India Trade War: अमेरिका को भारत का कड़ा जवाब, 40 देशों संग नई डील की तैयारी

भारत ने अमेरिकी टैरिफ पर किया पलटवार, 40 देशों से व्यापार बढ़ाने की रणनीति बनाई। जानें कैसे भारत बना रहा खुद को विश्वसनीय सप्लायर और क्यों रूस से तेल खरीद नहीं रोकेगा।

Aug 27, 2025 - 21:12
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India Trade War: अमेरिका को भारत का कड़ा जवाब, 40 देशों संग नई डील की तैयारी
भारत अमेरिका व्यापार तनाव, वैश्विक व्यापार विविधीकरण

दैनिक रियल्टी ब्यूरो |By: Neeraj Ahlawat Publish Date: 27 Aug 2025

ब्रेकिंग न्यूज़: अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा भारत, 40 देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की तैयारी!

अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में एक अभूतपूर्व रणनीति तैयार की है, जिसके तहत वह अब दुनिया के 40 प्रमुख बाजारों के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करेगा। यह अमेरिकी व्यापार युद्ध पर भारत की ओर से पहला बड़ा पलटवार बताया जा रहा है, जिसका उद्देश्य खुद को एक विश्वसनीय वैश्विक सप्लायर के तौर पर स्थापित करना है। इस कदम से न केवल मौजूदा अमेरिकी दबाव को संभाला जा सकेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने का रास्ता भी तैयार होगा। यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया गया है, जिसका असर कपड़ा, हीरा, चमड़ा, स्मार्टफोन और फुटवियर जैसे प्रमुख भारतीय उत्पादों पर पड़ रहा है.

भारत का पलटवार: 40 देशों संग नई व्यापार रणनीति

पीटीआई न्यूज़ एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने 40 प्रमुख बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने की कमर कस ली है। इन देशों में ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड, पोलैंड, कनाडा, मेक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की और यूएई शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया भी इस नई व्यापारिक जंग में भारत के साथ होगा, ऐसी जानकारी सामने आई है। भारत की रणनीति इन सभी बाजारों में 'लक्षित दृष्टिकोण' (targeted approach) अपनाने की होगी, जिसके तहत खुद को एक गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ उत्पाद मुहैया कराने वाले विश्वसनीय सप्लायर के रूप में स्थापित किया जाएगा। भारतीय दूतावासों को भी सक्रिय कर दिया गया है, और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स (EPCs) तथा इंडियन मिशन इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

अमेरिकी टैरिफ का असर और भारत का लक्ष्य

अमेरिका ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के कारण भारत पर 50% का टैरिफ लगाया है, जिससे भारतीय निर्यात के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। मौजूदा वक्त में, भारत अपने कुल निर्यात का लगभग 20% अमेरिका को भेजता रहा है, जिसमें टेक्सटाइल और स्मार्टफोन का निर्यात सबसे अधिक है। मार्च 2025 तक भारत का कुल निर्यात 434 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें से 86 बिलियन डॉलर का माल अमेरिका को भेजा गया था। अब भारत की योजना इस निर्भरता को कम करने और अपने बाजारों को विविध बनाने की है। इसका मकसद केवल अमेरिकी दबाव को संभालना नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए एक मजबूत विकल्प तैयार करना भी है।

रूस से तेल खरीद पर भारत का अडिग रुख

भारत ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा और रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद नहीं करेगा। भारतीय तेल रिफाइनरी कंपनियों ने भी यह ऐलान किया है कि "हिंदुस्तान सबसे पहले है" और "देश पहले व्यापार बाद में" के सिद्धांत पर काम किया जाएगा। इस फैसले से दो मुख्य संदेश जाते हैं: पहला, भारत अमेरिका के आगे झुका नहीं है; दूसरा, भारत रूस का साथ नहीं छोड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स बिज़नेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और अंततः वे एक साथ आ जाएंगे। हालांकि, भारत के तेवर देखकर लगता नहीं कि वह भविष्य में अमेरिका को किसी भी तरह का दबाव बनाने का मौका देना चाहता है।

'मेड इन इंडिया' पर जोर और निर्यात में विविधीकरण

भारत लगातार 'मेड इन इंडिया' उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील कर रहा है, खासकर त्योहारों के मौसम में इन्हें खरीदने और बेचने पर जोर दिया जा रहा है। यह रणनीति भारत की अतीत की उस कथित गलती को सुधारने का एक प्रयास है, जिसमें उसने अपने सभी 'अंडों को एक ही टोकरी में' रख दिया था, यानी अमेरिका पर अत्यधिक निर्भरता दिखाई थी। अब भारत चीजों को विविध कर रहा है और खुद को अलग-अलग बाजारों में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में स्थापित करने की योजना बना रहा है। रूस पहले ही भारतीय उत्पादों के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर चुका है, और चीन के साथ भी भारत एकजुटता दिखा रहा है। ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का साथ मिलने से भारत के लिए यह एक प्रभावी रणनीति साबित हो सकती है।


FAQs

  1. अमेरिका ने भारत पर टैरिफ क्यों लगाया? अमेरिका ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जिससे भारतीय उत्पादों पर आर्थिक चोट देने का प्रयास किया गया है।

  2. भारत किन 40 देशों के साथ व्यापार बढ़ा रहा है? भारत ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया सहित 40 प्रमुख बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ा रहा है, जिसमें कनाडा, मेक्सिको, रूस, तुर्की और यूएई भी शामिल हैं।

  3. भारत की नई व्यापार रणनीति का मुख्य उद्देश्य क्या है? मुख्य उद्देश्य अमेरिकी दबाव को कम करना और भारत को वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ उत्पादों के सप्लायर के रूप में स्थापित करना है।

  4. क्या भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करेगा? नहीं, भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि सरकार अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगी और रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगी, "देश पहले व्यापार बाद में" के सिद्धांत पर।

  5. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट का भारत-अमेरिका संबंधों पर क्या बयान है? स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और अंततः दोनों देश एक साथ आ जाएंगे, जो अमेरिका की ओर से आशावादी बयान माना जा रहा है।

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