बाढ़ का कहर: पंजाब और गुरुग्राम में तबाही का बड़ा झटका, जानिए पूरी खबर

बाढ़ का कहर पंजाब और गुरुग्राम में जारी है। जानें 2.5 लाख से अधिक प्रभावित लोग, 29 मौतें, हजारों करोड़ का नुकसान और सरकारों की क्या है प्रतिक्रिया।

Sep 2, 2025 - 18:48
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बाढ़ का कहर: पंजाब और गुरुग्राम में तबाही का बड़ा झटका, जानिए पूरी खबर
पंजाब-गुरुग्राम में बाढ़ का कहर

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 02 Sep 2025

देशभर में भारी बारिश का कहर जारी है, जिसने कई राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आईटी हब गुरुग्राम में स्थिति भयावह बनी हुई है। यह लगातार हो रही बारिश कई लोगों के लिए 'जी का जंजाल' बन गई है, जिसने न केवल लोगों की जिंदगियों को संकट में डाला है, बल्कि कथित "डबल इंजन सरकारों" के विकास के बड़े-बड़े दावों को भी पूरी तरह से उजागर कर दिया है। चाहे वह पंजाब के गुरदासपुर में बहते मवेशी हों या गुरुग्राम की सड़कों पर 8 घंटे का भीषण जाम, आम इंसान की बेबसी हर जगह साफ दिख रही है। यह वक्त है समझने का कि इस 'बाढ़ का कहर' से कैसे निपटा जाए और भविष्य के लिए क्या सबक सीखे जाएं। आइए जानते हैं पंजाब और गुरुग्राम में बाढ़ के कहर से उपजे हालात और इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी, जो हर नागरिक के लिए जानना बेहद जरूरी है।

पंजाब में बाढ़ का कहर: 29 मौतें और लाखों प्रभावित, बड़ा नुकसान पंजाब में 2025 की विनाशकारी बाढ़ ने जबरदस्त तबाही मचाई है, जिसकी चपेट में आकर अब तक 29 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। ताजा रिपोर्ट्स बताती हैं कि ढाई लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 1044 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं। गुरदासपुर (321 गांव), कपूरथला (115 गांव), अमृतसर (88 गांव), और होशियारपुर (94 गांव) जैसे जिले इस आपदा से सर्वाधिक प्रभावित हैं, जहां कई घर और सरकारी ढांचे पूरी तरह से टूट-फूट गए हैं। स्थिति इतनी दयनीय है कि गुरदासपुर से आई तस्वीरों में हजारों की संख्या में मवेशी पानी के तेज बहाव में बहते दिख रहे हैं, कुछ रिपोर्टों के मुताबिक ये मवेशी बहकर पाकिस्तान में पहुंच रहे हैं। किसानों को अपनी जान जोखिम में डालकर अपना सामान और मवेशी बचाने की कोशिश करते देखा गया, लेकिन कई लोग मारे भी गए। एक वीडियो में एक कुत्ता एक पत्थर पर फंसा दिखाई देता है, जो त्रासदी की गंभीरता को दर्शाता है। लोग अपने बच्चों को गोद में लेकर कमर तक भरे पानी से गुजर रहे हैं, रोते हुए दिखाई दे रहे हैं, और गुरुद्वारों के अंदर भी बाढ़ का पानी घुस गया है। यह वही पंजाब है जिसने सीमा की सुरक्षा की है और पूरे देश का पेट भरा है, लेकिन आज वह एक जबरदस्त संकट में है। लगभग 3 लाख एकड़ कृषि जमीन, खासकर धान और कपास की फसलें, पानी में डूब गई हैं, जिससे स्थानीय और निर्यात बाजारों पर गहरा असर पड़ रहा है। यह पंजाब के किसानों की रोजी-रोटी पर सीधा असर है, क्योंकि उनका पूरा पशुधन ही खत्म हो गया है। इस त्रासदी में 15,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और लगभग 7,000 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

गुरुग्राम में जलजमाव: 'डबल इंजन' दावों की खुली पोल, आईटी हब पानी में डूबा एक तरफ पंजाब 'बाढ़ का कहर' झेल रहा है, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का चमकता आईटी हब गुरुग्राम भी हर बारिश में बद से बदतर होती स्थिति का सामना कर रहा है। "डबल इंजन सरकार" के विकास के दावों को पूरी तरह से उजागर करते हुए, गुरुग्राम में हर बार की तरह इस बार भी कुछ घंटों की बारिश ने सड़कों को नदियों में तब्दील कर दिया है। इफको चौक जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर रात 8:30 बजे घुटनों तक पानी भर गया, जहां कारें डूबी हुई मिलीं, दुकानें जलमग्न हो गईं और ऑफिस जाने वाले लोग घंटों तक पानी में फंसे रहे। टाइम्स ऑफ इंडिया की इशिता पाठी ने बताया कि शहर का जल निकासी तंत्र (ड्रेनेज सिस्टम) एक बार फिर ढह गया है, जिससे लोग 8-8 घंटे तक जाम में फंसे रहे और देर रात अपने घरों को पहुंचे। नरेश गुप्ता जैसे लोगों का कहना है कि वे "भगवान के सहारे" हैं और उन्हें कोई बचाने वाला नहीं है, जो प्रशासन की विफलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह स्थिति पिछले 11 सालों से गुरुग्राम में दोहराई जा रही है, जिससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। सवाल उठता है कि इतने सालों से इस ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए क्या किया गया और इस बदहाली का जिम्मेदार कौन है।

केंद्र और राज्य की प्रतिक्रिया: पीएम की चुप्पी और केजरीवाल की अपील केंद्र सरकार ने अभी तक पंजाब में इस भीषण त्रासदी को "राष्ट्रीय आपदा" घोषित नहीं किया है और कोई सीधी मदद भी नहीं मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में भूकंप आने पर 600 लोगों की मौत पर तुरंत बयान जारी किया था, लेकिन पंजाब पर उनकी शुरुआती चुप्पी पर सवाल उठे हैं। हालांकि, सूत्रों के हवाले से खबर है कि चीन से लौटने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की है। आम आदमी पार्टी की सरकार भी केंद्र से मदद की अपील कर रही है और अरविंद केजरीवाल ने लोगों से 'पंजाब मुख्यमंत्री राहत कोष' में दिल खोलकर दान देने की भावुक अपील की है, जिसके लिए बैंक खाता विवरण भी साझा किया गया है। यह सब इसलिए होता है जब सरकारें जनता के सवालों का जवाब देने के बजाय "अनर्गल मुद्दों" में उलझा कर रखती हैं।

कृषि और पशुधन पर त्रासदी: 3 लाख एकड़ जमीन जलमग्न, हजारों मवेशी बहे 'बाढ़ का कहर' ने पंजाब के कृषि क्षेत्र और पशुधन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हजारों मवेशी बह गए हैं या मर गए हैं। यह उन किसानों की रोजी-रोटी पर सीधा असर है, जिनका पूरा पशुधन ही खत्म हो गया है। इसके अलावा, लगभग 3 लाख एकड़ कृषि जमीन, विशेषकर धान और कपास की फसलें, पानी में डूब गई हैं, जिसका असर लोकल और एक्सपोर्ट मार्केट पर दिख रहा है। इस बड़े नुकसान से किसानों का भविष्य अधर में लटक गया है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन: मुश्किल घड़ी में ईरान ने दिया साथ इस मुश्किल घड़ी में, दुनिया भर से पंजाब को समर्थन मिल रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि ईरान ने पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की है। ईरान का बयान है, "पंजाब में विनाशकारी बाढ़ को देखकर निराशा हुई, जिससे भारी नुकसान और दर्द हुआ। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पंजाब के प्रभावित लोगों और इन गंभीर क्षणों में उनकी मदद करने वाले हर व्यक्ति के साथ हैं। भगवान सभी की रक्षा और आशीर्वाद दें।" यह ऐसे समय में आया है जब भारत में कुछ मीडिया आउटलेट्स ने ईरान के सुप्रीम लीडर की आलोचना की थी।

राष्ट्रीय आपदा घोषणा की मांग: क्या यह आपदा राजनीतिक खींचतान का शिकार? पंजाब में आई बाढ़ को कई लोगों द्वारा एक राष्ट्रीय आपदा माना जा रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा इसे अभी तक आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया गया है। इस घोषणा की कमी से पंजाब को केंद्र से मिलने वाली सीधी मदद पर असर पड़ सकता है। यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या यह आपदा राजनीतिक खींचतान का शिकार हो रही है, जबकि आम लोग भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।


FAQs:

Q1: पंजाब में बाढ़ का कहर कितना गंभीर है और कितने लोग प्रभावित हुए हैं? A1: पंजाब में बाढ़ का कहर अत्यंत गंभीर है। अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, 2.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 1044 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं। यह पिछले कई दशकों की सबसे बड़ी बाढ़ मानी जा रही है, जिससे व्यापक संपत्ति और पशुधन का नुकसान हुआ है।

Q2: गुरुग्राम में बाढ़ का कहर क्यों हर साल एक ही तस्वीर दिखाता है? A2: गुरुग्राम में हर साल बारिश से जलभराव की समस्या का मुख्य कारण ड्रेनेज सिस्टम का बार-बार ढहना है। यह स्थिति कई सालों से बनी हुई है और सरकारों की निष्क्रियता को उजागर करती है। इफको चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर घंटों जाम और घुटनों तक पानी भर जाता है।

Q3: बाढ़ का कहर झेल रहे पंजाब के लिए केंद्र सरकार की क्या प्रतिक्रिया रही है? A3: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत में पंजाब की स्थिति पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया था। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, चीन से लौटने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की है। अभी तक केंद्र सरकार ने इसे "राष्ट्रीय आपदा" घोषित नहीं किया है और सीधी मदद का इंतजार है।

Q4: पंजाब में बाढ़ का कहर से प्रभावित कृषि क्षेत्र और पशुधन पर क्या असर पड़ा है? A4: बाढ़ के कारण लगभग 3 लाख एकड़ कृषि जमीन, विशेषकर धान और कपास की फसलें, पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। हजारों मवेशी बह गए हैं या मर गए हैं, जिसने कई किसानों की रोजी-रोटी छीन ली है और उनके भविष्य को अधर में डाल दिया है।

Q5: बाढ़ का कहर के बीच किसी अन्य देश ने पंजाब के प्रति समर्थन दिखाया है? A5: हाँ, ईरान ने पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की है। ईरान के बयान में पीड़ितों के लिए संवेदनाएं और प्रार्थनाएं भेजी गईं। यह ऐसे समय में आया है जब भारत में कुछ मीडिया आउटलेट्स ने ईरान के सुप्रीम लीडर की आलोचना की थी।

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