" द्वारा किए गए यौन शोषण को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रोजगार और अर्थव्यवस्था पर आप्रवासन का वास्तविक प्रभाव Alt Text: "ब्रिटेन में आव्रजन का आर्थिक प्रभाव"

आप्रवासन को लेकर एक आम चिंता यह है कि आप्रवासी मूल निवासियों से नौकरियां छीन लेते हैं। हालांकि, यूके श्रम बाजार के आंकड़ों और कई अध्ययनों के अनुसार, यह आशंका "समर्थित नहीं है"। कई आधिकारिक रिपोर्टों ने निष्कर्ष निकाला है कि आव्रजन का यूके में मौजूदा मूल निवासी आबादी के औसत रोजगार या बेरोजगारी पर "थोड़ा या कोई सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं" पड़ता है। हालांकि, निम्न-शिक्षा वाले मूल निवासी श्रमिकों के बीच कुछ मामूली नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन समग्र रूप से वे "मामूली" ही रहते हैं। इसके विपरीत, वैध आप्रवासियों का यूके की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। उदाहरण के लिए, भारतीय प्रवासी समुदाय का ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में लगभग 6% योगदान होने का अनुमान है।

ब्रिटेन का गहराता आप्रवासन संकट और सरकारी चुनौतियाँ Alt Text: "ब्रिटेन में आव्रजन संकट पर सरकारी प्रतिक्रिया"

ब्रिटेन वर्तमान में रिकॉर्ड संख्या में शरण आवेदनों का सामना कर रहा है, जिसने आव्रजन को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना दिया है, जो लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था पर चिंताओं को भी पीछे छोड़ रहा है। इस साल अब तक, 28,000 से अधिक प्रवासी छोटी नावों से चैनल पार करके ब्रिटेन पहुंचे हैं। मध्य 2025 तक, 100,000 से अधिक शरणार्थी अपने आवेदनों पर निर्णय का इंतजार कर रहे थे, जिससे यूके सरकार को उपयुक्त दीर्घकालिक आवास सुरक्षित करने में भारी कठिनाई हो रही है। नतीजतन, होटलों पर आकस्मिक आवास के रूप में निर्भरता बढ़ी है, जिसका आव्रजन विरोधी ब्रिटिश नागरिकों द्वारा भारी विरोध किया जाता है। प्रधानमंत्री किया स्टार्मा ने 'यूनाइट द किंगडम' रैली के विचारों और आचरण की आलोचना की, जबकि उनके व्यापार सचिव ने आव्रजन संकट को स्वीकार किया और इसे पिछली सरकार की विरासत बताया। एलन मस्क ने भी रैली में वीडियो उपस्थिति दर्ज कराई और "अनियंत्रित प्रवासन" के खिलाफ चेतावनी दी।

एक संतुलित दृष्टिकोण: ब्रिटेन में आप्रवासन का भविष्य Alt Text: "ब्रिटेन में आव्रजन पर संतुलित दृष्टिकोण"

ब्रिटेन में आप्रवासन का मुद्दा बहुआयामी और संवेदनशील है, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों की अपनी-अपनी चिंताएं और दृष्टिकोण हैं। यह स्पष्ट है कि किसी भी देश में, ब्रिटेन सहित, अवैध या अनाधिकृत आप्रवासियों के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे प्रवासियों को रोकने और निर्वासित करने के लिए सख्त नीतियां आवश्यक हैं। हालांकि, इसके साथ ही वैध आप्रवासियों के महत्वपूर्ण योगदान को पहचानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जो देश की अर्थव्यवस्था और समाज को समृद्ध करते हैं। आप्रवासियों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे कानून का पालन करें और ऐसा आचरण करें कि उन्हें ब्रिटिश समाज द्वारा एक संपत्ति के रूप में देखा जाए, न कि बोझ या इससे भी बदतर, अभिशाप के रूप में। इस जटिल चुनौती का सामना करने के लिए सुरक्षा, मानवीय मूल्यों और आर्थिक आवश्यकताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाला एक संतुलित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।

Conclusion:

संक्षेप में, लंदन में टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में हुए विशाल UK Immigration Protests ने ब्रिटेन में आव्रजन को लेकर मौजूद गहरी दरारों और ज्वलंत सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अवैध आव्रजन को रोकने और राष्ट्रीय पहचान को प्राथमिकता देने की मांगें एक ओर थीं, तो दूसरी ओर 'स्टैंड अप टू रेसिज्म' जैसे समूहों ने नफरत और फासीवाद के खिलाफ आवाज उठाई। यह स्पष्ट है कि आव्रजन का मुद्दा अर्थव्यवस्था, रोजगार और अपराध दर से जुड़ी जटिल सच्चाइयों के साथ गहरा जुड़ा हुआ है। जैसे-जैसे ब्रिटेन रिकॉर्ड संख्या में शरण आवेदनों और आवास की चुनौतियों से जूझ रहा है, यह बहस और तेज होने की संभावना है। भविष्य में, सरकार और समाज दोनों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे एक संतुलित और न्यायपूर्ण आव्रजन नीति विकसित करें, जो राष्ट्र की सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और मानवीय मूल्यों को एक साथ साध सके, ताकि ब्रिटेन में सभी नागरिक सद्भाव और सम्मान के साथ रह सकें।

FAQs:

Q1: UK Immigration Protests क्यों हुए? UK Immigration Protests मुख्य रूप से अवैध या अनाधिकृत आव्रजन को रोकने की मांग को लेकर हुए। प्रदर्शनकारियों ने प्रवासी क्रॉसिंग को रोकने, बिना दस्तावेज़ वाले आप्रवासियों को निर्वासित करने और मूल ब्रिटिश नागरिकों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। आर्थिक उथल-पुथल, दुर्लभ संसाधनों पर आप्रवासियों का कथित बोझ, और अपराध दर बढ़ने की चिंताएं भी इसके प्रमुख कारण थे।

Q2: Tommy Robinson कौन है? टॉमी रॉबिन्सन (असली नाम स्टीफन यैक्सले लेनॉन) 42 वर्षीय एक आव्रजन विरोधी और इस्लाम विरोधी कार्यकर्ता हैं। वह इंग्लिश डिफेंस लीग (EDL) के संस्थापक हैं और उन्होंने "पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग्स" द्वारा किए गए यौन शोषण को उजागर करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार और ब्रिटेन के दूर-दराज के दक्षिणपंथी चेहरों में से एक माने जाते हैं।

Q3: क्या आप्रवासन से ब्रिटेन में अपराध दर बढ़ी है? कुछ हद तक, आप्रवासन से अपराध दर बढ़ने की चिंताएं पूरी तरह से निराधार नहीं हैं। डेटा दर्शाता है कि कुछ प्रकार के अपराधों में विदेशी नागरिकों की भागीदारी उनकी जनसंख्या हिस्सेदारी से अधिक है। हालांकि, जातीयता के आधार पर गिरफ्तारी दर में भिन्नता है, और यह एक जटिल मुद्दा है जिस पर अधिक शोध की आवश्यकता है।

Q4: क्या आप्रवासन से ब्रिटेन में रोजगार पर असर पड़ा है? यूके श्रम बाजार के आंकड़ों और कई अध्ययनों के अनुसार, आव्रजन का मूल निवासी आबादी के औसत रोजगार या बेरोजगारी पर "थोड़ा या कोई सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं" पड़ता है। निम्न-शिक्षा वाले मूल निवासी श्रमिकों पर कुछ मामूली नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन समग्र रूप से यह चिंता समर्थित नहीं है।

Q5: ब्रिटेन सरकार आप्रवासन संकट को कैसे देख रही है? ब्रिटेन सरकार रिकॉर्ड संख्या में शरण आवेदनों और उपयुक्त आवास की कमी से जूझ रही है। प्रधानमंत्री किया स्टार्मा ने आव्रजन विरोधी रैली के विचारों की आलोचना की है, जबकि उनके व्यापार सचिव ने पिछली सरकार को संकट के लिए दोषी ठहराया और समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया है। सरकार "अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सब कुछ कर रही है"।

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