भारतीय अंतरिक्ष यात्री का संदेश: 'मेरे कंधों पर तिरंगा, गर्व से भरा हूँ
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यान से भेजा ऐतिहासिक संदेश, कहा - 'मेरे कंधों पर तिरंगा है और मैं गर्व से भरा हूँ।' जानें इस अभियान की विशेषताएं।

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से एक ऐतिहासिक संदेश भेजकर देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जारी अपने वीडियो संदेश में शुक्ला ने कहा, "मेरे कंधों पर भारत का तिरंगा है और मैं गर्व से भरा हुआ हूँ।"
अंतरिक्ष में भारत का गौरव
शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान मिशन के प्रमुख सदस्य हैं, जिन्हें हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा गया था। उनका यह संदेश भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्यालय तक पहुँचते ही वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
मिशन की विशेषताएँ
यह मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नए युग का प्रतीक है। शुक्ला के साथ दो अन्य अंतरिक्ष यात्री भी इस मिशन पर हैं, जो भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का परिणाम है। मिशन का प्रमुख उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग करना है।
मिशन के प्रमुख तथ्य
- पहली बार भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सीधा संदेश प्रसारित किया
- मिशन की अवधि: 6 महीने (अप्रैल-सितंबर 2025)
- वैज्ञानिक प्रयोग: 25 से अधिक, जिनमें जैव प्रौद्योगिकी और सामग्री विज्ञान शामिल
- अंतरिक्ष यान: स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल
- यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है
एक अंतरिक्ष यात्री का सफर
शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था और वे भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट हैं। उन्हें 2019 में गगनयान कार्यक्रम के लिए चुना गया था। पाँच साल की कठिन तैयारी के बाद वे इस ऐतिहासिक मिशन पर गए हैं।
अंतरिक्ष में अपने अनुभवों के बारे में शुक्ला ने बताया, "पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखना एक अविश्वसनीय अनुभव है। हमारा ग्रह इतना सुंदर और नाजुक दिखता है कि हर व्यक्ति को यह दृश्य देखना चाहिए।"
अंतरिक्ष में भारतीय उपस्थिति
राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय नागरिक अंतरिक्ष यात्री
प्रशिक्षण अवधि
5 वर्ष (2020-2025)
विशेष योगदान
माइक्रोग्रैविटी में धातु मिश्रण पर शोध
राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
शुक्ला के संदेश ने पूरे देश में उत्साह का माहौल बना दिया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "शुभांशु शुक्ला ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उनका संदेश हर भारतीय के हृदय में देशभक्ति की भावना जगाता है।"
इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने बताया, "यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित होगा। 2025 के अंत तक हम अपना स्वतंत्र गगनयान मिशन लॉन्च करने की तैयारी में हैं।"
- शुभांशु शुक्ला
भविष्य की योजनाएँ
इस सफलता के बाद भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाएँ और बढ़ गई हैं। इसरो ने घोषणा की है कि 2026 तक भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम 'गगनयान' लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा चंद्रयान-4 मिशन की तैयारियाँ भी तेज हो गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि शुक्ला का यह संदेश न केवल वैज्ञानिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह युवा पीढ़ी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करेगा और भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी बनाने में मदद करेगा।