हरियाणा बाढ़: पानीपत, हिसार समेत 12 जिलों पर बड़ा ख़तरा, सीएम सैनी ने बुलाई आपात बैठक, जानिए ताज़ा अपडेट

हरियाणा में बाढ़ का ताज़ा अपडेट: पानीपत, हिसार समेत 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी। सीएम सैनी ने आपात बैठक बुलाकर दिए सख्त निर्देश। जानिए अपने शहर का हाल और सुरक्षा उपाय।

Sep 3, 2025 - 16:42
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हरियाणा बाढ़: पानीपत, हिसार समेत 12 जिलों पर बड़ा ख़तरा, सीएम सैनी ने बुलाई आपात बैठक, जानिए ताज़ा अपडेट
हरियाणा में बाढ़

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 03 Sep 2025

हरियाणा बाढ़ के कारण इन दिनों दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में हालात बेहद खराब हैं। भारी बारिश ने इन तीनों राज्यों में हाहाकार मचा दिया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियां उफान पर हैं, सड़कें पानी में डूब चुकी हैं और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक आपात बैठक बुलाई है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली में भी यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है, जिससे राजधानी पर भी हरियाणा बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने 5 सितंबर तक हरियाणा के 12 से अधिक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यह रिपोर्ट आपको हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में मौजूदा बाढ़ की स्थिति, सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और आगामी दिनों के मौसम पूर्वानुमान के बारे में विस्तृत जानकारी देगी।

हरियाणा बाढ़ की विकट स्थिति ने राज्य के कई हिस्सों में कहर बरपाया है। पानीपत, हिसार, यमुनानगर और गुरुग्राम जैसे प्रमुख शहरों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं, और मार्कंडा, तागरी व यमुना जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कुरुक्षेत्र की मार्कंडा नदी 26,000 क्यूसिक के प्रवाह के साथ उफान पर है, जिससे शाबाद के खेत पानी में डूब गए हैं। हिसार के राज गांव में स्कूल की कक्षाएं जलमग्न हो गई हैं, और भिवानी, सिरसा व पंचकूला में कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। गुरुग्राम में जलभराव की समस्या इतनी गंभीर है कि राजीव चौक और NH-48 पर यातायात ठप हो गया है, जिसके चलते दफ्तरों को वर्क फ्रॉम होम का आदेश देना पड़ा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक करके नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को 5 सितंबर तक मुख्यालय में रहने और अवकाश न लेने का आदेश भी दिया है, साथ ही एक पोर्टल खुला रखने का निर्देश दिया है ताकि किसान फसल क्षति का दावा दर्ज कर सकें और मुआवजा पा सकें। दिल्ली में यमुना नदी 1 सितंबर को 204.6 मीटर पर थी और 2 सितंबर को 206 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई, जिससे निचले इलाकों में रहने वालों को अलर्ट पर रखा गया है। हरियाणा के यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज के 18 गेट खोले जाने से दिल्ली में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। पंजाब में भी सतलुज नदी ने 20 से अधिक गांवों को डुबो दिया है, और हरियाणा के सीएम ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को सहायता का प्रस्ताव दिया है, जिससे दोनों राज्यों के बीच समन्वय बढ़ा है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में सितंबर में 109% से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है।

हरियाणा में बाढ़ का कहर: इन जिलों पर सबसे ज़्यादा ख़तरा हरियाणा बाढ़ ने विशेष रूप से पानीपत, हिसार, यमुनानगर, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, भिवानी, सिरसा और पंचकूला जैसे जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। इन इलाकों में भारी बारिश के कारण सड़कें पानी में डूब चुकी हैं और नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने 5 सितंबर तक इन सहित 12 से अधिक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। कुरुक्षेत्र में मार्कंडा नदी का जलस्तर 26,000 क्यूसिक तक पहुंच गया है, जिससे शाबाद के खेत जलमग्न हो गए। हिसार के राज गांव और फतेहाबाद के ब्रहानवाला में भी बाढ़ जैसे हालात हैं, जहाँ स्कूल की कक्षाएं और फसलें पानी में डूब गई हैं।

दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप: खतरे के निशान से ऊपर पानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह 2 सितंबर को 206 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया है। 1 सितंबर को यह 204.6 मीटर पर था, लेकिन भारी बारिश और हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से 18 गेट खोले जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि यमुना का जलस्तर बढ़ने से राजधानी के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

सीएम सैनी की आपात बैठक: बाढ़ से निपटने की सरकारी तैयारी हरियाणा बाढ़ के गंभीर होते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश दिए और अधिकारियों को नदियों के किनारे बसे गांवों और कॉलोनियों के लिए पहले से योजना तैयार रखने का आदेश दिया। सीएम सैनी ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सभी अधिकारियों को 5 सितंबर तक मुख्यालय में रहने और अवकाश न लेने का निर्देश भी दिया, ताकि बाढ़ राहत कार्यों में कोई बाधा न आए। सरकार ने किसानों को फसल क्षति का दावा दर्ज करने और मुआवजा प्राप्त करने में मदद के लिए एक पोर्टल भी खुला रखने का निर्देश दिया है।

नदियां उफान पर, जनजीवन अस्त-व्यस्त: फसलों को भारी नुकसान हरियाणा में मार्कंडा, तागरी और यमुना जैसी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। सड़कों पर पानी भरने से यातायात बाधित हो गया है; गुरुग्राम में राजीव चौक और NH-48 पर ट्रैफिक ठप पड़ गया था। फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यह 25 सालों में अगस्त की सबसे ज्यादा बारिश बताई जा रही है, जिसने पूरे क्षेत्र में तबाही मचाई है।

पंजाब में भी गंभीर हालात: पड़ोसी राज्यों से समन्वय हरियाणा बाढ़ से सटे पंजाब में भी हालात गंभीर हैं, जहां सतलुज नदी में उफान के कारण 20 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं। इस संकट के समय में, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सहायता का प्रस्ताव दिया है। यह दोनों राज्यों के बीच समन्वय को दर्शाता है और उम्मीद है कि मिलकर इस प्राकृतिक आपदा से बेहतर तरीके से निपटा जा सकेगा।

मौसम विभाग का अलर्ट: कब तक मिलेगी हरियाणा को बारिश से राहत? मौसम विभाग (IMD) ने 5 सितंबर तक हरियाणा के 12 से अधिक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यमुनानगर और अंबाला के लिए 3 सितंबर को येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 4 सितंबर को पानीपत, हिसार और कुरुक्षेत्र में मध्यम बारिश की संभावना है। IMD के अनुसार, सितंबर में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 109% अधिक बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाएगा। हरियाणा बाढ़ और बारिश का कहर 5 सितंबर तक रहने की संभावना है, जिसके बाद ही कुछ राहत मिल सकती है।


FAQs

Q1: हरियाणा में बाढ़ का मुख्य कारण क्या है? A1: हरियाणा में बाढ़ का मुख्य कारण मानसून की भारी और लगातार बारिश है। इस साल अगस्त में 25 साल में सबसे अधिक बारिश हुई है। इसके चलते यमुना, मार्कंडा और तागरी जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे कई जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।

Q2: किन जिलों में हरियाणा बाढ़ का सबसे ज़्यादा ख़तरा है? A2: हरियाणा बाढ़ का सबसे ज़्यादा ख़तरा पानीपत, हिसार, यमुनानगर, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, भिवानी, सिरसा, पंचकूला, सोनीपत, रोहतक और फतेहाबाद जैसे जिलों पर है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और फसलें डूब गई हैं।

Q3: हरियाणा सरकार बाढ़ से निपटने के लिए क्या कर रही है? A3: हरियाणा सरकार बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आपात बैठक बुलाकर सभी जिला उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को 5 सितंबर तक मुख्यालय में रहने, अवकाश न लेने और नदियों के किनारे बसे गांवों के लिए पहले से योजना तैयार रखने को कहा गया है। किसानों के लिए फसल क्षति दावा पोर्टल भी खोला गया है।

Q4: दिल्ली में यमुना नदी की क्या स्थिति है, हरियाणा बाढ़ से इसका क्या संबंध? A4: दिल्ली में यमुना नदी 2 सितंबर को 206 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुकी है। हरियाणा के यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज से 18 गेट खोले जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।

Q5: मौसम विभाग ने हरियाणा में बाढ़ को लेकर क्या अलर्ट जारी किया है? A5: मौसम विभाग (IMD) ने 5 सितंबर तक हरियाणा के 12 से अधिक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 3 सितंबर को यमुनानगर और अंबाला के लिए येलो अलर्ट है, जबकि 4 सितंबर को पानीपत, हिसार और कुरुक्षेत्र में मध्यम बारिश की संभावना है। सितंबर में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 109% अधिक बारिश का अनुमान है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ेगा।

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