Hathinikund Barrage Update: हथिनीकुंड बैराज से ताज़ा अपडेट, यमुनानगर में बाढ़ पर बड़ा खुलासा जानिए पूरी खबर

Hathinikund Barrage Update: जानिए यमुनानगर में वर्तमान जल स्तर, भूमि कटाव की समस्या, प्रशासन के बचाव कार्य और जनता के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा निर्देश। पूरी खबर पढ़ें।

Sep 4, 2025 - 04:24
Sep 4, 2025 - 07:45
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Hathinikund Barrage Update: हथिनीकुंड बैराज से ताज़ा अपडेट, यमुनानगर में बाढ़ पर बड़ा खुलासा जानिए पूरी खबर
यमुनानगर हथिनीकुंड बैराज पर जल स्तर और बचाव कार्य

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 04 Sep 2025

हथिनीकुंड बैराज अपडेट: यमुनानगर से इस वक्त की लाइव तस्वीरें हथिनीकुंड बैराज की, जहां यमुना नदी का जल स्तर घटने के बावजूद कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां बनी हुई हैं। यह वही बैराज है जहां से हर दिन लाखों क्यूसिक पानी दिल्ली की ओर रवाना होता है और अपने रास्ते में आने वाले गांवों में तबाही मचाता है। यमुना नदी के आसपास के गांवों में भूमि कटाव और जानमाल के नुकसान का खतरा अभी भी बना हुआ है, जिस पर प्रशासन लगातार कड़ी निगरानी रख रहा है। आज यमुनानगर डीसी, एसपी और सिंचाई विभाग सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया, साथ ही जनता को सुरक्षा उपाय अपनाने की अपील भी की। यह ताज़ा अपडेट क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रशासन लगातार बचाव कार्यों में जुटा है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

पिछले कुछ दिनों की तुलना में हथिनीकुंड बैराज पर पानी का डिस्चार्ज काफी कम हुआ है। परसों से करीबन 506% की कमी दर्ज की गई है और आज लगभग 1400 क्यूसिक पानी यहां से डिस्चार्ज हो रहा है, हालांकि रिवर यमुना में कुल 158,000 क्यूसिक पानी चल रहा है। यह स्थिति प्रशासन के लिए कुछ राहत भरी है, लेकिन यमुना नदी से सटे गांवों में भूमि कटाव की समस्या अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यमुना नदी के किनारे करीब 40-45 गांव ऐसे हैं जो बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं और प्रशासन इन सभी गांवों के संपर्क में है। कुछ गांवों में भूमि कटाव को रोकने के लिए मिट्टी के कट्टे डालकर बचाव कार्य किया जा रहा है, तो कहीं पेड़ों और अन्य संरचनाओं का उपयोग करके भूमि को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन लोगों से लगातार अपील कर रहा है कि वे नदी के इन खतरनाक क्षेत्रों से दूर रहें। इसके अलावा, रादौर में एक पुराने मकान की नींव धंसने से छत गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, जिस पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए सभी एसएओ को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे पुराने मकानों की पहचान करें जो खेतों के पास हैं और जहां नींव धंसने का खतरा हो सकता है, ताकि ऐसे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। वहीं, यमुना में लकड़ी पकड़ते समय दो लोगों के बह जाने की दुखद घटना सामने आई है, जिस पर प्रशासन ने लोगों से नदी से दूर रहने और अपनी जान को जोखिम में न डालने की अपील की है।

हथिनीकुंड बैराज पर वर्तमान स्थिति

हथिनीकुंड बैराज से प्राप्त ताज़ा जानकारी के अनुसार, वर्तमान में जल का स्तर पिछले दो दिनों की तुलना में घटा है। आज बैराज से करीब 1400 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है, जो परसों की तुलना में लगभग 506% कम है। यमुना नदी में कुल 158,000 क्यूसिक पानी का प्रवाह बना हुआ है, लेकिन इसमें पिछले तीन-चार घंटों से कोई विशेष बदलाव नहीं आया है। यमुनानगर डीसी और एसपी सहित सिंचाई विभाग के आला अधिकारी स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं। फिलहाल ऊपर से पानी बढ़ने की कोई आशंका नहीं है और मौजूदा हालात स्थिर बने रहने की उम्मीद है। यह पानी लगभग 48 घंटे के भीतर दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन दिल्ली में बारिश की स्थिति पर भी निर्भर करेगा।

भूमि कटाव: एक बड़ी चुनौती

यमुना नदी के किनारे बसे कई गांवों में भूमि कटाव (land erosion) एक गंभीर समस्या बनी हुई है। मालपुर गांव के टापू क्षेत्र में भूमि कटाव को रोकने के लिए एसडीआरएफ की 10 जवानों की एक टुकड़ी तैनात की गई है, जिसकी निगरानी लगातार जारी है। कल रात से भूमि कटाव एक जगह स्थिर है और आगे नहीं बढ़ा है। सिंचाई विभाग, पंचायत विभाग और राजस्व विभाग सहित विभिन्न महकमे इस समस्या से निपटने के लिए बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। मिट्टी के कट्टे डालकर और पेड़ों की मदद से कटाव को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन ने ग्रामीणों से सुरक्षित रहने और नदी के करीब न जाने की अपील की है।

प्रशासन के सक्रिय कदम

यमुनानगर प्रशासन पूरी तरह से सचेत है और यमुना नदी के किनारे बसे 40-45 गांवों में लगातार संपर्क में है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अधिकारी दिन-रात इन गांवों में गश्त कर रहे हैं और लोगों के संपर्क में हैं। ग्राम सचिव, पटवारी और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। रादौर में मकान गिरने की घटना के बाद, सभी एसएओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुराने और खेतों के पास स्थित ऐसे मकानों की पहचान करें जिनकी नींव धंसने का खतरा है, ताकि निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सके।

नदी में खतरों को लेकर चेतावनी

प्रशासन ने जनता से विशेष रूप से अपील की है कि वे नदी नालों से दूर रहें, खासकर जब पानी का स्तर खतरनाक हो। यमुना नदी में बहकर आने वाली लकड़ियों को पकड़ने के लालच में कई लोग अपनी जान जोखिम में डालते हैं, जिसके परिणामस्वरूप हाल ही में दो युवक बह गए थे। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हथिनीकुंड बैराज पर पहले से तैनात पुलिस चौकी पर अब चार पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने लोगों से ऐसे लालच से बचने और अपनी जान को खतरे में न डालने का अनुरोध किया है।

जन सुरक्षा और जागरूकता अभियान

प्रशासन केवल बचाव कार्य ही नहीं कर रहा, बल्कि लोगों को शिक्षित और प्रेरित करने का भी प्रयास कर रहा है। गांवों में गश्त बढ़ाई गई है और लोगों को नदी में न उतरने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। यह समझाना महत्वपूर्ण है कि पानी का तेज बहाव कितना खतरनाक हो सकता है। यह अभियान न केवल हथिनीकुंड बैराज के आसपास बल्कि यमुना नदी से दूर के उन क्षेत्रों में भी चलाया जा रहा है जहां अधिक बारिश के कारण खेतों में जल भराव की संभावना रहती है।

यमुना का जल प्रवाह और दिल्ली पर असर

हथिनीकुंड बैराज से निकलने वाला पानी लगभग 48 घंटे में दिल्ली पहुंचता है। फिलहाल, यमुनानगर से जो पानी दिल्ली की ओर बढ़ रहा है, वह स्थिर है। दिल्ली में बाढ़ की स्थिति काफी हद तक स्थानीय बारिश और यमुना के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों से आने वाले पानी की मात्रा पर निर्भर करती है। यमुनानगर प्रशासन का प्रयास है कि जितना पानी पीछे से आ रहा है, वह सुरक्षित रूप से जिले से निकल जाए और आगे कोई बड़ी तबाही न मचाए।


FAQs

Q1: हथिनीकुंड बैराज अपडेट के अनुसार वर्तमान में पानी का डिस्चार्ज कितना है? A1: हथिनीकुंड बैराज से आज लगभग 1400 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। यह पिछले दो दिनों की तुलना में काफी कम है, और परसों से करीब 506% की कमी दर्ज की गई है, जिससे पानी का स्तर सामान्य हुआ है।

Q2: यमुनानगर में भूमि कटाव की समस्या से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? A2: यमुनानगर में भूमि कटाव की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन सक्रिय है। सिंचाई विभाग, पंचायत और राजस्व विभाग मिट्टी के कट्टे और पेड़ों की मदद से बचाव कार्य कर रहे हैं। टापू का मालपुर गांव में एसडीआरएफ की 10 जवानों की टीम भी तैनात है।

Q3: हथिनीकुंड बैराज से संबंधित किन खतरों को लेकर जनता को चेतावनी दी गई है? A3: जनता को यमुना नदी से दूर रहने और बहकर आने वाली लकड़ियों को पकड़ने के लालच में नदी में न उतरने की चेतावनी दी गई है। ऐसी घटनाओं में दो लोगों के बह जाने के बाद, बैराज पर पुलिस की तैनाती भी बढ़ाई गई है।

Q4: रादौर में मकान गिरने की घटना पर हथिनीकुंड बैराज अपडेट के बाद प्रशासन का क्या रुख है? A4: रादौर में एक पुराने मकान की नींव धंसने से हुई मृत्यु के बाद, प्रशासन ने सभी एसएओ को निर्देश दिए हैं कि वे पुराने और जोखिम भरे मकानों की पहचान करें और उनके निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करें।

Q5: हथिनीकुंड बैराज अपडेट के अनुसार यमुना का पानी दिल्ली कब तक पहुंच सकता है? A5: हथिनीकुंड बैराज से निकलने वाला यमुना का पानी लगभग 48 घंटे के भीतर दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, दिल्ली में स्थानीय बारिश की स्थिति भी कुल जल स्तर पर प्रभाव डाल सकती है।

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