रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट पर बड़ा बयान: जानिए कैसे होती है उनकी खास तैयारी और युवाओं के लिए अहम सलाह

रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर दिया बड़ा बयान। जानें कैसे करते हैं खुद को 5 दिन के मैच के लिए तैयार और युवाओं को सफल होने के लिए क्या खास टिप्स दिए। उनका अनुभव।

Aug 25, 2025 - 19:03
Aug 25, 2025 - 19:04
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रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट पर बड़ा बयान: जानिए कैसे होती है उनकी खास तैयारी और युवाओं के लिए अहम सलाह
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट पर बड़ा बयान

दैनिक रियल्टी ब्यूरो |

By: Neeraj Ahlawat Publish Date: 25 Aug 2025

क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट पर एक अहम बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस फॉर्मेट के प्रति अपने गहरे लगाव, इसकी चुनौतियों और अपनी खास तैयारी का खुलासा किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब रोहित ने इसी साल 2025 में भारत और इंग्लैंड के दौरे से ठीक पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। उनके इस खुलासे से न केवल फैंस को उनकी सोच समझने का मौका मिला है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी सफलता के कई महत्वपूर्ण सूत्र सामने आए हैं।

टेस्ट क्रिकेट: रोहित शर्मा का 'दिल से लगाव' और रिटायरमेंट का जिक्र

रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट के प्रति गहरा लगाव जगजाहिर है। उन्होंने बताया कि उनके पिता को भी टेस्ट क्रिकेट बहुत पसंद था, जिससे उनका इस फॉर्मेट से एक विशेष भावनात्मक जुड़ाव रहा है। रोहित ने हमेशा ही टेस्ट क्रिकेट को बहुत ऊंचा दर्जा दिया है। हालांकि, उन्होंने 2025 में इस फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी, लेकिन हाल ही में एक इवेंट में उन्होंने बताया कि टेस्ट क्रिकेट उनके दिल के कितना करीब है और यह कितना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पांच दिनों तक चलने वाला यह फॉर्मेट मानसिक रूप से बहुत ही ज्यादा चुनौती भरा और थका देने वाला होता है।

पांच दिवसीय फॉर्मेट की चुनौती: मानसिक मजबूती का मंत्र

रोहित शर्मा के अनुसार, टेस्ट क्रिकेट में उच्च स्तर का प्रदर्शन करने के लिए मानसिक रूप से तरोताजा रहना अत्यंत आवश्यक है। यह क्रिकेट का सबसे लंबा फॉर्मेट है जो खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक सहनशक्ति की कड़ी परीक्षा लेता है। रोहित ने यह भी बताया कि टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ियों को मैदान पर आने वाली विभिन्न परिस्थितियों पर सही तरीके से प्रतिक्रिया देना सिखाता है। यह एक ऐसी गुणवत्ता है जो उन्हें मुंबई के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते समय ही मिल गई थी।

मुंबई के दिनों से मिली शुरुआती सीख: अनुशासन और तैयारी का महत्व

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए रोहित शर्मा ने बताया कि मुंबई के लिए क्लब और फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए उन्हें चार-पांच दिन के मैच खेलने की आदत पड़ गई थी। यह अनुभव उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में सहायक रहा। उन्होंने कहा कि जब वे युवा थे, तब खेल को सिर्फ मनोरंजन के तौर पर देखते थे, लेकिन जैसे-जैसे वे आगे बढ़े और सीनियर खिलाड़ियों व कोचों से मिले, उन्हें खेल में तैयारी और अनुशासन का असली महत्व समझ आया। उनका मानना है कि अनुशासन खेल की मूल मांग है।

मैच से पहले की खास तैयारी: एकाग्रता ही सफलता की कुंजी

अपनी व्यक्तिगत तैयारी प्रक्रिया पर बात करते हुए रोहित शर्मा ने 'एकाग्रता' को सबसे महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैदान के पीछे की गई कड़ी मेहनत और उसे मैदान पर सफलतापूर्वक लागू करना ही सफलता की कुंजी है। रोहित शर्मा ने बताया कि लंबे समय तक मैदान पर टिके रहने के लिए (चाहे वह बल्लेबाजी हो या फील्डिंग), खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि मुंबई के लिए खेलने से लेकर भारत के लिए खेलने तक, उन्होंने मैच से पहले की तैयारी पर बहुत समय दिया और इसे ही अपनी सफलता का आधार माना।

युवा क्रिकेटरों के लिए रोहित शर्मा की अहम सलाह

युवा क्रिकेटरों को सलाह देते हुए रोहित शर्मा ने कहा कि शुरुआत में अनुशासन और तैयारी की अहमियत शायद पूरी तरह समझ में न आए, लेकिन जैसे-जैसे आप प्रतिस्पर्धी स्तर पर आगे बढ़ते हैं, इसकी गहराई और आवश्यकता धीरे-धीरे स्पष्ट होती जाती है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतियोगिता का स्तर बहुत ऊंचा होता है, जहाँ एकाग्रता और अनुशासन की भूमिका और भी बढ़ जाती है। रोहित शर्मा ने खुद 38 साल की उम्र तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिस्पर्धी स्तर पर खेला है, जो उनकी लंबी उम्र और अटूट तैयारी का प्रमाण है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन: लंबी पारी का राज

भारत के लिए सलामी बल्लेबाज के तौर पर रोहित शर्मा का प्रदर्शन एक अलग ही स्तर पर रहा है। उन्होंने अपनी लंबी अंतर्राष्ट्रीय पारी से दिखाया है कि सही तैयारी, एकाग्रता और अनुशासन के बल पर कैसे एक खिलाड़ी इतने वर्षों तक शीर्ष स्तर पर बना रह सकता है। टेस्ट क्रिकेट को वह अपने दिल के बेहद करीब मानते हैं और इसे हमेशा एक बहुत ही उच्च दर्जा देते हैं। उनका यह बयान युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है कि कैसे मानसिक मजबूती और अथक तैयारी किसी भी प्रारूप में सफलता की नींव रखती है।


FAQs

1. रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर क्या बयान दिया है? रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण और थका देने वाला बताया है, लेकिन साथ ही इसे अपने दिल के करीब भी कहा है। उन्होंने इसकी तैयारी और अनुशासन के महत्व पर जोर दिया है।

2. रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास कब घोषित किया था? रोहित शर्मा ने इसी साल 2025 में भारत और इंग्लैंड के दौरे से ठीक पहले टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी।

3. टेस्ट क्रिकेट के लिए रोहित शर्मा की खास तैयारी क्या होती है? रोहित शर्मा के अनुसार, टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे महत्वपूर्ण 'एकाग्रता' है। वे लंबे समय तक मैदान पर टिके रहने के लिए खुद को तैयार करते हैं और पर्दे के पीछे की तैयारी को अहम मानते हैं।

4. युवा क्रिकेटरों को रोहित शर्मा ने क्या सलाह दी है? उन्होंने युवाओं को अनुशासन और तैयारी के महत्व को समझने की सलाह दी है, जिसे प्रतिस्पर्धी स्तर पर आगे बढ़ते हुए धीरे-धीरे महसूस किया जा सकता है।

5. रोहित शर्मा के अनुसार टेस्ट क्रिकेट क्या सिखाता है? रोहित शर्मा का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ियों को यह सिखाता है कि विभिन्न परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया दी जाए और यह मानसिक रूप से बहुत मजबूत बनाता है।


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