भारत-अमेरिका व्यापार टैरिफ पर ट्रम्प का चौंकाने वाला खुलासा: 'भारत ने शून्य टैरिफ की पेशकश की थी' - जानिए पूरी खबर
ट्रम्प ने भारत-अमेरिका व्यापार टैरिफ को लेकर बड़ा दावा किया है। जानें कैसे भारत ने अमेरिकी सामानों पर शून्य टैरिफ की पेशकश की, और ट्रम्प ने क्यों कहा यह 'एकतरफा संबंध' है।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 01 सितंबर 2025
ब्रेकिंग न्यूज़! अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा है कि नई दिल्ली ने अमेरिकी सामानों पर अपने टैरिफ को 'कुछ भी नहीं' करने की पेशकश की थी। यह खुलासा दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर एक नई बहस छेड़ रहा है, खासकर तब जब भारत अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने से इनकार कर रहा है। जानिए इस बड़े दावे के पीछे की पूरी कहानी और कैसे यह भारत-अमेरिका व्यापार टैरिफ का मुद्दा भविष्य के आर्थिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने 'ट्रुथ सोशल' अकाउंट पर एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि नई दिल्ली ने अमेरिकी सामानों पर अपने टैरिफ को 'शून्य' करने की पेशकश की थी, लेकिन उनके अनुसार 'अब बहुत देर हो चुकी है' और यह पेशकश 'सालों पहले' की जानी चाहिए थी। ट्रम्प ने जोर देकर कहा कि अमेरिका भारत के साथ 'बहुत कम व्यापार' करता है, जबकि भारत अमेरिका के साथ 'जबरदस्त मात्रा में व्यापार' करता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा 'ग्राहक' है, जिसके लिए भारत 'बड़े पैमाने पर' सामान बेचता है, लेकिन अमेरिका भारत को 'बहुत कम' बेचता है। इस 'पूरी तरह से एकतरफा संबंध' को उन्होंने 'कई दशकों से चला आ रहा' बताया और इसे 'पूरी तरह से एकतरफा आपदा' करार दिया। ट्रम्प ने यह भी आरोप लगाया कि भारत अमेरिका से 'सबसे अधिक टैरिफ' वसूलता है, जिससे अमेरिकी व्यवसायों को भारत में अपने उत्पाद बेचने में कठिनाई होती है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत अपने अधिकांश तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, और अमेरिका से 'बहुत कम', जो उनके अनुसार इस असंतुलित व्यापार संबंध का एक और प्रमाण है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 'तीव्र टैरिफ संघर्ष' चल रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की बातचीत तब ठप हो गई थी जब भारत ने अपने महत्वपूर्ण कृषि और डेयरी क्षेत्रों को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलने से साफ इनकार कर दिया था। आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें भारत का निर्यात 86.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अमेरिका से आयात 45.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। ट्रम्प की टिप्पणियां ऐसे समय में सामने आईं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी, जिससे वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों में इस दावे का महत्व और बढ़ जाता है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर पहले ही 25 प्रतिशत के 'पारस्परिक टैरिफ' के साथ-साथ रूसी तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिससे भारत पर कुल 50 प्रतिशत तक का शुल्क लग रहा है, जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा है कि वह किसानों, पशुपालकों और छोटे पैमाने के उद्योगों के हितों से कोई समझौता नहीं कर सकते, भले ही 'हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहेंगे'। भारत ने इन अमेरिकी टैरिफों को 'अनुचित और गैर-वाजिब' करार दिया है और यह दोहराया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी हाल ही में दिल्ली में जोर देकर कहा था कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की बातचीत में भारत के पास कुछ 'रेड लाइन' हैं, और वह किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़ा रहेगा।
ट्रम्प का 'शून्य टैरिफ' और 'एकतरफा संबंध' का दावा
डोनाल्ड ट्रम्प का दावा है कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर शून्य टैरिफ की पेशकश की थी, लेकिन यह अब बहुत देर हो चुकी है। उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा 'ग्राहक' है, फिर भी भारत-अमेरिका व्यापार टैरिफ संबंध 'पूरी तरह से एकतरफा' रहा है, जिसमें भारत अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेचता है, जबकि अमेरिका बहुत कम बेचता है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: कृषि और डेयरी क्षेत्र पर गतिरोध
दोनों देशों के बीच व्यापार सौदे की बातचीत भारत द्वारा अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलने से इनकार करने के बाद रुक गई है। भारत सरकार का मानना है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को खोलने से देश के किसानों और पशुपालकों के हितों को नुकसान होगा, जिस पर समझौता नहीं किया जा सकता।
द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़े और ट्रम्प की आपत्ति
2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें भारतीय निर्यात 86.5 बिलियन डॉलर और अमेरिकी आयात 45.3 बिलियन डॉलर था। ट्रम्प ने इस असंतुलन पर आपत्ति जताई है, इसे 'एकतरफा' संबंध बताया है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत 'पारस्परिक टैरिफ' और रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क सहित कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं। भारत ने इन टैरिफों को 'अनुचित और गैर-वाजिब' करार दिया है और कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा।
भारत की 'रेड लाइन' और राष्ट्रीय हितों का बचाव
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में भारत की कुछ 'रेड लाइन' हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि वह किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे, भले ही इस पर दबाव बढ़े। नई दिल्ली अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को प्रतिबद्ध है।
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में ट्रम्प के दावों का महत्व
ट्रम्प के दावे ऐसे समय में आए हैं जब प्रधानमंत्री मोदी रूसी और चीनी नेताओं के साथ वार्ता कर रहे थे। यह इंगित करता है कि भारत-अमेरिका संबंध और व्यापारिक मुद्दे वैश्विक भू-राजनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण बने हुए हैं और इसका प्रभाव व्यापक हो सकता है।
FAQs
Q1: भारत-अमेरिका व्यापार टैरिफ पर ट्रम्प का मुख्य दावा क्या है? A1: ट्रम्प ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर अपने टैरिफ को 'कुछ भी नहीं' करने की पेशकश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा 'ग्राहक' है, लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध 'पूरी तरह से एकतरफा' रहा है।
Q2: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में मुख्य बाधा क्या है? A2: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत में मुख्य बाधा भारत का अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलने से इनकार करना है। भारत अपने किसानों और पशुपालकों के हितों की रक्षा करना चाहता है।
Q3: 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार कितना था? A3: 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। इसमें भारत का निर्यात 86.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अमेरिका से आयात 45.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल था।
Q4: अमेरिका ने भारत पर कितने टैरिफ लगाए हैं? A4: ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत 'पारस्परिक टैरिफ' के साथ-साथ रूसी तेल खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिससे भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लग गए हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक हैं।
Q5: भारत ने अमेरिकी टैरिफ पर क्या प्रतिक्रिया दी है? A5: भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को 'अनुचित और गैर-वाजिब' बताया है। नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा और किसानों के हितों पर कोई समझौता नहीं करेगा।