Lawrence Bishnoi Gang रेड: गैंगस्टर के ठिकानों पर पुलिस का बड़ा एक्शन
लॉरेंस बिश्नोई गैंग रेड: बीकानेर पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई व रोहित गोदारा के ठिकानों पर बड़ी रेड कर गैंग की आर्थिक रीढ़ तोड़ने की मुहिम छेड़ी। जानें क्या मिला।
By: दैनिक रियल्टी ब्यूरो | Date: 12/Sep/2025
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग रेड: ठिकानों पर पुलिस का बड़ा एक्शन, क्या टूटेगी कमर?
ब्रेकिंग न्यूज़: राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की आर्थिक कमर तोड़ने के उद्देश्य से एक बड़ा अभियान चलाया है। मंगलवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई छापेमारी में बीकानेर पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथी रोहित गोदारा से जुड़े कई ठिकानों पर दबिश दी। इस कार्रवाई का मुख्य लक्ष्य गैंग के मनी ट्रेल को उजागर करना और उनकी अवैध कमाई के स्रोत को बंद करना है, ताकि गैंग का विस्तार रोका जा सके।
यह कार्रवाई उन आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है जो लंबे समय से लॉरेंस बिश्नोई गैंग की रंगदारी और धमकियों से परेशान थे। पुलिस का मानना है कि गैंग के वित्तीय स्रोत सूखने से उसकी आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगेगी और वारदातों में कमी आएगी। श्रीगंगानगर पुलिस कमिश्नर अमृत दुआना के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया, जिसमें विभिन्न पुलिस दल शामिल थे।
कॉन्टेक्स्ट और बैकग्राउंड
जेल में बंद होने के बावजूद लॉरेंस बिश्नोई और उसका भाई अनमोल बिश्नोई (जो अवैध रूप से यूएसए में घुसने के आरोप में वहां के डिटेंशन सेंटर में है) अभी भी अपने गैंग को सक्रिय रूप से ऑपरेट कर रहे हैं। हाल के दिनों में गैंग ने कई सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दिया है, जिनमें कनाडा स्थित कॉमेडियन कपिल शर्मा के रेस्टोरेंट पर गोलीबारी और सलमान खान के घर पर फायरिंग शामिल है। इसके अलावा, एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली थी, जिसकी जांच अभी जारी है। इन वारदातों के पीछे मुख्य मकसद व्यापारियों और अन्य लोगों से रंगदारी वसूलना बताया जाता है। पुलिस का कहना है कि ये गैंग 18 से 25 साल के युवाओं को सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप) के जरिए निशाना बनाते हैं, जिन्हें आसान पैसे और बड़े सपने दिखाकर अपराध की दुनिया में धकेल दिया जाता है।
क्यों है यह कार्रवाई महत्वपूर्ण?
गैंगस्टरों के लिए पैसा सबसे अहम है। लोगों को भर्ती करने के बाद, गैंग को ऑपरेट करने और शूटर्स व अन्य सदस्यों को भुगतान करने के लिए मोटी रकम की आवश्यकता होती है। पुलिस के अनुसार, यह पैसा व्यापारियों और अन्य लोगों को फोन कॉल के जरिए धमकी देकर जबरन वसूली (एक्सटॉर्शन) के जरिए आता है। यदि गैंग के वित्तीय स्रोतों को काट दिया जाए, तो उनका नेटवर्क कमजोर पड़ जाएगा और गैंग के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा। श्रीगंगानगर के पुलिस कमिश्नर अमृद्धवा ने बताया कि यह गैंग की वित्तीय रीढ़ तोड़ने की एक बड़ी मुहिम है, क्योंकि जब पैसा ही नहीं होगा तो कोई गैंग के लिए काम क्यों करेगा।
इंपैक्ट और इफेक्ट
पुलिस ने छापेमारी के दौरान पांच घंटे से अधिक समय तक लॉरेंस के गांव सहित अन्य ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पुलिस को बहुत सारे अहम दस्तावेज और ऐसी चीजें मिली हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे अवैध तरीके से अर्जित की गई हैं। यह कार्रवाई गैंग के उस गढ़ पर की गई जहां से पैसे का मुख्य वितरण होता था। पुलिस का मानना है कि इन दस्तावेजों से गैंग के वित्तीय नेटवर्क और उसके सदस्यों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे, जिससे आगे की जांच में मदद मिलेगी। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि पैसे की कमी से उनके लिए नए सदस्यों को जोड़ना और मौजूदा सदस्यों को सक्रिय रखना मुश्किल हो जाएगा।
सरकार और अधिकारियों का रुख
जिला पुलिस अधीक्षक अमृत दुआना के निर्देशों पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें बीकानेर पुलिस, राजस्थान पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की कई टीमें शामिल थीं। कुल 25 से 30 पुलिस दल लॉरेंस के पैतृक गांव दुतावली और उसके आसपास के ठिकानों पर पहुंचे थे। पुलिस का स्पष्ट मानना है कि गैंग को कमजोर करने का एकमात्र प्रभावी तरीका उसकी वित्तीय फंडिंग को रोकना है। भारत सरकार ने भी अनमोल बिश्नोई को वापस भारत लाने के लिए अमेरिका से गुहार लगाई है, क्योंकि वह भारत में कई गंभीर अपराधों में वांछित है और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है।
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विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का विश्लेषण
कुछ समय पहले तक, लॉरेंस बिश्नोई ने अपने गांव में लोगों की मदद करके एक मसीहा की छवि बना रखी थी, जिससे स्थानीय लोग उसे पसंद करते थे। हालांकि, उसकी लगातार आपराधिक गतिविधियां अब चिंता का विषय बन चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग को पूरी तरह से खत्म करना एक जटिल कार्य है, क्योंकि उनके नेटवर्क को पूरी तरह से रोकना मुश्किल है, लेकिन वित्तीय मोर्चे पर चोट करना सबसे प्रभावी रणनीति है। क्राइम तक की रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे में ग्राउंड लेवल पर हर राज्य की पुलिस को इनकी आय को रोकना होगा, तभी गैंग कमजोर होगा। कुछ लोग लॉरेंस के उस बयान का समर्थन भी करते हैं जिसमें वह खुद को आतंकियों और खालिस्तानियों के खिलाफ बताता है।
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निष्कर्ष
यह छापेमारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग को कमजोर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम है। हालांकि, कुछ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि दाऊद इब्राहिम जैसे अपराधियों की तरह लॉरेंस को भी रोकना 'मुमकिन नहीं नामुमकिन' जैसा हो गया है। ऐसे में, पुलिस और अन्य एजेंसियों को लगातार और समन्वित प्रयास करने होंगे ताकि गैंग के वित्तीय स्रोतों को स्थायी रूप से बंद किया जा सके और उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। यदि गैंग के पास पैसा आना बंद हो गया, तो उसका प्रभाव स्वतः ही कम हो जाएगा और देश में संगठित अपराध पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। यह देखना बाकी है कि यह ताजा कार्रवाई गैंग के नेटवर्क पर कितना गहरा और स्थायी असर डाल पाती है और क्या यह गैंग की कमर तोड़ने में सफल होती है।