Himanshu Bhau Gangster: हिमांशु भाऊ गैंगस्टर: सुंदर मलिक की मौत, एल्विश यादव फायरिंग और हरियाणा का अंडरवर्ल्ड
Himanshu Bhau Gangster:हिमांशु भाऊ गैंगस्टर: सुंदर मलिक हत्याकांड से लेकर एल्विश यादव फायरिंग तक। जानिए विदेश से कैसे अपराध कर रहा यह खूंखार गैंगस्टर और हरियाणा-दिल्ली पर उसका खौफ।

Himanshu Bhau Gangster: सुंदर मलिक की मौत, एल्विश यादव फायरिंग और हरियाणा का अंडरवर्ल्ड
दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा, जहाँ हर गली में गैंग का नाम लिया जाता है या किसी गैंगस्टर की लाश गिरती है, वहाँ पैसा, शराब और उगाही गैंगों के बीच खूनी जंग का ईंधन बनते हैं। इसी खूनी जंग का एक बड़ा नाम अब हिमांशु भाऊ गैंगस्टर के रूप में उभरा है, जिसने विदेश में बैठकर भारत में एक के बाद एक कई सनसनीखेज वारदातें करवाई हैं। हाल ही में यूट्यूबर और बिग बॉस OTT विजेता एल्विश यादव के गुरुग्राम स्थित घर पर हुई अंधाधुंध फायरिंग ने उनके प्रशंसकों और शुभचिंतकों में डर और चिंता पैदा कर दी है, जिसके तार भी इसी खूंखार गैंगस्टर से जुड़ रहे हैं। यह खबर सिर्फ एक वारदात नहीं, बल्कि हरियाणा और दिल्ली के अंडरवर्ल्ड में बदलती ताकत का संकेत है, जहाँ अपराध की नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हैं।
कौन है हिमांशु भाऊ? विदेश से चलाता है साम्राज्य
हिमांशु भाऊ गैंगस्टर कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि 21-22 साल का एक युवा है जिसने अपने खूंखार वारदातों से पूरे हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर को हिला कर रख दिया है। वह इस वक्त विदेश में बैठा है और अपने गुर्गों के जरिए भारत में लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है। करोड़ों की उगाही से लेकर हत्याएं करवाने तक, उसका नेटवर्क इतना मजबूत है कि भारत के कई राज्यों में उसकी तूती बोलती है। पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि हिमांशु भाऊ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है, और हरियाणा व दिल्ली पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही है, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं है।
सुंदर मलिक कौन था? दाबोड़िया गैंग का खास सिपाही
इस खूनी कहानी के केंद्र में है सुंदर मलिक, जो कोई छोटा-मोटा गुंडा नहीं था। वह दिल्ली के सबसे खूंखार गैंगस्टर नीतू दाबोड़िया का दाहिना हाथ हुआ करता था। सोनीपत जिले में साधारण परिवार में जन्मे सुंदर मलिक ने पढ़ाई छोड़ दी और धीरे-धीरे गलत संगत में आ गया। शुरुआत में वह शराब के ठेकों पर काम करता था और फिर अवैध शराब के कारोबार में कूद गया। हरियाणा में शराब का धंधा सिर्फ बिजनेस नहीं, बल्कि गैंगस्टरों की आमदनी और वर्चस्व का जरिया भी था। नीतू दाबोड़िया ने सुंदर मलिक को अपना विश्वासपात्र साथी बनाया, और सुंदरा के पास जमीनी नेटवर्क था, जिसमें शराब, सट्टा और स्थानीय कारोबारियों से उगाही शामिल थी।
नीतू दाबोड़िया बनाम नीरज बावना: एक खूनी गैंगवॉर की कहानी
अंडरवर्ल्ड में सुंदर मलिक का नाम नीतू दाबोड़िया और नीरज बावना की पुरानी दुश्मनी के साथ जुड़ा हुआ है। नीतू दाबोड़िया हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर का सबसे दबंग और अपने इलाके का सबसे खूंखार डॉन था, जबकि नीरज बावना को दिल्ली का दाऊद कहा जाता था। दोनों गैंग दिल्ली-एनसीआर में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे थे, जिसमें सैकड़ों लाशें गिरीं। हालांकि, समय ने करवट ली। 2013 में नीतू दाबोड़िया एक एनकाउंटर में मारा गया, वहीं नीरज बावना 2015 में जेल पहुंच गया। गैंगवॉर कहीं न कहीं कम होती जा रही थी, और सुंदर मलिक भी गैंगस्टरिज्म से अपने हाथ खींचकर हरियाणा में अपना शराब का कारोबार फिर से शुरू कर चुका था और एक साधारण जिंदगी जीने लगा था।
सुंदर मलिक हत्याकांड: हिमांशु भाऊ की खूनी साजिश
नीतू दाबोड़िया गैंग के कमजोर पड़ने के बाद, नीरज बावना का गैंग जेल से भी मजबूत बना रहा, जिसमें नवीन बाली, राहुल काला, सुनील मान जैसे खूंखार गैंगस्टर काम करते थे। इसी दौरान हरियाणा और दिल्ली से नए-नए यंग लड़के गैंगस्टरिज्म में आ रहे थे, और इन्हीं में से एक नाम था हिमांशु भाऊ गैंगस्टर। हिमांशु भाऊ ने नीरज बावना के लिए काम करना शुरू किया और उसके दुश्मनों को ठिकाने लगाने की रणनीति बनाने लगा। उसकी रडार पर सुंदर मलिक आया, क्योंकि वह नीतू दाबोड़िया का साथी था और इलाके में शराब कारोबार पर उसकी अच्छी पकड़ थी।
9 मार्च 2024 की रात, सुंदर मलिक अपनी स्कॉर्पियो में सोनीपत मुरथल के गुलशन ढाबा पर पहुंचा और वहीं सो गया। अगली सुबह 8:30 बजे, एक होंडा अमेज कार से तीन हमलावर उतरे और सुंदर मलिक पर गोलियों की बरसात शुरू हो गई। सुंदर मलिक ने हिम्मत दिखाई और एक हमलावर को पकड़ भी लिया, लेकिन दूसरे हमलावर लगातार फायरिंग करते रहे। करीब 35 से 40 गोलियां दागी गईं और सुंदर मलिक की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस जांच में सामने आया कि यह पूरी साजिश हिमांशु भाऊ गैंगस्टर की थी। सुंदर मलिक का ही साथी सनी उर्फ फौजी गद्दार निकला, जिसने गाड़ी में जीपीएस लगाकर लोकेशन शूटर्स तक पहुंचाई। बाद में सनी उर्फ फौजी, रामेश्वर उर्फ कल्लू बुसाना और नवीन मलिक को पुलिस ने पकड़ लिया, जो भाऊ गैंग और नवीन बाली गैंग से जुड़े थे।
एल्विश यादव के घर फायरिंग: रंगदारी का नया तरीका
हिमांशु भाऊ गैंगस्टर का खौफ सुंदर मलिक हत्याकांड के बाद और बढ़ गया। शराब कारोबार की गद्दी खाली हो गई, जिस पर भाऊ गैंग कब्जा करना चाहता था। सुंदर मलिक की मौत ने यह भी साफ कर दिया कि गैंगवॉर की दुनिया में कोई दोस्त नहीं होता, सिर्फ दुश्मनी और विश्वासघात होता है। पुलिस हिमांशु भाऊ को अगले लॉरेंस बिश्नोई की तरह देख रही है, क्योंकि जिस तरह से वह विदेश में बैठकर वारदातें करवा रहा है, वह लॉरेंस के स्टाइल से मेल खाती है।
एल्विश यादव के गुरुग्राम स्थित घर पर हुई फायरिंग के पीछे का कारण भी इसी हिमांशु भाऊ गैंगस्टर से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक, गैंगस्टरों का कोई मजहब, धर्म या जाति नहीं होती, ये लोग पैसों के लिए लोगों को धमकाते हैं और पैसा न मिलने पर गोलियां चला देते हैं। एल्विश यादव के घर जो गोलियां चलीं, उसके पीछे भी डरा-धमका कर रंगदारी वसूलने की मंशा थी। सेलिब्रिटियों के साथ ऐसा होना अब आम बात हो चुकी है, और यह दिखाता है कि किस तरह अपराधी विदेश में बैठकर भी भारत में अपना आतंक फैला रहे हैं।
हिमांशु भाऊ की चुनौती और पुलिस की तलाश
हिमांशु भाऊ गैंगस्टर आज हरियाणा का नया नाम है, लेकिन उसे पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और क्राइम ब्रांच की टीमें हमलावरों की तलाश में जुटी हैं, और विदेश में बैठे तीन गैंगस्टर हिमांशु भाऊ, नीरज फरीदपुरिया और सुनील सरिया की लोकेशन पता करने के लिए जांच तेज कर दी गई है। लोकेशन का पता चलते ही इंटरपोल की मदद से तीनों को देश वापस लाने का प्रयास किया जाएगा। यह कहानी बताती है कि जो इस अंडरवर्ल्ड में उतरता है, उसका अंत या तो जेल में होता है, या फिर दुश्मन या पुलिस की 35-40 गोलियों से।
FAQs
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Q1: हिमांशु भाऊ कौन है और वह क्यों खतरनाक है? A: हिमांशु भाऊ 21-22 साल का एक खूंखार गैंगस्टर है जो विदेश में बैठकर भारत में लगातार वारदातें करवा रहा है, जिसमें उगाही और हत्याएं शामिल हैं। उस पर रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है।
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Q2: सुंदर मलिक की हत्या किसने और क्यों की? A: सुंदर मलिक की हत्या हिमांशु भाऊ गैंगस्टर ने करवाई थी। सुंदर मलिक नीतू दाबोड़िया का साथी था जो नीरज बावना का दुश्मन था। इसके अलावा हिमांशु भाऊ शराब कारोबार पर भी कब्जा करना चाहता था।
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Q3: एल्विश यादव के घर फायरिंग के पीछे क्या वजह बताई जा रही है? A: पुलिस जांच में सामने आया है कि एल्विश यादव के घर पर हुई फायरिंग का मुख्य कारण रंगदारी है। गैंगस्टर उन्हें डरा-धमका कर पैसा ऐंठना चाहते थे।
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Q4: नीतू दाबोड़िया और नीरज बावना गैंगवॉर क्या थी? A: यह दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई थी, जिसमें दोनों गैंग एक-दूसरे के सदस्यों को बेरहमी से मारते थे। इस गैंगवॉर में सैकड़ों लोगों की जान गई थी।
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Q5: हिमांशु भाऊ को पुलिस कैसे रोकेगी? A: हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और क्राइम ब्रांच हिमांशु भाऊ की विदेश में लोकेशन पता करने में जुटी है। लोकेशन मिलते ही इंटरपोल की मदद से उसे देश वापस लाने की कोशिश की जाएगी।