ब्रेकिंग न्यूज़ : मनीषा केस: CBI जांच की मांग, किसान नेता का अल्टीमेटम!
मनीषा केस में न्याय की लड़ाई तेज। किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने CBI जांच की मांग की, पुलिस कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल। 21 तारीख को हरियाणा में बड़े धरने का ऐलान।

नीरज अहलावत,
Dainik Realty Report,
हरियाणा: मनीषा हत्याकांड (मनीषा केस सीबीआई जांच) में न्याय की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। इस संवेदनशील मामले में किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने सरकार को सीधा अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार इस मामले की सीबीआई जांच नहीं कराती है, तो पूरे हरियाणा में अनिश्चितकालीन आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। चड़ूनी ने 21 तारीख को हरियाणा के हर गांव में तीन घंटे के शांतिपूर्ण धरने का आह्वान भी किया है, ताकि मनीषा को न्याय मिल सके और सच्चाई सामने आ सके।
क्या है मनीषा मामला और क्यों गहराया शक?
यह पूरा मामला मनीषा नामक युवती की संदिग्ध मौत से जुड़ा है, जिसे पुलिस प्रशासन सुसाइड करार देकर फाइल बंद करने की तैयारी में है। हालांकि, जनता और सामाजिक संगठन इसे हत्या मान रहे हैं। मौके पर मौजूद पत्रकारों के लापता होने की खबरें भी सामने आई हैं, जिनमें देसी पत्रकार कर्मों समेत 10-15 पत्रकार साथी शामिल हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है। किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने इस बात पर जोर दिया है कि यह मामला "अति गंभीर" है और सरकार द्वारा जबरन अंतिम संस्कार की तैयारी इसे और भी गंभीर बनाती है।
पुलिस और मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सवाल
मामले में हरियाणा पुलिस और एक मेडिकल कॉलेज की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मनीषा का शव 36 घंटे से अधिक समय तक खुले में पड़ा रहने के बावजूद, उसमें बदबू न आने की बात संदेह पैदा करती है। पुलिस द्वारा दावा किया गया कि जानवरों ने शव को नोच खाया, लेकिन चड़ूनी ने कहा कि "कुत्ता तो वफादार होता है, उसे भेड़िया ने नोचा है," जिससे किसी इंसान द्वारा शव को क्षत-विक्षत करने का संदेह गहराता है।
सबसे बड़ा विवाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर है, क्योंकि पहला और दूसरा पोस्टमार्टम अलग-अलग बातें बता रहे हैं। आठ सदस्यीय कमेटी ने पारदर्शिता के लिए, दिल्ली के एम्स (AIIMS) में कमेटी के दो सदस्यों की मौजूदगी में तीसरे पोस्टमार्टम की मांग की है। हालांकि, आईजी ने पहले के पोस्टमार्टम को वीडियोग्राफ्ड बताया और गायब अंगों (किडनी, बच्चादानी) के सैंपल जांच के लिए मधुबन भेजने की बात कही।
पुलिस द्वारा एक सुसाइड नोट बरामद होने का दावा किया गया है, जिसकी हैंडराइटिंग मनीषा से मैच होने की बात कही जा रही है। किसान नेता चड़ूनी इसे "डाउटफुल" मानते हैं और इसकी दोबारा जांच की मांग करते हैं। उनका तर्क है कि यदि सुसाइड नोट मिल गया था, तो एसपी को बदलने या पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
गुरनाम सिंह चड़ूनी की सरकार को सीधी चेतावनी
मौके पर पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने कहा कि बेटियां सबकी साझा होती हैं और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि सरकार सीबीआई जांच नहीं कराती है, तो यह धरना अनिश्चितकालीन चलेगा और 21 तारीख के बाद पूरे हरियाणा में आंदोलन खड़ा करने का फैसला लिया जाएगा। चड़ूनी ने यह भी मांग की है कि यदि डॉक्टर, पुलिस या किसी राजनेता ने किसी को बचाने की कोशिश की हो, तो उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना है कि "जब जनता को शक होता है, तो सरकार का कर्तव्य है उस मामले को हल करना"।
21 तारीख को हरियाणा में 'न्याय धरना', जानें कैसे जुड़ें
आंदोलन को मजबूत करने के लिए, 21 तारीख को (परसों) दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक हरियाणा के हर गांव में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया है। चड़ूनी ने देश के हर नागरिक से इस न्याय की लड़ाई में योगदान देने की अपील की है, क्योंकि यह "इंसाफ का मामला" है। यह धरना मनीषा को न्याय दिलाने और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर किया जाएगा।
सरकार की 'बेटी बचाओ' योजना पर उठे गंभीर सवाल
इस घटना ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चड़ूनी का कहना है कि जहां सरकार बेटी बचाने और पढ़ाने की बात करती है, वहीं मनीषा जैसी बेटियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उनका मानना है कि हरियाणा में कोई भी सुरक्षित नहीं है, न किसान, न मजदूर और न ही बेटियां।
न्याय की लड़ाई जारी, सच्चाई की आस
किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक मनीषा को न्याय नहीं मिल जाता और इस पूरे मामले से पर्दा नहीं उठ जाता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। उनकी मांग है कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की भी दोबारा जांच कराई जाए, क्योंकि उनका मानना है कि पुलिस प्रशासन इस सुसाइड नोट के बहाने पूरे चैप्टर को क्लोज करना चाहता है।
FAQs:
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मनीषा मामले में मुख्य मांग क्या है? मनीषा हत्याकांड में प्रमुख मांग पूरे मामले की सीबीआई जांच कराना है। इसके साथ ही, अलग-अलग पोस्टमार्टम रिपोर्टों में अंतर के कारण दिल्ली के एम्स में कमेटी की मौजूदगी में तीसरा पोस्टमार्टम कराने की भी मांग की जा रही है।
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किसान नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी का क्या कहना है? गुरनाम सिंह चड़ूनी ने मनीषा की मौत को हत्या बताया है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार सीबीआई जांच नहीं कराती है, तो पूरे हरियाणा में बड़ा आंदोलन होगा।
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21 तारीख को हरियाणा में क्या होने वाला है? 21 तारीख को हरियाणा के हर गांव में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक तीन घंटे का शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यह धरना मनीषा को न्याय दिलाने और मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर होगा।
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सुसाइड नोट को लेकर क्या संदेह है? पुलिस ने सुसाइड नोट मिलने का दावा किया है, जिसे मनीषा की हैंडराइटिंग का बताया जा रहा है। हालांकि, गुरनाम सिंह चड़ूनी ने इस पर संदेह व्यक्त किया है और इसकी दोबारा जांच की मांग की है, क्योंकि उनके अनुसार यदि सुसाइड नोट था, तो पुलिसकर्मियों को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ी।
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क्या मनीषा का शव मिलने में देरी हुई थी? हां, मनीषा का शव 36 घंटे बाद मिला था। इस बात पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि गर्मी में इतने लंबे समय तक शव में बदबू न आना और जानवर द्वारा खाए जाने के दावों पर भी संदेह व्यक्त किया गया है।