सेमीकंडक्टर भारत: PM मोदी का बड़ा ऐलान, जानिए तकनीकी पुनर्जागरण का ताज़ा अपडेट

सेमीकंडक्टर भारत मिशन ने पकड़ी रफ्तार, PM मोदी के नेतृत्व में देश बना रहा तकनीकी भविष्य। जानें भारत कैसे बन रहा ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब।

Sep 2, 2025 - 12:31
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सेमीकंडक्टर भारत: PM मोदी का बड़ा ऐलान, जानिए तकनीकी पुनर्जागरण का ताज़ा अपडेट
सेमीकॉन इंडिया 2025: भारत का सेमीकंडक्टर मिशन


दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat | Date: 2 सितंबर 2025

भारत के तकनीकी पुनर्जागरण का शंखनाद: PM मोदी ने किया सेमीकंडक्टर मिशन का बड़ा ऐलान, दुनिया की हर डिवाइस में होगी 'इंडियन मेड चिप'

दिल्ली, यशोभूमि: भारत आज प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में एक नई गाथा लिख रहा है। राजधानी दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित भारत के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स शो, सेमीकॉन इंडिया 2025 (Semicon India 2025) में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के सेमीकंडक्टर मिशन को लेकर कई बड़े ऐलान किए। यह आयोजन सिर्फ एक सम्मेलन नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी पुनर्जागरण का प्रतीक है। जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं से जूझ रही है, वहीं सेमीकंडक्टर भारत स्थिरता और विकास का एक नया प्रकाशस्तंभ बनकर उभरा है। दुनिया भर के सेमीकंडक्टर लीडर्स, इनोवेटर्स और छात्र इस ऐतिहासिक अवसर पर एक साथ आए, जिससे यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है और भारत के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने को तैयार है। प्रधानमंत्री का विजन 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विश्व गुरु' बनने का है, जिसके तहत भारत अब केवल तकनीक का बाजार नहीं, बल्कि उसका निर्माता और दुनिया का विश्वसनीय साझेदार बनेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के सक्षम मार्गदर्शन में, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने केवल चार वर्षों में ही देश की सेमीकंडक्टर यात्रा को 'विजन से वास्तविकता में' बदल दिया है। 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर वर्ल्ड' सिर्फ नारे नहीं, बल्कि भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं, जिसका लक्ष्य है कि दुनिया की हर डिवाइस में 'इंडियन मेड चिप' हो। दिसंबर 2021 में सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के साथ शुरू हुए इस मिशन ने भारत को सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। आज, भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पिछले एक दशक में छह गुना बढ़ा है, और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात आठ गुना बढ़ गया है। सेमीकंडक्टर भारत का बाजार 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। इस तेज रफ्तार वृद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां यूएस को 1300 प्रदर्शक बूथ तक पहुंचने में 14 साल लगे और चीन को 13 साल, वहीं भारत ने यह आंकड़ा सिर्फ दो साल में छू लिया है।

सेमीकंडक्टर भारत: PM मोदी का विज़न और नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत का लक्ष्य सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक "आत्मनिर्भर" और "विश्व गुरु" बनना है। उनका मानना है कि जहां पिछली शताब्दी को तेल ने आकार दिया, वहीं 21वीं शताब्दी की शक्ति एक छोटी सी चिप में सिमट गई है। यह तकनीकी पुनर्जागरण देश को एक तकनीकी बाज़ार नहीं, बल्कि निर्माता और दुनिया का विश्वसनीय साझेदार बनाने का संकल्प है। "दाम कम दम ज्यादा" का उनका संदेश भारत की गुणवत्ता और सामर्थ्य को दर्शाता है। सेमीकंडक्टर भारत के माध्यम से, दुनिया की हर डिवाइस में "इंडियन मेड चिप" लगाने का सपना साकार हो रहा है।

भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा: शून्य से शिखर तक केवल चार वर्षों में, भारत ने सेमीकंडक्टर जगत में "शून्य से शिखर की ओर" कदम बढ़ाते हुए अद्भुत प्रगति की है। अब तक, कुल 10 परियोजनाओं में 18 बिलियन डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश हो रहा है, जिनमें सिलिकॉन फैब, सिलिकॉन कार्बाइड फैब और एडवांस्ड पैकेजिंग (ATMP) सुविधाएं शामिल हैं, जो सालाना 24 बिलियन चिप्स का उत्पादन करेंगी। सीजी पावर (CG Power) का पायलट प्लांट 28 अगस्त से शुरू हो गया है, और माइक्रोन और टाटा की टेस्ट चिप्स पहले से निकल रही हैं, जिनके वाणिज्यिक चिप्स इसी साल से निकलने लगेंगे।

प्रमुख नीतियां और प्रोत्साहन: निवेश और नवाचार को बढ़ावा भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर भारत के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां और प्रोत्साहन लागू किए हैं। डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना घरेलू कंपनियों को चिप डिजाइन के लिए 50% तक लागत सहायता और नेट बिक्री कारोबार का 4-6% तक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, 23 स्टार्टअप्स को सेमीकंडक्टर चिप्स डिजाइन करने के लिए मंजूरी दी गई है। "फाइल से फैक्ट्री" के समय को कम करने के लिए, नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जो केंद्र और राज्यों के सभी अनुमोदन एक ही प्लेटफॉर्म पर प्रदान करता है। देश भर में प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल पर सेमीकंडक्टर पार्क बनाए जा रहे हैं, जिनमें भूमि, बिजली आपूर्ति, पोर्ट, हवाई अड्डे और कुशल श्रमिकों की सुविधा उपलब्ध है।

प्रतिभा विकास और इकोसिस्टम का निर्माण भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए प्रतिभा विकास पर विशेष जोर दे रहा है। विश्व के 20% सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियर भारत में हैं। "चिप्स टू स्टार्टअप" कार्यक्रम के तहत 60,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। 17 छात्र टीमों ने चिप्स डिजाइन और टेप आउट किए हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री को प्रस्तुत किया गया। एआईसीटीई (AICTE) द्वारा 500 से अधिक संस्थानों में संशोधित सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम लागू किया गया है। 278 से अधिक विश्वविद्यालयों और 72 स्टार्टअप्स को इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (EDA) उपकरण प्रदान किए गए हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी केंद्रीकृत EDA उपकरण सुविधा बन गई है।

वैश्विक साझेदारी और विश्वसनीयता: भारत बन रहा भरोसेमंद सहयोगी भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक विश्वसनीय और भरोसेमंद भागीदार के रूप में उभर रहा है। यूएस, जापान, सिंगापुर और यूरोपीय संघ के साथ समझौता ज्ञापन (MOUs) और साझेदारी से अनुसंधान एवं विकास और कार्यबल विकास को बढ़ावा मिल रहा है। एएसएमएल (ASML), लैम रिसर्च (Lam Research), मर्क (Merck), एएमडी (AMD), टोक्यो इलेक्ट्रॉन (Tokyo Electron) और इंफिनियन टेक्नोलॉजीज (Infineon Technologies) जैसी वैश्विक कंपनियों के सीईओ ने भारत के प्रयासों की सराहना की है और सेमीकंडक्टर भारत के मिशन में समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है। सेलेस्टा कैपिटल ने इंडिया डीपटेक एलायंस (India DeepTech Alliance) के गठन की घोषणा की है, जिसमें $1 बिलियन से अधिक के पूंजीगत प्रतिबद्धता के साथ निजी पूंजी और विशेषज्ञता को जुटाकर भारत से श्रेणी-परिभाषित डीपटेक कंपनियों का निर्माण किया जाएगा।

सेमीकंडक्टर भारत: भविष्य की राह और अगले कदम भारत 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के मंत्र पर चलते हुए सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने अगले चरण के सुधारों की घोषणा करते हुए निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। सेमीकंडक्टर भारत का लक्ष्य अब 'मेक इन इंडिया' से 'इन्वेंट इन इंडिया' की ओर बढ़ना है, ताकि भारत एआई नेतृत्व को सुरक्षित कर सके। सरकार स्टार्टअप्स और एमएसएमई (MSMEs) को भी इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका में देख रही है। यह सब मिलकर भारत को 'डिजाइन इन इंडिया, मेड इन इंडिया, ट्रस्टेड बाय द वर्ल्ड' बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: सेमीकंडक्टर भारत मिशन क्या है? A1: सेमीकंडक्टर भारत मिशन एक सरकारी पहल है जिसे दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और पैकेजिंग के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और वैश्विक सप्लाई चेन में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित करना है।

Q2: सेमीकंडक्टर भारत में अब तक क्या प्रगति हुई है? A2: केवल चार वर्षों में, भारत ने 10 परियोजनाओं में 18 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। इसमें सिलिकॉन फैब, सिलिकॉन कार्बाइड फैब और एडवांस्ड पैकेजिंग सुविधाएं शामिल हैं, जो सालाना 24 बिलियन चिप्स का उत्पादन करेंगी। पहला मेड इन इंडिया चिप भी माननीय प्रधानमंत्री को भेंट किया गया है।

Q3: डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना क्या है? A3: DLI योजना घरेलू कंपनियों को चिप डिजाइन के लिए 50% तक लागत सहायता और नेट बिक्री कारोबार का 4-6% तक सहायता प्रदान करती है। यह योजना EDA टूल्स और थर्ड-पार्टी IP कोर भी देती है, जिसके तहत 23 स्टार्टअप्स को सेमीकंडक्टर चिप्स डिजाइन करने के लिए मंजूरी दी गई है।

Q4: भारत सेमीकंडक्टर के लिए प्रतिभा विकास कैसे कर रहा है? A4: भारत में विश्व के 20% सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियर हैं। "चिप्स टू स्टार्टअप" कार्यक्रम के तहत 60,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। 278 से अधिक विश्वविद्यालयों को EDA टूल्स प्रदान किए गए हैं, और 500 से अधिक संस्थानों में संशोधित सेमीकंडक्टर पाठ्यक्रम लागू किया गया है।

Q5: सेमीकंडक्टर भारत का भविष्य का लक्ष्य क्या है? A5: भारत का लक्ष्य 2030 तक सेमीकंडक्टर बाजार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। इसका उद्देश्य देश को केवल उपभोक्ता बाजार से एक उत्पादक और वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलना है, जहाँ "डिजाइन इन इंडिया, मेड इन इंडिया, ट्रस्टेड बाय द वर्ल्ड" का नारा साकार हो सके।


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