बाढ़ का कहर: दिल्ली में यमुना उफान पर, पंजाब-हिमाचल में बारिश से मचा हाहाकार; देखें भयावह तस्वीरें
दिल्ली, पंजाब और हिमाचल में बाढ़ का कहर जारी है। यमुना के बढ़ते जलस्तर, भयावह लैंडस्लाइड, और पंजाब में हजारों गांवों में तबाही की ताजा अपडेट जानें।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat.B Date: | 05 Sep 2025
उत्तर भारत के कई राज्य इस समय भीषण बाढ़ का कहर झेल रहे हैं। पहाड़ों में हुई मूसलाधार बारिश का व्यापक असर मैदानी इलाकों पर दिख रहा है, जिसने दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है, जबकि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और अचानक आए सैलाब ने तबाही मचाई है। पंजाब तो इस वक्त भीषण बाढ़ के संकट से जूझ रहा है, जहां हजारों गांव जलमग्न हो चुके हैं और लाखों लोग बेघर होने को मजबूर हैं। यह स्थिति चिंताजनक है और राहत व बचाव कार्यों की गति पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको इन राज्यों की मौजूदा स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों का विस्तृत ब्यौरा देंगे।
पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश का असर सीधे तौर पर दिल्ली में दिख रहा है, जहां यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से 1 सितंबर की सुबह से ही लाखों क्यूसेक पानी लगातार डिस्चार्ज किया जा रहा है, जिससे राजधानी दिल्ली में यमुना विकराल रूप ले चुकी है। पानी की तेज धार इतनी शक्तिशाली है कि यूपी की तरफ बनाई गई सुरक्षा दीवार के कंक्रीट ब्लॉक बह गए हैं, और एक दर्जन गांवों में भूमि कटाव से ग्रामीण दहशत में हैं। हालांकि, सिंचाई विभाग का दावा है कि बैराज को कोई खतरा नहीं है और मरम्मत का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में भी हालात बेहद भयावह हैं; कुल्लू जिले की भुंतर तहसील में नाले में आए सैलाब ने कई मकानों को नुकसान पहुंचाया है। राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी भी तरह की जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इलाके में पानी और मलबा भर जाने से लोगों में दहशत का माहौल है। कुल्लू जिले की बिजली महादेव की पहाड़ी से हुए लैंडस्लाइड की तस्वीरें भी डराने वाली हैं, जहां बड़े-बड़े पत्थर किसी गेंद की तरह उछलते हुए नीचे गिरते दिखाई दिए। यहां भी किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन दृश्य बेहद भयावह हैं। हिमाचल के लाहौल स्पीति जिले में अचानक नाले में आए सैलाब के चलते पर्यटक फंस गए, जिन्हें पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षित रास्ता पार कराया। वहीं, उत्तराखंड के केदारनाथ में गुरुवार को चेराबाड़ी ग्लेशियर में एक हल्का एवलांच देखा गया, जिसके बाद प्रशासन सतर्क हो गया है और रेस्क्यू टीमों को एहतियातन अलर्ट पर रखा गया है। राहत की बात यह है कि इस घटना से कोई नुकसान नहीं हुआ है और स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
पंजाब इस समय बाढ़ के भीषण संकट से जूझ रहा है, जहां बाढ़ का कहर सर्वाधिक दिखाई दे रहा है। राज्य के 23 जिलों के 10,902 गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। 15 जिलों में 384,000 से भी ज़्यादा आबादी इस आपदा से प्रभावित हुई है, जिससे उनका सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 196 राहत कैंप चलाए जा रहे हैं, जहां 6755 लोग ठहरे हुए हैं। इस भीषण बाढ़ से कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है; 71,000 हेक्टेयर से अधिक फसलों को भारी क्षति पहुंची है, जिससे 'अन्नदाता' कहे जाने वाले पंजाब के किसान विशेष रूप से परेशान हैं। लोग अपने परिवारों के साथ ऊंचे स्थानों या अन्य सुरक्षित जगहों पर पलायन करने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके घरों में पानी भर चुका है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), सेना और वायु सेना की टीमें लगातार पंजाब में जुटी हुई हैं, ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके और उन्हें सहायता प्रदान की जा सके। यह भयावह स्थिति दर्शाती है कि प्रकृति का प्रकोप कितना विनाशकारी हो सकता है और इसके दीर्घकालिक प्रभाव अर्थव्यवस्था और जनजीवन पर पड़ेंगे।
बाढ़ का कहर: दिल्ली में यमुना का बढ़ता जलस्तर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से पानी का लगातार डिस्चार्ज होना है। 1 सितंबर की सुबह से ही लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे नदी किनारे के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पानी की तेज धार ने यूपी की तरफ बनी सुरक्षा दीवार के कंक्रीट ब्लॉक को भी बहा दिया है, जिससे भूमि कटाव का खतरा बढ़ गया है और करीब एक दर्जन गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। सिंचाई विभाग का दावा है कि बैराज को कोई खतरा नहीं है और जल्द ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में बारिश और लैंडस्लाइड से मचा तांडव
हिमाचल प्रदेश भी भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। कुल्लू जिले की भुंतर तहसील में नाले में आए सैलाब ने कई मकानों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे इलाके में पानी और मलबा भर गया है। हालांकि, इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, यह एक राहत की बात है। कुल्लू जिले की बिजली महादेव पहाड़ी से हुए लैंडस्लाइड की तस्वीरें भयावह हैं, जहां बड़े-बड़े पत्थर पहाड़ से नीचे गिरते दिखाई दिए, जैसे गेंद उछल रही हो। लाहौल स्पीति जिले में नाले में अचानक सैलाब आने से कई पर्यटक फंस गए थे, जिन्हें पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षित निकाला।
पंजाब में भीषण बाढ़, हजारों गांव जलमग्न, फसलें तबाह
पंजाब इस समय भीषण बाढ़ का कहर झेल रहा है। राज्य के 23 जिलों के 10,902 गांव जलमग्न हो चुके हैं, और 15 जिलों की 384,000 से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। इस आपदा में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन लोग लापता हैं। 71,000 हेक्टेयर से अधिक फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। हजारों परिवार अपने घर छोड़ने और ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा 196 राहत कैंप चलाए जा रहे हैं, जहां 6755 लोगों ने शरण ली हुई है।
केदारनाथ में एवलांच का खतरा और प्रशासन की सतर्कता
उत्तराखंड के केदारनाथ में गुरुवार को चेराबाड़ी ग्लेशियर में एक हल्का एवलांच देखा गया। इस घटना के बाद प्रशासन तुरंत सतर्क हो गया और रेस्क्यू टीमों को एहतियातन अलर्ट पर रखा गया है। राहत की बात यह है कि इस एवलांच से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है और हालात पूरी तरह सामान्य बताए जा रहे हैं। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
राहत और बचाव कार्य: NDRF, SDRF और सेना मुस्तैद
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं। पंजाब में एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), सेना और वायु सेना की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। ये टीमें फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने, उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में भी स्थानीय प्रशासन और बचाव दल हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं।
आम जनजीवन पर बाढ़ का व्यापक असर
इस प्राकृतिक आपदा ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। घरों में पानी भरने से लोग विस्थापित हो रहे हैं, किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं, और आवागमन बाधित हुआ है। डर और दहशत का माहौल है। बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है। यह बाढ़ का कहर लोगों के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है, जिससे निपटने में सरकार और समाज दोनों का सहयोग आवश्यक है।
FAQs
Q1: बाढ़ का कहर किन राज्यों में सबसे ज़्यादा है? A1: इस समय बाढ़ का कहर मुख्य रूप से पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में सबसे ज़्यादा है। पंजाब में हजारों गांव जलमग्न हैं, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है, और हिमाचल में लैंडस्लाइड व अचानक बाढ़ ने तबाही मचाई है।
Q2: दिल्ली में यमुना का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है? A2: दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज होना है, जो 1 सितंबर की सुबह से जारी है। पहाड़ों में हुई भारी बारिश से बैराज में पानी का दबाव बढ़ गया है।
Q3: हिमाचल प्रदेश में बारिश से क्या नुकसान हुआ है? A3: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से कुल्लू की भुंतर तहसील में नाले में सैलाब आने से कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बिजली महादेव पहाड़ी से भयावह लैंडस्लाइड भी हुआ है। लाहौल स्पीति में अचानक बाढ़ से पर्यटक फंस गए, जिन्हें बचाया गया।
Q4: पंजाब में बाढ़ से कितने लोग प्रभावित हुए हैं? A4: पंजाब में बाढ़ से राज्य के 23 जिलों के 10,902 गांव जलमग्न हो चुके हैं, और 15 जिलों की 384,000 से अधिक आबादी प्रभावित हुई है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन लोग लापता हैं।
Q5: केदारनाथ में क्या स्थिति है? A5: केदारनाथ में गुरुवार को चेराबाड़ी ग्लेशियर में एक हल्का एवलांच देखा गया। हालांकि, इस घटना से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है और हालात सामान्य हैं। प्रशासन सतर्क है और रेस्क्यू टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।