मनीषा हत्याकांड: हरियाणा पुलिस की बड़ी लापरवाही, न्याय की मांग तेज

मनीषा हत्याकांड में हरियाणा पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। सीसीटीवी फुटेज से लेकर FIR तक में देरी, जानें न्याय के लिए क्या कर रहा परिवार और समाज और क्यों उठ रहे हैं सवाल।

Aug 17, 2025 - 11:49
Aug 17, 2025 - 11:49
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मनीषा हत्याकांड: हरियाणा पुलिस की बड़ी लापरवाही, न्याय की मांग तेज
मनीषा हत्याकांड हरियाणा: पुलिस लापरवाही, न्याय की मांग

मनीषा हत्याकांड: हरियाणा पुलिस की बड़ी लापरवाही, न्याय की मांग तेज

हरियाणा के लोहारू में 18 वर्षीय मनीषा हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। यह न सिर्फ एक जघन्य अपराध है बल्कि हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। एक तरफ पीड़ित परिवार अपनी बेटी के लिए न्याय मांग रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस की कथित लापरवाही ने लोगों के भरोसे को हिला दिया है। इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज न करना और सीसीटीवी फुटेज तक समय पर जांच न करना पुलिस प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है, जिसके बाद कई अधिकारियों पर गाज गिरी है। यह मामला सिर्फ मनीषा का नहीं, बल्कि प्रदेश में महिला सुरक्षा और पुलिस की संवेदनशीलता का भी प्रतीक बन गया है।

मनीषा हत्याकांड: एक दिल दहला देने वाली वारदात

ढणी लक्ष्मण, लोहारू की रहने वाली 18 वर्षीय मनीषा, जो कुछ समय पहले ही 12वीं पास हुई थी और सिंघानी गांव के किड्स प्ले स्कूल में पढ़ाया करती थी, 11 अगस्त को बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेने के लिए घर से निकली थी। दोपहर करीब 1:58 बजे वह किड्स स्कूल से निकली और आइडियल नर्सिंग कॉलेज की तरफ जाती दिखी। कॉलेज और स्कूल के बीच लगभग 1 किलोमीटर का फासला था, जिसे मनीषा पैदल तय कर रही थी। उसने अपने पिता को फोन कर बताया कि दाखिले में समय लगेगा और घर आने में देरी होगी। पिता आश्वस्त हो गए, लेकिन इसके बाद मनीषा का कोई अता-पता नहीं चला।

पुलिस की पहली लापरवाही: 112 टीम का रवैया

शाम तक जब मनीषा का कोई फोन नहीं आया और परिवार को चिंता हुई, तो उन्होंने लोहारू से सिंघानी गांव पहुंचकर तत्काल 112 नंबर पर फोन किया। 112 की क्विक रिस्पांस टीम, जिसमें एएसआई अनूप, कांस्टेबल पवन और एक एसपीओ शामिल थे, मौके पर पहुंची। टीम मनीषा के पिता संजय को लेकर आइडियल कॉलेज गई, जहाँ उन्हें 2-3 लोग मिले। पूछने पर उन्होंने मनीषा के आने से इनकार कर दिया। जब पुलिस वालों ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा, तो उन्हें बताया गया कि दफ्तर बंद है और अगली सुबह आने को कहा गया। चौंकाने वाली बात यह है कि 112 टीम ने इसके बाद मनीषा के पिता को सीधे एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने भेज दिया, यह कहते हुए कि उनके अधिकार क्षेत्र में कोई ऐसी बात नहीं निकली, जिससे उन्हें आगे जांच करने का संकेत मिले। इस बेशर्मी और गैर-जिम्मेदाराना रवैये के चलते पूरी 112 टीम को सस्पेंड कर दिया गया और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए।

एफआईआर में देरी और थाने का गैर-जिम्मेदाराना रुख

मनीषा के पिता ने 11 अगस्त को ही लोहारू थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। 12 अगस्त को वह फिर थाने गए, जहाँ लेडी एसआई शकुंतला और एसएओ अशोक ने उन्हें टरकाते हुए कहा कि मनीषा खुद लौट आएगी। दिन भर भटकने के बाद, मनीषा की गुमशुदगी की एफआईआर 12 अगस्त की शाम लगभग 7:30 बजे दर्ज की गई। यह गंभीर लापरवाही थी, क्योंकि अपहरणकर्ता को इस दौरान अपराध को अंजाम देने का पूरा समय मिल गया। इस मामले में एसएओ अशोक और लेडी एसआई शकुंतला को भी सस्पेंड कर दिया गया है, और भिवानी के एसपी का भी तबादला कर दिया गया है

मनीषा का शव मिला: न्याय की लड़ाई जारी

13 अगस्त की सुबह, लेडी एसआई शकुंतला ने संजय को फोन कर बताया कि एक शव मिला है। बाद में शव की शिनाख्त मनीषा के रूप में हुई। उसकी गर्दन कटी हुई थी, जिससे पता चलता है कि यह एक जघन्य हत्या है। परिवार ने शुरुआत में शव लेने से इनकार कर दिया और लोहारू में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया। उनकी मांग है कि मनीषा का पोस्टमार्टम चंडीगढ़ या रोहतक में एक बेहतर डॉक्टर टीम द्वारा कराया जाए, ताकि बलात्कार और हत्या जैसे सभी पहलुओं की सच्चाई सामने आ सके। मनीषा के शव का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं किया गया है, क्योंकि परिजन न्याय मिलने तक प्रदर्शन जारी रखने पर अड़े हैं। सिंघानी बस अड्डे और भगावा गांव में भी पुलिस प्रशासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

सिस्टम पर सवाल: पुलिस क्यों नहीं लेती गंभीर मामलों को गंभीरता से?

इस घटना ने पुलिस के उस रवैये को उजागर किया है, जहाँ अक्सर लापता लड़कियों के मामलों को प्रेम प्रसंग या भागकर शादी करने से जोड़कर देखा जाता है। कई बार लड़कियां घर से भागकर शादी कर लेती हैं और पुलिस पर दबाव बनाने के लिए परिवार के खिलाफ आरोप लगाती हैं। ऐसी घटनाओं के कारण पुलिस प्रशासन की मानसिकता बदल गई है, और वे गंभीर मामलों को भी उसी नजर से देखने लगे हैं। यह सोच मनीषा जैसे बेकसूर लोगों की जान जाने का कारण बन रही है। समाज और पुलिस प्रशासन को इस मानसिकता से बाहर आना होगा और हर मामले को उसकी गंभीरता के अनुसार जांचना होगा।

समाज और परिवारों की जिम्मेदारी

यह घटना केवल पुलिस प्रशासन की लापरवाही का नतीजा नहीं है, बल्कि बदलते सामाजिक माहौल का भी संकेत है। समाज में बढ़ रही बेशर्मी और अनैतिकता ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। अभिभावकों को अपने बच्चों पर, खासकर नॉन-अटेंडिंग कॉलेजों में पढ़ रहे बच्चों पर, कड़ी नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसे स्थानों पर अक्सर अनुशासनहीनता और अनैतिक गतिविधियां होती हैं। निर्भया जैसे जघन्य अपराध अब हरियाणा जैसे इलाकों में भी होने लगे हैं। हमें अपनी सांस्कृतिक मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए और गलत रास्ते पर जाने से पहले सोचना चाहिए। मनीषा को न्याय दिलाने के लिए समाज को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटना दोबारा न हो।


 FAQs

Q1: मनीषा हत्याकांड क्या है? A1: मनीषा हत्याकांड हरियाणा के लोहारू में 18 वर्षीय मनीषा की जघन्य हत्या से संबंधित है। वह 11 अगस्त को बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेने गई थी, जिसके बाद लापता हो गई और 13 अगस्त को उसका शव मिला, जिसकी गर्दन कटी हुई थी।

Q2: पुलिस ने मनीषा हत्याकांड में क्या कार्रवाई की? A2: मनीषा के लापता होने पर 112 टीम और लोहारू पुलिस थाने ने एफआईआर दर्ज करने और सीसीटीवी फुटेज जांचने में देरी की। इस लापरवाही के चलते 112 की पूरी टीम, लेडी एसआई शकुंतला और एसएओ अशोक को सस्पेंड कर दिया गया है, और भिवानी के एसपी का तबादला भी हुआ है।

Q3: मनीषा का शव कब और कैसे मिला? A3: मनीषा का शव 13 अगस्त की सुबह मिला। उसके शरीर पर गंभीर चोटें थीं, जिसमें गर्दन लगभग पूरी तरह से कटी हुई थी। परिवार ने शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त किया है और दोबारा जांच की मांग कर रहा है।

Q4: मनीषा के परिवार की मुख्य मांगें क्या हैं? A4: मनीषा के परिवार की मुख्य मांग अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और न्याय है। वे लोहारू के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं और चंडीगढ़ या रोहतक में विशेषज्ञों की टीम द्वारा दोबारा पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं, ताकि सभी पहलू सामने आ सकें।

Q5: हरियाणा में महिला सुरक्षा पर क्या सवाल उठ रहे हैं? A5: मनीषा हत्याकांड ने हरियाणा में महिला सुरक्षा और पुलिस प्रशासन के रवैये पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एफआईआर में देरी और लापता लड़कियों के मामलों को हल्के में लेने की पुलिस की मानसिकता पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे निर्भया जैसे अपराधों की आशंका जताई जा रही है।

Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.