सेमीकॉन इंडिया 2025: भारत बना 'डिजिटल डायमंड' का नया वैश्विक हब, पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान
सेमीकॉन इंडिया 2025 में पीएम मोदी ने भारत को सेमीकंडक्टर का वैश्विक हब बनाने का संकल्प दोहराया। जानें कैसे भारत बन रहा चिप मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 02 Sep 2025
सेमीकॉन इंडिया 2025: भारत बना 'डिजिटल डायमंड' का नया वैश्विक हब, पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान
नई दिल्ली: नवाचार और तकनीक के नए नाम भारत में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यशोभूमि, दिल्ली में भारत के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स शो, सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत की तकनीकी पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरा है, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को सेमीकंडक्टर जगत का विश्व गुरु बनाने की दिशा में एक स्पष्ट और दूरदर्शी संकल्प व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी सहित वैश्विक सेमीकंडक्टर लीडर्स, उद्योग के अग्रणी, इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और छात्रों ने भाग लिया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा, "दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत में विश्वास करती है और दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर भविष्य बनाने के लिए तैयार है"। उन्होंने जोर देकर कहा कि "ऑयल ब्लैक गोल्ड था, लेकिन चिप्स डिजिटल डायमंड हैं" और भारत इस 21वीं सदी की शक्ति को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
पिछले मात्र चार वर्षों में, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने देश की सेमीकंडक्टर यात्रा को एक विजन से वास्तविकता में बदल दिया है। भारत ने शून्य से शिखर की ओर कदम बढ़ाते हुए अद्भुत प्रगति की है। आज, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो वैश्विक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखेगा। सरकार ने कुल 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें सिलिकॉन फैब, सिलिकॉन कार्बाइड फैब और एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग, एंड पैकेजिंग) सुविधाएं शामिल हैं, जो सालाना 24 बिलियन चिप्स का उत्पादन करेंगी। सीजी पावर का पायलट प्लांट 28 अगस्त से शुरू हो गया है और टाटा और माइक्रोन की टेस्ट चिप्स पहले से ही निकल रही हैं, जिससे इस साल वाणिज्यिक चिप्स के उत्पादन की उम्मीद है। यह उपलब्धि भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'डिजिटल इंडिया' के सपनों को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य हर स्तर पर देश को आत्मनिर्भर बनाना है। सेमीकॉन इंडिया 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह विश्वास का उद्घोष है कि भारत तकनीक का बाजार नहीं, बल्कि निर्माता बनेगा और दुनिया का विश्वसनीय साझेदार बनेगा।
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन: एक नया अध्याय
दिसंबर 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत हुई, जिसका लक्ष्य भारत को सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में स्थापित करना है। यह ऐतिहासिक पहल भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, परिवर्तनकारी नीति सुधारों ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में घातीय वृद्धि को बढ़ावा दिया है। इस मिशन के तहत, डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना घरेलू कंपनियों को चिप डिज़ाइन के लिए लागत का 50% तक और शुद्ध बिक्री कारोबार का 6 से 4% तक समर्थन प्रदान करती है।
'डिजिटल डायमंड' का वैश्विक बाजार और भारत
पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर को 'डिजिटल डायमंड' कहा, जो 21वीं सदी की प्रगति को गति देने की क्षमता रखता है। वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार 600 बिलियन डॉलर तक पहुंच रहा है और अगले कुछ वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगा। भारत की तीव्र प्रगति को देखते हुए, इस 1 ट्रिलियन डॉलर के बाजार में भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। साल 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत, 2023 तक पहले सेमीकंडक्टर प्लांट की मंजूरी, 2024 में कुछ और प्लांट्स और 2025 में पांच और परियोजनाओं की मंजूरी भारत पर दुनिया के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है। इन कुल 10 परियोजनाओं में 18 बिलियन डॉलर (डेढ़ लाख करोड़ से अधिक) का निवेश हो रहा है।
सेमीकॉन इंडिया 2025: निवेश और अवसरों का महाकुंभ
सेमीकॉन इंडिया 2025 निवेशकों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के साथ प्रतिभाओं का महाकुंभ है। यह आयोजन वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, क्योंकि भारत अपनी नीतियों की स्थिरता, मिशन के पारदर्शी और पेशेवर प्रबंधन के कारण स्थिरता और विकास के एक प्रकाशस्तंभ के रूप में खड़ा है। पिछले एक दशक में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात आठ गुना बढ़ा है, जो सेमीकंडक्टर की मजबूत और बढ़ती मांग को दर्शाता है। 48 देशों के प्रतिनिधित्व और लगभग 1300 प्रदर्शक बूथों के साथ, सेमीकॉन इंडिया ने केवल दो वर्षों में अभूतपूर्व घातीय वृद्धि प्रदर्शित की है, जो अमेरिका और चीन जैसे देशों की तुलना में कहीं अधिक तेज़ है।
प्रतिभा का पूल और मजबूत इकोसिस्टम
भारत के पास सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए प्रतिभा का गहरा पूल है। दुनिया के 20% सेमीकंडक्टर डिज़ाइन इंजीनियर भारत में हैं। 'चिप्स टू स्टार्टअप' कार्यक्रम के तहत 60,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। 278 विश्वविद्यालयों को नवीनतम ईडीए (इलेक्ट्रॉनिक डिज़ाइन ऑटोमेशन) उपकरण प्रदान किए गए हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी केंद्रीकृत ईडीए उपकरण सुविधा है। एआईसीटीई ने 500 से अधिक संस्थानों में संशोधित सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम लागू किया है। डीएलआई योजना के तहत सेमीकंडक्टर चिप्स डिज़ाइन करने के लिए 23 स्टार्टअप्स को मंजूरी मिली है। भारत सरकार स्टार्टअप्स और एमएसएमई को भी बड़ी भूमिका में देख रही है और उनके लिए डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम और चिप्स टू स्टार्टअप प्रोग्राम जैसे पहल शुरू किए गए हैं।
वैश्विक सहयोग से आत्मनिर्भर भारत
भारत अमेरिका, जापान, सिंगापुर और यूरोपीय संघ के साथ अनुसंधान और विकास और कार्यबल विकास के लिए साझेदारी कर रहा है। एएसएमएल, लैम रिसर्च, मर्क, एएमडी और टोक्यो इलेक्ट्रॉन जैसी वैश्विक कंपनियों ने भारत के सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। एएमडी ने सेमीकॉन इंडिया 2023 में भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की थी और प्रगति बहुत अच्छी रही है। मर्क ने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में उपयोग होने वाली सामग्रियों के लिए अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाने का वादा किया है, जबकि लैम रिसर्च ने भारत में 60 से अधिक विश्वविद्यालयों के सहयोग से 10 वर्षों में 60,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। भारत डीपटेक एलायंस (इंडिया डीपटेक एलायंस) का भी शुभारंभ किया गया है, जिसने भारत में डीपटेक कंपनियों के निर्माण के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी प्रतिबद्धता की है, जिसमें सेमीकंडक्टर भी शामिल है।
'मेक इन इंडिया' से 'इन्वेंट इन इंडिया' तक
भारत अब केवल बैक-एंड से निकलकर एक फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है। सरकार ने 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के मंत्र पर चलते हुए अगले चरण के सुधारों की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने 'मेक इन इंडिया' के साथ 'इन्वेंट इन इंडिया' पर जोर दिया, ताकि भारत न केवल चिप्स बनाए बल्कि वैश्विक नवाचार में भी नेतृत्व करे। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया कहेगी "डिज़ाइन इन इंडिया, मेड इन इंडिया, ट्रस्टेड बाय द वर्ल्ड"। भारत का लक्ष्य एक ऐसा सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाना है जो देश को आत्मनिर्भर और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए।
FAQs
Q1: सेमीकॉन इंडिया 2025 क्या है? A1: सेमीकॉन इंडिया 2025 भारत का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स शो है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के यशोभूमि में किया। इसका उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण और नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम है जो भारतीय तकनीकी प्रगति को दर्शाता है।
Q2: भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक कितना बढ़ने का अनुमान है? A2: भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह आंकड़ा वैश्विक 1 ट्रिलियन डॉलर सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की बढ़ती हिस्सेदारी और योगदान को दर्शाता है। सेमीकॉन इंडिया 2025 ऐसे विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान कर रहा है।
Q3: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत क्या प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गई हैं? A3: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने चार वर्षों में 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें सिलिकॉन फैब, सिलिकॉन कार्बाइड फैब और एटीएमपी सुविधाएं शामिल हैं। पहला 'मेड इन इंडिया' चिप (विक्रम 32-बिट प्रोसेसर) भी प्रस्तुत किया गया है। सेमीकॉन इंडिया 2025 में इन सफलताओं पर प्रकाश डाला गया।
Q4: सेमीकॉन इंडिया 2025 में वैश्विक उद्योग जगत की क्या प्रतिक्रिया रही? A4: सेमीकॉन इंडिया 2025 में एएसएमएल, लैम रिसर्च और एएमडी जैसे वैश्विक सेमीकंडक्टर नेताओं ने भारत में निवेश और सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने भारत को स्थिरता, विकास और प्रतिभा के केंद्र के रूप में देखा। कार्यक्रम में 48 देशों के प्रतिनिधि और लगभग 1300 प्रदर्शक शामिल हुए।
Q5: भारत सेमीकंडक्टर उद्योग में आत्मनिर्भरता कैसे प्राप्त कर रहा है? A5: भारत डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजनाओं, 'चिप्स टू स्टार्टअप' कार्यक्रम, व्यापक प्रतिभा विकास, प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त कर रहा है। सेमीकॉन इंडिया 2025 इन प्रयासों को और गति प्रदान करता है, जिससे भारत एक पूर्ण-स्टैक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बन सके।