Gold price prediction: सोने के भाव में बड़ा उछाल! 1 सितंबर 2025 के लिए जानिए ताजा रणनीति

Gold price prediction: सोने और चांदी की कीमतें नए रिकॉर्ड बना रही हैं। अमेरिकी फेड दर में कटौती की उम्मीदें, भू-राजनीतिक तनाव और रुपये की कमजोरी इस उछाल के मुख्य कारण हैं। जानें क्या है इस हफ्ते की रणनीति, खरीदें या बेचें?

Sep 1, 2025 - 13:43
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Gold price prediction: सोने के भाव में बड़ा उछाल! 1 सितंबर 2025 के लिए जानिए ताजा रणनीति
सोने की कीमत का अनुमान

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat | Date Sep 01, 2025

Gold price prediction: सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल, 1 सितंबर 2025 के हफ्ते के लिए जानें विस्तृत विश्लेषण और निवेश रणनीति

सोने और चांदी की कीमतें इस समय नए ऐतिहासिक उच्च स्तरों पर पहुँच रही हैं, जिसने निवेशकों और आम जनता दोनों का ध्यान खींचा है। गोल्ड प्राइस प्रेडिक्शन के अनुसार, बाजार में यह तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों, वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों और कमजोर रुपये जैसे कई प्रमुख कारकों से प्रेरित है। इस हफ्ते अमेरिकी अवकाश और आने वाले आर्थिक आंकड़ों, विशेषकर अमेरिकी नौकरियों के बाजार के आंकड़ों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के पीएमआई (PMI) नंबरों के कारण बाजार में उच्च अस्थिरता की आशंका है। यदि आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं या पहले से ही कर चुके हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि आगामी सप्ताह में सोने का भाव क्या रुख अपना सकता है और आपकी रणनीति क्या होनी चाहिए।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी के अनुसार, इस सप्ताह सोने की कीमतों में उच्च उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने निवेशकों के लिए 'डिप्स पर खरीदो' (Buy on dips) की रणनीति का सुझाव दिया है, जहाँ सोने का प्रतिरोध स्तर 1,06,000-1,07,500 रुपये और समर्थन स्तर 1,03,000-102500 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है। पिछले हफ्ते COMEX और घरेलू दोनों मोर्चों पर सोने ने एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर दर्ज किया, जबकि चांदी ने 2011 के बाद से COMEX पर अपना उच्चतम स्तर छू लिया। इस रैली को सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दर में कटौती की बढ़ती उम्मीदों से बल मिला है, जिसकी संभावना वर्तमान में लगभग 85% है। इज़राइल-गाजा संघर्ष जैसे बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और नए सिरे से शुल्क वृद्धि भी कीमतों को बढ़ा रही है। इसके अतिरिक्त, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिरना भी घरेलू बुलियन कीमतों को समर्थन दे रहा है। अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने मजबूत उपभोक्ता खर्च और PCE मूल्य सूचकांक में 0.2% की मासिक वृद्धि के साथ लचीलापन दिखाया है, लेकिन लगातार मुद्रास्फीति और राष्ट्रपति ट्रम्प का फेड पर राजनीतिक दबाव आगामी दर कटौती की बाजार उम्मीदों को मजबूत कर रहा है। जैक्सन होल में फेड अध्यक्ष पॉवेल की नरम टिप्पणियों ने संकेत दिया कि नीति में बदलाव की संभावना है, हालांकि अनिश्चितता बनी हुई है। इस बीच, ईटीएफ (ETF) में प्रवाह, चीन में बढ़े हुए प्रीमियम और भारत में त्योहारी मांग ने भी सोने की कीमत रैली को मौलिक समर्थन प्रदान किया है। ट्रम्प द्वारा फेड गवर्नर लिसा कुक को हटाने के विवादास्पद प्रयास से भू-राजनीतिक अनिश्चितता भी बढ़ गई है, जिससे केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता पर चिंताएं बढ़ गई हैं। व्यापार मोर्चे पर, चल रही अमेरिकी वार्ता और ट्रम्प-युग के शुल्कों को कानूनी चुनौतियाँ बाजार सहभागियों को सतर्क रख रही हैं। इस सप्ताह, अमेरिकी श्रम दिवस के कारण अवकाश के साथ शुरुआत हो रही है, जिससे अस्थिरता ऊंची बनी रहने की उम्मीद है। भू-राजनीतिक अपडेट के अलावा, जो कीमतों में और गति ला सकते हैं, इस सप्ताह निर्धारित आर्थिक आंकड़े भी कीमतों में उच्च उतार-चढ़ाव को ट्रिगर कर सकते हैं। अमेरिकी नौकरियों के बाजार के आंकड़े, जैसे कि अमेरिकी निजी पेरोल, गैर-कृषि पेरोल, JOLTS और साप्ताहिक बेरोजगारी दावे महत्वपूर्ण होंगे। ये आंकड़े अमेरिकी श्रम बाजार पर स्पष्टता प्रदान करेंगे और इस साल आने वाली बैठकों के लिए ब्याज दर में कटौती की संभावनाओं को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के पीएमआई नंबरों पर भी नजर रखना महत्वपूर्ण होगा।

निष्कर्ष के तौर पर, सोने और चांदी की कीमतें वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों के जटिल मिश्रण के कारण अभूतपूर्व स्तरों पर पहुँच गई हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर-कटौती की उम्मीदें, बढ़ते तनाव और रुपये की कमजोरी इस तेजी को मुख्य रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। आगामी सप्ताह में बाजार में काफी अस्थिरता रहने की संभावना है, खासकर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और भू-राजनीतिक विकासों के कारण। निवेशकों को विशेषज्ञों की सलाह का पालन करते हुए, 'डिप्स पर खरीदो' की रणनीति अपनानी चाहिए और बाजार के रुझानों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए। सोने की कीमत का अनुमान आने वाले समय में वैश्विक घटनाओं और केंद्रीय बैंकों की नीतियों पर अत्यधिक निर्भर करेगा, जिससे भविष्य में भी कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।


FAQs

1. सोने और चांदी की कीमतों में उछाल के मुख्य कारण क्या हैं? सोने और चांदी की कीमतों में वर्तमान उछाल के कई मुख्य कारण हैं। इनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की 85% उम्मीदें, इजराइल-गाजा संघर्ष जैसे भू-राजनीतिक तनाव, व्यापार शुल्क में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की रिकॉर्ड कमजोरी शामिल हैं।

2. इस हफ्ते सोने की कीमत का अनुमान क्या है? इस सप्ताह (1 सितंबर 2025 का हफ्ता) सोने की कीमतों में उच्च अस्थिरता और उतार-चढ़ाव की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने 'डिप्स पर खरीदो' की रणनीति का सुझाव दिया है, जिसमें प्रतिरोध स्तर 1,06,000-1,07,500 रुपये और समर्थन स्तर 1,03,000-102500 रुपये निर्धारित किया गया है।

3. सोने में निवेश के लिए विशेषज्ञों की क्या सलाह है? मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने सोने में निवेश के लिए 'डिप्स पर खरीदो' (Buy on dips) की रणनीति की सलाह दी है। इसका अर्थ है कि जब भी सोने का भाव थोड़ा नीचे आए, उसे खरीदने का अवसर मानना चाहिए, क्योंकि लंबी अवधि में इसकी कीमतें बढ़ने की संभावना है।

4. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती का सोने पर क्या असर होगा? अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें सोने की कीमतों को ऐतिहासिक ऊँचाइयों पर ले जा रही हैं। दर में कटौती से डॉलर कमजोर होता है, जिससे सोना अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सस्ता हो जाता है और इसकी मांग बढ़ जाती है, जिससे सोने की कीमत का अनुमान सकारात्मक रहता है।

5. कौन से आर्थिक आंकड़े सोने के भाव को प्रभावित कर सकते हैं? इस सप्ताह अमेरिकी नौकरियों के बाजार के आंकड़े (जैसे निजी पेरोल, गैर-कृषि पेरोल, JOLTS, साप्ताहिक बेरोजगारी दावे) और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के पीएमआई नंबर सोने के भाव को प्रभावित कर सकते हैं। ये आंकड़े अमेरिकी श्रम बाजार और वैश्विक आर्थिक स्वास्थ्य पर स्पष्टता प्रदान करेंगे, जिससे गोल्ड प्राइस प्रेडिक्शन पर असर पड़ेगा।

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